चल कहीं दूर निकल जाए : यात्रा विशेषांक :फोटो कोलाज : डॉ. सुनीता शक्ति प्रिया अनुभूति.
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ओ बसंती पवन पागल : आवरण पृष्ठ : कोलाज : विदिशा. 
फोर स्क्वायर होटल : रांची : समर्थित : आवरण पृष्ठ : विषय सूची : मार्स मिडिया ऐड : नई दिल्ली. ⭐
⭐ एम. एस. मीडिया.महाशक्ति.प्रस्तुति. ⭐ पत्रिका / अनुभाग.
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शक्ति.शालिनी.स्मिता.वनिता.शबनम संयोजिका / मीडिया हाउस,हम मीडिया परिवार की तरफ़ से आपके लिए धन्यवाद ज्ञापन. ⭐ पत्रिका के निर्माण / संरक्षण के लिए * हार्दिक आभार. * ⭐
डॉ. राजीव रंजन. शिशु रोग विशेषज्ञ.बिहार शरीफ. नालंदा. *
विषय सूची. * विषय सूची : पृष्ठ : ०. कृष्ण दर्शन. संभवामि युगे युगे.प्रारब्ध : विषय सूची : पृष्ठ : ०. सम्पादित. डॉ. सुनीता सीमा शक्ति * प्रिया. आवरण पृष्ठ : ०. हार्दिक आभार प्रदर्शन : पृष्ठ : ० विषय सूची : पृष्ठ : ०. कृष्ण दर्शन. संभवामि युगे युगे : प्रारब्ध : पृष्ठ : ०. कृष्ण दर्शन. संभवामि युगे युगे : प्रारब्ध : शक्ति लिंक : पृष्ठ : ०. राधिकाकृष्ण : महाशक्ति : इस्कॉन डेस्क : नैनीताल. पृष्ठ : ० / १. रुक्मिणीकृष्ण : महाशक्ति : दर्शन दृश्यम : विचार डेस्क : नैनीताल. पृष्ठ : ० / २ . मीराकृष्ण : महाशक्ति डेस्क : मुक्तेश्वर : नैनीताल. पृष्ठ : ० / ३. त्रिशक्ति जीवन दर्शन विचार धारा : पृष्ठ : १. त्रिशक्ति जीवन दर्शन विचार धारा लिंक : पृष्ठ : १. त्रि - शक्ति : दर्शन. पृष्ठ : १ / ०. त्रिशक्ति : विचार : दृश्यम : पृष्ठ : १ / ० . त्रिशक्ति : लक्ष्मी डेस्क : सम्यक दृष्टि : कोलकोता : पृष्ठ : १ / १. त्रिशक्ति : शक्ति डेस्क : सम्यक वाणी : नैनीताल : पृष्ठ : १ / २. त्रिशक्ति : सरस्वती डेस्क :सम्यक कर्म : जब्बलपुर : पृष्ठ : १ / ३. महाशक्ति : जीवन विचार धारा : पृष्ठ : १ / ४. नव जीवन विचार धारा : पृष्ठ : १ / ५ सम्पादकीय : पृष्ठ : २. सम्पादकीय शक्ति लिंक : पृष्ठ : २ / ०. आकाश दीप : पद्य संग्रह : सम्पादकीय : प्रस्तुति : पृष्ठ : ३. तारे जमीन पर : गद्य संग्रह : शक्ति : सम्पादकीय : प्रस्तुति. पृष्ठ : ४. ये मेरा गीत : जीवन संगीत : कल भी कोई दोहराएगा : पृष्ठ : ६. चल कहीं दूर निकल जाए : फ़िल्मी कोलाज : पृष्ठ : ७ चल कहीं दूर निकल जाए : : कला दीर्घा : रंग बरसे : पृष्ठ : ९. चल कहीं दूर निकल जाएं : फोटो दीर्घा : पृष्ठ : १२. चलते चलते : शुभकामनाएं : दिल जो न कह सका : पृष्ठ : १३. आपने कहा : मुझे भी कुछ कहना है : पृष्ठ : १४. * -------- शक्ति सम्पादकीय लिंक समूह : पृष्ठ : २ --------- ------------- राधिकाकृष्ण : जीवन शक्ति विचार धारा : लिंक.पृष्ठ : ० : ------------- राधिकाकृष्ण : जीवन शक्ति विचार धारा : लिंक पूर्व विचार देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं राधा बिन सूना सब कुछ ही * --------- त्रिशक्ति विचार धारा लिंक. पृष्ठ : १. ------------ संपादन. * शक्ति. सीमा शक्ति *अनीता. * पूर्व विचार देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं. लिंक खुलने के बाद अंदर पढ़ें * टाइम्स . मीडिया.प्रस्तुति.
* अद्यतन.अंदर पढ़ें * त्रिशक्ति : जीवन शक्ति विचार धारा : मंजूषा : आजतक : पृष्ठ : २.
⭐ ' काबिल ' न '...... ' रहे, न '..... ' हुए खामखां ऐ ' ..... ', तेरे ' स्कूल ' में ' दाखिल ' हुए.
* शक्ति : नैना देवी डेस्क : नैनीताल : शब्द चित्र विचार : शक्ति शक्ति* : पृष्ठ * नैना देवी डेस्क * शक्ति : नैना देवी डेस्क : नैनीताल : शब्द चित्र विचार : पृष्ठ * इंसानियत.
* गम तो रिवाज़ है जिन्द्गगी का ,इस जहाँ में परेशां हर बंदा है जो अपनों का ही दर्द समझ ले समझ लो कम से कम उसमें तो इंसानियत ज़िन्दा है. ---------- नव जीवन शक्ति लिंक : पृष्ठ : १ / ५. ------------ अद्यतन * देखने पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं अद्यतन : सम्पादकीय : शक्ति आलेख : पृष्ठ : १ चैत्र नवरात्रि : शक्ति पूजा. प्रकृति में व्याप्त वास्तविक शिव शक्तियों को सम उचित सम्मान दें डॉ. सुनीता *शक्ति प्रिया ----------------- नवरात्रि का आठवां दिवस ----------------- महागौरीति चाष्टमम् श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥ * स्तंभ संपादन : शक्ति शालिनी रेनू सीमा नीलम स्मिता. पृष्ठ सज्जा : शक्ति. मंजिता स्वाति मीना वनिता अनीता. आगे क्रमशः जारी : *
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सम्पादकीय मुझे भी कुछ कहना है : शक्ति लिंक : पृष्ठ : २/८.
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सम्पादित.
शक्ति.डॉ.सुनीता सीमा शक्ति* शालिनी प्रिया अनीता अनुभूति.
©️®️Shakti's Project..
शक्ति. दया जोशी.
*
एम. एस. मीडिया समर्थित सहयोगी.
शक्ति मीडिया. केदार दर्शन. नैनीताल.शक्ति दया. प्रस्तुति.
आज का पचांग / राशि फल / सम्यक वाणी : अन्य के शक्ति विचार: सम्पादकीय / शक्ति लिंक :पृष्ठ : २ /८. ३ .अप्रैल.ग्रेगोरीयन २०२५ / विक्रम संवत. २०८२ / शक संवत १९४७.आज का' पचांग : देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दबाएं.
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टाइम्स मीडिया. कोलकोता डेस्क समर्थित ----------- आकाश दीप : पद्य संग्रह : सम्पादकीय : प्रस्तुति : पृष्ठ : ३. ----------- संपादन.
शक्ति. रेनू शब्दमुखर प्रधान सम्पादिका जयपुर. ⭐
भाविकाएं
सर्वअसुरविनाशिनी , चण्डमुण्डनाशिनी हो,तुम. शक्ति : जी. आई. एफ.
हे सती, हे साध्वी माँ, भवप्रीता, तू भवानी हो।
आर्या हो भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
राजा हो या रंक मईया भेद तुम ना करती हो।
शरणागत हो कोई तेरे झोली उसकी भरती हो।।
आदिशक्ति, त्रिनेत्रा माँ, आद्या शूलधारिणी हो।
आर्या हो भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
हे सती, हे साध्वी माँ, भवप्रीता, तू भवानी हो।
आर्या हो भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
चंद्रघंटा, महातपा तुम, मन, बुद्धि, अहंकार हो।
चित्तरूपा हो चिता, चिति का करे विस्तार हो।।
सर्वविद्या, दक्षकन्या, दक्षयज्ञविनाशिनी हो।
आर्या हो भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
हे सती, हे साध्वी माँ, भवप्रीता, तू भवानी हो।
आर्या हो भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
सत्ता, सत्यानंद हो तुम, अम्बे मातु स्वरूपिणी।
हे अनंता, भाविनी माँ, भाव्या, भव्या रूपिणी।।
अपर्णा हो अनेकवर्णा, दुर्गा दुर्गसाधिनी हो।
आर्या हो भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
हे सती, हे साध्वी माँ, भवप्रीता, तू भवानी हो।
आर्या हो भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
सद्गति, अभव्या मईया, शाम्भवी कहलाती हो।
देवमाता, चिंता हो तुम, रत्नप्रिया बन जाती हो।।
पाटला, पाटलावती, पट्टाम्बरपरिधानधारिणी हो।
आर्या हो भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
हे सती, हे साध्वी माँ, भवप्रीता, तू भवानी हो।
आर्या हो भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
वनदुर्गा, मातंगी हो तुम, सुन्दरी, सुरसुन्दरी।
हो मतंगमुनिपूजिता तुम, ब्राह्मी हो, माहेश्वरी।।
सर्ववाहनवाहना तुम, माँ निशुम्भशुम्भहननी हो।
आर्या हो भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
हे सती, हे साध्वी माँ, भवप्रीता, तू भवानी हो।
आर्या हो भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
वैष्णवी, चामुण्डा हो तुम, ऐन्द्री हो, कौमारी हो।
वाराही तुम लक्ष्मी माता पुरुषाकृति सुकुमारी हो।
मधुकैटभहन्त्री मईया, महिषासुरमर्दिनि हो।
आर्या हो भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
हे सती, हे साध्वी माँ, भवप्रीता, तू भवानी हो।
आर्या हो भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
विमला हो, उत्कर्षिणी, तू ही सुरवरवर्षिणि।
ज्ञान-बुद्धि, नित्याक्रिया बहुला दुर्धरधर्षिणि।।
सर्वअसुरविनाशिनी माँ, चण्डमुण्डनाशिनी हो।
आर्या हो भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
हे सती, हे साध्वी माँ, भवप्रीता, तू भवानी हो।
आर्या हो भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
कन्याकुमारी, किशोरी तुम, हो यति नारायणी।
तुम अप्रौढ़ा और प्रौढ़ा, तपस्विनी, हे महोदरी।।
सत्या, सर्वास्त्रधारिणी, सर्वदानवघातिनी हो।
आर्या हो, भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
हे सती, हे साध्वी माँ, भवप्रीता, तू भवानी हो।
आर्या हो भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
मुक्तकेशी, घोररूपा, बलप्रदा हो महाबला।
कालरात्रि, भद्रकाली, रौद्रमुखी-अग्निज्वाला।।
अनेकशस्त्रहस्ता माँ, अनेक अस्त्रधारिणी हो।
आर्या हो, भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
हे सती, हे साध्वी माँ, भवप्रीता, तू भवानी हो।
आर्या हो भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
विष्णुमाया, जलोदरी तू शिवदूती हो कराली माँ।
अनंत हो परमेश्वरी, कात्यायनी, भद्रकाली माँ।।
सर्वशास्त्रमयी, सावित्री, प्रत्यक्षा, ब्रह्मावादिनी हो।
आर्या हो, भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
हे सती, हे साध्वी माँ, भवप्रीता, तू भवानी हो।
आर्या हो भवमोचनी माँ, दुर्गा हो, महारानी हो।।
लेखिका.कवयित्री.संयोजिका. शक्ति. शालिनी.
पृष्ठ सज्जा : शक्ति सीमा अनुभूति अनीता
 ---------- तारे जमीन पर : गद्य संग्रह : शक्ति : सम्पादकीय : प्रस्तुति. पृष्ठ : ४. -------------- संपादन. प्रधान सम्पादिका.शक्ति. नीलम पांडेय. वाराणसी.
* सम्पादकीय : सम्पादकीय : शक्ति : आलेख : * विविध संस्कृतियों के महामिलन भूमि अपनी धरा : आर्यावर्त. * शक्ति. रीता रानी. जमशेदपुर. * विक्रमसंवत हिन्दू नववर्ष का : षष्ठी (छठी) की पूजा :
विविध संस्कृतियों के महामिलन भूमि के अंश हम सभी। आनंदपूरित क्षणों की अनेक धाराओं का संगम बिन्दु हमारी धरती। हम सभी शक्ति समूह बहनों की तरफ से आप समस्त को नूतन वर्ष अभिनन्दन है चैत्र,प्रथम मास, के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि : हिंदू नववर्ष की शुरुआत से एक दिन पहले हमने अपने शहर को केसरिया ध्वज से आवृत होते देखा है चैत्र माह में नीम के पत्ते खाने की परंपरा धार्मिक और स्वास्थ्य दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मौसम परिवर्तन के दौरान बीमारियों से बचाव में मदद करता है और नीम में मौजूद गुण शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं. संध्या समय विशाल रैली : पूर्वनिश्चित दिशा निर्देश के अनुसार ,श्रीराम और पवनपुत्र के गगनभेदी जयकारों के साथ, सभी केसरिया वस्त्र, केसरिया साफे , केसरिया गमछे को धारण किए हुए, केसरिया तिलक के साथ जैसे लगता है चहुंदिशा ही केसरियामय हो गया हो। विक्रमसंवत हिन्दू नववर्ष का : ३० मार्च , २०२५ का दिन रहा अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार विक्रमसंवत हिन्दू नववर्ष का। धार्मिक मान्यता के अनुसार हिंदू नववर्ष की शुरुआत के साथ ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना करने की शुरुआत की थी। इसी दिन भगवान विष्णु ने दशावतार में से पहला मत्स्य अवतार लेकर प्रलयकाल में अथाह जलराशि में से मनु की नौका को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया था। प्रलयकाल समाप्त होने पर मनु से ही नई सृष्टि की शुरुआत हुई।
 | अस्ताचलगामी सूर्य को नमन : सूर्य षष्ठी (छठी) की पूजा : फोटो : अशोक करण |
षष्ठी (छठी) की पूजा : इसी चैत्र में बिहार , उत्तरप्रदेश , झारखण्ड से लेकर नेपाल तक सूर्य देव की बहन छठी माता की पूजा - आराधना की जाती है । षष्ठी (छठी) माता या देवसेना हिंदू धर्म की एक महादेवी हैं। इन्हें भगवती की श्रेणी में रखा जाता है । बच्चों के दाता और रक्षक के रूप में इनकी पूजा की जाती है। माता षष्ठी वनस्पतियों की भी देवी हैं और माना जाता है कि प्रजनन और बच्चों को जन्म देने के दौरान सहायता करती हैं ।संध्या अर्घ्य और प्रातः अर्ध्य के रूप में व्रती निराहार निर्जल रहकर शरीर को जल में आधा निमग्न कर सूर्य देव को फल - फूल अर्पित कर उनका अर्चन करते हैं ,साथ ही उनकी बहन का भी । चार दिनों का यह अनुष्ठान १ अप्रैल २०२५ से शुरू होकर ४ अप्रैल २०२५ को प्रातः अर्घ्य के साथ समाप्त हुआ। पंच भूतों से बने हमारे शरीर में एक कारक है - जल और इसी जल में खड़े रहकर सूर्य किरणों के ताप को अपने अर्द्धजल निमग्न शरीर में ग्रहण करना वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत स्वास्थ्यवर्धक और गुणकारी है।  | गुड़ी पड़वा , चन्द्र - सौर नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक, एक वसंत त्योहार : फोटो : शक्ति रीता . |
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हिन्दूनववर्ष गुड़ीपड़वा चैत्र और नीमसेवन : साथ ही शुरू हो गई है चैत्र नवरात्रि शुक्ल प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना के साथ। दूसरी ओर हिंदू पंचांग के पहले महीने चैत्र की शुरुआत में महाराष्ट्र,गोवा, दमन में और उसके आसपास मनाया जाता है ---गुड़ी पड़वा ,मराठी और कोंकणी हिंदुओं के लिए चन्द्र - सौर नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक, एक वसंत त्योहार । रंगोली : गुड़ी ध्वजा : नृत्य और उत्सवी भोजन : इस त्यौहार की विशेषता रंग-बिरंगी फर्श की सजावट है --रंगोली से । एक विशेष गुड़ी ध्वजा ; जो एक साड़ी या धोती या कपड़े का कोई अन्य टुकड़ा होता है जिस पर फूल, आम और नीम के पत्ते , नीम के फूल सजे होते हैं ।एक चीनी क्रिस्टल ( बताशा ) की माला जिसे गाठी कहा जाता है, पहना दी जाती है और ऊपर उलटकर चांदी या तांबे का बर्तन ( लोटा ) रख दिया जाता है। उत्सव में सड़क पर सभा, नृत्य और उत्सवी भोजन भी शामिल होते हैं। घर के मुख्यद्वार पर भी चावल के आटे से शुभाकृतियाँ बनाकर पुष्प अर्पित किए जाते हैं। महिलाएँ पांरपरिक वस्त्र, जैसे साड़ी को मराठवाड़ा रीति से पहनकर , नथ ,पुष्पमाल आदि से स्वयं को सुसज्जित कर एक- दूसरे से शुभकामनाएँ प्रकट करने हेतु मिलती हैं। माएँ अपने छोटे बच्चों के गले में बताशे की माला या सूखे नारियल की भी माला पहनाती हैं, अपने ही नहीं अपने आत्मीय अन्य छोटे बच्चों को भी। मातृप्रेम तो विवाहिता बेटियों , दामादों , वधुओं को भी उसी बालवत्सल स्नेह की भेंट देता हुआ उनके गले में भी इन बताशों की माला पहना देता है। माँओं की दृष्टि में उनकी संतान कभी बड़ी होती भी है क्या ? इस दिन नीम के पत्तों को पीसकर उनकी चटनी या गुड़ के साथ गोली बनाकर प्रसाद स्वरूप सभी ग्रहण करते हैं-- परम्पराओं में कैसे रोगनिवारण रीतियाँ गूँथी हुई हैं -- जानना कितना सुखद आश्चर्य से भर देता है। चैत्र और नीमपत्र के सम्बन्ध से प्राचीन पीढ़ी के लोग कहाँ अछूते हैं--- नीमपत्र मौसम परिवर्तन के दौरान बीमारियों से बचाव में मदद करता है और इसमें मौजूद गुण शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं । शीतला माता की पूजा : चैत्र माह में शीतला माता की पूजा होती है और नीम को शीतला माता का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इसे पूजा में शामिल किया जाता है और प्रसाद के रूप में भी खाया जाता है। अपनी धरती पर सबकुछ कैसा सुमिश्रित है-- सुमिश्रित है परम्पराओं में सुपद्धति युक्त जीवन। नूतन वर्ष अभिनन्दन : विदा ले चुके हिन्दू वर्ष के दिन मेरा वंदन स्वीकार हो..क्षमा करना अगर आपके सम्मान में मुझ से कोई भूल हुई हो.. आज विक्रम संवत २०८१ का अंतिम दिन हैं। कल से नववर्ष विक्रम संवत २०८२ प्रारंभ होने जा रहा है। मैंने यह महसूस किया कि मुझे उन सभी लोगों का धन्यवाद करना चाहिए जिन्होंने मुझे संवत् २०८२ में मुस्कराने की वजह दी है, आप उन्हीं में से एक हैं , इसलिए आपका हार्दिक आभार । संभव है कि जाने-अनजाने में मेरे कर्म, वचन , स्वभाव से आप को दुख हुआ हो, इसलिए मैं आपसे क्षमा प्रार्थी हूं । विश्वास है कि आगामी विक्रम सम्वत २०८२ में भी आप सबका मार्गदर्शन , स्नेह , सहयोग, प्यार , पूर्व की भांति मिलता रहेगा । सनातन हिन्दू नववर्ष की आपको एवं आपके परिजनों को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाए.
स्तंभ संपादन : शक्ति. डॉ. सुनीता शक्ति * प्रिया. स्तंभ सज्जा : शक्ति. तनु सीमा स्वाति अनुभूति.
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ये मेरा गीत : जीवन संगीत : कल भी कोई दोहराएगा : पृष्ठ : ६.
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 * शीर्षक संदर्भित जीवन संगीत. मेरी पसंद. * डॉ. सुनीता मधुप शक्ति प्रिया अनुभूति. ये मेरा गीत जीवन संगीत कल भी कोई दोहराएगा फिल्म : दूसरा आदमी.१९७७. सितारे : ऋषि कपूर. राखी. शशि कपूर.
गाना : चल कही दूर निकल जाए गीत : मजरूह सुलतानपुरी संगीत : राजेश रोशन गायक : किशोर कुमार लता गाना सुनने व देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं
* फिल्म विश्वास.१९६९. गाना : ले चल ले चल मेरे साथी ले चल इस दुनियां से प्यार ही प्यार है जहाँ सितारे : जीतेन्द्र. अपर्णा सेन. गीत : गुलशन बावरा. संगीत : कल्याण जी आनंद जी गायक : हेमलता. मुकेश. गाना सुनने व देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं
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टाइम्स मीडिया समर्थित. -------- चल कहीं दूर निकल जाए : फ़िल्मी कोलाज : यात्रा : पृष्ठ : ७. ---------- संपादन.
 | ये मस्तियाँ ये बहार : कहीं दूर निकल जाए : डॉ. सुनीता शक्ति स्मिता प्रिया. |
----------- चल कही दूर निकल जाए : यात्रा : फोटो दीर्घा : पृष्ठ : १२ ------------- संपादन शक्ति. रेनू सीमा शबनम सिमरन प्रिया मीना.
 | रामलला के दर्शन कण कण में भगवान : अयोध्या का भ्रमण : फोटो : शक्ति स्मिता |
 | क्या नज़ारे बस तेरा ही इंतिजार फोटो : शक्ति. डॉ भावना : लौहोल स्पीति : हिमाचल |
 | चलो बुलावा आया है : शक्ति वैष्णवी दरवार दर्शन : प्रस्तुति : डॉ. सुनीता शक्ति प्रिया अनुभूति. |
 | दर्शन ड्योढ़ी : शक्ति वैष्णो देवी दर्शन : कटरा : फोटो कोलाज शक्ति डॉ. सुनीता शबनम शक्ति प्रिया * |
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