Dil Kahe Ruk Ja Re Ruk Ja : Paryatan 3
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कृण्वन्तो विश्वमार्यम.
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Dil Kahe Ruk Ja Re Ruk Ja : Paryatan.3.
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A Live / Archive Blog Magzine Page.
दिल कहे रुक जा है यहीं पर कहीं.
Volume 1.Series 4.
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दिल कहे रुक जा है यहीं पर कहीं.
पर्यटन विशेषांक.३.
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आवरण पृष्ठ :०.
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फोर स्क्वायर होटल : रांची : समर्थित : आवरण पृष्ठ : विषय सूची : मार्स मिडिया ऐड :नई दिल्ली.
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विषय सूची.
विषय सूची : पृष्ठ : ०.
कृष्ण दर्शन. संभवामि युगे युगे.प्रारब्ध : विषय सूची : पृष्ठ : ०.
सम्पादित. डॉ. सुनीता सीमा शक्ति * प्रिया.
आवरण पृष्ठ : ०.
हार्दिक आभार प्रदर्शन : पृष्ठ : ०
कृष्ण दर्शन. संभवामि युगे युगे : प्रारब्ध : पृष्ठ : ०.
कृष्ण दर्शन. संभवामि युगे युगे : प्रारब्ध : शक्ति लिंक : पृष्ठ : ०.
राधिकाकृष्ण : महाशक्ति : इस्कॉन डेस्क : नैनीताल. पृष्ठ : ० / १.
रुक्मिणीकृष्ण : महाशक्ति : दर्शन दृश्यम : विचार डेस्क : नैनीताल. पृष्ठ : ० / २ .
मीराकृष्ण : महाशक्ति डेस्क : मुक्तेश्वर : नैनीताल. पृष्ठ : ० / ३.
त्रिशक्ति जीवन दर्शन विचार धारा : पृष्ठ : १.
त्रिशक्ति जीवन दर्शन विचार धारा लिंक : पृष्ठ : १.
त्रि - शक्ति : दर्शन. पृष्ठ : १ / ०.
त्रिशक्ति : विचार : दृश्यम : पृष्ठ : १ / ० .
त्रिशक्ति : लक्ष्मी डेस्क : सम्यक दृष्टि : कोलकोता : पृष्ठ : १ / १.
त्रिशक्ति : शक्ति डेस्क : सम्यक वाणी : नैनीताल : पृष्ठ : १ / २.
त्रिशक्ति : सरस्वती डेस्क :सम्यक कर्म : जब्बलपुर : पृष्ठ : १ / ३.
महाशक्ति : जीवन विचार धारा : पृष्ठ : १ / ४.
नव जीवन विचार धारा : पृष्ठ : १ / ५.
सम्पादकीय : पृष्ठ : २.
सम्पादकीय शक्ति लिंक : पृष्ठ : २ / ०.
आकाश दीप : पद्य संग्रह : सम्पादकीय : प्रस्तुति : पृष्ठ : ३.
तारे जमीन पर : गद्य संग्रह : शक्ति : सम्पादकीय : प्रस्तुति. पृष्ठ : ४.
विषय सूची : पृष्ठ : ०.
कृष्ण दर्शन. संभवामि युगे युगे.प्रारब्ध : विषय सूची : पृष्ठ : ०.
सम्पादित. डॉ. सुनीता सीमा शक्ति * प्रिया.
आवरण पृष्ठ : ०.
हार्दिक आभार प्रदर्शन : पृष्ठ : ०
कृष्ण दर्शन. संभवामि युगे युगे : प्रारब्ध : पृष्ठ : ०.
कृष्ण दर्शन. संभवामि युगे युगे : प्रारब्ध : शक्ति लिंक : पृष्ठ : ०.
राधिकाकृष्ण : महाशक्ति : इस्कॉन डेस्क : नैनीताल. पृष्ठ : ० / १.
रुक्मिणीकृष्ण : महाशक्ति : दर्शन दृश्यम : विचार डेस्क : नैनीताल. पृष्ठ : ० / २ .
मीराकृष्ण : महाशक्ति डेस्क : मुक्तेश्वर : नैनीताल. पृष्ठ : ० / ३.
त्रिशक्ति जीवन दर्शन विचार धारा : पृष्ठ : १.
त्रिशक्ति जीवन दर्शन विचार धारा लिंक : पृष्ठ : १.
त्रि - शक्ति : दर्शन. पृष्ठ : १ / ०.
त्रिशक्ति : विचार : दृश्यम : पृष्ठ : १ / ० .
त्रिशक्ति : लक्ष्मी डेस्क : सम्यक दृष्टि : कोलकोता : पृष्ठ : १ / १.
त्रिशक्ति : शक्ति डेस्क : सम्यक वाणी : नैनीताल : पृष्ठ : १ / २.
त्रिशक्ति : सरस्वती डेस्क :सम्यक कर्म : जब्बलपुर : पृष्ठ : १ / ३.
महाशक्ति : जीवन विचार धारा : पृष्ठ : १ / ४.
नव जीवन विचार धारा : पृष्ठ : १ / ५.
सम्पादकीय : पृष्ठ : २.
सम्पादकीय शक्ति लिंक : पृष्ठ : २ / ०.
आकाश दीप : पद्य संग्रह : सम्पादकीय : प्रस्तुति : पृष्ठ : ३.
तारे जमीन पर : गद्य संग्रह : शक्ति : सम्पादकीय : प्रस्तुति. पृष्ठ : ४.
पर्यटन विशेषांक : आलेख : धारावाहिक आलेख : पृष्ठ : ५
ये मेरा गीत : जीवन संगीत : कल भी कोई दोहराएगा : पृष्ठ : ६.
दिल कहे रुक जा रुक जा : फ़िल्मी कोलाज : पृष्ठ : ७.
दिल कहे रुक जा रुक जा : कला दीर्घा : रंग बरसे : पृष्ठ : ९.
समाचार : चित्र : विशेष : दृश्य माध्यम : न्यूज़ शॉर्ट रील : पृष्ठ : ११.
दिल कहे रुक जा रुक जा : फोटो दीर्घा : पृष्ठ : १२.
चलते चलते : शुभकामनाएं : दिल जो न कह सका : पृष्ठ : १३.
आपने कहा : मुझे भी कुछ कहना है : पृष्ठ : १४.
ये मेरा गीत : जीवन संगीत : कल भी कोई दोहराएगा : पृष्ठ : ६.
दिल कहे रुक जा रुक जा : फ़िल्मी कोलाज : पृष्ठ : ७.
दिल कहे रुक जा रुक जा : कला दीर्घा : रंग बरसे : पृष्ठ : ९.
समाचार : चित्र : विशेष : दृश्य माध्यम : न्यूज़ शॉर्ट रील : पृष्ठ : ११.
दिल कहे रुक जा रुक जा : फोटो दीर्घा : पृष्ठ : १२.
चलते चलते : शुभकामनाएं : दिल जो न कह सका : पृष्ठ : १३.
आपने कहा : मुझे भी कुछ कहना है : पृष्ठ : १४.
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सुबह सवेरे : शाम : राधिका कृष्ण दर्शन : पृष्ठ : ०.
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नैनीताल डेस्क. मुक्तेश्वर.
*
संपादन.
डॉ. सुनीता मीना शक्ति* प्रिया.
*
राधिका कृष्ण शक्ति शब्द चित्र विचार.
*
हासिल
*
किसी राधा में खोकर.
किसी राधा में खोकर,मैं उसका श्याम हो जाऊं.
पागल मीरा का वो प्यारा, गोविंद हरिनाम हो जाऊं.
कृष्ण कन्हैया बना के खुद को, बृंदावन धाम हो जाऊं,
मैं भी सूरदास की आंखे होकर सुबह शाम हो जाऊं.
*
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*
नीति : नीयत : नियति : ईश्वर
*
जिंदगी ' जीने ' के दो तरीके बना लो,
एक वो जो पसन्द है उसे ' हासिल ' करो,
दूसरा वो जो ' हासिल ' है उसे ' पसंद ' करो
*
' अंहकार ' , ' संस्कार ' और कड़वे ' व्यवहार '
*
पूरी ' दुनिया ' जीती जा सकती हैं ' संस्कार ' से,
और जीता हुआ भी ' हार ' जाते हैं ' अंहकार ' से,
और अपनों को तीखे कड़वे ' व्यवहार ' से
*
' आत्म का विश्वास
*
' आत्मविश्वास ' के साथ ' पैदल '
चलना... ' संदेह ' में दौड़ने से कहीं बेहतर है...
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टाइम्स मीडिया.महाशक्ति.प्रस्तुति.
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प्रीत : गीत और भक्ति संगीत पृष्ठ : ०
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संपादन. डॉ. सुनीता सीमा मीना शक्ति* प्रिया.
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साभार : शागिर्द.१९६७.
भजन : कान्हा कान्हा आन पड़ी मेरे तेरे दवार
मोहे चाकर समझ निहार... हाँ तेरी राधा जैसी नहीं मैं.
सितारे : जॉय मुखर्जी. सायरा बानू.
गीत : मजरूह सुल्तानपुरी. संगीत : लक्ष्मी कांत प्यारे लाल. गायिका : लता.
गाना भजन सुनने व देखने के लिए दिए गए लिंक को दवाएँ
https://www.youtube.com/watch?v=3FrlKIIntYU
भजन : कान्हा कान्हा आन पड़ी मेरे तेरे दवार
मोहे चाकर समझ निहार... हाँ तेरी राधा जैसी नहीं मैं.
सितारे : जॉय मुखर्जी. सायरा बानू.
गीत : मजरूह सुल्तानपुरी. संगीत : लक्ष्मी कांत प्यारे लाल. गायिका : लता.
गाना भजन सुनने व देखने के लिए दिए गए लिंक को दवाएँ
https://www.youtube.com/watch?v=3FrlKIIntYU
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पत्रिका / अनुभाग. ब्लॉग मैगज़ीन पेज.
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स्वर्णिका ज्वेलर्स : निदेशिका.शक्ति तनु रजत.सोहसराय.बिहार शरीफ.समर्थित. * हनुमान कूद की नीति : कहाँ रहें : वैसे जीवन के अनुभवों की बात करें तो कभी कभी हनुमान कूद की नीति में भी भरोसा रखें। परिस्थितियां के सामने करने में हम बहुत कुछ सीख जाते हैं। सुनी सुनाई बातों की सच्चाई कुछ और ही होती है। परिणाम हैरत अंगेज हो सकते हैं। मैंने भी ढ़ेर सारी अफवाहें सुनी थी। बरकोट में रहने के लिए बहुत सारे लॉज,रेस्ट हाउस,होटल्स हैं। आम आदमी सस्ते में बरकोट में ही ठहर सकता है। उत्तराखंड की सरकार गढ़वाल निगम ने भी यात्रियों के लिए जानकी चट्टी में भी ढ़ेर सारी सुविधाएँ उपलब्ध करवा रखी हैं। लेकिन इसके पहले उनके अधिकृत वेव साइट पर जाकर पहले से कमरे बुक करवाने होंगे। वादियां मेरा दामन : रास्तें मेरी बाहें : वैसे मैंने बरकोट में न रुकते हुए निरंतर चलते हुए यमुनोत्री के बेस कैंप पहुंचने का निर्णय ले लिया था। गाड़ी अपने गंतव्य स्थान की तरफ़ बढ़ रही थी। तीव्र मोड़ों पर बहुत सावधानी बरतनी पड़ रही थी। मेरी सलाह है शाम के बाद यदि आपके साथ पहाड़ी ड्राइवर न हो रात होने से पहले कहीं विश्रामित हो जाए। हमारे साथ नेपाली ड्राइवर देव थे , उनका लम्बा अनुभव था। हमें जल्दी थी , इसलिए हम बढ़ते ही रहें थे । क्योंकि मुझे दूसरे दिन ही यमुनोत्री ट्रेकिंग के लिए चढ़ाई करनी थी। हम तक़रीबन आठ बजे तक़ हनुमान चट्टी होते हुए जानकी चट्टी पहुँच चुके थे। होटल आकाशदीप हमारा रैनबसेरा हो गया था। याद है हमने बच्चों को ऊंचाई स्थित चारागाह बुग्याल के बारे में बताया था। आज गड़ेडियों को उनके भेड़ समूह के साथ बुग्याल में हमने देख ही लिया। शाम हो रही थी। लकड़ियां जलाकर वे रोटियाँ सेंक रहें थे। बरकोट के बाद वन वे ट्रैफिक होने की वजह से हमें अधिक समय लगा। याद करता हूँ २००० मीटर से अधिक की ऊंचाई पहुंचने पर देवदारों चीड़ों के मध्य बहती गंगा यमुना का दृश्य एक समान ही लग रहा था। गाड़ी के विंड स्क्रीन पर पड़ी बूंदें दिखला रही थी बाहर रिमझिम फुहार पड़ रही थी। वो तीन दिन : कितने दिन : ३ दिन यमुनोत्री के लिए सही है। आप हरिद्वार से सुबह चलते हुए सीधे जानकी चट्टी यमुनोत्री पहुँच जाए। कही भी १००० से १५०० के किराये के होटल में ठहर लें। दूसरे दिन अहले सुबह ट्रेकिंग के लिए निकल जाए। शाम तक आपके दर्शन हो ही जायेंगे। एक रात्रि का विश्राम उसी होटल में कर लें। यदि आप यमुनोत्री के उदगम स्थल सप्तऋषिकुंड झील तक ट्रेक करना चाहते है तो एक दिन और जोड़ लें। सप्तऋषि कुंड झील : यमुनोत्री का उदगम श्रोत : यमुनोत्री से लगभग १० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। और यह ४४२१ मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. इसे यमुना नदी के उद्गम स्थल के रूप में जाना जाता है. इस स्थान तक का ट्रेक काफी चुनौतीपूर्ण है और अनुभवी ट्रेकर्स के लिए उपयुक्त है. के अनुसार, यह ट्रेक हिमालय की चोटियों और ग्लेशियर का शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। यदि आप स्वस्थ है युवा है दम फूलने वाली बीमारी से पीड़ित नहीं है तो यमुनोत्री की धारा खोजने निकल ही जाए। ----------- न ऐसी यमुना कहीं मिलेंगी : यात्रा आलेख : डॉ.मधुप. ------------- सुबह के ४ : हम चार : खरसाली : यमुनोत्री : डूब गया रे मेरा मन गतांक से आगे : ३ . सुबह के ०४ बजे थे। हम चार थे। मैं स्वयं ,डॉ. सुनीता, वनिता तथा सुनील। हममें से प्रत्येक दृढ़ था कि पैदल चल लेंगे। स्थानीय घोड़े वाले निरंतर हमारे संपर्क में थे कि हम शायद घोड़े ले लें। दाम भी तोड़े जा रहे थे। लालिमा हट गयी थी प्रकाश हो रहा था। आकाश दीप होटल के पीछे बर्फ़ से लदी कालिंदी शिखर दिख रही थी। आकाश दीप होटल के मालिक राणा ने बतला दिया था हमें उस तरफ ही जाना था जिधर सफ़ेद बर्फ़ की चादर चोटियों पर दिख रही थी। पूर्व की चोटियों के शीर्ष पर कुछ सफेदी दिख रही थी। और उसे विश्वास था, ट्रेकिंग के लिए सत्तर के आस पास जाते हुए बूढ़े बुढ़ियों की तरफ इशारा करते हुए वह किंचित हमें जतला रहें थे कि हम सभी भी ट्रेकिंग पूरा कर लेंगें। जीवन खरसाली के हेलीपैड पर मँडराते हेलीकॉप्टर : तब इतनी सुबह भी खरसाली के हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर मँडराने लगे थे। देहरादून के जॉली ग्रान्ट हवाई अड्डे से उड़ते उड़नखटोले से पर्यटकों की आवजाही शुरू हो गयी थी। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यमुनोत्री यमुना नदी का उद्गम स्थल है और कहा जाता है कि इसके पवित्र जल में स्नान करने से जन्मों के सभी पाप धुल जाते हैं। ज्ञात हो यमुनोत्री मंदिर का निर्माण १९ वीं शताब्दी में जयपुर की रानी ने करवाया था। हम तो कहते है पाप सत्कर्मों से नष्ट हो जाते है। देखिए मंदिर के आस पास ठंडे पानी में गर्म पानी के झरने,व कुंड भी मिश्रित हैं जिनका उपयोग स्नान,प्रसाद तैयार करने के लिए किया जाता है। पानी इतना ठंढा व सर्द की हड्डियां कांप जाए। लेकिन हमने बहुतेरे को यमुना में डुबकी लगाते हुए देखा। छोटे छोटे डिब्बियों में लोग यमुना का पानी भर कर ले जा रहे थे। गर्म कुंड में चावल पका हुआ प्रसाद ही होता जिसे देवता को चढ़ाया जाता है। हमने भी एक गर्म पानी के श्रोत के पास अच्छी खासी भीड़ देखी थी पूछने पर विश्वास और आस्था की कहानी मालूम हुई। खरसाली : यमुनोत्री मंदिर : भारत के उत्तराखंड में यमुनोत्री मंदिर के पास एक छोटा सा गाँव है, जहाँ सर्दियों के दौरान देवी यमुना की मूर्ति को मंदिर से एक अनुष्ठान समारोह में लाया जाता है। लगभग पंद्रह सौ फीट ऊँचा,क्योंकि यह बर्फ में गिरने के बाद दुर्गम हो जाता है। यमुनोत्री मंदिर के पुजारी इसी गांव से आते हैं। होटल आकाश दीप से खरसाली में यमुनोत्री मंदिर की अति सुन्दर मनभावन अनुकृति दिख रही थी। बताते चले जब शीत काल में यमुनोत्री मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं तब लोग जानकी चट्टी स्थित टीले पर बने दूसरी यमुनोत्री के दर्शन कर श्रद्धालु वापस लौटते हैं। रात में छोटे छोटे पीले बल्बों से खरसाली की यमुनोत्री मंदिर की छटा ही देखने लायक थी। इतना मन भावन की पावन यमुना में नहाए। ट्रेकिंग : ठण्डी : गर्मी : प्रकृति का अद्भुत संयोग : यमुनोत्री जाने का सबसे अच्छा समय मई से जून और सितंबर से नवंबर तक है। इन महीनों के दौरान, मौसम सुखद और ट्रेकिंग के लिए आदर्श होता है। हालाँकि, जुलाई से अगस्त तक के मानसून,बारिश के मौसम से बचना चाहिए क्योंकि इस क्षेत्र में भारी वर्षा होती है, जिससे ट्रेकिंग मार्ग फिसलन भरा और जोखिम भरा हो सकता है। हालिया इसी साल भारी बारिश की वजह से कुछ दुर्घटना की खबरें भी आई जिसमें लैंड स्लाइड की वजह से कुछ लोगों ने अपनी जान गवां दी। यमुनोत्री ट्रेक को मध्यम से कठिन स्तर का ट्रेक माना जाता है। और एक साधारण व्यक्ति भी इसे पूर्ण कर सकता है। बस इसके लिए आम के पास अच्छी शारीरिक फिटनेस और ट्रेकिंग का पूर्व अनुभव होना ज़रूरी है। ज़्यादा नहीं। इस ट्रेक में खड़ी चढ़ाई और उतराई, नदियों पर पुल पार करना और चट्टानी इलाकों पर चलना शामिल है। यमुनोत्री की यात्रा जानकी चट्टी से शुरू होती है, जो यमुनोत्री से लगभग ५ से ६ किमी दूर है। कुल ३ किलोमीटर की चढ़ाई साधारण है लेकिन डेढ़ से दो किलोमीटर की सीढ़ियों की चढ़ाई दम फुलाने वाली है। यह यात्रा लगभग ६ किमी से ज्यादा लंबी नहीं है और इसे पूरा करने में लगभग आम ७ से ८ घंटे लगते हैं। उतरने में आपका समय कम लगेगा। राम मंदिर : राम जानकी हनुमान के दर्शन : गढ़वाल निगम के होटल से गुजरते हुए २ किलोमीटर दूर हम राम जानकी मंदिर पहुंच चुके थे। प्रसाद के लिए चने वितरित किए जा रहें थे। चाय के स्टॉल भी वहां लगा हुए थे। यह यात्रा हरे-भरे जंगलों, झरनों और चट्टानी इलाकों से होकर गुजरती है, जहाँ से हिमालय पर्वतमाला के शानदार नज़ारे दिखाई देते हैं। यमुनोत्री की सफल यात्रा के लिए सही सामग्री और उपकरण ले जाना बहुत ज़रूरी है। यात्रा : शॉर्ट रील : यमुनोत्री : हम चार जीवन मिलने का नाम :डॉ सुनीता शक्ति * प्रिया चयन : शक्ति नैना शबनम यमुनोत्री ट्रेक के लिए यहां कुछ महत्वपूर्ण सुझाव : यहाँ कुछ ट्रेकिंग के लिए ज़रूरी चीज़ें बताई गई हैं जिन्हें आप सभी को साथ रखना चाहिए : यथा ट्रैकिंग या स्पोर्ट्स जूते,छाते, गर्म कपड़े रेनकोट, पोंचो, पानी की बोतलें, ओ आर एस : हाइड्रेशन पैक, स्नैक्स,लेमनचूस और ऊर्जा सीमित ड्राइड फ्रूट्स। यमुनोत्री ट्रेक पर आवास और भोजन के विकल्प यमुनोत्री ट्रेक पर रहने और खाने के लिए कई विकल्प हैं। जानकी चट्टी और यमुनोत्री में आपको गेस्ट हाउस और होटल मिल जाएंगे। ज़्यादातर गेस्ट हाउस और होटल गर्म पानी, कंबल और भोजन जैसी बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करते हैं। प्राथमिक चिकित्सा किट: कपूर, सनस्क्रीन लोशन और धूप का चश्मा टॉयलेटरीज़, डंडे या ट्रेकिंग पोल वैकल्पिक भी आप रख सकते हैं। आपको यमुनोत्री ट्रेकिंग ट्रेल के किनारे कई छोटे - छोटे चाय, मैगी, बिस्कुट के स्टॉल और ढाबे भी मिल जाएँगे जो गर्म स्नैक्स,भोजन और चाय परोसते हैं। लेकिन जैसे जैसे ऊपर आप बढ़ते जायेंगे कीमतें दूगनी होती चली जायेंगी। हमने भी अमूल कूल दूध २० के बजाय ४० रुपये दिए थे। आप बेहतर समझ सकते हैं।इसलिए बेहतर है नीचे से ही बंदोबस्त कर लें। यमुनोत्री ट्रेक के लिए यहां कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं जो आपको यमुनोत्री तक आरामदायक और सुरक्षित ट्रेक करने में मदद कर सकते हैं: अपनी यात्रा सुबह जल्दी शुरू करें पर्याप्त पानी और नाश्ता साथ रखें अपने आप को हाइड्रेटेड रखें नियमित अंतराल पर ब्रेक लें,आराम से जाए अपनी फिटनेस के स्तर के अनुसार अपनी गति बनाए रखें बदलती मौसम स्थितियों के अनुकूल ढलने के लिए कई परतों में कपड़े पहनें अपने अनुभवी गाइड के निर्देशों को सुनें और उनका पालन करें और सर्वोपरि पर्यावरण का सम्मान करें और कूड़ा न फैलाएं। ----------- न ऐसी यमुना कहीं मिलेंगी : यात्रा आलेख : डॉ.मधुप. ------------- लाल पीले रंग में रंगी बहुमंजली इमारत में मंदिर यमुनोत्री के प्रथम दर्शन गतांक से आगे : ४ . यमुनोत्री का शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता, आध्यात्मिक शांति और स्थिरता की तलाश करने वाले लोगों के लिए एक आदर्श स्थान है। यमुनोत्री की यात्रा एक अद्भुत अनुभव हो सकता है, जहां आप प्राकृतिक सुंदरता, आध्यात्मिक शांति और रोमांच का अनुभव कर सकते हैं। भैरव मंदिर : हम सभी आगे बढ़ रहे थे। दो दो के समूह में। रास्ते में भैरव मंदिर पड़ा था। दर्शन भी जरुरी ही था। भैरव मंदिर के बाद से एक दो किलोमीटर की चढ़ाई थोड़ी थकान देने वाली थी। जब मन करता किनारे बैठ जाते। सुस्ता लेते फिर आगे बढ़ जाते। जब हम एक से डेढ़ किलोमीटर से कम की दूरी पर पीछे थे तो पहली बार लाल पीले रंग में रंगी बहुमंजली इमारत में मंदिर यमुनोत्री के दर्शन हुए। थकान पल भर काफूर हो गयी थी। लगा मंजिल एकदम समीप है। इस स्थान पर बंदरपूंछ की बर्फ से २००० मीटर से अधिक ऊंचाई पर एक शानदार झरना गिरता है। नीचे गहराई में यमुना शोर करते हुए बह रही थी। जब हम मंदिर के पास पहुंच गए थे तो दूरी ५०० मीटर की दिखी। हम पास ही थे। तो देखा प्रवेश करने का मार्ग दाहिनी ओर था। द्रौपदी कुंड : उठती हुई भाप : एक छोटा सा पुल था। पुल के पास रुक कर हमने बहती हुई यमुना में गर्म झरने से उठती हुई भाप देखा था। सामने सीढ़ियों को चढ़ते हुए हमें द्रौपदी कुंड दिखा यह एक गर्म जल का कुंड है जिसमें स्थानीय के अनुसार चूड़ाकर्म संस्कार होता है। कहानी यह भी है कि द्रौपदी ने इसमें अपने केश धोये थे।चूड़ाकर्म या मुंडन, हिंदू धर्म में सोलह संस्कारों में से एक है, जिसमें बच्चे के पहले बाल काटे जाते हैं। यह एक महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है, जो बच्चे के जीवन में एक नया अध्याय शुरू होने का प्रतीक है।जब हम यमुनोत्री पहुंचे थे तो यमुनोत्री मंदिर के आस पास गर्म झरने देखें। यह दो गर्म झरनों के करीब है। सूर्य कुंड :उबलते हुए चावल का प्रसाद : सूर्य कुंड में गर्म उबलता पानी है,इसके आस पास हमने अच्छी खासी भीड़ देखी। पता किया और गौरी कुंड में नहाने के लिए उपयुक्त गुनगुना पानी है। इन दोनों में सबसे महत्वपूर्ण सूर्य कुंड है। कुछ आलू या चावल को कपड़े में बांधकर कुछ मिनटों के लिए कुंड में डुबोया जाता है, जब यह पक जाता है, तो इसे प्रसाद के रूप में घर ले जाया जाता है। एक और पानी का कुंड यमुना बाई कुंड है, जहाँ भक्त मंदिर में जाने से पहले स्नान करते हैं। यमुनोत्री मंदिर : निर्माण का इतिहास : यमुनोत्री मंदिर देवी यमुना को समर्पित है। काफ़ी भीड़ थी। लोगों में आपाधापी मची हुई थी। कह सकते है सु व्यवस्था की कमी थी। देवी की मूर्ति काले संगमरमर से बनी है। यह स्थान प्रसिद्ध बंदरपूंछ चोटी ६३१५ मीटर के पश्चिमी किनारे पर स्थित है। यमुनोत्री मंदिर के पुजारी जानकी चट्टी के पास खरसाली गाँव से आते हैं। गंगोत्री में १८ वीं सदी का एक मंदिर भी है, जिसे गढ़वाल नरेश प्रताप शाह ने बनवाया था, जिसे १९ वीं सदी में क्षतिग्रस्त कर फिर से पुनर्निर्मित किया गया। मंदिर को दोबारा बनाने से पहले दो बार बर्फ और बाढ़ से नष्ट किया गया था। यह बंदरपूंछ की पृष्ठभूमि में स्थित है। यह मंदिर प्रतिष्ठित चार धाम तीर्थयात्रा सर्किट का हिस्सा है।
थर्मल स्प्रिंग्स के पास स्थित यह मंदिर देवी यमुना को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण १८३९ में टिहरी नरेश सुदर्शन शाह ने करवाया था। हालाँकि, चूँकि यह स्थान भूकंप के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है, इसलिए मंदिर को कई बार नुकसान पहुँचा है। इसे १९ वीं शताब्दी में जयपुर की महारानी गुलेरिया ने फिर से बनवाया था। उसके बाद भी मंदिर का कई बार जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण किया गया है। मंदिर के अंदर काले पत्थर में उकेरी गई देवी यमुना की मूर्ति है जिसकी मुख्य रूप से पूजा की जाती है।
जैसा कि कहानी में बताया गया है, यमुना को धारणा की देवी की पुत्री और यमराज : मृत्यु के देवता की बहन माना जाता है। यही कारण है कि इस नदी का हिंदुओं के बीच बहुत महत्व है।
प्राचीन कथा के अनुसार, ऋषि असित मुनि का आश्रम यहीं था। अपने पूरे जीवन में, वे प्रतिदिन गंगा और यमुना दोनों में स्नान करते थे। यह भी माना जाता है कि अपने अंतिम दिनों में, जब वे यमुना से गंगा की यात्रा नहीं कर सकते थे, तो गंगा की एक धारा पास में ही निकलती थी ताकि वे अपने अनुष्ठान जारी रख सकें। * यमुनोत्री : यात्रा : लघु फिल्म : गतांक से आगे : ४ . निर्माण : डॉ सुनीता शक्ति प्रिया * धारावाहिक संपादन : शक्ति. शालिनी रेनू कंचन बीना पृष्ठ सज्जा : शक्ति. सीमा अनुभूति मंजिता शॉर्ट रील : चयन : संपादन : शक्ति. मीना शबनम नैना क्रमशः जारी * बिहार : दर्शन : पर्यटन : पृष्ठ : ५ संपादन : शक्ति : डॉ. भावना स्मिता माधवी वनिता
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ये मेरा गीत : जीवन संगीत : कल भी कोई दोहराएगा : पृष्ठ : ६.
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सम्पादिका.
डॉ.सुनीता सीमा शक्ति*प्रिया.दार्जलिंग.
* |
सुहाना सफ़र और ये मौसम हसीन.
*
संदर्भित यात्रा शीर्षक गीत.
मेरी पसंद. डॉ सुनीता मधुप शक्ति*प्रिया.दार्जलिंग.
शक्ति समूह सम्पादिका : डॉ.श्वेता हिमानी श्रद्धा नैना.
डॉ.अनीता मीना स्मिता तनु भारती मानसी कंचन रेनू अनुभूति नीलम.
*
संदर्भित आज का गीत : जीवन संगीत
कल भी कोई दोहराएगा
*
मेरी आपकी पसंद
फिल्म : इम्तहान.१९७४.
सितारे : तनूजा.विनोद खन्ना. बिंदु.
गाना : साथी न कारवां है ये तेरा इम्तहा है
तू तो चला था सपने ही ले के
गीत : मजरूह सुल्तानपुरी. संगीत : लक्ष्मी कांत प्यारेलाल गायक : किशोर कुमार
गाना सुनने व देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं.
फिल्म : थ्री इडियट्स.२००९.
सितारे : आमिर खान. करीना कपूर.माधवन
गाना : बहती हवा सा था वो
उड़ती पतंग सा था वो
गीत : संगीत : शांतनु मोइत्रा. गायक : शान शांतनु मोइत्रा.
गाना सुनने व देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं.
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फिल्म : राम तेरी गंगा मैली.१९८५.
गाना : लोकेशंस : हर्षिल : गंगोत्री के आस पास.
सितारें : मंदाकिनी. राजीव कपूर. दिव्या राणा.
गाना : हुस्न पहाड़ों का क्या कहना कि बारह महीनों यहाँ मौसम जाड़ों का
झरने तो बहते हैं कसम लें पहाड़ों की जो क़ायम रहते हैं.
गीत : रविंद्र जैन संगीत : रविंद्र जैन गायक : सुरेश वाडेकर.लता मंगेशकर.
गाना सुनने व देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं.
*
फ़िल्म : मन की आँखें. १९७०.
सितारे : धर्मेंद्र. वहीदा रहमान.
गाना : दिल कहे रुक जा रुक जा
यहीं पर कहीं जो बात इस जग़ह है कहीं पर नहीं
गीत : साहिर लुधियानवी संगीत : लक्ष्मी कांत प्यारे लाल. गायक : रफ़ी.
गाना सुनने व देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं
---------- दिल कहें रुक जा रे यहीं पर कहीं : फ़िल्मी सफर नामा : कोलाज : पृष्ठ : ७ ---------- संपादन. शक्ति*.शालिनी मीना शबनम सीमा स्मिता अनुभूति. *
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तुम्हारे लिए : शुभकामनाएं : दिल जो न कह सका : शॉर्ट रील : पृष्ठ : १३.
------------- डॉ. सुनीता शक्ति* प्रिया अनुभूति
दार्जलिंग डेस्क.
* दिन विशेष : १ जून * एम. एस. मीडिया. समर्थित * * अंतर्राष्ट्रीय बाल रक्षा दिवस की शुभकामनाएं. * अंतर्राष्ट्रीय बाल रक्षा दिवस की शुभकामनाएं * --------
तुम्हारे लिए. शुभकामनाएं :पृष्ठ : १३.
-------- दिन विशेष : शुभकामनाएं : * टाइम्स मीडिया समर्थित. * *
जन्म दिवस : २ जून : मूलांक : २. एम. एस. मीडिया ब्लॉग मैगज़ीन.
के लिए ' हम ' मीडिया ' देव ' शक्ति परिवार की तरफ़ से. हार्दिक अनंत, शिव - शक्ति शुभकामनाएं : * * ए एंड एम मीडिया समर्थित ----------- दिल ने फिर याद किया : शॉर्ट रील : पृष्ठ : १३. ------------- सम्पादिका. ⭐ यमुनोत्री गंगोत्री डेस्क.उत्तरकाशी. * ![]() * शक्ति. मीना शबनम नैना श्रद्धा . मसूरी ⭐ लोग बुरे नहीं : बाबू मोशाय आप हद से ज्यादा अच्छे हो जिंदगी के सफ़र में गुजर जाते है जो मकां शॉर्ट रील : साभार : ख़ुशी : देहरादून. अपने पे गुरुर आ जाता है * परायी हूँ परायी मेरी आरजू न कर अभिनय : गायन : शक्ति श्रद्धा. * Dr. Rashi : Gynecologist : Muzaffarpur. Bihar Dil Kahe Ruk Ja Re Ruk Ja : Blog Magazine Page English Section. ⭐ * Contents Page : English. * Cover Page : 0. Contents Page : 1. Editorial Page : 2. Shakti Editorial Link : 2. Shakti Vibes Link.2/0 : English Page 2/1. Shakti Writeups Link : English : 2/2. Shakti :Kriti Art Link : English : Page : 2/3. Short Reel : News : Special : English : Page : 4. Shakti Photo Gallery : English : Page : 5. You Said It : Days Special : English : Page : 6. --------- Editorial English : Page : 2 ------------ Chief Editor. Bengaluru* Desk. Times Media Powered. Positive Vibe Editor : Dr. Sunita Seema Shakti* Priya. * Stop Dreaming and start Doing All our dreams can come true, if we have the courage to pursue them -------- Thought of the Day : Today's Vibes Picture : Page : 2/1 -------- Editor : Dr.Sunita Seema Shakti* Priya Anubhuti Nainital Desk *Times Media Powered Shakti Photo Gallery : English : Page : 5. -------- Travelogue : Photo Gallery : English : Page : 5 --------- Editor : Dr. Sunita Seema Shakti* Priya. Darjeeling Desk -------- Travelogue : News : Clip Gallery : Page : 6 --------- Editing : Dr. Bhawana Seema Shakti Priya * |
Reporting : English : Samridhi : New Delhi.
It is a very nice page written and composed by Dr.Raman,Sir.
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Shubham
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