Talk of the Day : Art, Literature & Music.

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  कृण्वन्तो  विश्वमार्यम.     
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under the aegis of EDRF. New Delhi. 
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Talk of the Day : Art & Literature of Our Town.  
A Complete Cultural Art & Literature News Account.
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आवरण पृष्ठ : ० . 


आवरण पृष्ठ : ० .  जब जब फूल खिले : कला कृति : विदिशा
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विषय सूची : पृष्ठ. १ . 
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सहयोग.

परमार्थ के लिए देश हित में 
त्रि शक्ति,अधिकृत समर्थित और  विकसित.



नव - शक्ति 
प्रायोजित.



विषय सूची : पृष्ठ. ० 
हिंदी  अनुभाग. 
कला , साहित्य और संगीत 
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जब जब फूल खिले : आवरण पृष्ठ : ० .
विषय सूची : पृष्ठ :  ०. 
त्रिशक्ति  प्रस्तुति. विचार : शक्ति : पृष्ठ : ० . 
जीवन सार संग्रह : पृष्ठ : १.
त्रिशक्ति : सम्यक वाणी : महालक्ष्मी : डेस्क : मुझे भी कुछ कहना है : पृष्ठ  : १  / १ .
 मुझे भी कुछ कहना है : जीवन सार : पृष्ठ : १ / १  .संकलन.
जीवन सुरभि : समयक दृष्टि : शक्ति डेस्क : शब्द चित्र : विचार : पृष्ठ १ / २ .
जीवन सुरभि पृष्ठ : १ / २ .संपादन.  
त्रि शक्ति : सम्यक कर्म : महासरस्वती : डेस्क : पृष्ठ : १ /३ .    
जीवन संगीत : पृष्ठ : १ / ३.
आज का गीत : जीवन संगीत : पृष्ठ : १ /४.
आज की कला कृति : पृष्ठ १ /५.संपादन.
सम्पादकीय. पृष्ठ : २ : 
ये मेरा गीत :  जीवन संगीत : पृष्ठ : ३.
मेरी अनुभूति : मेरी शक्ति  : कोलाज : पृष्ठ : ४.  
मैं का से कहूं : सम्पादकीय पद्ध संग्रह : सीपिकाएँ : पृष्ठ : ५.  
तारे जमीन पर : सम्पादकीय गद्य  संग्रह : पृष्ठ : ६. 
 आज का समाचार : कला  विशेषांक.पृष्ठ : ७. हिंदी अनुभाग.  
आज का समाचार : साहित्य विशेषांक. पृष्ठ : ८. हिंदी अनुभाग.
आज का समाचार : संगीत विशेषांक. पृष्ठ :९. हिंदी अनुभाग. 
 कल  के : समाचार. पृष्ठ : १०. कला विशेषांक.
 कल  के : समाचार. पृष्ठ : ११. साहित्य विशेषांक.
कल  के : समाचार. पृष्ठ : १२संगीत  विशेषांक. 
 : फोटो दीर्घा : हिंदी अनुभाग फोटो दीर्घा : अतुलनीय भारत : पृष्ठ १३  :  
कला दीर्घा : संपादन. पृष्ठ १४ .
आपने कहा : शॉर्ट रील लघु फिल्में : पृष्ठ : १५ . 


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त्रिशक्ति  प्रस्तुति. विचार : शक्ति : पृष्ठ : ० . 
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प्रादुर्भाव वर्ष : १९७६.
संस्थापना वर्ष : १९७८. महीना : जुलाई . दिवस : ४  
नैनीताल  डेस्क 
त्रिशक्ति डेस्क नैनीताल 
संपादन 



सीमा रंजीता अनीता 
नैनीताल. 


त्रिशक्ति  प्रस्तुति. विचार. 

 सम्यक : दृष्टि : वाणी.

..यदि मैं, अपने संभाषण में मेरे अपनों के लिए मधुरसंयमितसुविचारित
सत्य परीक्षित, समुचित सम्यक  भाषा व  वाणी का प्रयोग नहीं कर सका,    
तो मेरी आत्म शक्ति ! उचित हो कि  तुम मुझे मूक ही बनाए रखना... 

©️®️ डॉ. सुनीता मधुप शक्ति प्रिया.
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 जीवन सार संग्रह : पृष्ठ : १.
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त्रिशक्ति प्रस्तुति. 

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 जीवन  सार संग्रह : पृष्ठ : १ .
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त्रिशक्ति : सम्यक वाणी : महालक्ष्मी : मुझे भी कुछ कहना है : पृष्ठ : १ / १
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महालक्ष्मी दर्शन


प्रादुर्भाव वर्ष : १९७९.
महा लक्ष्मी : डेस्क : कोलकोता :
संस्थापना वर्ष : २००३. महीना : जून. दिवस : २ 
संपादन : ' शक्ति ' सीमा सिंह.
कोलकोता डेस्क 

संपादन संकलन.


शक्ति सीमा सिंह 
कोलकोता डेस्क .

भरोसा 

' उम्मीद ' और ' भरोसा ' कभी गलत ' नहीं ' होते 
बस ये हम पर ' निर्भर ' करता है हमने किससे ' उम्मीद ' की और किस पर ' भरोसा ' 


  वहती हवा सा था वो.  


आने वाला पल जाने वाला है  
  समय गतिशील है ,मूल्यवान है, समय के साथ चलें...
जब कुछ महीने और बीत जायेंगे 
तब लोग चर्चा करेंगे जब हम १९ वी सदी में थे तो वो २० वी शदी की बात करता था 
अब हम २१ वी शदी में हैं तो अब वो कहाँ होगा ?
वो तो कही दूर ...दृष्टि से ओझल... किसी दूसरी दुनियाँ में चला गया होगा ..
जहाँ उसकी जररूत होगी..वहती हवा सा था वो  

    डॉ. मधुप.


"...कभी ना  कहें सदैव बोलें कोशिश करते है.." 


"....उस इंसान को हराना बेहद ही मुश्किल है 
   जो कभी उम्मीद का दामन नहीं छोड़ता है.."


"....पूर्णता के लिए नहीं प्रगति के लिए प्रयास करें ... "

 
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   जीवन सुरभि : समयक दृष्टि : शक्ति डेस्क : शब्द चित्र : विचार : पृष्ठ : १ / २ .  
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शक्ति : दर्शन


सिंहवाहिनी ' शक्ति '


प्रादुर्भाव वर्ष : १९७६.
नैना देवी डेस्क / नैनीताल. 
संस्थापना वर्ष : १९९८. महीना : जुलाई. दिवस : ४.
संपादन. ' शक्ति ' रंजीता.

 
 नैनीताल डेस्क . 



कर्म से  ' क्षत्रिय ' है हम न हम अपने ' रास्तें ' बदलते हैं 
न अपनी ' आदतें ' बदलते हैं न अपनी ' बातें ' ( वचन )
बदलते हैं.... 

कृष्ण : अर्जुन : संवाद : कुरुक्षेत्र : 


बल से ज्यादा ' बुद्धि ' का उपयोग करो  ' बल ' तुम्हें लड़ना सिखाएगा 
और ' बुद्धि ' तुम्हें जीतना सिखाएगी 

हमारे लिए क्या महत्वपूर्ण है ' व्यक्ति '  या  ' समाज '  ?  विचार करें.  
  

समय ' गतिशील ' है ,' मूल्यवान ' है, समय के साथ चलें

"...जीतेंगे हम ये खुद से वादा करें 
जितना सोचते है उससे ज्यादा कोशिश करें..." 


"...अपने विचार सकारात्मक रखें 
और हर दिन के हर पल का आंनद लें.." 


 "...दीर्घ अनुभव यहीं कहता है कि खामोशियां ही बेहतर हैं..
.....शब्दों से लोग रूठते बहुत  हैं ...."


"...ह्रदय से लिखा जा सकता है वह कलम से नहीं.. 
मन से जो कहा जा सकता है किसी शब्द से नहीं.." 

 
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त्रि शक्ति : सम्यक कर्म : महासरस्वती : नर्मदा : डेस्क : पृष्ठ : १ / ३ .  
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शारदा : श्वेतपद्मासना : दर्शन


प्रादुर्भाव वर्ष : १९८२.
नर्मदा डेस्क : जब्बलपुर.
संस्थापना वर्ष : १९८९. महीना : सितम्बर. दिवस : ९.
संपादन :' शक्ति ' अनीता. जब्बलपुर.  
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महा सरस्वती : शब्द चित्र : दृश्यम विचार : पृष्ठ : १ / ३ .
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संपादन.


 
शक्ति अनीता. 
जब्बलपुर. 
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शब्द : चित्र : विचार 

बचपन



न कुछ पाने की आशा 
न कुछ खोने का डर 
बस अपनी ही धुन 
बस अपने सपनों  का घर 
काश मिल जाए 
मुझे वो बचपन का पहर 

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आज का गीत : जीवन संगीत : डेस्क : नर्मदा : डेस्क : पृष्ठ : १ / ३ 
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 ये मेरा गीत : जीवन संगीत : 
फिल्म : इम्तिहान.१९७४.  
सितारे : विनोद खन्ना. तनूजा. 
गाना : रुक जाना नहीं तू कहीं हार के.
गीत : मजरूह सुल्तानपुरी. संगीत : लक्ष्मी कांत प्यारे लाल. गायक : किशोर कुमार. 


गाना सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दबाएं.
  

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 आज की पाँती : दिल जो न कह सका : पृष्ठ : १ / ४ .
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संपादन. 


' शक्ति ' मीना सिंह 
मुक्तेश्वर : नैनीताल 
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दृश्यम : अपनी हर बात में अपनी हर ' दुआं ' में 
ये बस तुम्हारा ही  ' जिक्र ' करता हैं 




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आज की कृति : पृष्ठ : १ / ५ .
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संपादन.


  आशा / मसूरी.  
  
मसूरी वॉल स्टूको : देव सरिता , केदार नाथ, बद्री विशाल तथा यमुनोत्री : फोटो : डॉ.सुनीता मधुप.  

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आज की तस्वीर : पृष्ठ : १ / ६ .
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संपादन.

अनुभूति / शिमला. 

कहीं दूर जब दिन ढल जाए सांझ की दुल्हन बदन चुराए : फोटो : प्रिया. 


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सम्पादकीय. पृष्ठ : २.
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सहयोग व स्व इच्छा की कड़ी.
  

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संरक्षिका.
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⭐.

 
डॉ. भावना. 
उज्जैन. मध्य प्रदेश.   
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प्रधान  ⭐ संपादक  
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रेनू अनुभूति नीलम . 
शिमला डेस्क 
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कार्यकारी ⭐ संपादक  
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डॉ. सुनीता रंजीता प्रिया .
नैनीताल डेस्क . 
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सहायक 
कार्यकारी ⭐ संपादक. 
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सीमा वाणी अनीता
   कोलकोता डेस्क 
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स्थानीय संपादक 


बीना  मीना 
भारती
नैनीताल डेस्क 
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अतिथि संपादक  
 

मानसी कंचन पंत 
नैनीताल.
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संयोजिका.


वनिता 
   शिमला .   
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व्यव्यस्थापक 
प्रधान संपादक
   


डॉ. मनीष कुमार सिन्हा.
चेयर मैन : इ.डी.आर.एफ / नई दिल्ली.
 
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संपादक ⭐ मंडल. 
.

रवि शंकर शर्मा. संपादक.नैनीताल.
डॉ.नवीन जोशी.संपादक.नैनीताल.
मनोज पांडेय.संपादक.नैनीताल.
           अनुपम चौहान.संपादक.लखनऊ .            
डॉ.शैलेन्द्र कुमार सिंह.लेखक.रायपुर.
रणधीर : स्वतंत्र लेखक : स्तंभ कार : नैनीताल 
रंजना : नई दिल्ली 
नमिता सिंह : रानीखेत 
रीता रानी : जमशेदपुर 
डॉ. आर के दुबे : पटना 
डॉ. मीरा श्रीवास्तवा : पूना  
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  ये मेरा गीत : जीवन संगीत : पृष्ठ : ३ 
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संपादन.

 
प्रिया. 
दार्जलिंग.
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फिल्म : प्यार ही प्यार. १९६९.
सितारे : धर्मेंद्र, बैजंती माला.
गाना : मैं कहीं कवि न बन जाऊं तेरे प्यार में कविता.
गीत : हसरत जयपुरी. संगीत : शंकर जय किशन. गायक : रफ़ी. 

    
गाना सुंनने व देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं. 

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मेरी अनुभूति  : मेरी शक्ति  : कोलाज : पृष्ठ : ४  
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संपादन. 


रश्मि / कोलकोता. 

कोई नहीं ...तो तेरे अपने  है... सपने वो प्यार के : कोलाज : डॉ.सुनीता रंजीता प्रिया   


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आकाश दीप : सम्पादकीय पद्ध संग्रह : सीपिकाएँ : पृष्ठ : ५  
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संपादन.

 

रेनू शब्द मुखर 
जयपुर .
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सीपिकाएँ 

लघु कविता. 

भूल गया सब कुछ. 

भूल गया सब कुछ. 
इस जिंदगी के  तन्हां सफ़र में
चलते चलते, 
अपना बजूद
अपने मक़ाम, 
अपने रास्तें भी.   
तुम्हें याद करते करते ही,
गवां दी अपनी शेष यादें,.
इस जीवन संघर्ष के भंवर से,   
माया  छाया की भूल भुलैया में  ,
 जाऊं तो  किधर जाऊं ?
अस्थिर,  
परेशान ठहर गया हूँ मैं
लक्ष्य कैसे पाऊं ?
अंधेरे में, अकेले  
छोड़ देना न इस तरह 
भटकने के लिए, 
मेरी आत्म शक्ति  !
तुम हो कहीं भी 
मेरे अन्तःमन में , 
मेरे आस पास  
अब तो तुम से 
संरक्षित हो कर ही  
इस अंतहीन सफ़र के अंजाम, 
तक पहुंचना है, 
मुझे तेरे ही सहारे .


 डॉ. मधुप. 

  पुनः सम्पादित : प्रिया दार्जलिंग

मौसम है आशिकाना 


फोटो : रेनू 


सुनहरी ख्वाहिशें हृदय में लिए हुए ,
लम्बी सड़क पर चलते हुए
हल्की बारिश की बूंदें झम-झम,
बातों का सिलसिला निरंतर चलता.
हर मोड़ पर, हर कदम पर,
हम दोस्तों की हंसी की गूंज.
दिल में बातों का असीम समंदर,
और बस हम दोस्तों का साथ.
हवा में उड़ते सपनों की तरह,
हर एक पल को जीने की उमंग.
आंखों में चमक,चेहरे पर मुस्कान,
यही है मेरी ख्वाहिश, 
यही है मेरा अरमान.
चाहे दिन ढले या रात हो जाए,
बस हम और हमारे अपने.
दुनिया की हर चिंता से दूर,
सिर्फ हम दोस्तों का साथ और बातें अनंत.

रेनू शब्द मुखर 
जयपुर .
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सीपिकाएँ 

बन जायेंगे इतिहास हम. 


गर्व है मुझे असीम,
अपनी आत्म शक्तियों पर, कि 
नेक राहें  जीवन की 
उन्होंने एक कर दी
हम सभी की.
चले थे अकेले अकेले हम सभी सफ़र में  
मगर चौराहें पर मिल के हम सभी साथ हो गए.
 

आज मंजिल भी है, 
कारवां भी है, 
रोडें भी हैं, 
इम्तिहान भी है.
मगर हम सभी के भीतर 
सत्य ,न्याय और धर्म के फैसलें भी अटल हैं, 
न... डरेंगे, न मिटेंगे, 
न...झुकेंगे, न हटेंगे, 
बन जायेंगे इस दुनियां के लिए 
हम अमिट  इतिहास, 
देखों न, इसलिए तो हमारे पास  
गुरु और गोविन्द भी साथ  हो गए. 

डॉ. सुनीता रंजीता प्रिया .
नैनीताल. 
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सीपिकाएं.

 जाने सीने में तब क्या सुलगता है ...?


 
हँसते हो 
मुस्कुराते हो ,
मुझे इस कदर भूल जाते हो कि 
इतने पास से भी, 
चुपचाप गुजर जाते हो.
  जाने मन में तब क्या टूटता है ...,?
हार जाता है इंतजार ..
तुम मिलते तक नहीं, 
सुखद लम्हों में अपने ...
कभी ढूंढते तक नहीं, 
सुनकर आर्त मन की पुकार भी 
जब लौट कर आते नहीं हो, 
जाने हाथों से तब क्या छूटता है..? 
मन बहुत दुखता है. 
एक ही पन्नें  को पलटती बार - बार, 
कनखियों से तेरा वही चेहरा पढ़ती हर बार 
रोकती हूँ आँखों में,
बरबस गिरने नहीं देती ..
बूंदों से मर्म ख्यालों को 
मिटने नहीं देती 
जाने सीने में तब क्या सुलगता है ...?
मन ..बहुत दुखता है 

साभार / सुमन दुबे 

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तुमको आना ही होगा.

साभार 

हे पालनहार ! 
जगत के राखनहार !
हे कान्हा ! हे बंसीधर !
तुझे आना ही होगा ,
पापों से जलती धरा को, 
अपनी शीतलता से मुक्त करने, 
हे पुरुषोत्तम ! हे विश्वरूप !
तुमको आना ही होगा.

साभार 

हे पालनहार ! 
जगत के राखनहार !
हे कान्हा ! हे बंसीधर !
तुझे आना ही होगा ,
पापों से जलती धरा को, 
अपनी शीतलता से मुक्त करने, 
हे पुरुषोत्तम ! हे विश्वरूप !
तुमको आना ही होगा.

साभार 

आज गली गली में शोर है ,
जिधर देखो उधर भ्रष्टाचार का ज़ोर है, 
बेटी असहाय पांचाली बन ,
रक्षा की गुहार लगाती है, 
क्या उसकी कारुणिक पुकार, 
तुम्हारा दिल नहीं भेद पाती है ,
उस मासूम की लाज बचाने, 
तुमको आना ही होगा.


आज चारों ओर यमराज 
अपनी दहकती आँखों से विराजते हैं 
इन कलयुगी कंसों से बचाने 
हे कान्हा ! तुझे आना ही होगा ,
अपने भक्तों के कष्टों को हरने, 
फैली स्वार्थ भरी कट्टरता को मिटाने 
एक दूसरे के बीच खाई को पाटने ,
हे दयानिधि ! हे ज्ञानेश्वर !
तुझे आना ही होगा.

साभार 

मैत्री की राह बताने 
सबको सुमार्ग पर लाने 
सौभाग्य मनुज का बचाने 
हे ज्योतिरादित्य ! हे वासुदेव !
तुमको आना ही होगा ,
हर आंख बेबस हो ,
राह तेरी ही तकती है 
फंसे कालचक्र से मुक्त करने 
इस जग मंदिर में रक्षक बन 
हे परम पुरुष ! हे सर्वपालक !
तुमको आना ही होगा.


साक्षी है इतिहास यहाँ 
सनातन हो तुम जहाँ 
समाज में फैली विद्रूपता को 
मिटाने सहस्त्रपात के रूप में 
हे मुरारी ! त्रिविक्रम !
हे वासुदेव ! हे सुमेघ !
स्वर्गपति ! हे उपेंद्र !
फिर से आना ही होगा 
तुझे आना ही होगा.

रेनू शब्द मुखर 
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कारगिल विजय दिवस 

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तारे जमीन पर : सम्पादकीय गद्य : कहानी : संग्रह : पृष्ठ : ६  
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संपादन.
नीलम पांडेय / वाराणसी  

कथा : शब्द : चित्र 


तुम आने का मौका ढूंढ़ लेना 
हम रोकने के बहाने तैयार रखेंगे 
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आज का समाचार : हिंदी अनुभाग.कला  विशेषांक.पृष्ठ : ७: 
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संपादन.

 

डॉ. सुनीता रंजीता प्रिया.
नैनीताल.डेस्क  
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   दिल्ली  / आ / सा / स  / ७ / ० /० .
   समाचार : प्रवीण सैनी / मेरठ.
 
मुजफ्फरनगर के निर्देशन में १० वा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के संबंध में हुई विभिन्न प्रतियोगिताएं.
रंगोली , चित्रकला,निबंध लेखन तथा स्लोगन प्रतियोगिता में भाग लेते प्रतिभागी.

 
रंगोली,चित्रकला,निबंध लेखन तथा स्लोगन प्रतियोगिता में भाग लेते प्रतिभागी : फोटो : प्रवीण 

मुजफ्फर नगर / संवाद सूत्र । मुख्य विकास अधिकारी, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी तथा जिला विद्यालय निरीक्षक मुजफ्फरनगर के निर्देशन में दसवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के संबंध में हुई विभिन्न प्रतियोगिताएं।
उपर्युक्त विषयक राष्ट्रीय मुख्यालय नई दिल्ली के पत्राक संख्या १०१ / २०२४  दिनांक २०/ ५ / २०२४ के अनुपालन में  दसवां अंतर्राष्ट्रीय योगा दिवस के उपलक्ष में आज १८ जून २०२४ को  डी ए वी इण्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
जिसमे प्रमुख रूप से रंगोली,चित्रकला,निबंध लेखन तथा स्लोगन प्रतियोगिता आयोजित की गई।
प्रतियोगिता का उदघाटन श्री विनय यादव प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक मुजफ्फरनगर, आशीष दुबे जिला समन्वयक डी ए वी इण्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर के प्रधानाचार्य श्री सुनील कुमार शर्मा, वैदिक पुत्री कन्या इन्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर की प्रधानाचार्य डॉक्टर राजेश कुमारी आयुर्वेद विभाग से चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर वरुण चौधरी,डॉक्टर अर्जुन सिंह,डॉक्टर साक्षी चौहान,डॉक्टर नीति अग्रवाल, डॉक्टर शिप्रा सिंह, डॉक्टर कंचन प्रभा ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया।
योग की महत्ता की महत्ता बताते हुए चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर वरुण चौधरी  ने कहा कि आजकल की जीवन शैली में गलत खान पान आलस्य, अत्यधिक व्यस्तता के कारण अपने स्वास्थ्य के लिए समय नहीं दे पा रहे हैं परिणामस्वरूप हम बीमार हो रहे है। इस परिस्थिति में योग ही ऐसा माध्यम है कि जो हमे स्वस्थ रख सकता है।
कार्यक्रम का सफल संयोजन  चित्रकला प्रवक्ता प्रवीण कुमार सैनी ने किया। निर्णायक की भूमिका का निर्वहन  राजबल सैनी,तथा डॉक्टर अर्जुन सिंह ने किया।
रंगोली प्रतियोगिता का परिणाम  जैन कन्या इन्टर कॉलेज शहर द्वारा सामूहिक रंगोली प्रतियोगिता में वैष्णवी कश्यप तपस्या ,ईशा पाल,राधिका ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
डी ए वी इन्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर द्वारा बनाई गई सामूहिक रंगोली में द्वितीय स्थान  जिसमे पायल सैनी,स्नेहा,अब्दुल रहमान,तेजस,ईशा पाल तथा इकरा सैफी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया चित्रकला प्रतियोगिता का परिणाम प्रथम श्रुति १२ शारदेन पब्लिक स्कूल द्वितीय  रुद्राक्ष सोहानिया ११ डी ए वी इण्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर तृतीय स्थान मोहम्मद तालिब ११ तथा छवि कोलियान ९ ए डी ए वी इण्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर सांत्वना कृष्णा ११ आई डी ए वी इण्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर महिमा प्रजापति ९ एस डी कन्या इन्टर कॉलेज गांधी कालोनी मुजफ्फरनगर स्लोगन प्रतियोगिता का परिणाम प्रथम।  कु प्रांजल सिंह  शारदेन पब्लिक स्कूल  द्वितीय  इकरा सैफी ११ डी ए वी इन्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर तृतीय अनम  १२ शिक्षा सदन कन्या इन्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर 
निबन्ध प्रतियोगिता का परिणाम निम्न प्रकार रहा प्रथम वंशिका पाल कक्षा ११ वैदिक पुत्री कन्या इन्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर द्वितीय माही अरोरा कक्षा १० शारदेन पब्लिक स्कूल मुजफ्फरनगर तृतीय  अनम कक्षा १२ शिक्षा सदन कन्या इन्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर  सांत्वना  प्राजंल सिंह शारदेन पब्लिक स्कूल ने प्राप्त किया।
समस्त गतिविधियों के प्रभारी राजकीय इण्टर कालेज महलकी के प्रधानाचार्य श्री प्रमोद कुमार   द्वारा समस्त अतिथियों एवं प्रतिभागियों का अभिनंदन करते हुए योग का महत्व समझाया गया।
इस अवसर पर सुचित्रा सैनी,साक्षी देशवाल,सत्यकाम तोमर, आयुष विभाग से डॉक्टर वरुण चौधरी, शनि सिंह, डॉक्टर अर्जुन सिंह  डॉक्टर शिप्रा सिंह, डॉक्टर दीपा सिंह ,मंजू रानी,  जैन कन्या इन्टर कॉलेज शहर  ऋतु देशवाल ( शारदेन स्कूल ) 
राशि त्यागी ,कविता कश्यप,बबली कौर,मोहिब हसन,अरुण कुमार,नरेश सैनी आदि का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम के पश्चात प्रधानाचार्य श्री सुनील कुमार शर्मा ने सभी आगुंतको का आभार प्रकट किया।
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   दिल्ली  / आ / सा / स  / ७ / ० / १ .

  नई दिल्ली स्थित कलाविथि आर्ट गैलरी में हुई सामूहिक चित्रकला प्रदर्शनी.
 जिसका विषय  था एक सनातन दृष्टि.   
ए सनातनी व्यू कंटेम्पररी आर्ट एक्सबिशन सामूहिक चित्रकला प्रदर्शनी : फोटो प्रवीण 

समाचार : प्रवीण कुमार सैनी : कला संवाददाता. मेरठ. 

संवाद सूत्र : मेरठ। आज दिनांक २४ फरवरी २०२४  को  सम्पूर्ण भारत से चयनित चित्रकारों की एक सामूहिक चित्रकला प्रदर्शनी ए सनातनी व्यू कंटेम्पररी आर्ट एक्सबिशन का आयोजन किया गया। जिसका उदघाटन परिधि आर्ट ग्रुप के अध्यक्ष श्री निर्मल रतन लाल वैद, तथा डी ए वी इन्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर के कला प्रवक्ता प्रवीण कुमार सैनी, ने संयुक्त रूप से किया। 
आर्ट गैलरी के अध्यक्ष श्री विनीत खंडेलवाल ने कहा कि इस प्रदर्शनी में देशभर के चयनित चित्रकार ने प्रतिभाग किया है जिसमें दक्षिण भारत से लेकर उत्तर भारत तथा  पूर्व भारत से लेकर पश्चिमी भारत तक के लगभग 50 से अधिक चित्रकारों ने प्रतिभाग किया है।जिसमे मुजफ्फरनगर के प्रवीण सैनी की एक्रेलिक में बनाई कृति  अहमब्रह्म आकर्षण का केन्द्र  रही। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अनस सुल्तान द्वारा हनुमान,तथा श्रीकृष्ण ने सबका मन मोह लिया। 
जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि *  परिधि आर्ट ग्रुप के अध्यक्ष श्री निर्मल रतन लाल वैद तथा प्रवीण कुमार सैनी ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
 इस अवसर पर निर्मल रतन लाल वैद  जी ने कहा कि कला जीवन का मूल आधार है। कला के बिना जीवन अधूरा है।  एक अन्य चित्रकार सतीश  के द्वारा बनाए गए पर्वतीय  दृश्य चित्रों की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए विनीत खड़ेलवाल जी ने  उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
कलाविथिका आर्ट गैलरी के अध्यक्ष विनीत खंडेलवाल  ने कला में भविष्य विषय पर चर्चा की और कहा कि कला जीवन भर चलने वाली ऐसी प्रक्रिया है जो निरन्तर चलती रहती है हम कही न कहीं कला से जुड़े रहते हैं ।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए कला प्रवक्ता प्रवीण कुमार सैनी ने कहा कि कला को निरन्तर अभ्यास तथा उचित मार्ग दर्शन से से ही निखारा जा सकता है।
 इस अवसर पर जालंधर पंजाब के  हरीश वर्मा,  मुस्कान शर्मा, मनोज जोशी,अभिमन्यु, सयेश विश्वकर्मा, रानी प्रसाद,लक्ष्मण कुमार, राजपाल कालिया,मनीषा मनोचा, राजेश रावत,नीलू शर्मा, अजय कुमार, सागर कल्याण , संसेई राय, संस्थापक विजन इंडिया 2032 , अमन शर्मा,आदि उपस्थित रहे।

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 दिल्ली  / आ / सा / स  / ७ / ० / २ .

डीएवी कैंट एरिया में गया इन्टैक चैप्टर के द्वारा

स्थानीय विरासत कला पर वर्कशॉप का आयोजन

डीएवी कैंट एरिया गया : इन्टैक चैप्टर द्वारा स्थानीय विरासत कला पर वर्कशॉप का आयोजन : मीडिया

संवाद सूत्र : गया : आज शहर के डीएवी कैंट एरिया में गया इन्टैक चैप्टर के द्वारा स्थानीय विरासत कला पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया जिसमें डीएवी कैंट एरिया सक्रिय योगदान रहा। इस कार्यक्रम का भारतीय मूर्ति निर्माण कला खास करके खासकर काष्ठ कलाकारिता,जिसमें भगवान बुद्ध की मूर्ति का निर्माण पर विशेष फोकस रहा।
कार्यक्रम में उद्घाटन भाषण देते हुए विद्यालय की प्राचार्य सुश्री अंजलि ने स्पष्ट किया भारतीय सांस्कृतिक निधि का यह कार्यक्रम बच्चों में कला संस्कृति की भाव को जागृत करने में अहम योगदान दे रहा है। ऐसे कार्यक्रम के माध्यम से बच्चे सहज भाव में बहुत कुछ सीख जाते हैं और यह मेरा सौभाग्य है कि गया इन्टैक चैप्टर का सहयोग हमेशा बना रहा है।
विषय प्रवेश करते हुए गया इन्टैक चैप्टर के कन्वीनर प्रो.मनीष सिन्हा ने उपस्थित छात्र-छात्राओं का स्वागत करते हुए स्पष्ट किया इन्टैक गया चैप्टर अन्य भारतीय चैप्टरों की भांति क्राफ्ट वर्कशॉप के आयोजन से भारतीय कला की पुरातन गौरवमयी संस्कृति को नई पीढ़ी तक स्थाई रूप से यह संदेश देना चाहता है यही हमारे भारत और भारतीयता की पहचान है।
को कन्वीनर डॉ.राकेश कुमार सिन्हा 'रवि' ने मगध की कलात्मक परंपरा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय कला के विविध आयाम हैं उस पर भी मगध क्षेत्र की कलाओं का एक अपना स्वर्णिम इतिहास रहा है।उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं को बताया भारतीय सांस्कृतिक निधि,गया अध्याय मागघी कला संस्कृति के शहर,उत्सव,और पारंपरिक विरासत खासकर लोक कला संवारने संजोगने की दिशा में विशेष पहल कर रहा है और उसी क्रम में क्राफ्ट वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में प्रशिक्षक के रूप में मूर्तिकार सुबोध कुमार रविदास उपस्थित रहे और अपने मूर्ति निर्माण प्रदर्शन के क्रम में छात्र-छात्राओं के सवाल का जवाब भी देते रहे। कार्यक्रम का संचालन म.वि.वि के प्राध्यापक सचिन मंदिलवार ने किया। इस कार्यक्रम में इन्टैक सदस्य राजेश कुमार ,नेहा कुमारी,अंजीत कुमार, कला शिक्षक अशोक कुमार सिन्हा,मनोज कुमार की उपस्थिति बनी रही।
अपने कौशल और प्रदर्शन के आधार पर तकरीबन १०० छात्र-छात्राओं के बीच उत्कृष्टता और विशिष्टता के आधार पर क्रमवार आठ प्रतिभागियों का चयन किया गया जिनके नाम सूर्य आनंद,सुयश कौशिक,मीनाक्षी रंजन,राशि रानी, श्यामला हस्तीनी,भव्या, रजनीश राज, प्राची कुमारी। उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर इनकी शिल्प कलाकारिता का प्रदर्शन पटना और फिर दिल्ली किया जाना निर्धारित है। अंत में धन्यवाद ज्ञापन के साथ ही इस वर्कशॉप की समाप्ति की गई।
समाचार स्तंभ संपादन
अनीता सीमा / जब्बलपुर



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साहित्य विशेषांक. 
आज का समाचार : पृष्ठ : ८ :  हिंदी अनुभाग. 
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संपादन  : नीलम पांडेय. 
बि / आ / सा / स  / ४ /१. 

डॉ.मीरा श्रीवास्तव की  ' पत्थर पर उकेरी इबारत ' किताब का हुआ विमोचन. 

 ' पत्थर पर उकेरी इबारत ' किताब का विमोचन : फोटो : डॉ. आर. के. दुबे.  

पटना : सा / स. आज संध्या काल में वुद्धिजीवियों का जमावड़ा पटना के पूर्वी गाँधी मैदान स्थित खादी ग्रामोद्योग भवन,  लगा हुआ था। साहित्यकारों के जमघट में मैं भी उपस्थित था। 
देशज पत्रिका के तत्वावधान में डॉ. मीरा श्रीवास्तव, वर्तमान लेखिका तथा पूर्व प्राचार्या की सद्य: प्रकाशित पुस्तक ' पत्थर पर उकेरी इबारत ' का आज दिनांक २९.०७ .२०२३ को खादी ग्रामोद्योग, पुर्वी गांधी मैदान, पटना में संध्या पांच बजे विमोचन होना था ,जो हुआ ।
मंच संचालन का कार्य बिहार के जाने माने साहित्यकार अरुण सीतांश कर रहें थे। 
इस अवसर पर विभिन्न साहित्यकार यथा डॉ. आर. के. दुबे , डॉ. रामवचन राय, श्री भगवती प्रसाद द्विवेदी, श्री अरविंद कुमार एवं सैकड़ों पटना के तथा पटना के बाहर के भी बुद्धिजीवियों की उपस्थिति रही।
आपके लिए समस्त मीडिया परिवार गौरवान्नवित है। विदुषी मार्गदर्शिका और डी.ए, वी. की पूर्व प्राचार्या डा.मीरा श्रीवास्तव के उज्ज्वल भविष्य का आकांक्षी है। मीडिया परिवार की ओर से इस परिवार में जुड़े रहने के निमित आपका हार्दिक स्वागत है, और हम सभी आपका अभिनंदन भी करते है ।
और ऐसी आशा करते है कि ' पत्थर पर उकेरी इबारत ' आपकी ही नहीं सब की पसंद होगी।


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संगीत विशेषांक. 
आज का समाचार : पृष्ठ : ९ :  हिंदी अनुभाग. 
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संपादन। 
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बि / आ / क  / स  / 

 वो शाम भी कुछ अजीब थी सुरीली, नशीली,मदमस्त..

 
पटना  /  जून २०२३  में यारों जो शाम  मुझे नसीब हुई, वैसी सब को हो भगवान से यही मेरी प्रार्थना है। संगीतमय , सुरीली, नशीली,मदमस्त । राजीव जी ने जैसे ही सूचना दी कि आज शाम ' सफर २०२३ ' के बैनर तले गीत, ग़ज़ल और भजन का उनका कार्यक्रम है तो मैं अपने सारे अन्य व्यस्तताओं  को स्थगित कर ठीक पांच बज कर साठ मिनट पर पटना स्थित ' स्मार्ट सिटी ' पहुंच गया। 
हां पहुंचने में थोड़ा पसीना बहाना और शारीरिक रूप से थकना पड़ा। पर जैसे ही बिहार के 'अनूप जलोटा ' और संगीत के दुनिया के नामचीन हस्ती राजीव जी से मुलाकात हुई तो लगा कि संगीत ही पुरा का पुरा मिल गया। 
पसीना सुख गया,थकान दूर हो गई और मैं अपने को तरोताजा महसूस करने लगा।
मित्रों दरअसल संगीत में वह शक्ति है कि हमारा ध्यान किसी एक ओर केन्द्रित हो जाता है संगीत हमारे नकारात्मक भावनाओं को सकारात्मकता प्रदान करता है। व्यक्ति का मन चाहे कितना भी उदास क्यों न हो अगर उसे अपना मनभावन गायक और उसकी गायकी मिल जाए तो वह अपनी सारी इजतेराबी और अजिय्यत भूल जाता है। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। राजीव बिहार ही नहीं बल्कि पुरे देश में अपने मखमली आवाज में ग़ज़ल, गीत एवं भजन गायन के लिए जाने जाते हैं। मुझे तो आज उनका संग और उनके स्वर लहरियों पर प्लावित होने का अवसर दोनों मिला तो मैं अपने को धन्य और सम्मानित महसूस कर रहा था। उस अवसर की कुछ तस्वीरें मैंने उपर में साझा की है। इस कार्यक्रम में राजीव जी ने मेरी भी ग़ज़ल "ये दिल और उनकी निगाहें न होती उलफत में सारी उम्र गुजारी न होती।" को गाया। ये यूट्यूब पर भी उपलब्ध है।

डॉ. आर. के. दूबे.
संपादक


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आओ घर घर तिरंगा लहराएं 

 

संकलन : रंजीता 
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     कल  के : समाचार. पृष्ठ : १०  . 
कला विशेषांक. 
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समाचार संपादक 


रंजना.नई दिल्ली.
          स्वतंत्र लेखिका.हिंदुस्तान           
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हिंदी अनुभाग.
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कला /  समाचार / ११  / ० 
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उ  / आ / क  / स  / १०  / ० / ०  . 
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 मनाया गया एस डी महाविद्यालय  मुजफ्फरनगर में मीरा आर्य मात्र शक्ति सम्मेलन ,
 

वीरांगनाओं के सुन्दर चित्रों तथा पेंटिंग का प्रदर्शन : फोटो : 
प्रवीण / मेरठ.

प्रवीण / मेरठ./ क. स.  इस कार्यक्रम के उपलक्ष्य में संस्कार भारती मेरठ प्रान्त के बाल चित्रकारों ने चित्रकला प्रदर्शनी तथा कार्यशाला  का आयोजन किया गया । बताते चले आज  अक्तूबर महीने २०२३  को नीरा आर्य मात्र शक्ति सम्मेलन के उपलक्ष्य में कक्षा ९  से ११ तक छात्र छात्राओं द्वारा भारत पर न्योछावर होने वाली  वीरांगनाओं के सुन्दर चित्रों तथा पेंटिंग का प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में 
चित्रकला प्रदर्शनी ,तथा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमे प्रतिभागियों ने अपनी तूलिका से परतंत्र भारत को स्वतंत्र बनाने में महत्त्व भूमिका निभाने वाली वीरांगनाओं की सुन्दर सुन्दर कलाकृतियां प्रदर्शित की गई साथ की प्रदर्शनी स्थल पर लाइव पेंटिंग बनाई। जिसमे कक्षा दशम अ की नंदनी वर्मा ने स्व०  नीरा आर्य का लाइव पोर्ट्रेट को उकेरा।  नवम  बी के तेजस ने रानी लक्ष्मीबाई , नंदनी नवम ९ अ  की बाल चित्रकार नंदनी ने कित्तूर की रानी चेन्नमा की पेंटिंग बनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया । नवम ९ अ  की जोया ने अपनी पेंटिंग 
श्रीमती शारदा देवी का चित्र प्रदर्शित किए हर्षदीप ने अहिल्या बाई होलकर की कृति उकेरी। इस  प्रदर्शनी का संचालन करते हुए डी ए वी इण्टर कालेज मुजफ्फरनगर के कला प्रवक्ता प्रवीण कुमार सैनी ने बताया कि इस कार्यक्रम में  सभी बाल कलाकारो बड़ी तन्मयता के  साथ उत्साह के साथ ही विभिन्न वीरांगनाओं के चित्र प्रस्तुत किए  । जिसमे  तेजस, सरगम अरोरा, यशदीप, का कार्य बहुत ही सराहनीय रहा। प्रदर्शनी को सफल बनाने में डॉ अरुणा गर्ग ,श्रीमती सुनीता गौड़ नीता गोयल, संस्कार भारती मेरठ प्रान्त के उपाध्यक्ष महेंद्र आचार्य जी ,पूनम वर्मा रहा ,कार्यशाला का संचालन संस्कार भारती मेरठ प्रान्त के द्रश्यकला संयोजक प्रवीण कुमार सैनी ,ने बताया की संस्कार भारती सम्पूर्ण भारत में कला साहित्य  क्षेत्र में विभिन्न विधाओं के कार्यक्रम के माध्यम से जनजागरण करा रही है।

कला संवाददाता : प्रवीण कुमार सैनी
मेरठ। 

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कला / साहित्य समाचार / १०  / २. 

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत राष्ट्रीय कला शिविर का शुभारंभ : फोटो प्रवीण 

राष्ट्रीय कला शिविर आजादी का अमृत महोत्सव आरंभ.

बहजोई / प्रवीण कुमार सैनी. ५ अप्रैल, उत्तर प्रदेश राज्य कला अकादमी एवं उड़ान आर्टिस्ट ग्रुप बबराला के संयुक्त तत्वावधान में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत राष्ट्रीय कला शिविर का शुभारंभ बहजोई के डीएम श्री संजीव रंजन के मुख्य आतिथ्य  व पुलिस अधीक्षक श्री चक्रेश मिश्रा के सानिध्य में चंदोसी रोड़ स्थित डीएम आवास पर किया गया। 
उड़ान आर्टिस्ट ग्रुप बबराला की संचालिका ममता राजपूत ने बताया कि शिविर का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के साथ किया गया। ग्रुप के सदस्यों ने अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया।  इस शिविर में उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त राजस्थान, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात के साथ ही पड़ौसी देश नेपाल के लुंबिनी विश्व शांति मंच के कलाकार भी अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश ललित कला अकादमी के सदस्य प्रवीण सैनी के अनुसार भारत की आज़ादी के ७५ साल होने पर आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस शिविर में उतर प्रदेश के प्रवीण सैनी, अनुपम राघव, एल्फी कुमारी, कृपाशंकर अयोध्या, अनुपूर्णा पाठक, श्रीपाल सिंह, महेंद्र, नवनीत, ह्रदयेश, पारस, राजस्थान के बिरदीचन्द मालाकार (सैनी), राजेश कुमार शर्मा, मुकेश कुमार कुमावत, गुलाब कुमावत, डॉ अंचल अरविंद,  सुन्दर काठात, पिंकू, मुम्बई के तरूणेश शर्मा, गुजरात के फ्रांसीस जान डेविड, नेपाल के वासु गौतम, नरबहादुर विश्वकर्मा, दामोदर बराल, दीपक मेहला, प्रीतम थापा, दिनेश्वर मेहतो, सरोज मेहतो सहित अन्य कलाकार अपनी अपनी शैली में आजादी के उत्सव को प्रदर्शित कर रहे हैं। 
यह कला शिविर १६ अप्रैल तक चलेगा तथा नगर के कलाकारों एवं कला में अभिरुचि रखने वाले दर्शकों के अवलोकन के लिए खुला रहेगा। कार्यक्रम का संचालन उत्तर प्रदेश राज्य कला अकादमी के प्रवीण सैनी व उड़ान आर्टिस्ट ग्रुप की संचालिका ममता राजपूत ने किया। 

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कला / साहित्य समाचार / १०  / ३   

मंजीत कौर नई दिल्ली की एक कृति 

मुज़फ्फरनगर में कला के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए. 

मेरठ / प्रवीण कुमार सैनी. आज  दिनांक ३ अप्रैल २०२२  को राष्ट्र सेविका समिति ,सेवा भारती,संस्कार भारती लक्ष्मीनगर  मेरठ प्रान्त द्वारा भारतीय नववर्ष महोत्सव २०७९ के उपलक्ष्य में भागवन्ती कन्या इण्टर कॉलेज नई मंडी मुज़फ्फरनगर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गए। जिसमें  चित्रकला प्रतियोगिता ,बधाई पत्र व सस्कृति ज्ञान प्रतियोगिता तथा  चित्रकला कार्यशाला, सांस्कृतिक कार्यक्रम  का अति मनभावन आयोजन किया गया, जिसमें  नगर के अतिरिक्त दिल्ली, मेरठ, उड़ीसा के कलाकारों द्वारा दर्शनीय प्रस्तुति की गयी। 
चित्रकला प्रतियोगिता के प्रथम वर्ग में प्रथम अदिति कश्यप, द्वितीय ज्येष्ठी वर्मा , तृतीय सुरभी, सांत्वना
अवनि, मानसी  द्वितीय वर्ग ९ से १२  तक में सागर कल्याण प्रथम , द्वितीय शौर्य त्यागी , तृतीय मानशी पाल ,सांत्वना ,आयुषी सैनी ,विवेक, कार्तिक  तथा स्नातक व स्नातकोत्तर में प्रथम अनमोल सोनी द्वितीय, रितिका शर्मा, तृतीय काजल रानी सांत्वना अंशिका,आँचल, सादिका ने स्थान हासिल किया । संस्कृति ज्ञान परीक्षा, योग प्रदर्शन, चित्रकला रूप सज्जा प्रतियोगिता, व सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये गये थे ।इस अवसर पर डॉ प्रिंस राज ,मेरठ ,पारुल मित्तल , विवेक मित्तल ,दिल्ली, मनजीत कौर, नई दिल्ली, प्रवीण कुमार सैनी ,मयंक सैनी,मुजफ्फरनगर, अरुण  मेरठ आदि ने केनवास पर पेंटिंग  कर सबका मन मोह लिया। 
कार्यक्रम को सफल बनाने में  डॉ रजनीश कुमार, नीति अग्रवाल, मंजू माहेश्वरी ,मनोज वर्मा ,डॉ अमित कुमार ,ललित अग्रवाल,मनीष मित्तल, रमेश साई, कीर्तिवर्धन,अंशु गर्ग, नीलम अरोरा,आशीष मिश्रा जी,सीमा तायल जी,वनिता गर्ग, रागिनि गर्ग,प्रीति गुप्ता जी ,सुदेश जी,अर्चना सिंहजी, डॉ नीतू वशिष्ट, डॉ पंकज वशिष्ठ, मीरा शर्मा ,सुचित्रा सैनी, सुनीता गौड़ जी , स्फूर्ति कौशिक  का सहयोग सराहनीय  रहा। अंत में भागवन्ती विद्यालय की प्रधानाचार्या सीमा गोयल जी ने सभी का दिल से आभार व्यक्त किया ।

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कला / साहित्य समाचार / १० / ४ 
   
विभाजन विभीषिका स्मृतिदिवस ' चित्र प्रदर्शनी.

सी बी एस सी नई दिल्ली के द्वारा निर्देश के तत्वावधान में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर आधारित  चित्र प्रदर्शनी : फोटो संतोष. 
 
नालंदा  / संवाद सूत्र . सी बी एस सी नई दिल्ली के द्वारा निर्देश के तत्वावधान में १० से १४ अगस्त तक विभाजन की विभीषिका स्मृतिदिवस पर छाया चित्र प्रदर्शनी का आयोजन सी बी एस सी  के विभिन्न स्कूलों में होना था। इसका एकमात्र उद्देश्य लोगों में अपने राष्ट्र के प्रति प्रेम और इतिहास गत स्वतंत्रता के प्रति जागरूक बनाया जा सके। इसी सिलसिले में  अन्य विद्यालयों की तरह दिनांक १३ अगस्त को डी० ए० वी० पब्लिक स्कूल, पावरग्रिड कैंपस, बिहार शरीफ में भी विद्यालय के प्राचार्य, शिक्षकों की कुशल देखरेख व संयोजन में  विभाजन की विभीषिका स्मृतिदिवस पर छाया चित्र प्रदर्शनी का अभूतपूर्व आयोजन किया गया, जिसमें विभाजन से सम्बंधित मार्मिक तथा दिल छू लेने वाली तस्वीरों का जानदार प्रदर्शन किया गया था । 
इसमें विद्यालय के शिक्षक, शिक्षिकाओं एवं बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए इतिहास से रु ब रु हुए। कार्यक्रम का मुख्य उददेश्य राष्ट्र के विभाजन के कारण अपनी जान गवाने वाले तथा जड़ों से विस्थापित होने वाले सभी लोगों के प्रति एक विनम्र श्रद्धांजलि व्यक्त करना था । इस उक्त उल्लेखनीय प्रदर्शनी की मुक्त कंठ से सर्वत्र सराहना की गई। 
 
विद्यालय के प्राचार्य  ने जानकारी देते हुए कहा कि हमें विभाजन की विभीषिका को कदापि नहीं भूलना  चाहिए और देश की एकता व अखंडता की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए । यह हमारा मूलभूत नागरिक कर्तव्य है । इसके साथ ही विभाजन विभीषिका स्मृतिदिवस ' चित्र प्रदर्शनी के द्वारा समाज से भेद - भाव वैमनस्यता एवं दुर्भावना के जहर को दूर कर एकता सामाजिक सदभाव एवं मानव सशक्तीकरण की भावना को मजबूत करना भी था । 
इस प्रदर्शनी को देखने हेतू विद्यालय के आस - पास के विद्यालयों  को शिक्षक एवं छात्र को आमंत्रित किया गया था। आने वाले अतिथियों को इस प्रदर्शनी का विवरण एवं उदेश्यों की जानकारी विद्यालय के सामाजिक विज्ञान के शिक्षक शिक्षिकाओं  दे रहें थे। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आए विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज़ कर  देखने के लिए और इस छाया चित्र प्रदर्शनी की मुक्तकंठ से भूरि भूरि प्रशंसा की। और सच में बच्चे इस सन १९४७ के आस पास  विभाजन की विभीषिका स्मृतिदिवस पर ऐतिहासिक छाया चित्र प्रदर्शनी देख अत्यधिक लाभान्वित हुए।  

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   कल  के : समाचार. पृष्ठ : ११ . 
साहित्य विशेषांक. 
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समाचार संपादक.
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कारगिल विजय दिवस पर विशेष 
नीलम पांडेय / वाराणसी 
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कल  के : समाचार. पृष्ठ : १२ . 
संगीत  विशेषांक. 
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संगीत दिवस ( २० जून ) पर विशेष. 
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संगीत की सेवा में समर्पित आचार्य हरीश चन्द्र पंत  संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की राष्ट्रीय सीनियर फेलोशिप से सम्मांनित  

हल्द्वानी। २१ फरवरी १९५१ में नैनीताल में जन्मे स्वर संगम संगीत संस्थान हल्द्वानी के संस्थापक आचार्य हरीशचंद्र पंत ने जीवन के ५० सुनहरे वर्ष भारतीय संगीत की सेवा -साधना में अर्पण किये हैं। जीवन भर बिना शासकीय लाभ के भारतीय संगीत के विधिवत प्रशिक्षण, प्रचार - प्रसार हेतु सेवारत आचार्य हरीश चन्द्र पंत को १४ वर्ष पूर्व २००८ - २००९ में कला संस्कृति के क्षेत्र में विशिष्ट व्यक्तियों को संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली राष्ट्रीय सीनियर फैलोशिप अवार्ड हो चुकी है।
१९७१ - ७२ में एम.बी.पी.जी.हल्द्वानी में अध्ययन के समय संगीत के प्रति अत्यंत श्रद्धा-लगन होने पर देश दुनिया में  प्रसिद्ध भातखण्डे हिन्दुस्तानी महाविद्यालय लखनऊ में प्रवेश प्राप्त कर श्रेष्ठ गुरुजनों स्व.प्रोफेसर दाउजी गोस्वामी, स्व. प्रोफेसर जी.सी. नंदी व विदुषी श्रीमती स्वागता घोष ( शिष्या : स्व.पं. जी.एन. गोस्वामी व पद्मभूषण डा. एन. राजम ) के श्री चरणों में  बैठ कर भारतीय संगीत की साधना हेतु प्रेरित हुए और शीध्र ही भातखण्डे वृंद वादन दल के युवा बांसुरी वादक के रूप में प्रतिष्ठित हुए। भातखण्डे संगीत महाविद्यालय लखनऊ के सांस्कृतिक दल के कलाकारों के साथ राजभवन, रवीन्द्रालय में आयोजित संगीत उत्सवों, लखनऊ महोत्सव, सुर पंचशती समारोह आदि में बांसुरी व वायलिन वादन प्रस्तुति का अवसर प्राप्त हुआ।  प्रोफेसर डा. पूर्णिमा पांडे ( पूर्व वी.सी .भातखण्डे वि.वि.) व प्रोफेसर गुरु बनमाली सिन्हा की तत्कालीन सांगीतिक परिकल्पनाओं के अन्तर्गत लखनऊ टीवी, आकाश - वाणी, लारेटो कान्वेंट, के.जी.एम.सी. बीरबल साहनी, इंस्टीट्यूट,आर्टस कालेज ,जी.बी.पंत यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रमों में बांसुरी व वायलिन वादन की प्रस्तुतियों से सहयोग किया। भातखण्डे से विशारद व निपुण उपाधियां प्रथम श्रेणी में प्राप्त आचार्य पंत ने कुमांऊँनी कला केन्द्र महानगर लखनऊ के लोक संगीत उत्सवों , लोक नृत्य नाटिकाओं जिनमें कुछ का आयोजन उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी के तत्वावधान  में हुआ मालूशाही व  गोपियै हरुलि तथा कुमांऊँनी रामलीला में बांसुरी व वायलिन वादन तथा संगीत निर्देशन किया। कुमाऊंनी होली गायक स्व. श्री तारा प्रसाद पांडेय व उस्ताद अहमदजान थिरकवा के शिष्य तबला वादक स्व.श्री ललित मोहन जोशी के साथ आचार्य पंत को वायलिन वादन हेतू आमंत्रित किया जाता रहा। 
वर्ष १९८४ में  स्वर संगम संगीत संस्थान हीरानगर हल्द्वानी की स्थापना कर आचार्य हरीशचंद्र पंत ने भातखण्डे संगीत विद्यापीठ लखनऊ से सम्बद्ध  इस संस्थान के माध्यम से कुमाऊं क्षेत्र की बाल युवा प्रतिभाओं को गायन, सितार, सरोद, वायलिन, मोहनवीणा, बांसुरी, गिटार, तबला व कथक नृत्य में विधिवत् प्रशिक्षण प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त किया। जिसमें मैहर व लखनऊ घराने के संगीताचार्यों का अमूल्य सहयोग आचार्य पंत को मिला। कुछ वर्षों में ही स्वर संगम हल्द्धानी उत्तर भारत के प्रमुख कला संस्थानों में गिना जाने लगा और विदेशी कलाकारों को भी स्वर संगम संगीत संस्थान में संगीत सीखने हेतु स्टडी बीजा भारत सरकार ने प्रदान किया। संस्थान से अब तक २००० से अधिक गायन ,वादन व नृत्य के कलाकारों ने विशारद अथवा निपुण की उपाधि प्राप्त की है। 
अपेक्षित अर्हता प्राप्त कर  स्वर संगम के प्रशिक्षित प्रतिभावान कलाकार डिग्री कालेज, वि.वि., जीआईसी, जीजीआईसी,नवोदय व पब्लिक स्कूलों के संगीत विभाग में नियुक्त हुए हैं। उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी की प्रादेशिक प्रतियोगिताओं में गायन, सितार, सरोद,वायलिन, मोहनवीणा, बांंसुरी,तबला व कथक नृत्य में २७  अकादमी पुरस्कार, सीसीआरटी भारत सरकार की ७ राष्ट्रीय छात्रवृत्ति,  संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की ३ युवा छात्रवृत्ति और २ राष्ट्रीय फैलोशिप अवार्ड प्राप्त स्वर संगम  हल्द्वानी को उत्तराखंड के एकमात्र संगीत संस्थान के रूप में स्थापित करने में आचार्य पंत की महती भूमिका रही। भारत सरकार के अतिरिक्त जैमिनी अकादमी हरियाणा ने आपको बीसवीं शताब्दी रत्न, जी.बी.पंत वि.वि.द्वारा राष्ट्र निर्माण में विशिष्ट योगदान हेतु सम्मान, महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय हल्द्वानी द्वारा "संगीत भूषण "सम्मान गीता जयंती २०१८ के अवसर पर प्रदान किया गया। उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी  द्वारा आचार्य पंत को यूनिट- राईटर, आकशवाणी महानिदेशक द्वारा आपको मैम्बर आडीशन बोर्ड ( शास्त्रीय संगीत ), जी.बी.पंत वि.वि.  व उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी द्वारा प्रादेशिक संगीत प्रतियोगिता हेतु वाद्य- एक्सपर्ट ,भातखण्डे डीम्ड वि.वि. लखनऊ द्वारा आपको पेपर सैटर व परीक्षक तथा भातखण्डे संगीत विद्यापीठ लखनऊ द्वारा  आपको वाद्य परीक्षक नियुक्त किया जाता रहा है। आचार्य हरीश चंद्र पंत  सम्प्रति  स्वर संगम संगीत संस्थान हल्द्वानी में
बाल -युवा संगीत प्रतिभाओं को तराशने व बीबीसी लंदन के पूर्व समाचार वाचक ललित मोहन जोशी (लंदन) की  कुमाऊँनी कवियों व पलायन पर आधारित फिल्म "अंग्वाल" का संगीत निर्देशन का दायित्व निर्वहन कर रहे हैं। 
रवि शंकर शर्मा 
संपादक

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 : फोटो दीर्घा :  हिंदी अनुभाग : फोटो दीर्घा : अतुलनीय भारत : पृष्ठ १३  :  
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संपादन 

 

' शक्ति ' भारती 
नैनीताल 

बदरा छाय के झूमें आया सावन झूम के हो आया सावन : फोटो : स्मिता 
खिलते है ये फूल यहाँ खिल के बिखरने को : कमल ताल : फोटो : रेनू शब्द मुखर 

यहीं वो जगह है यही पर आप हमसे मिले थे 
रानी खेत  : फोटो : कोलाज : डॉ. सुनीता रंजीता  प्रिया 
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कला और साहित्य विशेषांक. समाचार - २ .

हमारे ब्लॉग संपादक रवि शर्मा अवार्ड लेते हुए 

सहयोग 

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कला दीर्घा : हिंदी अनुभाग : पृष्ठ : १४.
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संपादन.


 अनुभूति रंजीता 
शिमला. 
एकता : की शक्ति   की अनुभूति : कलाकृति : मंजीत : चंडीगढ़ 
जल ही जीवन है : कला कृति : 

ए पर्वतों के दायरे ये शाम का धुआं : हिमालय की गोद में : कला : प्रवीण सैनी : मेरठ. 

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आपने कहा : चलते चलते : शॉर्ट रील लघु फिल्में : पृष्ठ १५ . 
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संपादन.


शक्ति रंजीता मीना सिंह 
मुक्तेश्वर नैनीताल

 लघु फिल्म : अज्ञात. 


सिंदूरी सिंदूरी आँगन ..पंख भवरें भी करते हैं गुंजन 
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Comments

  1. It is a. nice beginning. Thanks a lot MS Media Team

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  2. Really the thoughts written in Jeevan Surabhi & Mujhe Bhi Kuchch Kahna Hai,are too much meaningful

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  3. मुझे यह ब्लॉग पढ़ना बहुत अच्छा लगा। मैं चाहता हूं कि इस तरह की पठन-पाठन की सामग्री हमेशा प्रकाशित होती रहें। मीडिया टीम को इसके लिए साधुवाद।

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  4. मुझे ये ब्लॉग पढ़ना बहुत अच्छा लगता है। वाकई एक अच्छा प्रयास है

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