Talk of the Day : Taste of Our Town.

Page 0.  

Cover Page.
In Association with.
A & M Media.
Pratham Media.
  कृण्वन्तो  विश्वमार्यम.     
©️®️ M.S.Media.
Blog Address : msmedia4you.blogspot.com
Theme address : https://msmedia4you.blogspot.com/2022/03/musafir-hoon-main-yaaron-travelogue.html
--------------------------------------
email : addresses.
email :  prathammedia2016@gmail.com
email : m.s.media.presentation@gmail.com 
email : anmmedia@gmail.com
----------------------------
e- feature theme blog magazine page, around our Travelogue experiences
under the aegis of EDRF.New Delhi. 
----------------------------  
Talk of the Day : Taste of Our Town.  
A Complete e - News Blog Magazine. An account over choiced food culture.
-------------------------------
ज़ायका समाचार विशेषांक.अंक - १
-------------------------
 आवरण पृष्ठ : ०. 
संपादन.विदिशा.


स्वाद , जायका  और मेरी पसंद  : 
कोलाज : विदिशा.


----------------
त्रिशक्ति ⭐ प्रस्तुति. विचार : शक्ति : पृष्ठ ० . 
-----------------
त्रिशक्ति डेस्क 
नैनीताल 

संपादन 


सीमा  raअनीता 
नैनीताल 
---------------
 जीवन  सार संग्रह : पृष्ठ : ०.
-----------------
त्रिशक्ति : महालक्ष्मी : डेस्क : मुझे भी कुछ कहना है : पृष्ठ ० / १ .  
-------------------
कोलकोता 

शब्द : चित्र : विचार


अहंकार निकाल लें. 
-------------
संपादन.


सीमा धवन. 
 कोलकाता.  
 ----------


रिश्तों की सिलाई भावनाओं से.
 
अज्ञात


"...अपने आप पर विश्वास रखें.... 
आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं..." 


"...बुरे वक्त में भी जो तुमसे कभी  जुदा न हो 
गौर से देखना उसे कहीं वो खुदा न हो ..." अज्ञात


"..जब किसी के छोटे - छोटे सम्यक  कार्य  
लाखों लोगों के कार्य से जुड़ कर गुणा हो जाए.. 
तो पूरी दुनियां ही परवर्तित हो सकती है 
... हमें एक दूसरे पर विश्वास है , सुन रहें हो न ..? "


"...तबतक  सही काम करते रहें  जबतक  कोई नहीं देख रहा हो.." 


"...वर्तमान की क्रियाएं ही भविष्य का परिणाम तय करेंगी.." 


"..हर किसी से सीखें पर अच्छाई को छोड़ कर किसी का अनुसरण न करें.." 

-----------------
त्रिशक्ति : जीवन सुरभि : महाशक्ति : विचार पृष्ठ : ० / २. 
-------------------
नैना देवी डेस्क नैनीताल 
 
संपादन 
  
रंजीता


सूर्य : प्रकाश : परिचय 

"..' सूर्य ' बोलता नहीं ...उसका ' प्रकाश ' ही परिचय देता है 
ठीक उसी प्रकार आप अपने बारे में कुछ न बोलें,
  अच्छे ' कर्म ' करते रहें  वही आपका ' परिचय ' देंगे..."


डॉ.सुनीता रंजीता प्रिया . 

---------
महा : शक्ति : शब्द चित्र : विचार पृष्ठ : ० / २. 
-------------
संपादन / संकलन.

रंजीता. 
 नैनीताल.डेस्क

अमृता प्रीतम :

 
स्त्रियां नहीं उतारी गयी तो बस रूह में  



"..गर्व है मुझे आप पर कि आप मेरी रचनात्मक शक्ति हो.."  
डॉ सुनीता. 


"...हमारे जीने का तरीका ही थोड़ा अलहदा है.. 
 ..लोगों की उम्मीद के लिए नहीं हम तो बस अपनी तुम्हारी जिद के लिए जीते हैं.." 
 

"..आँधियों से कभी बुझती नहीं, उम्मीद की लौ
    यूँ ही, एहसास के दीपक को, जलाये रखिये.."


"...इतिहास हमें सिखाता है कि कुछ नया करना है 
तो पहले की गौरव शाली परम्पराओं को संरक्षित कर ही 
सम्यक भविष्य के निर्माण करने के लिए ही कुछ नूतन सम्यक कार्य करना होगा.." 


"...निभाने वाले ही तो ज़िंदगी में नहीं मिलते हैं ,
चाहने वाले तो हर मोड़, हर चौराहें पर खड़े हुए दिखते है.."


अंतर हाथ सहार दे बाहर बाहे चोट 
गुरु कुम्हार शिष कुंभ है गढ़ी गढ़ी काढ़ें खोट 


"...किसी से उम्मीद किए बिना उसका अच्छा करें  
क्योंकि जो लोग फूल बेचते हैं उनके हाथों में खुशबू अक्सर रह जाती है..."


कर्म के पास न कागज़ है ,न किताब है,
लेकिन फिर भी सारे जगत का हिसाब है 


"....कान के कच्चे लोग अक्सर अच्छे दोस्त खो देते है..
       जो हवा में सुनी हुई बातों पर यकीन कर  ..अपनी नायाब दोस्ती पर शक रखते हैं..."


"...शुक्रिया ! यह  एक आप ही है जो स्वयं के अर्थ  के लिए ही नहीं  ,
 ..बल्कि परमार्थ के लिए लोगों को आपस में जोड़ कर रखते  हैं..."


"...हर कोई चंदन तो नहीं  कि जीवन ' सुगन्धित ' कर सके,
कुछ नीम के पेड़ भी होते हैं जो सुगन्धित तो नहीं  करते 
पर काम बहुत आते हैं  .."


"..सूर्य बोलता नहीं ...उसका प्रकाश परिचय देता है 
ठीक उसी प्रकार आप अपने बारे में कुछ न बोलें,
अच्छे कर्म करते रहें  वही आपका परिचय देंगे..."


" मुस्कुराने का असर सेहत पर होता है,
   इसलिये मुस्कुराकर खुद  को सेहतमंद बनाएं.."

----------
त्रिशक्ति : महासरस्वती : समयक विचार : पृष्ठ : ० / ३ .
----------
संपादन 



अनीता. जब्बलपुर 

कोशिश यही करें कि आपके ' शब्दों ' से किसी के चेहरे पर ' हँसी ' ही आए ' अवसाद ' नहीं  

-----------------
नवशक्ति : आज की कला कृति : पृष्ठ : ० / ४: 
-------------------
संपादन.


अनुभूति शिमला 

---------

जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं. 



श्री कृष्ण गोवर्धन धारण कर अति वृष्टि से परित्राण दिलाते हुए : कला : मंजीत कौर.दिल्ली 

-----------------
आज  का गीत : जीवन संगीत : महाशक्ति :पृष्ठ : ० / ५ . 
-------------------
सम्पादन . 


प्रिया / दार्जलिंग. 
-------
 तेरी मेरी कहानी है 
मेरी आपकी पसंद 


   फिल्म : एक महल हो सपनों का.१९७५. 
सितारे : धर्मेंद्र. लीना चंदावरकर.
   गाना : दिल में किसी के प्यार का.
गीत : साहिर लुधियानवी. संगीत : रवि. गायक : लता 
   

गाना सुनने और देखने के लिए नीचे दिए लिंक को दवाएं 

https://www.youtube.com/watch?v=5RTYE55kpKQ

-------------
हिंदी समाचार अनुभाग. 
स्वाद ,जायका और मेरी पसंद . 

हिंदी  अनुभाग.
महिला सशक्तिकरण की एकमात्र ब्लॉग मैगज़ीन. 
----------------------
सहयोग.

परमार्थ के लिए देश हित में. 
त्रि शक्ति निर्मित, नव शक्ति : विकसित, महाशक्ति : अधिकृत और समर्थित .







नव - शक्ति प्रायोजित.



----------
विषय सूची : पृष्ठ.१ . 
------------
हिंदी अनुभाग 
आवरण पृष्ठ : संपादन. विदिशा.पृष्ठ : ०
त्रिशक्ति : नवशक्ति : महाशक्ति : प्रस्तुति : पृष्ठ : ०. 
त्रिशक्ति : महालक्ष्मी : डेस्क : मुझे भी कुछ कहना है : पृष्ठ : ० / १ . 
त्रिशक्ति : जीवन सुरभि : महाशक्ति : विचार : पृष्ठ : ०/ २. 
त्रिशक्ति : महासरस्वती : समयक विचार : पृष्ठ : ० /३ .
नव शक्ति : विषय सूची : पृष्ठ : ०. 
नवशक्ति : आज की कला कृति : पृष्ठ : ० / ४  : 
महा शक्ति : विषय सूची : पृष्ठ : ०. 
आज  का गीत : जीवन संगीत : महाशक्ति :पृष्ठ : ० / ५ . 
विषय सूची : पृष्ठ : १.
संपादकीय : पृष्ठ : २.
संपादकीय : आकाश दीप : आज की पाती : पृष्ठ : २. 
संपादकीय : तारे जमीन पर जायका विशेष : लेख : पृष्ठ : ३. 
तुम्हारे लिए : विशेष : पृष्ठ : ४.  
आज का समाचार : स्वाद : ज़ायका  और मेरी पसंद. पृष्ठ : ५ . 
कल  का समाचार : स्वाद , ज़ायका  और मेरी पसंद .पृष्ठ : ६  . 
कला दीर्घा  : संपादन.  पृष्ठ ६.
मेरी अनुभूति : मेरी शक्ति :  कोलाज : पृष्ठ : ७ .
ज़ायका जिंदगी के गीत का पृष्ठ : ८ .
उसने कहा / शुभकामनाएं / दिवस की  : पृष्ठ : ९  .
कही अनकही : मन की पृष्ठ : १० .
फोटो दीर्घा  : आज की तस्वीर : पृष्ठ : ११ . 
 
----------------
संपादकीय : पृष्ठ : २.
-----------------
सहयोग व स्व इच्छा की कड़ी. 
------------
संरक्षिका.
-----------
⭐.
 
डॉ. भावना. 
  उज्जैन. मध्य प्रदेश.  
-------------
प्रधान  ⭐ संपादक  
----------------



रेनू शब्दमुखर.जयपुर.
अनुभूति सिन्हा.शिमला 
 नीलम पांडेय.वाराणसी.

-------------
कार्यकारी ⭐ संपादक  
----------------



डॉ. सुनीता रंजीता प्रिया 
नैनीताल.
-------------
सहायक ⭐ संपादक 
-----------------
कार्यकारी 

 सीमा अनीता
कोलकोता 
------------
संयोजिका.


वनिता 
 शिमला.  
---------
  व्यवस्थापक.  
प्रधान संपादक
   

डॉ. मनीष कुमार सिन्हा.
चेयर मैन : इ.डी.आर.एफ / नई दिल्ली.
 ----------
वरिष्ठ सम्पादिका.  
 

डॉ. मीरा श्रीवास्तवा.
पूना ( महाराष्ट्र )
-----------------
संपादक ⭐ मंडल. 
.

रवि शंकर शर्मा. संपादक.नैनीताल.
डॉ.नवीन जोशी.संपादक.नैनीताल.
मनोज पांडेय.संपादक.नैनीताल.
           अनुपम चौहान.संपादक.लखनऊ .            
डॉ.शैलेन्द्र कुमार सिंह.लेखक.रायपुर. 
डॉ. आर के दुबे. 

----------------
संपादकीय : आकाश दीप : आज की पाती : पृष्ठ : २ / ०. 
--------------------
संपादन 
रेनू शब्द मुखर 



रेनू शब्द मुखर.
जयपुर.
 

साभार : अमर प्रेम 
----------
साभार : मन्नू भंडारी. 


नारी जीवन को पूर्ण बना सकता है 

--------

साभार : कार्टून. 

हर मैदान में बेख़ौफ़ लड़ों. 

बगुला भगत. 

---------------
क्षणिकाएं.



 बंधन. 

बंधना मन की कामना है, 
जिसमें समर्पण है. 
बांधना महज एक क्रिया, 
कोई सूत्र, सिन्दूर या अनल किसी को 
बांध नहीं सकते. 

साभार : तेजी 
--------------
   डॉ.मधुप.

भीख.
 

राज, 
 हमराज. 
 दौलत, 
 शोहरत.
धैर्य, 
ऐश्वर्य. 
मान, 
सम्मान.
वाणी,
 पानी. 
बेशुमार प्यार, 
और स्वप्निल संसार.   
 मांगी हैं हमने भीख में, 
खुदा से सिर्फ़,
अपने लिए नहीं  
   सिर्फ तुम्हारे लिए.    

--------

  आसक्ति.


 शक्ति 
की भक्ति 
शिव ( कल्याण ) के  लिए,
शिव निहित है 
शक्ति के लिए, 
"..मेरी आस तुम ही हो,
मेरी सांस तुम ही हो, 
जीने का विश्वास तुम ही हो, 
हो, मेरे जन्म जन्मांतर के 
अंतर मन की अटूट शक्ति, 
तो क्यों नहीं हो तुम्हारे लिए 
असीमित आसक्ति ..? " 

    
------------
खुदा.

"...बुरे वक्त में भी जो हमसे
कभी भी जुदा न हुआ  
सच कहें वो हमारे लिए  
     इस जहाँ में तो खुदा ही हुआ  ...
 
---------
इतिहास.
 
फोटो : साभार 

पुरातन के संरक्षण, 
 सर्वश्रेष्ठ नवीन के निर्माण, 
की कहानी है इतिहास,
सत्य के मार्ग पर अडिग रहने वाले,   
हमसबों के गर्व की कहानी है, इतिहास.
कथा है पुरुषार्थ की परमार्थ की, 
धर्म वीरों की शौर्य गाथा है, इतिहास.  
 हर दिन तेरी मेरी पढ़ी जाने वाली 
मनभावन कहानी है, इतिहास,  
गौरव शाली परम्पराओं के संरक्षण का 
 हलफ़ नामा है , इतिहास. 
 यादों के सुनहरे पन्नें में,
जो कुछ दर्ज़ होता रहा, वह बना, 
वर्त्तमान की प्रेरणा हैइतिहास. 
कल की तवारीख़ में अपना भी नाम हो सके 
बस वहीं कल आज और कल 
जीने की वजह ही 
बनता रहा इतिहास.

पुनः सम्पादित : प्रिया दार्जलिंग 

©️®️
डॉ.मधुप.
नैनीताल डेस्क.  

--------

तेरा मेरा साथ रहे. 

फोटो : साभार : नेट 

सुनो !
   मैं भी तुम्हारी तरह ही   
अटल हूँ 
अचल.....हूँ. 
प्रेम प्रतिज्ञा के कच्चे धागे से बंधा,  
अटूट हूँ.   
वादों की अमर कहानी में, 
ज़िंदगी भर साथ, 
निभाने वाला अभी तक का  
वो अमर किरदार हूँ..
हो सके तो 
बस इतना ही करना.. 
बोलने से ज़्यादा, 
इसी तरह ही मन की बात पढ़ते रहना  
गर क़यामत भी आ भी जाए ,न !
तो जरा ठहर कर 
बस होंठ सिलकर, 
मौन रह कर ही,  
ख़ुदा से भी ज्यादा 
हम पर भरोसा करना.
हो सके तो 
बस इतना ही करना..   



©️®️
डॉ.मधुप.
नैनीताल डेस्क. 
-----------

सज़ा और खता.
 
फोटो : साभार 

उसे सरेआम सज़ा 
जब दी गई 
तो शायद उसने कहा ही होगा,  
' सज़ा उसकी नहीं 
खता किसी और की भी है, 
हर किसी की  खुशी की ख़ातिर 
तो उसने सारे इल्जाम  
अपने सिर पर ले लिया. 
सज़ा के हक़दार तो थे, 
कई और भी,  
उसने नेकी कर  
हमें महफूज रख, 
चुपचाप, फिर भी उसने अपने उपर , 
बदनामी का कफ़न क्यों ओढ़ लिया ? '
बोलो न ?   
 
डॉ. मधुप. 
-----------

मुखौटे. 



अफवाहों के बाज़ार गर्म हैं,
इस शहर में.  
न मैंने कहा, 
न तुमने कहा, 
फिर किसने कहा ? 
बेतुकी बातें हवाओं में हैं.
फ़िज़ाओं में 
 घुम रहें हैं, 
अमन के शातिर लुटेरें,
मुखौटा लगाए हुए, 
रहना होगा हमें एक दूसरे के लिए 
 मददगार, सावधान,एकजुट,  
चुप, खामोश और विश्वस्त. 
सुन रहें हो न ?
 
डॉ. सुनीता मधुप. 
----------------
संपादकीय लेख : तारे जमीन पर जायका विशेष  : पृष्ठ : ३ 
--------------------
संपादन 

नीलम पांडेय 
वाराणसी 
-------------------
संपादकीय लेख : जायका नैनीताल  का  : पृष्ठ : ३  / १ / ०  
--------------------


डॉ. नवीन जोशी. नैनीताल  @ नवीन समाचार, 
वरिष्ठ संपादक : ब्लॉग मैगज़ीन.

नैनीताल आयें तो इन १०  स्वादों को लेना न भूलें, जीवन भर रखेंगे याद.

 
अलग-अलग स्वाद लेने के शौकीन हैं तो नैनीताल अवश्य आएं : फोटो : साभार. 

डॉ. नवीन जोशी, नैनीताल। हालांकि आज के दौर में पूरी दुनिया एक गांव जैसी बन गई है। यानी हर कहीं एक जैसे पैकेट बंद या खुले या ताजा तैयार होने वाले भोजन मिल जाते हैं। पर यदि आप फूड लवर यानी खाने के प्रेमी या देश भर के अलग-अलग स्वाद लेने के शौकीन हैं तो नैनीताल आपकी जीभ को कुछ ऐसे स्वाद दे सकता है, जिसे आप जीवन भर कभी भुला नहीं पाएंगे। 
१. कुमाउनी थाली : नैनीताल उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में स्थित है। यहां आकर आप कुमाऊं की कुमाउनी थाली या कुमाउनी व्यंजनों का स्वाद न ले पाएं तो आप की नैनीताल यात्रा अधूरी मानी जाएगी। कुमाउनी थाली में आप खासकर मडुवे की घी लगी व गुड़ के साथ खाई जाने वाली रोटी, मौसम के अनुसार उपलब्ध्ता पर सिसूंण यानी बिच्छू घास, लिंगूड़े, गेठी, गडेरी की सब्जी, आलू के गुटके, गहत के डुबके, भट्ट के डुबके व चुड़कांणी, पहाड़ी ककड़ी के नाक में चढ़ने वाली तीखी राई के रायते और मांसाहारी हैं तो भड्डू में बने पहाड़ी बकरे के शिकार का स्वाद लेने का प्रयास करें। इनमें से कुछ ठेठ पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद लेने के लिए आपको यहां के गांवों में होम स्टे पर रहने का आनंद भी ले सकते हैं। इनमें से आलू के गुटके व पहाड़ी रायते को आप भोजन की जगह अलग से नास्ते में भी ले सकते हैं।
२. तिब्बती भोजन : मोमो, चाउमिन व थुक्पा : नैनीताल में तिब्बती समुदाय के लोग रहते और कारोबार करते हैं। इन लोगों की वजह से यहां तिब्बती मूल के मोमो, चाउमिन व थुक्पा जैसे व्यंजन पसंद हैं। इनका स्वाद भी यहां खासकर तिब्बती मार्केट क्षेत्र में अन्य स्थानों से अलग होता है। हालांकि अब बाजार में अन्य लोग भी इन व्यंजनों को बेचते हैं।
३. नैनीताल की लोटे वाली जलेबी या जलेबा : जलेबी आप ने हर जगह खाई होगी, लेकिन नैनीताल में आप को लोटे से बनने वाली जलेबी और विशाल आकार के जलेबा का स्वाद भी लेने को मिल सकता है।
४. नैनीताल की नमकीन : नैनीताल की नमकीन अपने आप में एक ब्रांड है। यहां करीब ७० वर्ष से नमकीन बन रही है। बाजार में स्थानीय स्तर पर बनने वाली नमकीन की गिनी-चुनी दुकानें हैं। इनमें लगभग २० तरह की नमकीन उपलब्ध होती है, लेकिन काली मलका, मूंग अथवा चने की दाल से बनी खस्ता युक्त मिक्स नमकीन सर्वाधिक पसंद की जाती है।
५ . सिल पिसी लूंण : लूंण पहाड़ में नमक को कहते हैं, और सिल पिसी लूंण यानी सिल-बट्टे पर पिसा नमक। पर नमक में क्या विशिष्टता हो सकती है, यदि आप ऐसा सोच रहे हैं तो आपको नैनीताल में जरूर सिल पिसी लूंण लेने चाहिए। यहाँ दर्जनों प्रकार के सिल-बट्टे पर पिसे नमक आपको मिल सकते हैं। इनमें पहाड़ी हर्बल लहसुन, मिर्च, हरे धनिया आदि के साथ पिसे नमक का स्वाद तो आपको मिलेगा ही जिसे आप सलाद या भोजन में अन्य तरह से उपयोग कर सकते हैं, वहीं राई या खासकर तिमूर के सिल पिसी लूण का आप चुटकी भर जीभ पर रखें तो इससे जीभ काफी देर तक झनझनाती रह सकती है।
६.पहाड़ी फल : नैनीताल में आपको कई ऐसे फल मिलते हैं जिनका स्वाद आपको कहीं और नहीं मिल सकता। इनमें हिसालू, काफल, किल्मोड़ा व शहतूत जैसे फल प्रमुख हैं। इनके अलावा यहां की रामगढ़ फल पट्टी के आढ़ू, खुमानी व पुलम का स्वाद भी अनूठा है।
७.बुरांश का जूस : बुरांश का पेड़ उत्तराखंड का राज्य वृक्ष है। इसके लाल सुर्ख रंग के फूलों पर प्रसिद्ध छायावादी कवि सुमित्रानंदन पंत भी कविता लिख चुके हैं। वहीं इसके फूलों को जूस का स्क्वैश अपने कुछ अलग से टैंगी स्वाद के साथ हृदय एवं अन्य रोगों में भी लाभदायक है। नैनीताल आए हैं तो आपको जरूर बुरांश का जूस अपने साथ ले जाना चाहिए।
८.पहाड़ी मिठाइयां : पहाड़ के शुद्ध खोये की बनी बाल मिठाई, चॉकलेट, सिगौड़ी, खेंचुवा तथा चमचम आदि मिठाइयों का स्वाद अपने आप में विशिष्ट होता है। आप नैनीताल आएं और इनका स्वाद न लें या अपने घर को न ले जाएं तो आपकी नैनीताल यात्रा अधूरी रह सकती है।
९ . नैनीताल की चाट : नैनीताल की चाट भी काफी प्रसिद्ध है। आधुनिक दौर में जब चाउमिम - मोमो युवाओं की जुबान पर चढ़ चुके हैं इसके बावजूद नगर के तल्लीताल बाजार की प्रसिद्ध चाट आपको लंबे समय तक याद रह सकती है।
१० . भुट्टे : नैनीताल में हाल के वर्षों में भुट्टों का चलन काफी बढ़ा है। अब यहां कमोबेश पूरे वर्ष भर भुट्टे मिल जाते हैं। नैनीताल आते हुए भी कई स्थानों पर भुने हुए भुट्टे खास नमक व मक्खन के साथ मिलते हैं। बरसात के मौसम के बाद अमृतपुर के सफेद रंग के मीठे भुट्टे मिल जाएं जो जरूर इनका स्वाद लेना न भूलें।
११ . ऑमलेट व पराठे : नैनीताल ठंडी जलवायु का शहर है। यहां ऑमलेट के साथ उबले अंडे भी कटे धनिया, मिर्च व प्याज के साथ खाने का अपना मजा है। इसके अलावा शहर के कई प्रतिष्ठानों में पराठे भी प्रसिद्ध हैं। 


-------------------
संपादकीय. जन्माष्टमी आलेख : पृष्ठ : ३  / १ / १
------------------   

श्री कृष्ण और उनके जीवन सिद्धांत की प्रासंगिकता हमारे व्यवहार में . 


नीलम पांडेय. 
वाराणसी. 
 

राधे कृष्ण : प्रतीक फोटो : कोलाज : विदिशा. 

आज की परिचर्चा का विषय है ' श्री कृष्ण और उनका जीवन ' देखते हैं कृष्ण ने ख़ुद के बारे में क्या कहा है...? ' वेदानां सामवेदोस्मि देवतानां अस्मि वासव:‌। इंद्रियाणाम् मनश्चस्मि भूतानां अस्मि चेतना।। '
मैं वेदों में सामवेद हूं, अर्थात पूर्ण समत्व दिलाने वाला गायन हूं। देवों में उनका अधिपति इंद्र हूं। इंद्रियों में मन हूं,और प्राणियों में उनकी चेतना हूं।
पुनः श्री कृष्ण कहते है ' पितामहस्य जगतो माता धाता पितामहः। वेद्यं पवित्रमोंकार ऋक्साम यजुरेव च।। ' (अध्याय ९  श्लोक १७ ) इस सम्पूर्ण जगत का धाता अर्थात धारण करनेवाला एवं कर्मो का फल देने वाला, पिता पितामह माता जानने योग्य पवित्र ओंकार तथा ऋग्वेद, सामवेद, और यजुर्वेद भी मैं ही हूँ । 
आज की प्रातः कालीन सभा में पहली कक्षा के एक बालक ने जो की कान्हा बन के आया था जब ये कहा कि ...' मैं कान्हा हूं। मेरे कई रूप हैं। मैं कभी माखन चोर बन जाता हूं तो कभी ग्वाला बनाकर गाय चराता हूं।तो कभी उंगली पर पर्वत उठाकर लोगों की रक्षा करता हूं। जब-जब इस धरती पर धर्म का नाश होगा तब तब मैं इस धरती पर अनेक रूपों में जन्म लेता रहूंगा। '
मैं आवाक उसका मुंह ताकती रही। ये है कृष्ण का विलक्षण व्यक्तित्व जिसे हर धर्म , समाज यहां तक की विश्व में अधिकांश जानते हैं। उन्हें वह अपना लगता है क्योंकि श्री कृष्ण का जीवन समाज के हर तबके के लोगों के जीवन में कहीं ना कहीं घुला मिला हुआ है।
श्रीकृष्ण जीवन-दर्शन के पुरोधा बनकर आए थे। एक ऐसा महामानव जिसके जीवन के अथ से इति तक का पूरा सफर पुरुषार्थ की प्रेरणा है। उन्होंने उस समाज में आंखें खोलीं जब निरंकुश शक्ति के नशे में चूर सत्ता मानव से दानव बन बैठी थी। सत्ता को कोई चुनौती न दे सके इसलिए दुधमुंहे बच्चे मार दिए जाते थे। खुद श्रीकृष्ण के जन्म की कथा भी ऐसी है। वे जीवित रह सकें इसलिए जन्मते ही माता-पिता की आंखों से दूर कर दिए गए। उस समय के डर से जमे हुए समाज में बालक श्रीकृष्ण ने संवेदना, संघर्ष, प्रतिक्रिया और विरोध के प्राण फूंके। महाभारत का युद्ध तो लगातार चलने वाली लड़ाई का चरम था जिसे श्रीकृष्ण ने जन्मते ही शुरू कर दिया था। हर युग का समाज हमारे सामने कुछ सवाल रखता है। श्रीकृष्ण ने उन्हीं सवालों के जवाब दिए और तारनहार बने। आज भी लगभग वही सवाल हमारे सामने मुंह बाए खड़े हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि श्रीकृष्ण के चकाचौंध करने वाले वंदनीय पक्ष की जगह अनुकरणीय पक्ष की ओर ध्यान दिया जाए ताकि फिर इन्हीं जटिलता के चक्रव्यूह से समाज को निकाला जा सके। उनका संपूर्ण व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व धार्मिक इतिहास का एक अमिट आलेख बन चुका है। उनकी संतुलित एवं समरसता की भावना ने उन्हें अनपढ़ ग्वालों, समाज के निचले दर्जे पर रहने वाले लोगों, उपेक्षा के शिकार विकलांगों का प्रिय बनाया।

गतांक से आगे पढ़ें 

श्रीकृष्ण का चरित्र अत्यंत दिव्य है  धर्म की साक्षात मूर्ति थे.
 
श्रीकृष्ण के चरित्र में नृत्य है, गीत है, प्रीति है, समर्पण है, हास्य है, रास है..फोटो : साभार. 

श्रीकृष्ण का चरित्र अत्यंत दिव्य है। हर कोई उनकी ओर खिंचा चला जाता है। जो सबको अपनी ओर आकर्षित करे, भक्ति का मार्ग प्रशस्त करे, भक्तों के पाप दूर करे, वही श्रीकृष्ण है। वह एक ऐसा आदर्श चरित्र है जो अर्जुन की मानसिक व्यथा का निदान करते समय एक मनोवैज्ञानिक, कंस जैसे असुर का संहार करते हुए एक धर्मावतार, स्वार्थ पोषित राजनीति का प्रतिकार करते हुए एक आदर्श राजनीतिज्ञ, विश्व मोहिनी बंसी बजैया के रूप में सर्वश्रेष्ठ संगीतज्ञ, बृजवासियों के समक्ष प्रेमावतार, सुदामा के समक्ष एक आदर्श मित्र, सुदर्शन चक्रधारी के रूप में एक योद्धा व सामाजिक क्रान्ति के प्रणेता हैं। उनके जीवन की छोटी से छोटी घटना से यह सिद्ध होता है कि वे सर्वैश्वर्य सम्पन्न थे। धर्म की साक्षात मूर्ति थे। 
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव सामाजिक समता का उदाहरण है। उन्होंने नगर में जन्म लिया और गांव में खेलते हुए उनका बचपन व्यतीत हुआ। इस प्रकार उनका चरित्र गांव व नगर की संस्कृति को जोड़ता है, गरीब को अमीर से जोड़ता है, गो चारक से गीता उपदेशक होना, दुष्ट कंस को मारकर महाराज उग्रसेन को उनका राज्य लौटाना, धनी घराने का होकर गरीब ग्वाल बाल एवं गोपियों के घर जाकर माखन खाना आदि जो लीलाएं हैं ये सब एक सफल राष्ट्रीय महामानव होने के उदाहरण हैं। 
कोई भी साधारण मानव श्रीकृष्ण की तरह समाज की प्रत्येक स्थिति को छूकर, सबका प्रिय होकर राष्ट्रोद्धारक बन सकता है। कंस के वीर राक्षसों को पल में मारने वाला अपने प्रिय ग्वालों से पिट जाता है, खेल में हार जाता है। यही है दिव्य प्रेम की स्थापना का उदाहरण। भगवान श्रीकृष्ण की यही लीलाएं सामाजिक समरसता एवं राष्ट्रप्रियता का प्रेरक मानदण्ड हैं। 

वे प्रेम करते हैं तो पूर्ण रूप से उसमें डूब जाते हैं: फोटो : साभार 

अध्यात्म के विराट आकाश में श्रीकृष्ण ही अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जो धर्म की परम गहराइयों व ऊंचाइयों पर जाकर भी न तो गंभीर दिखाई देते हैं और न ही उदासीन दीख पड़ते हैं, अपितु पूर्ण रूप से जीवनी शक्ति से भरपूर व्यक्तित्व हैं। 
श्रीकृष्ण के चरित्र में नृत्य है, गीत है, प्रीति है, समर्पण है, हास्य है, रास है, और है आवश्यकता पड़ने पर युद्ध को भी स्वीकार कर लेने की मानसिकता। धर्म व सत्य की रक्षा के लिए महायुद्ध का उद्घोष है। एक हाथ में बांसुरी और दूसरे हाथ में सुदर्शन चक्र लेकर महाइतिहास रचने वाला कोई अन्य व्यक्तित्व नहीं हुआ संसार में। 
श्रीकृष्ण के चरित्र में कहीं किसी प्रकार का निषेध नहीं है, जीवन के प्रत्येक पल को, प्रत्येक पदार्थ को, प्रत्येक घटना को समग्रता के साथ स्वीकार करने का भाव है। वे प्रेम करते हैं तो पूर्ण रूप से उसमें डूब जाते हैं, मित्रता करते हैं तो उसमें भी पूर्ण निष्ठावान रहते हैं, और जब युद्ध स्वीकार करते हैं तो उसमें भी पूर्ण स्वीकृति होती है। जय श्री कृष्ण ! 

संपादन / सज्जा. 
डॉ. सुनीता रंजीता. 
नैनीताल डेस्क 


-------------
संपादकीय लेख : जिंदगी का जायका विशेष  : पृष्ठ : ३  / १ / २   
----------
शिक्षक दिवस आलेख : संपादकीय.


नीलम पांडेय. 
वाराणसी. 

गुरु कुम्हार शिष कुंभ है गढ़ी गढ़ी काढ़ें खोट 
अंतर हाथ सहार दे बाहर बाहे चोट 

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन अपनी राजनीतिक शख्सियत से इतर एक महान शिक्षक भी एक ऐसा शिक्षक जिसके लिए सर्वविदित है कि वर्ष  १९२१  मैसूर के महाराजा कॉलेज के भव्य सभागार के बाहर फूलों से सजी-धजी एक बग्घी खड़ी थी। इस बग्घी के चारों ओर छात्रों का विशाल हुजूम उमड़ा हुआ था। इस बग्घी को खींचने के लिए घोड़े नहीं जुड़े हुए थे बल्कि इसे छात्रों को ही खींचना था।अब उस शख्स की बात करते हैं जिसे इस बग्घी की सवारी करनी थी... ये शख्स कोई और नहीं बल्कि थे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन। छात्रों के प्रिय शिक्षक राधाकृष्णन का कोलकाता यूनिवर्सिटी में तबादला हो गया था इसलिए छात्र उन्हें इतनी भावपूर्ण-स्नेहिल बधाई दे रहे थे।
भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन अपनी राजनीतिक शख्सियत से इतर एक महान शिक्षक भी थे इसीलिए इनके जन्मदिवस यानी ५ सितंबर को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। ५  सितंबर को ही शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है ?... इसके पीछे भी एक दिलचस्प किस्सा है - ' यह बात वर्ष १९६२  की है जब डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित हो गए थे और उनका निवास दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन बन चुका था। इसी दरम्यान उनके जन्मतिथि की तारीख यानी ५  सितंबर आने को थी। जब उनके कुछ दोस्त और छात्र ने उनसे उनका जन्मदिन मनाने का निवेदन किया तब उन्होंने कहा कि यदि उनके जन्मदिन को वार्षिक शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो ये उनके लिए बेहद सौभाग्य की बात होगी। उनके चाहने वालों ने ठीक ऐसा ही किया... तबसे वार्षिक तौर पर ५  सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने की शुरूआत हुई। बाद में इस दिन को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। '
पूरी दुनिया ५ अक्टूबर को शिक्षक दिवस मनाती है पर भारत में ५  सितंबर को ही शिक्षक दिवस ' डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ' जी  की इच्छा का सम्मान करते हुए मनाया जाता है। भारतरत्न ,भारत के द्वितीय राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और कई महत्वपूर्ण पदों पर आसीन रह चुके महान दार्शनिक डा.कृष्णन के जन्मदिन शिक्षक दिवस पर डा राधाकृष्णन को शत शत नमन करते हुए अब बात करते हैं, गुरू शिष्य परम्परा की

वैदिक काल से ही गुरुकुल में विकसित हुई गुरु शिष्य की परंपरा : फोटो नेट साभार 

वैदिक काल  से ही गुरु-शिष्य की परंपरा चली आ रही है. गुरु-शिष्य की परंपरा नई पीढ़ी तक पहुंचाने का सोपान है. गुरु द्वारा जो शिक्षा या विद्या शिष्य को सिखाई जाती है,उस ज्ञान को अर्जित कर बाद में शिष्य गुरु के रूप में अपने शिष्यों को उसकी शिक्षा देता है. यही क्रम चलता रहता है और शिक्षा व विद्या का विस्तार गुरु-शिष्य की परंपरा से होता रहता है। भारतीय परंपरा में शिक्षा दान का कार्य त्यागी लोगों ने ही किया। जब तक ऐसा रहा तब तक भारत का कल्याण हुआ। स्वामी विवेकानंद के अनुसार इस देश में शिक्षा दान का भार पुन त्यागी लोगों को नहीं दिया जाता तब तक भारत को दूसरे देशों के तलवे चाटने होंगे।केवल पांडित्य प्रदर्शनकारी गुरु नहीं हो सकते। सच्चे गुरु यश, धन आदि जैसी स्वार्थ - सिद्धि लिए शिक्षा नहीं देते। वे प्रेम और कर्तव्यवश अपना कार्य करते हैं।
भारतीय वांग्मय में हमें गुरुकुल व्यवस्था के विहंगम दिग्दर्शन होते हैं। वैदिक काल में शिक्षा को व्यवस्थित रूप देने के क्रम में सर्वप्रथम दो प्रश्न उभरे। प्रथम ‘क्या’ सिखाया जाए तथा द्वितीय ‘कैसे’ सिखाया जाए? इन प्रश्नों के अन्तर्गत उन विषयों का समावेश हुआ जिनके ज्ञान से मानव समाज में उपयोगी भूमिका निभाने में सक्षम हो सका। प्राचीन काल में शिक्षारूप यह उच्च कोटि का कार्य नगरों और गाँवों से दूर रहकर शान्त, स्वच्छ और सुरम्य प्रकृति की गोद में किया जाता था। इनका संचालन राजाश्रय व जनसहयोग से होता था। इन गुरुकुलों में हर वर्ण के छात्र साथ पढ़ते थे। गरीब-अमीर में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं था। सबको समान सुविधाएं दी जाती थी। गुरुकुल में प्रवेश की उम्र आठ साल की होती थी। नई शिक्षा नीति कई मायने में विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास को गति प्रदान करने वाली सिद्ध होगी।
माता-पिता, गुरू और वैसे हर व्यक्ति जिससे हमने कुछ सीख ली को नमन - वंदन करते हुए सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं...

संपादन / सज्जा. 
डॉ.सुनीता रंजीता. नैनीताल डेस्क.

सहयोग. 



----------------------------------
 आहार : गुड़, गुड़ से बने झिल्ली, भूरा, तिलकुट के लिए प्रसिद्ध है बिहार शरीफ : पृष्ठ : ३  / २ / ३ .    
---------------------------------

हर किसी का ज़ायका अपनी पसंद का होता है। जब किसी शहर की खास खाद्य सामग्री यथा आगरा का पेठा , बनारस की भांग व ठंढई ,अल्मोड़ा की बाल मिठाई अन्य जगह प्रसिद्ध होने लगती है तो वह उस शहर की विशेषता बन जाती है। आज हम बिहार राज्य स्थित नालंदा जिला मुख्यालय शहर बिहार शरीफ की बात करेंगे। विश्व पटल में बिहार राज्य का नालंदा पहचान का मोहताज नहीं है 
इसका जिला मुख्यालय बिहार शरीफ अब भारत के स्मार्ट सिटी में तब्दील हो रहा है । बुद्ध, महावीर, नानक  व हज़रत साहिब की जमीं रही है नालंदा की धरती । यहाँ की धरती  शस्य श्यामला है लगभग सभी फसलें भरपूर देती हैं। पूरे जिले में आलू की रिकॉर्ड तोड़ पैदावार होती है । 
बात करें विशेष ज़ायके की तो बिहार शरीफ तिल ,अनरसे तथा गुड़ से बने  खाद्य पदार्थ  के लिए काफी मशहूर है। बिहारशरीफ गुड़, गुड़ से बनी झिल्ली, भूरा, तथा तिल पापड़ी  आदि खाद्य पदार्थ के लिए  विशेषकर जाना जाता है जिसकी मांग सर्वत्र है। लेकिन इनकी उपलब्धता शिशिर ऋतु में ही होती है जब मौसम शुष्क हो ,नमी नाम मात्र की हो । इसी समय लहेरी मोहल्ला स्थित दुकानों में इन खाद्य पदार्थ सामग्री के स्टॉल लग जाते हैं। 
स्थानीय पुल पर एक बहुत छोटी दूकान है खोवे और लाई की। यहाँ कोई दिखावा नहीं है । दूकान की कोई लेड बल्ब वाली होर्डिंग भी नहीं है ,कोई ताम झाम नहीं है। सिर्फ सादगी ही सादगी दिखती है। 
मगर यहाँ के रहने वाले स्वाद के पारखी यह जानते है कि इस कोने में सिमटी साधारण सी दिखने वाली दूकान की क्या पहचान है ? तथा इसके स्वाद के क्या मायने है ? छोटी दूकान तो जरूर है मगर यह बड़ी पकवान की इस कहावत को शत प्रतिशत सिद्ध करती है कपिल तिलकुट  की दूकान। यदि  तिलकुट, खोवे की लाई, अनरसा के स्वाद की चाहत है, आप यहाँ के जायके को आजमाना चाहते है तो आप यहाँ अवश्य आए। 
आपको अच्छी पहचान है तो आप एक बार इस दूकान को अवश्य आजमा सकते है। शायद स्वाद कभी न भुलाएं। इस छोटी सी दूकान के युवा मालिक अरविन्द बड़ी सादगी के साथ कहते है कि  हमने यह विश्वास लोगों से  ईमानदारी से करीब २० वर्षों में हासिल किया है ,मुझे बहुत ख़ुशी होती है जब हमारी दूकान से खाद्य सामग्री की मांग विदेशों में की जाती है तब हमें लगता है कि हमने भी कुछ अर्जित किया है। 
ज़ायका विशेष आलेख : डॉ. सुनीता मधुप.  
संपादन : रंजीता. 



---------------------
तुम्हारे लिए : विशेष : संपादकीय :  पृष्ठ : ४ .   
-------------------
संपादन.


 

डॉ.सुनीता रंजीता. 
नैनीताल डेस्क. 
--------------
साभार.

फिल्म : हमराज.१९६७  
सितारे : सुनील दत्त.विम्मी.राज कुमार 
गाना : तुम अगर साथ देने का वादा करो 
गीत : साहिर लुधियानवी. संगीत : रवि. गायक: महेंद्र कपूर.



गाना देखने सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं.
--------
रचना श्रीवास्तवा : अंत असंभव है.

तुम्हारा होना ही काफी है.
----------------- 
हिंदी .अनुभाग.
---------------
    आज का समाचार : स्वाद , ज़ायका  और मेरी पसंद . पृष्ठ : ५ . 
---------------

 समाचार संपादक.


रंजना.नई दिल्ली.  
स्वतंत्र लेखिका, हिंदुस्तान. 
©️®️ M.S. Media.
----------------
---------------
   कल  का समाचार : स्वाद , ज़ायका  और मेरी पसंद .पृष्ठ : ६  . 
---------------

समाचार संपादक. 
डॉ. नूतन स्मृति . 
स्वतंत्र लेखिका  : देहरादून 
©️®️ M. S. Media.
----------------


दिल्ली कनाॅट प्लेस का  पिंड बलूची रेस्टुरेंट & बार है विशेष आकर्षण. 

हाल ही में दिल्ली यात्रा के दौरान कनाॅट प्लेस स्थित रीगल बिल्डिंग में नाॅर्थ इंडियन रेस्टोरेंट पिंड बलूची में दोपहर के भोजन का विशेष अनुभव रहा। रेस्टोरेंट के द्वार पर ही बड़ी-बड़ी मूंछों वाला दरबान सत् श्री अकाल के संबोधन के साथ ही हाथ जोड़कर आपका स्वागत करता है। अंदर प्रवेश करते ही बाईं ओर लट्ठ लिए बैठे व्यक्ति की मूर्ति तो दाईं तरफ बैठी महिला की मूर्ति विशेष रूप से आकर्षित करती है। रेस्टोरेंट की छत पर चूड़ियों की सज्जा तो बीचोबीच में खड़ा पेड़ भी आपको लुभाता है।खास वेश-भूषा में बैरे आपको भोजन परोसते हैं तो खाना कैसा है, ये भी अवश्य पूछते हैं। कांसे के गिलास में पानी तो चकाचक चमकती थालियों का आतिथ्य आपके मन को सुकून प्रदान करता है। सौ से भी अधिक व्यंजनों और खाद्य सामग्री के साथ ही सरसों के साग के साथ मक्के की रोटी एक अलग स्वाद देती है तो अंत में मिश्री की जगह पाचक गुड़ से भोजन का समापन होता है और फिर रेस्टोरेंट के द्वार पर दरबान का सत श्री अकाल कहना आपको एक विशेष गर्माहट प्रदान करता है।

 
फोटो एवं विवरण. 
रवि शंकर शर्मा / 
संपादक.नैनीताल 


---------------
मेरी अनुभूति : मेरी शक्ति :  कोलाज : पृष्ठ : ७ .
--------------


संपादन
रश्मि. कोलकोता.


 
सहयोग. 
जिस्म को मौत आती है लेकिन रूह को मौत आती नहीं है :कोलाज : डॉ.सुनीता रंजीता प्रिया .

दिल में किसी के प्यार का जलता हुआ दिया,आँधियों से भला ये बुझेगा क्या : डॉ.सुनीता रंजीता प्रिया .

गोपियाँ तो आनी जानी हैं राधा तो मन की रानी है : कोलाज : डॉ.सुनीता रंजीता प्रिया .नैनीताल

शोर मच गया शोर देखो आया माखन चोर : कोलाज : डॉ सुनीता रंजीता प्रिया . 
नैनीताल
गोरी गोरी राधिका के नैन कजरारे काली नैनों वाली ऐसा जादू डाला इसलिए काला : डॉ.सुनीता रंजीता.

---------------
ज़ायका जिंदगी के गीत का पृष्ठ : ८ .
-------------
सम्पादित 
प्रिया / दार्जलिंग 
--------------

 
---------------
जन्माष्टमी विशेष.
 फिल्म : बदला.१९७४.  
सितारे : शत्रुघ्न सिन्हा. मौसमी चटर्जी 
गाना : शोर मच गया शोर देखो आया माखन चोर 
गीत : आनंद बख़्शी. संगीत :लक्ष्मी कांत प्यारे लाल.  गायक : किशोर कुमार. 


गाना सुनने और देखने के लिए नीचे दिए लिंक को दवाएं 

https://www.youtube.com/watch?v=mqMFF2vg3z4
------------
फिल्म : लगान.२००१.  
सितारे : अमीर खान.ग्रेसी सिंह.  
गाना : मधुबन में जो कन्हैया किसी गोपी से मिले  
गीत : जावेद अख़्तर. संगीत : ए. आर. रहमान.  गायक : आशा भोसले. उदित नारायण.
 

गाना सुनने और देखने के लिए नीचे दिए लिंक को दवाएं 

https://www.youtube.com/watch?v=qNnvL0ztJhA

----------------

फिल्म : सत्यम शिवम् सुंदरम.१९७८.
सितारे : पदमिनी कोल्हापुरी
गाना : राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला 
गीत : नरेंद्र शर्मा. संगीत : लक्ष्मी कांत प्यारे लाल. गायिका : लता मंगेशकर. मन्ना डे.    


गाना सुनने और देखने के लिए नीचे दिए लिंक को दवाएं 

---------- 

फिल्म : हम साथ साथ है.१९९९.
सितारे : सैफ, सलमान, मोहनीश, करिश्मा, सोनाली, तब्बू .
गाना : मैया यशोदा ये तेरा कन्हैया. 
गीत : देव कोहली,रविंद्र रावल,मिताली शशांक. संगीत : राम लक्ष्मण. 
गायिका : कविता कृष्णमूर्ति अलका याग्निक.



गाना देखने सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं.
  ----------------   
    फिल्म : झुक गया आसमान. १९६८.  
सितारे : राजेंद्र कुमार सायरा बानू.
गाना : कौन है जो सपने में आया. 
गीत : हसरत जयपुरी. संगीत : शंकर जय किशन.गायक : रफ़ी.


गाना देखने सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं 
  
--------------

फिल्म : ज्वारभाटा. १९७३. 
सितारे : धर्मेंद्र, सायरा.
गाना : दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ.
गीत : राजेंद्र कृष्ण. संगीत : लक्ष्मी कांत प्यारे लाल. 
गायक : किशोर कुमार. लता मंगेशकर.


गाना देखने सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं 

फिल्म : आनंद.१९७१ 
सितारे : राजेश खन्ना. सुमिता सान्याल. अमिताभ बच्चन 
गाना : जिंदगी कैसी ये पहेली.. 
गीत : योगेश. संगीत :  सलिल चौधरी. गायक : मन्ना दे. 
 

गाना देखने सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं.
----------

फिल्म : मेरे हमसफ़र. १९७०. 
सितारे : जीतेन्द्र.शर्मीला टैगोर.    
गाना : किसी राह में किसी मोड़ पर 
गीत : आनंद बख्शी. संगीत : कल्याण जी आनंद जी. गायक : मुकेश. लता.
गाना देखने सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं.


--------------
उसने कहा / शुभकामनाएं / दिवस की  : पृष्ठ : ९  .
----------------
संपादन.
वनिता 
नैनीताल 
-------------


 
त्रिशक्ति 

"..शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य पर हम सभी मीडिया परिवार 
   की तरफ से आप सभी को ढ़ेर सारी हार्दिक शुभकामनाएँ व बहुत बहुत बधाई...

त्रिशक्ति समर्थित नव शक्ति.


डॉ. आर के दुबे : कृष्ण भजन. 
--------

जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं. 

त्रिशक्ति समर्थित नव शक्ति प्रस्तुति.

 
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं.



शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.  
---------------
कही अनकही : मन की पृष्ठ : १० .
-------------

संपादन.

 

डॉ.सुनीता रंजीता. 
नैनीताल डेस्क. 

खुदा ही हुआ 
कौन हूँ मैं ..?


-----------------
फोटो दीर्घा  : आज की तस्वीर : पृष्ठ : ११ . 
-------------------
संपादन.


आशा / मसूरी.

जायके के लिए प्रसिद्ध चोटी वाला रेस्टुरेंट : ऋषिकेश : फोटो : डॉ.सुनीता.  
एक जलते दिए की रोशनी ही काफ़ी है हमसब के जहां को  रोशन के लिए : कला : राज लक्ष्मी.  
मसूरी वॉल स्टूको : स्थान मसूरी मॉल रोड : विषय : उत्तराखंड के कृषक समुदाय.फोटो.डॉ.सुनीता. 
सहयोग
-------------
English News Section. Page :  
--------------
Tri- Shakti Powered, Processed and Promoted
in Association with 9 Sisters.
-----------------
Cover Page : 9. 
----------------
------------------
Editorial. Page : 10. 
------------------ 


Custodian.
Chiranjeev Nath Sinha. A.D.S.P. Lucknow.
Satya Prakash Mishra S.P.
Vijay Shankrar. Retd. Sr. D.S.P.
Raj Kumar Karn. Retd. D.S.P.
Dr. Prashant. Health Officer. Gujarat.
Dr. Bhwana. Prof.
Anoop Kumar Sinha. Entrepreneur. New Delhi.
Captain Ajay Swaroop. Retd. Indian Navy. Dehradoon.
Col. Satish Kumar Sinha. Retd. Hyderabad.
N. L. Das. Educationist. Veergunj. 
------------------


Editor in Chief.
Dr. Manish Kumar Sinha.
Chairman EDRF. New Delhi.
---------------
Assistant Editor.


Dr. R.K. Dubey.
Dr. Roopkala Prasad. 
Prof. Department of English

--------------

Editor in Art. 


Anubhuti Sinha. 
Shimla. 
--------------
Executive Editor. 
.

Priya. Darjeeling.
---------------
Asst. Executive Editor.


Seema Dhawan
West Bengal.
-------------
Photo Editor.
Ashok Karan. 
Ex. Photo Editor ( Public Agenda )


Ex. HT Staff Photographer.
------------------------
CRs / Writers.
Alok Kumar.
Priya. Darjeeling
Dr. Amit Kumar Sinha.
------------------------

Clips Editors. 
Manvendra Kumar. Live India News 24.
Kumar Saurabh. Public Vibe.
Er. Shiv Kumar. Reporter. India TV 
------------------------
Stringers. Abroad
 Shilpi Lal. USA.
Rishi Kishore. Canada.
Kunal Sinha. Kubait.
------------------------
Legal Umbrella.


Seema Kumari ( Sr. Advocate)
Sushil Kumar  ( Sr. Advocate)
Ravi Raman ( Sr. Advocate)
Dinesh Kumar ( Sr. Advocate)
Vidisha. ( Lawyer.)
------------------------

sharable at. 
Page 11.
--------------
Contents. Page. 11. 
---------------


Cover Page : Page 5.  
 Editorial Page : Page 6.  
Contents Page : Page 7
Photo of the Day : Page 7/1
News of the Day : Page 8. 
News in Archives : Page 9. 
You Said It : Page 10.

Contents Page : Page 11.
Editor.


Priya 
Darjeeling.
-------------
Thought of the Day. Page  11 / 0.
----------------
Relationships get stronger.


Many will never acquire taste.


Editor / Seema Dhawan. West Bengal.
--------------

Photo of the Day. Page. 11 / 1.
---------------
Editor. 


Anita. Jabbalpur.

the famous Mahtma Gandhi  Road Gangtok Sikkim. Photo. Priya. Darjeeling.
Jaypee Residency Manor Mussoorie : photo courtesy : net. 

Editorial. 12
--------------
Lines of the Day. Page. 12 / 0.
---------------
Editor.


Dr. Sunita Ranjita.
Nainital. Desk.
the beauty of a true woman.
you will always survive.
-----------
News of the Day. English. Page : 13.
--------------

The 5th of September dawns with an air of excitement and reverence.

News : Report.
 

 Seema Anita. with E.R.
Kolkata.

 A big applause given to the talented Choreographer showing her talent through the kids : collage Vidisha. 
 
ER ( Asma ) / Nalanda .The 5th of September dawned with an air of excitement and reverence as our school community came together to celebrate Teacher's Day, a day to pay homage to the great philosopher and statesman, Dr. Sarvepalli Radhakrishnan. The day was filled with heartfelt gestures, performances, and expressions of gratitude, making it a memorable occasion.
The celebration commenced with a school assembly, where students and teachers gathered to mark this special day. It was a time to reflect on the invaluable role that teachers play in shaping young minds and society as a whole.
A beautiful floral tribute was offered to Dr. Sarvepalli Radhakrishnan by teachers and dignitaries, symbolizing our deep respect and gratitude for his contributions to education and philosophy. The fragrance of the flowers wafted through the air, carrying with it a sense of appreciation for the guiding lights in our lives.
The stage came alive with the vibrant energy of junior students who enthralled the audience with a spirited dance performance. Their enthusiasm and innocence lit up the morning, reminding us of the pure joy that education can bring.
The small  kids of Class 1,2 Nityam and Sonali  took the stage next, showcasing their talent in a mesmerizing dance performance religiously related to Radha Krishna and Yashoda. Their dedication and coordination left the audience in awe, and it was heartening to see these young learners shine. A big applause was the given to the talented Choreographer who showed her talent through the kids.   
Naman, a student from our school, delivered a heartfelt speech that resonated with everyone in the audience. He spoke about the importance of teachers in our lives and how they inspire and nurture us to become better individuals.
Asma, another student, recited poetry that echoed the sentiments of gratitude and admiration towards teachers. Her words painted a vivid picture of the impact that teachers have on their students' lives.
The highlight of the day was the scintillating dance performance by the class 10 girls, who swayed to the tunes of 90s songs. Their energy and synchronization were a testament to the hard work and dedication that went into their performance.
On this occasion Principal Sir took the stage to deliver a motivating speech, emphasizing the significance of education and the role of teachers in shaping the future of our nation. His words ignited a sense of purpose and responsibility among the students.
The assembly concluded on a patriotic note with a pledge to uphold the values of education and the singing of the national anthem. It was a moment of unity and commitment to the principles that our nation stands for.
Following the assembly, each class had its own unique way of celebrating Teacher's Day, ranging from heartfelt cards and gifts to special performances dedicated to their teachers.
In a touching gesture, the 12th class students gathered for a cake-cutting ceremony with the principal. They expressed their gratitude by gifting roses and pens to all the teachers, symbolizing the growth and knowledge they had received.
The day ended on a sporting note, as teachers and students faced off in a friendly game of cricket. Laughter and camaraderie filled the field as both sides displayed their sportsmanship and team spirit.
As the sun set on this memorable Teacher's Day celebration, it left behind a deep sense of appreciation and gratitude for the dedicated educators who guide us on our journey of learning and growth. 
Dr. Sarvepalli Radhakrishnan's legacy lives on through the love and respect we shower on our teachers, and this day served as a beautiful reminder of the invaluable role they play in our lives and society.
Editor 
Dr. Sunita Ranjita.
Nainital. Desk.


------------------


Editor : Priya. Darjeeling. 

Will I forget JP Band In Mussoorie ? perhaps never ? 
Dr. Madhup Raman.

an exploring of Mussoorie : photo Dr. Madhup Raman.

It was  around 28 th of May 2023. The Sun just came a head in the morning sky.
This June I was exploring Mussoorie. As I was called upon to make a reporting over  the Foundation Day  of the famous residential school Ok Grove School, Jahri Pani Mussoorie on June 1st. Thus I satyed at my friend Pratyesh's quarter in the School Campus. 
The school was located amidist the green mountain and woods just down about 6 kilometers away from the Mussoorie Library Point. 
I used to visit Mussoorie daily taking a friendly lift from any one riding up 
Jhari Pani to Library End Mussoorie. On the way often I used to cross the JP Band where Jaypee Residency Manor, Mussoorie  board used to  welcome me. It is one of the the best 5 Star luxury hotels & resorts in Mussoorie.
Even by the rope way hill top many visitors were catching a view of Jaypee Residency Manor. The service provider was narrating about this hotel.
From the top of the rope way I saw that It is quite nestled at the hilltop amidst the serene queen of hills. The people say about the Jaypee Residency Manor is probably the best luxury resort in Mussoorie. It is beautifully located at the ‘Hill Manor’ and offers a 360 - degree panoramic view of the Doon Valley & snow-capped Himalayas to the guests who used to stay. 
Indeed this 5-star hotel in Mussoorie is the ideal destination for those who need a relaxing & memorable holiday in their life. 
From the moment you step inside this resort, you will revel in its splendid luxury & comfort. The elegant wooden interiors and the high-rise ceilings with large windows bring colonial essence to the ambience. The serenity of cozy rooms & suites is designed to make your stay comfortable & memorable once in your life. However I did not stay here as I used to cross the JP Band the entry point of the hotel that is why I remained interested to know about this hotel.

Editing : Anupam Singh.
Dehradun.
-----------
News in the Archives. English : Page : 14.
------------------
Editor.


Seema Dhawan. West Bengal.

-------------
You Said It. Page 15. 
---------------
Editor.

Smita.
News Anchor. Patna.

Song of the Day.
Film : Jagriti.1954. 
Star : Abhi Bhattacharya.
Song : Hum Laye Hain Toofan Se Kashti Nikal Ke 
Lyrics : Pradeep Musician : Hemant Mukherjee .Singer - Mohammed Rafi.


to enjoy watching the song press the given link. 

-------------
Wishes for Birthday.
------------


on 9th of September. 2023 
Many Many happy Returns of the Day


to Anita.Jabbalpur.
 Asst. Executive Editor of the Blog Magazine Page.




जब हम सुलझे शब्द कह न सकें 
तो ख़ामोश रहना ही बेहतर है

Comments

  1. In this news blog magazine we will enjoy the different food items of the different towns.

    ReplyDelete
  2. It's a very wonderful layout.I will like to visit this page very frequently.
    Er. Gyanendra Kumar.Indore .

    ReplyDelete
  3. It is fabulous to visit this page regularly. Thanks Media team

    ReplyDelete
  4. It's a worth reading blog magazine page .Thank you media team .
    Er. Gyanendra Kumar.Indore.

    ReplyDelete
  5. Fabulous & worthy. Regularly gong through this blog page is really worthy.

    ReplyDelete
  6. It's a nice beginning. Thank you so much media team.

    ReplyDelete

Post a Comment

Don't put any spam comment over the blog.

Popular posts from this blog

Talk of the Day : Our Town Education.

Home Assignment : Vacation. Class 9

Home Assignment : Vacation. Class 10.