Talk of the Day : Art, Literature & Music.
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कृण्वन्तो विश्वमार्यम.
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Talk of the Day : Art & Literature of Our Town.
A Complete Cultural Art & Literature News Account.
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आवरण पृष्ठ : ० .
सम्पादकीय. पृष्ठ : २.
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सहयोग व स्व इच्छा की कड़ी.
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संरक्षिका.
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⭐.
डॉ. भावना.
उज्जैन. मध्य प्रदेश.
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प्रधान ⭐ संपादक
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डॉ. सुनीता रंजीता प्रिया .
नैनीताल डेस्क .
सीमा वाणी अनीता
कोलकोता डेस्क
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संयोजिका.
वनिता
शिमला .
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व्यव्यस्थापक
प्रधान संपादक
डॉ. मनीष कुमार सिन्हा.
चेयर मैन : इ.डी.आर.एफ / नई दिल्ली.
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संपादक ⭐ मंडल.
.
रवि शंकर शर्मा. संपादक.नैनीताल.
डॉ.नवीन जोशी.संपादक.नैनीताल.
मनोज पांडेय.संपादक.नैनीताल.
अनुपम चौहान.संपादक.लखनऊ .
डॉ.शैलेन्द्र कुमार सिंह.लेखक.रायपुर.
रणधीर : स्वतंत्र लेखक : स्तंभ कार : नैनीताल
रंजना : नई दिल्ली
नमिता सिंह : रानीखेत
रीता रानी : जमशेदपुर
डॉ. आर के दुबे : पटना
डॉ. मीरा श्रीवास्तवा : पूना
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ये मेरा गीत : जीवन संगीत : पृष्ठ : ३
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फिल्म : प्यार ही प्यार. १९६९.
सितारे : धर्मेंद्र, बैजंती माला.
गाना : मैं कहीं कवि न बन जाऊं तेरे प्यार में कविता.
गीत : हसरत जयपुरी. संगीत : शंकर जय किशन. गायक : रफ़ी.
गाना सुंनने व देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं.
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मेरी अनुभूति : मेरी शक्ति : कोलाज : पृष्ठ : ४ .
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संपादन.
रश्मि / कोलकोता.
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आकाश दीप : सम्पादकीय पद्ध संग्रह : सीपिकाएँ : पृष्ठ : ५
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संपादन.
रेनू शब्द मुखर
जयपुर .
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सीपिकाएँ
लघु कविता.
भूल गया सब कुछ.
भूल गया सब कुछ.
इस जिंदगी के तन्हां सफ़र में
चलते चलते,
अपना बजूद,
अपने मक़ाम,
अपने रास्तें भी.
तुम्हें याद करते करते ही,
गवां दी अपनी शेष यादें,.
इस जीवन संघर्ष के भंवर से,
माया छाया की भूल भुलैया में ,
जाऊं तो किधर जाऊं ?
अस्थिर,
परेशान ठहर गया हूँ मैं
लक्ष्य कैसे पाऊं ?
अंधेरे में, अकेले
छोड़ देना न इस तरह
भटकने के लिए,
मेरी आत्म शक्ति !
तुम हो कहीं भी
मेरे अन्तःमन में ,
मेरे आस पास
अब तो तुम से
संरक्षित हो कर ही
इस अंतहीन सफ़र के अंजाम,
तक पहुंचना है,
मुझे तेरे ही सहारे .
डॉ. मधुप.
पुनः सम्पादित : प्रिया दार्जलिंग
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मौसम है आशिकाना
सुनहरी ख्वाहिशें हृदय में लिए हुए ,
लम्बी सड़क पर चलते हुए
हल्की बारिश की बूंदें झम-झम,
बातों का सिलसिला निरंतर चलता.
हर मोड़ पर, हर कदम पर,
हम दोस्तों की हंसी की गूंज.
दिल में बातों का असीम समंदर,
और बस हम दोस्तों का साथ.
हवा में उड़ते सपनों की तरह,
हर एक पल को जीने की उमंग.
आंखों में चमक,चेहरे पर मुस्कान,
यही है मेरी ख्वाहिश,
यही है मेरा अरमान.
चाहे दिन ढले या रात हो जाए,
बस हम और हमारे अपने.
दुनिया की हर चिंता से दूर,
सिर्फ हम दोस्तों का साथ और बातें अनंत.
रेनू शब्द मुखर
जयपुर .
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सीपिकाएँ
बन जायेंगे इतिहास हम.
गर्व है मुझे असीम,
अपनी आत्म शक्तियों पर, कि
नेक राहें जीवन की
उन्होंने एक कर दी
हम सभी की.
चले थे अकेले अकेले हम सभी सफ़र में
मगर चौराहें पर मिल के हम सभी साथ हो गए.
आज मंजिल भी है,
कारवां भी है,
रोडें भी हैं,
इम्तिहान भी है.
मगर हम सभी के भीतर
सत्य ,न्याय और धर्म के फैसलें भी अटल हैं,
न... डरेंगे, न मिटेंगे,
न...झुकेंगे, न हटेंगे,
बन जायेंगे इस दुनियां के लिए
हम अमिट इतिहास,
देखों न, इसलिए तो हमारे पास
गुरु और गोविन्द भी साथ हो गए.
डॉ. सुनीता रंजीता प्रिया .
नैनीताल.
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सीपिकाएं.
जाने सीने में तब क्या सुलगता है ...?
हँसते हो
मुस्कुराते हो ,
मुझे इस कदर भूल जाते हो कि
इतने पास से भी,
चुपचाप गुजर जाते हो.
जाने मन में तब क्या टूटता है ...,?
हार जाता है इंतजार ..
तुम मिलते तक नहीं,
सुखद लम्हों में अपने ...
कभी ढूंढते तक नहीं,
सुनकर आर्त मन की पुकार भी
जब लौट कर आते नहीं हो,
जाने हाथों से तब क्या छूटता है..?
मन बहुत दुखता है.
एक ही पन्नें को पलटती बार - बार,
कनखियों से तेरा वही चेहरा पढ़ती हर बार
रोकती हूँ आँखों में,
बरबस गिरने नहीं देती ..
बूंदों से मर्म ख्यालों को
मिटने नहीं देती
जाने सीने में तब क्या सुलगता है ...?
मन ..बहुत दुखता है
साभार / सुमन दुबे
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तुमको आना ही होगा.
साभार
हे पालनहार !
जगत के राखनहार !
हे कान्हा ! हे बंसीधर !
तुझे आना ही होगा ,
पापों से जलती धरा को,
अपनी शीतलता से मुक्त करने,
हे पुरुषोत्तम ! हे विश्वरूप !
तुमको आना ही होगा.
साभार
हे पालनहार !
जगत के राखनहार !
हे कान्हा ! हे बंसीधर !
तुझे आना ही होगा ,
पापों से जलती धरा को,
अपनी शीतलता से मुक्त करने,
हे पुरुषोत्तम ! हे विश्वरूप !
तुमको आना ही होगा.
साभार |
आज गली गली में शोर है ,
जिधर देखो उधर भ्रष्टाचार का ज़ोर है,
बेटी असहाय पांचाली बन ,
रक्षा की गुहार लगाती है,
क्या उसकी कारुणिक पुकार,
तुम्हारा दिल नहीं भेद पाती है ,
उस मासूम की लाज बचाने,
तुमको आना ही होगा.
आज चारों ओर यमराज
अपनी दहकती आँखों से विराजते हैं
इन कलयुगी कंसों से बचाने
हे कान्हा ! तुझे आना ही होगा ,
अपने भक्तों के कष्टों को हरने,
फैली स्वार्थ भरी कट्टरता को मिटाने
एक दूसरे के बीच खाई को पाटने ,
हे दयानिधि ! हे ज्ञानेश्वर !
तुझे आना ही होगा.
साभार
मैत्री की राह बताने
सबको सुमार्ग पर लाने
सौभाग्य मनुज का बचाने
हे ज्योतिरादित्य ! हे वासुदेव !
तुमको आना ही होगा ,
हर आंख बेबस हो ,
राह तेरी ही तकती है
फंसे कालचक्र से मुक्त करने
इस जग मंदिर में रक्षक बन
हे परम पुरुष ! हे सर्वपालक !
तुमको आना ही होगा.
साक्षी है इतिहास यहाँ
सनातन हो तुम जहाँ
समाज में फैली विद्रूपता को
मिटाने सहस्त्रपात के रूप में
हे मुरारी ! त्रिविक्रम !
हे वासुदेव ! हे सुमेघ !
स्वर्गपति ! हे उपेंद्र !
फिर से आना ही होगा
तुझे आना ही होगा.
रेनू शब्द मुखर
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कारगिल विजय दिवस
----------------- तारे जमीन पर : सम्पादकीय गद्य : कहानी : संग्रह : पृष्ठ : ६ --------------- संपादन. नीलम पांडेय / वाराणसी कथा : शब्द : चित्र |
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आज का समाचार : हिंदी अनुभाग.कला विशेषांक.पृष्ठ : ७:
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संपादन.
डॉ. सुनीता रंजीता प्रिया.
नैनीताल.डेस्क
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दिल्ली / आ / सा / स / ७ / ० /० .
समाचार : प्रवीण सैनी / मेरठ.
मुजफ्फरनगर के निर्देशन में १० वा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के संबंध में हुई विभिन्न प्रतियोगिताएं.
रंगोली , चित्रकला,निबंध लेखन तथा स्लोगन प्रतियोगिता में भाग लेते प्रतिभागी.
मुजफ्फर नगर / संवाद सूत्र । मुख्य विकास अधिकारी, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी तथा जिला विद्यालय निरीक्षक मुजफ्फरनगर के निर्देशन में दसवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के संबंध में हुई विभिन्न प्रतियोगिताएं।
उपर्युक्त विषयक राष्ट्रीय मुख्यालय नई दिल्ली के पत्राक संख्या १०१ / २०२४ दिनांक २०/ ५ / २०२४ के अनुपालन में दसवां अंतर्राष्ट्रीय योगा दिवस के उपलक्ष में आज १८ जून २०२४ को डी ए वी इण्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
जिसमे प्रमुख रूप से रंगोली,चित्रकला,निबंध लेखन तथा स्लोगन प्रतियोगिता आयोजित की गई।
प्रतियोगिता का उदघाटन श्री विनय यादव प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक मुजफ्फरनगर, आशीष दुबे जिला समन्वयक डी ए वी इण्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर के प्रधानाचार्य श्री सुनील कुमार शर्मा, वैदिक पुत्री कन्या इन्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर की प्रधानाचार्य डॉक्टर राजेश कुमारी आयुर्वेद विभाग से चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर वरुण चौधरी,डॉक्टर अर्जुन सिंह,डॉक्टर साक्षी चौहान,डॉक्टर नीति अग्रवाल, डॉक्टर शिप्रा सिंह, डॉक्टर कंचन प्रभा ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया।
योग की महत्ता की महत्ता बताते हुए चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर वरुण चौधरी ने कहा कि आजकल की जीवन शैली में गलत खान पान आलस्य, अत्यधिक व्यस्तता के कारण अपने स्वास्थ्य के लिए समय नहीं दे पा रहे हैं परिणामस्वरूप हम बीमार हो रहे है। इस परिस्थिति में योग ही ऐसा माध्यम है कि जो हमे स्वस्थ रख सकता है।
कार्यक्रम का सफल संयोजन चित्रकला प्रवक्ता प्रवीण कुमार सैनी ने किया। निर्णायक की भूमिका का निर्वहन राजबल सैनी,तथा डॉक्टर अर्जुन सिंह ने किया।
रंगोली प्रतियोगिता का परिणाम जैन कन्या इन्टर कॉलेज शहर द्वारा सामूहिक रंगोली प्रतियोगिता में वैष्णवी कश्यप तपस्या ,ईशा पाल,राधिका ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
डी ए वी इन्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर द्वारा बनाई गई सामूहिक रंगोली में द्वितीय स्थान जिसमे पायल सैनी,स्नेहा,अब्दुल रहमान,तेजस,ईशा पाल तथा इकरा सैफी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया चित्रकला प्रतियोगिता का परिणाम प्रथम श्रुति १२ शारदेन पब्लिक स्कूल द्वितीय रुद्राक्ष सोहानिया ११ डी ए वी इण्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर तृतीय स्थान मोहम्मद तालिब ११ तथा छवि कोलियान ९ ए डी ए वी इण्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर सांत्वना कृष्णा ११ आई डी ए वी इण्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर महिमा प्रजापति ९ एस डी कन्या इन्टर कॉलेज गांधी कालोनी मुजफ्फरनगर स्लोगन प्रतियोगिता का परिणाम प्रथम। कु प्रांजल सिंह शारदेन पब्लिक स्कूल द्वितीय इकरा सैफी ११ डी ए वी इन्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर तृतीय अनम १२ शिक्षा सदन कन्या इन्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर
निबन्ध प्रतियोगिता का परिणाम निम्न प्रकार रहा प्रथम वंशिका पाल कक्षा ११ वैदिक पुत्री कन्या इन्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर द्वितीय माही अरोरा कक्षा १० शारदेन पब्लिक स्कूल मुजफ्फरनगर तृतीय अनम कक्षा १२ शिक्षा सदन कन्या इन्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर सांत्वना प्राजंल सिंह शारदेन पब्लिक स्कूल ने प्राप्त किया।
समस्त गतिविधियों के प्रभारी राजकीय इण्टर कालेज महलकी के प्रधानाचार्य श्री प्रमोद कुमार द्वारा समस्त अतिथियों एवं प्रतिभागियों का अभिनंदन करते हुए योग का महत्व समझाया गया।
इस अवसर पर सुचित्रा सैनी,साक्षी देशवाल,सत्यकाम तोमर, आयुष विभाग से डॉक्टर वरुण चौधरी, शनि सिंह, डॉक्टर अर्जुन सिंह डॉक्टर शिप्रा सिंह, डॉक्टर दीपा सिंह ,मंजू रानी, जैन कन्या इन्टर कॉलेज शहर ऋतु देशवाल ( शारदेन स्कूल )
राशि त्यागी ,कविता कश्यप,बबली कौर,मोहिब हसन,अरुण कुमार,नरेश सैनी आदि का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम के पश्चात प्रधानाचार्य श्री सुनील कुमार शर्मा ने सभी आगुंतको का आभार प्रकट किया।
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दिल्ली / आ / सा / स / ७ / ० / १ .
नई दिल्ली स्थित कलाविथि आर्ट गैलरी में हुई सामूहिक चित्रकला प्रदर्शनी.
जिसका विषय था एक सनातन दृष्टि.
ए सनातनी व्यू कंटेम्पररी आर्ट एक्सबिशन सामूहिक चित्रकला प्रदर्शनी : फोटो प्रवीण |
समाचार : प्रवीण कुमार सैनी : कला संवाददाता. मेरठ.
संवाद सूत्र : मेरठ। आज दिनांक २४ फरवरी २०२४ को सम्पूर्ण भारत से चयनित चित्रकारों की एक सामूहिक चित्रकला प्रदर्शनी ए सनातनी व्यू कंटेम्पररी आर्ट एक्सबिशन का आयोजन किया गया। जिसका उदघाटन परिधि आर्ट ग्रुप के अध्यक्ष श्री निर्मल रतन लाल वैद, तथा डी ए वी इन्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर के कला प्रवक्ता प्रवीण कुमार सैनी, ने संयुक्त रूप से किया।
आर्ट गैलरी के अध्यक्ष श्री विनीत खंडेलवाल ने कहा कि इस प्रदर्शनी में देशभर के चयनित चित्रकार ने प्रतिभाग किया है जिसमें दक्षिण भारत से लेकर उत्तर भारत तथा पूर्व भारत से लेकर पश्चिमी भारत तक के लगभग 50 से अधिक चित्रकारों ने प्रतिभाग किया है।जिसमे मुजफ्फरनगर के प्रवीण सैनी की एक्रेलिक में बनाई कृति अहमब्रह्म आकर्षण का केन्द्र रही। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अनस सुल्तान द्वारा हनुमान,तथा श्रीकृष्ण ने सबका मन मोह लिया।
जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि * परिधि आर्ट ग्रुप के अध्यक्ष श्री निर्मल रतन लाल वैद तथा प्रवीण कुमार सैनी ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
इस अवसर पर निर्मल रतन लाल वैद जी ने कहा कि कला जीवन का मूल आधार है। कला के बिना जीवन अधूरा है। एक अन्य चित्रकार सतीश के द्वारा बनाए गए पर्वतीय दृश्य चित्रों की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए विनीत खड़ेलवाल जी ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
कलाविथिका आर्ट गैलरी के अध्यक्ष विनीत खंडेलवाल ने कला में भविष्य विषय पर चर्चा की और कहा कि कला जीवन भर चलने वाली ऐसी प्रक्रिया है जो निरन्तर चलती रहती है हम कही न कहीं कला से जुड़े रहते हैं ।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए कला प्रवक्ता प्रवीण कुमार सैनी ने कहा कि कला को निरन्तर अभ्यास तथा उचित मार्ग दर्शन से से ही निखारा जा सकता है।
इस अवसर पर जालंधर पंजाब के हरीश वर्मा, मुस्कान शर्मा, मनोज जोशी,अभिमन्यु, सयेश विश्वकर्मा, रानी प्रसाद,लक्ष्मण कुमार, राजपाल कालिया,मनीषा मनोचा, राजेश रावत,नीलू शर्मा, अजय कुमार, सागर कल्याण , संसेई राय, संस्थापक विजन इंडिया 2032 , अमन शर्मा,आदि उपस्थित रहे।
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दिल्ली / आ / सा / स / ७ / ० / २ .
डीएवी कैंट एरिया में गया इन्टैक चैप्टर के द्वारा
स्थानीय विरासत कला पर वर्कशॉप का आयोजन
डीएवी कैंट एरिया गया : इन्टैक चैप्टर द्वारा स्थानीय विरासत कला पर वर्कशॉप का आयोजन : मीडिया |
संवाद सूत्र : गया : आज शहर के डीएवी कैंट एरिया में गया इन्टैक चैप्टर के द्वारा स्थानीय विरासत कला पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया जिसमें डीएवी कैंट एरिया सक्रिय योगदान रहा। इस कार्यक्रम का भारतीय मूर्ति निर्माण कला खास करके खासकर काष्ठ कलाकारिता,जिसमें भगवान बुद्ध की मूर्ति का निर्माण पर विशेष फोकस रहा।
कार्यक्रम में उद्घाटन भाषण देते हुए विद्यालय की प्राचार्य सुश्री अंजलि ने स्पष्ट किया भारतीय सांस्कृतिक निधि का यह कार्यक्रम बच्चों में कला संस्कृति की भाव को जागृत करने में अहम योगदान दे रहा है। ऐसे कार्यक्रम के माध्यम से बच्चे सहज भाव में बहुत कुछ सीख जाते हैं और यह मेरा सौभाग्य है कि गया इन्टैक चैप्टर का सहयोग हमेशा बना रहा है।
विषय प्रवेश करते हुए गया इन्टैक चैप्टर के कन्वीनर प्रो.मनीष सिन्हा ने उपस्थित छात्र-छात्राओं का स्वागत करते हुए स्पष्ट किया इन्टैक गया चैप्टर अन्य भारतीय चैप्टरों की भांति क्राफ्ट वर्कशॉप के आयोजन से भारतीय कला की पुरातन गौरवमयी संस्कृति को नई पीढ़ी तक स्थाई रूप से यह संदेश देना चाहता है यही हमारे भारत और भारतीयता की पहचान है।
को कन्वीनर डॉ.राकेश कुमार सिन्हा 'रवि' ने मगध की कलात्मक परंपरा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय कला के विविध आयाम हैं उस पर भी मगध क्षेत्र की कलाओं का एक अपना स्वर्णिम इतिहास रहा है।उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं को बताया भारतीय सांस्कृतिक निधि,गया अध्याय मागघी कला संस्कृति के शहर,उत्सव,और पारंपरिक विरासत खासकर लोक कला संवारने संजोगने की दिशा में विशेष पहल कर रहा है और उसी क्रम में क्राफ्ट वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में प्रशिक्षक के रूप में मूर्तिकार सुबोध कुमार रविदास उपस्थित रहे और अपने मूर्ति निर्माण प्रदर्शन के क्रम में छात्र-छात्राओं के सवाल का जवाब भी देते रहे। कार्यक्रम का संचालन म.वि.वि के प्राध्यापक सचिन मंदिलवार ने किया। इस कार्यक्रम में इन्टैक सदस्य राजेश कुमार ,नेहा कुमारी,अंजीत कुमार, कला शिक्षक अशोक कुमार सिन्हा,मनोज कुमार की उपस्थिति बनी रही।
अपने कौशल और प्रदर्शन के आधार पर तकरीबन १०० छात्र-छात्राओं के बीच उत्कृष्टता और विशिष्टता के आधार पर क्रमवार आठ प्रतिभागियों का चयन किया गया जिनके नाम सूर्य आनंद,सुयश कौशिक,मीनाक्षी रंजन,राशि रानी, श्यामला हस्तीनी,भव्या, रजनीश राज, प्राची कुमारी। उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर इनकी शिल्प कलाकारिता का प्रदर्शन पटना और फिर दिल्ली किया जाना निर्धारित है। अंत में धन्यवाद ज्ञापन के साथ ही इस वर्कशॉप की समाप्ति की गई।
समाचार स्तंभ संपादन
अनीता सीमा / जब्बलपुर
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साहित्य विशेषांक.
आज का समाचार : पृष्ठ : ८ : हिंदी अनुभाग.
बि / आ / सा / स / ४ /१.
डॉ.मीरा श्रीवास्तव की ' पत्थर पर उकेरी इबारत ' किताब का हुआ विमोचन.
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संगीत विशेषांक.
आज का समाचार : पृष्ठ : ९ : हिंदी अनुभाग.
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संपादन।
बि / आ / क / स /
वो शाम भी कुछ अजीब थी सुरीली, नशीली,मदमस्त..
पटना / जून २०२३ में यारों जो शाम मुझे नसीब हुई, वैसी सब को हो भगवान से यही मेरी प्रार्थना है। संगीतमय , सुरीली, नशीली,मदमस्त । राजीव जी ने जैसे ही सूचना दी कि आज शाम ' सफर २०२३ ' के बैनर तले गीत, ग़ज़ल और भजन का उनका कार्यक्रम है तो मैं अपने सारे अन्य व्यस्तताओं को स्थगित कर ठीक पांच बज कर साठ मिनट पर पटना स्थित ' स्मार्ट सिटी ' पहुंच गया।
हां पहुंचने में थोड़ा पसीना बहाना और शारीरिक रूप से थकना पड़ा। पर जैसे ही बिहार के 'अनूप जलोटा ' और संगीत के दुनिया के नामचीन हस्ती राजीव जी से मुलाकात हुई तो लगा कि संगीत ही पुरा का पुरा मिल गया।
पसीना सुख गया,थकान दूर हो गई और मैं अपने को तरोताजा महसूस करने लगा।
मित्रों दरअसल संगीत में वह शक्ति है कि हमारा ध्यान किसी एक ओर केन्द्रित हो जाता है संगीत हमारे नकारात्मक भावनाओं को सकारात्मकता प्रदान करता है। व्यक्ति का मन चाहे कितना भी उदास क्यों न हो अगर उसे अपना मनभावन गायक और उसकी गायकी मिल जाए तो वह अपनी सारी इजतेराबी और अजिय्यत भूल जाता है। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। राजीव बिहार ही नहीं बल्कि पुरे देश में अपने मखमली आवाज में ग़ज़ल, गीत एवं भजन गायन के लिए जाने जाते हैं। मुझे तो आज उनका संग और उनके स्वर लहरियों पर प्लावित होने का अवसर दोनों मिला तो मैं अपने को धन्य और सम्मानित महसूस कर रहा था। उस अवसर की कुछ तस्वीरें मैंने उपर में साझा की है। इस कार्यक्रम में राजीव जी ने मेरी भी ग़ज़ल "ये दिल और उनकी निगाहें न होती उलफत में सारी उम्र गुजारी न होती।" को गाया। ये यूट्यूब पर भी उपलब्ध है।
डॉ. आर. के. दूबे.
संपादक
It is a. nice beginning. Thanks a lot MS Media Team
ReplyDeleteReally the thoughts written in Jeevan Surabhi & Mujhe Bhi Kuchch Kahna Hai,are too much meaningful
ReplyDeleteमुझे यह ब्लॉग पढ़ना बहुत अच्छा लगा। मैं चाहता हूं कि इस तरह की पठन-पाठन की सामग्री हमेशा प्रकाशित होती रहें। मीडिया टीम को इसके लिए साधुवाद।
ReplyDeleteमुझे ये ब्लॉग पढ़ना बहुत अच्छा लगता है। वाकई एक अच्छा प्रयास है
ReplyDelete