Photo Blog Story of : Incredible Darjeeling.

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Photo Blog Story of : Incredible Darjeeling 
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अतुलनीय : भारत : दार्जलिंग 
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ए पर्वतों के दायरे ये शाम का धुआं : आवरण कोलाज : विदिशा. पृष्ठ : ० 



हिंदी अनुभाग : विषय सूची.
विषय सूची . पृष्ठ : ०
 
महिला सशक्ति करण की एकमात्र ब्लॉग मैगज़ीन. 
परमार्थ के लिए देश हित में. 
महाशक्ति निर्मित अधिकृतविकसित, त्रि - शक्ति समर्थित और नवशक्ति प्रस्तुति.. 
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समर्थित. 



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हिंदी अनुभाग : विषय सूची.
ए पर्वतों के दायरे ये शाम का धुआं : आवरण कोलाज : विदिशा. पृष्ठ : ०.
हिंदी अनुभाग : विषय सूची : पृष्ठ : ०.
महाशक्ति डेस्क.नैनीताल. पृष्ठ : ०.
त्रि शक्ति डेस्क.नैनीताल.पृष्ठ : १.
नव शक्ति डेस्क. शिमला. 
अतुलनीय : भारत : दार्जलिंग : सम्पादकीय : पृष्ठ : २. 
सम्पादकीय. आलेख : पृष्ठ : ३.
हमरे गांव कोई आएगा : दार्जलिंग की तस्वीरें : फोटो दीर्घा : पृष्ठ : ४.

महाशक्ति निर्मित - अधिकृत , त्रि शक्ति समर्थित, नव शक्ति . प्रस्तुति.



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महाशक्तिविचार. नैना देवी डेस्क  / नैनीताल. पृष्ठ : ० / १.
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संपादन.

 
महाशक्ति. 
नैना देवी डेस्क. नैनीताल.


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महाशक्ति विचार. महा
शक्ति : डेस्क : प्रस्तुति : पृष्ठ : ० / १.
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ॐ जयन्ती, मङ्गला, काली, भद्रकाली, कपालिनी। 
दुर्गा, क्षमा, शिवा, धात्री, स्वाहा, स्वधा नमोऽस्तुते॥ 

भावार्थ. 

 जयंतीमंगलाकालीभद्रकालीकपालिनीदुर्गाक्षमाशिवा धात्री, और स्वधा  
इन नाम से प्रसिद्ध जगदंबा में मेरी अनंत श्रद्धा है उन को मेरा नमस्कार है


' सत्यं ' ब्रूयात् ' प्रियं ' ब्रूयात् , न ब्रूयात् सत्यम् अप्रियम् । 
प्रियं च नानृतम् ब्रूयात् , एष धर्मः सनातन:॥

भावार्थ. 

सत्य बोलना चाहिये, प्रिय बोलना चाहिये, 
सत्य किन्तु अप्रिय नहीं बोलना चाहिये । 
प्रिय किन्तु असत्य नहीं बोलना चाहिये ; यही सनातन धर्म है ॥


किसी की अश्रुपूरित आँखों से आंसू पोछना ही दयालुता है, 
किसी जीव के जीवन मात्र से उसका दुःखहरण  कर लेना ही दयालुता है. 
मानवता में ही दयालुता है और दयालुता में ही ईश्वर का वास है.

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 राधिका : महाशक्ति : वृन्दावन : डेस्क. पृष्ठ : ० / २. 
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संपादन.


  
राधिका / वृन्दावन 


     ' ज़िंदगी ' में कभी कभी, 'अपनों ' से हार जाना भी सीख लें ....
देख लेना सर्वदा ' जीत ' जाओंगे ...
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राधे कृष्ण : वृन्दावन : डेस्क. पृष्ठ : ० / ३ . 
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संपादन.
राधिका / वृन्दावन 


कृष्ण दर्शन.  


ज़िन्दगी में ' अच्छे लोगों ' को मत तलाशो 
' स्वयं ' अच्छे  बन जाओ न ...शायद ' आपसे ' मिलकर
किसी और की ' 
तलाश ' पूरी हो जाए.



कृष्ण दर्शन. 
 
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जीवन सार संग्रह : त्रिशक्ति डेस्क : नैनीताल : प्रस्तुति : पृष्ठ : १. 
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संपादन. 
त्रिशक्ति.नैनीताल.
 
 
लक्ष्मी. शक्ति. सरस्वती.  
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सम्यक वाणी : मुझे भी कुछ कहना है : महालक्ष्मी डेस्क : पृष्ठ : १ / १ .  
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संपादन.
लक्ष्मी.डेस्क.कोलकोता.
  ⭐ 
यदि हमारी आदतों में, ' गुस्सा ',' अकड़ ', ' और ' ' घमण्ड ' है
  तो हमें बर्बाद करने के लिए ' दुश्मन ' नहीं, हम ' स्वयं ' ही काफ़ी हैं. 
अपने  ' समय ' , ' शब्द ' और  ' संस्कार ' को कम से कम अपनों के लिए तो जाने पहचाने 
डॉ. मधुप.
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 सम्यक कर्म जीवन सुरभि  : शक्ति डेस्क : पृष्ठ : १ / २.
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संपादन. 
शक्ति. डेस्क. नैनीताल.  

फिर से अपने जीवन में नई ' शुरुआत ' के लिए ' नए दिन ' कि नहीं, 
बल्कि ' सोच ' , ' कर्म ' ( व्यवहार )  और ' वाणी ' में नए ' नज़रिए ',  नए ' संकल्प '  की दृढ़ जरूरत है.

' व्यक्ति ' क्या है, ये महत्वपूर्ण नहीं है, व्यक्ति में क्या ' गुण - अवगुण ' है यही बहुत महत्वपूर्ण है ? 

 इस व्यस्तम, परेशान ' जिंदगी ' में  जीने के लिए खूबसूरत ' लम्हें ' तो चुराने ही पड़ते हैं,
  वरना ' जिम्मेदारियां ' और ' परेशानियां ' कभी भी ' फुरसत ' व ' हँसने ' के क्षण नहीं आने देती.

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 सम्यक दृष्टि : जीवन सुरभि त्रिशक्ति : सरस्वती. डेस्क : पृष्ठ : १ / ३. 
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संपादन. 
सरस्वती. डेस्क. जब्बलपुर 
   

ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोए, 
औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए. 
कबीर.
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अतुलनीय : भारत : दार्जलिंग : सम्पादकीय : पृष्ठ : २ .
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प्रधान संपादक.


रेनू शब्द मुखर / जयपुर. 
नीलम पांडेय / वाराणसी.
-----------  
कार्यकारी  संपादक.


डॉ. सुनीता प्रिया. 
नैनीताल डेस्क. 
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 कला सम्पादक.


अनुभूति सिन्हा. शिमला.
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फोटो संपादक.

 
बी. गुप्ता / देहरादून.
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संयोजिका.


 वनिता / शिमला. 
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अतिथि संपादक.

 
मानसी कंचन / नैनीताल.
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क़ानूनी संरक्षण.
 


सीमा. विदिशा. 
अधिवक्ता / नई दिल्ली. 
 

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अभिभावक / संरक्षक.


चिरंजीव नाथ सिन्हा.
ए.एस.पी. लखनऊ.
रश्मि श्रीवास्तवा
ए.एस.पी. .
कर्नल सतीश कुमार सिन्हा.
सेवा निवृत.हैदराबाद.
अनूप कुमार सिन्हा.
व्यवसायी. नई दिल्ली.
राज कुमार कर्ण.
सेवा निवृत डी. एस. पी. पटना
विजय शंकर
सेवा निवृत डी. एस. पी. पटना

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दिग्दर्शक / मंडल.
रवि शंकर शर्मा. संपादक. दैनिक भास्कर.नैनीताल.
डॉ. नवीन जोशी.संपादक. नवीन समाचार .नैनीताल.
मनोज कुमार पांडेय.संपादक.ख़बर सच है.नैनीताल.
अनुपम चौहान.संपादक.समर सलिल.लख़नऊ.
अनिल लढ़ा .संपादक. टूलिप टुडे.राजस्थान.
डॉ.आर. के. दुबे. लेखक ,संपादक.नई दिल्ली.
रंजना : स्तंभ कार स्वतंत्र लेखिका. हिंदुस्तान :नई दिल्ली.
अशोक कर्ण : फोटो संपादक. पब्लिक एजेंडा. नई दिल्ली.
डॉ. मीरा श्रीवास्तवा / पूना.
रीता रानी : जमशेदपुर.

डॉ. सुनीता प्रिया.नैनीताल. 


सम्पादकीय. आलेख : पृष्ठ : ३ .
दार्जिलिंग : बादलों का शहर.

दार्जलिंग की घाटियों बादलों के मध्य डूबता सूरज :
फोटो : प्रिया : दार्जलिंग. 

मैं दार्जिलिंग दो बार गया हूँ। २००६ तथा २०१६ में। दार्जलिंग मुझे नेपाली तथा लामाओं का शहर लगा। यहाँ जब कभी भी बादल ही मंडराते दिखें। कभी भी वारिश हो जाए बता नहीं सकता। यह नमी युक्त शहर है।चाय तो दार्जिलिंग की विश्व प्रसिद्ध , इतनी सोंधी कि दस बीस ग्लास भी पी लें तो जी न भरे। 
पूर्वी हिमालय का एक अत्यंत मनभावन पर्वतीय स्थल : दार्जिलिंग भारत के राज्य पश्चिम बंगाल का एक नगर है। यह नगर दार्जिलिंग जिले का मुख्यालय भी है। यह नगर शिवालिक पर्वतमाला में लघु हिमालय में अवस्थित है। यहां की औसत ऊँचाई २, १३४ मीटर है। सुभाष घीसिंग के गोरखा लैंड की मांग के बाद यह शहर अत्यधिक चर्चित हुआ। दार्जिलिङ शब्द की उत्त्पत्ति दो तिब्बती शब्दों, दोर्जे और लिंग से हुई है। इस का अर्थ ' बज्र का स्थान है। 
'भारत में ब्रिटिश राज के दौरान दार्जिलिङ की समशीतोष्ण जलवायु के कारण से इस जगह को पर्वतीय स्थल बनाया गया था। ब्रिटिश निवासी यहां गर्मी के मौसम में गर्मी से छुटकारा पाने के लिए आते थे। 
 दार्जिलिङ में ब्रिटिश शैली के निजी विद्यालय भी है, जो भारत और नेपाल से बहुत से विद्यार्थियों को आकर्षित करते हैं। सन १९८० की गोरखालैंड राज्य की मांग इस शहर और इस के नजदीक का कालिम्पोंग के शहर से शुरु हुई थी।
विश्व प्रसिद्ध चाय : मुझे याद है हम सभी चाय बगान देखने गए थे। वहां चाय बेचने वाले ने इतना अच्छी ज़ायकेदार चाय पिलाई थी कि अभी तक हम भूले नहीं थे। यहां पहाड़ों की ढ़लानों पर चाय की खेती १८५६ से शुरु हुई थी। इसका श्रेय ब्रिटिश को जाता है। यहां की चाय उत्पादकों ने काली चाय और फ़र्मेण्टिङ प्रविधि का एक सम्मिश्रण तैयार किया है जो कि विश्व में सर्वोत्कृष्ट है। दार्जिलिंग अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर यहां की दार्जिलिङ चाय के लिए प्रसिद्ध है। 

क्या देखें दार्जिलिङ में ? गतांक से आगे.
संकलन / संपादन :  

सुबह शाम और रात के वक़्त : दिखती दार्जलिंग की पहाड़ियां : फोटो : देव. 

१.टाइगर हिल - देखने के हर पर्यटक को सुबह तीन चार बजे उठना होता है। २५६७ मीटर की ऊंचाई पर स्थित टाइगर हिल हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों पर सूर्योदय के मनोरम दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। आप यहाँ से माउंट कंचनजंगा तथा अन्य चोटियों के साथ देख सकते हैं। जब सुबह की किरणें माउंट कंचनजंगा पर तिरोहित होते हुए पड़ती है तो आँखों के आगे मनभावन दृश्य उपस्थित हो जाता हैं। 
२.दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे टॉय ट्रेन -  दार्जिलिंग की दार्जिलिङ हिमालयन रेलवे एक युनेस्को विश्व धरोहर स्थल तथा प्रसिद्ध स्थल है। दार्जिलिङ हिमालयन रेलवे जो कि दार्जिलिङ नगर को समथर स्थल से जोड़ता है, को १९९९ में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। रास्ते में घूम रेलवे स्टेशन विश्व का एक उच्चतम स्टेशन है।  इसी रास्ते में बतसिया लूप रेलवे लाइन की बेमिसाल इंजिनीयरिंग है जहाँ से आप कंचन जंघा की हिम से आच्छादित चोटियां भी देख सकते है । यह वाष्प से संचालित यन्त्र भारत में बहुत ही कम देखने को मिलता है।
यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे एक नैरो-गेज टॉय ट्रेन है जो पहाड़ों के माध्यम से एक यादगार और सुंदर सवारी प्रदान करती है। ट्रेन की यात्रा आपको सुरम्य परिदृश्य और आकर्षक चाय बागानों के माध्यम से ले जाती है।
३.बतासिया लूप - यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे एक नैरो-गेज टॉय ट्रेन के रास्ते में बतासिया लूप एक सर्पिल रेलवे ट्रैक है जो दार्जिलिंग से घूम के रास्ते पर स्थित है। यह आसपास के पहाड़ों और लूप से गुजरने वाली टॉय ट्रेन के लुभावने दृश्य प्रस्तुत करता है। पार्श्व में ही गोरखा सैनिकों को समर्पित यहाँ एक युद्ध स्मारक के साथ एक सुंदर प्राकृतिक उद्यान है।
४.पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क - अपने संरक्षण प्रयासों के लिए जाना जाता है, पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क दार्जिलिंग में एक लोकप्रिय आकर्षण है। यह कई दुर्लभ और लुप्तप्राय हिमालयी प्रजातियों का घर है, जिनमें लाल पांडा, हिम तेंदुआ और साइबेरियाई बाघ शामिल हैं।
५.पीस पगोडा - अत्यंत ही शांत वातावरण में दार्जिलिंग में निर्मित जापानी पीस पगोडा एक शांत और सुंदर बौद्ध मंदिर है जो दार्जिलिंग शहर और आसपास के पहाड़ों के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। यह ध्यान और प्रतिबिंब के लिए एक शांतिपूर्ण स्थान है जहाँ आप कुछ देर बैठ कर मननचिंतन कर सकते हैं।
६.दार्जिलिंग मॉल रोड - मॉल रोड दार्जिलिंग के मध्य में एक हलचल भरा बाज़ार है। यह हस्तशिल्प, ऊनी, चाय और स्मृति चिन्ह बेचने वाली दुकानों से अटा पड़ा है। आप कई प्रकार के व्यंजन पेश करने वाले कई रेस्तरां और कैफे भी पा सकते हैं। मॉल रोड चौरास्ता में ख़त्म होता है 
७.रॉक गार्डन और गंगा माया पार्क - दार्जिलिंग से लगभग १० किलोमीटर की दूरी पर स्थित, रॉक गार्डन और गंगा माया पार्क खूबसूरत पिकनिक स्थल हैं। इनमें सीढ़ीदार उद्यान, झरने, और प्राकृतिक चट्टानी संरचनाएं हैं। प्रकृति के बीच आराम करने के लिए यह एक बेहतरीन जगह है।
८.हिमालय पर्वतारोहण संस्थान और दार्जिलिंग चिड़ियाघर - हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान एक प्रसिद्ध पर्वतारोहण प्रशिक्षण केंद्र है। इसमें एक संग्रहालय भी है जो पर्वतारोहण के इतिहास और उपलब्धियों को प्रदर्शित करता है। संस्थान के निकट दार्जिलिंग चिड़ियाघर है, जो उच्च ऊंचाई वाले जानवरों के संग्रह के लिए जाना जाता है।
९.महाकाल मंदिर - वेधशाला पहाड़ी पर स्थित, महाकाल मंदिर हिंदुओं और बौद्धों दोनों के लिए एक पवित्र स्थल है। यह दार्जिलिंग शहर और पहाड़ों के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। यह एक लोकप्रिय तीर्थ स्थान और सांस्कृतिक महत्व का स्थान है।
१०.हैप्पी वैली टी एस्टेट - दार्जिलिंग अपनी चाय के लिए प्रसिद्ध है, और हैप्पी वैली टी एस्टेट की यात्रा से आप चाय के बागानों का पता लगा सकते हैं, चाय बनाने की प्रक्रिया के बारे में जान सकते हैं और ताज़ी पीसे हुए दार्जिलिंग चाय का आनंद ले सकते हैं। ये दार्जिलिंग के कई आकर्षणों में से कुछ हैं। शहर प्राकृतिक सुंदरता, चाय बागानों और सांस्कृतिक विरासत से घिरा हुआ है,जो आगंतुकों को एक अनूठा और यादगार अनुभव प्रदान करता है।

डॉ. मधुप. 

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हमरे गांव कोई आएगा : दार्जलिंग की तस्वीरें : फोटो दीर्घा : पृष्ठ : ४.
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 संपादन.


प्रिया / दार्जलिंग.

सुबह सुबह दार्जलिंग शहर में पड़ती सूरज की किरणें : फोटो : प्रिया / दार्जलिंग.




कहीं दूर जब दिन ढल जाए दार्जलिंग की हसीं शाम : फोटो : प्रिया / दार्जलिंग.

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सन्देश / दिवस / शुभकामनाएं / आपने कहा : पृष्ठ : ५.
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संपादन.

स्मिता / न्यूज़ एंकर / पटना.

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डॉ. सी. वी. रमण.
(१८८८ - १९७०)



२८. फ़रवरी / दिवस 
डॉ. चंद्रशेखर वेंकट रमण.
द्वारा खोजे गए ' रमन प्रभाव ' के सम्मान में मनाए जाने वाले  
' राष्ट्रीय विज्ञानं दिवस ' की हमारी तरफ़ से आपको ढ़ेर सारी शुभकामनाएं. 
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जन्मदिन मुबारक हो. 
रंजना 
स्वतंत्र लेखिका / हिंदुस्तान / नई दिल्ली.  
दिग्दर्शक. 
ब्लॉग मैगज़ीन पेज 


२८. फ़रवरी. 
को उनके हम समस्त मीडिया परिवार की तरफ़ से 
जन्मदिन की ढ़ेर सारी हार्दिक बधाई 
  ----------
ये मेरा गीत जीवन संगीत कल भी कोई दोहराएगा : गाने : सुने : अनसुने : पृष्ठ : ६ 
   -----------
दार्जलिंग विशेष गाना .  
संपादन.


डॉ. सुनीता प्रिया. 
नैनीताल.डेस्क.  

फ़िल्म : हमराज.१९६७.
सितारे : राज कुमार. विम्मी. सुनील दत्त.
गाना : नीले गगन के तले धरती का प्यार पले
गीत : साहिर लुधियानवी. संगीत : रवि. गायक : महेंद्र कपूर.


गाना सुनने व देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं 

फ़िल्म : चरित्र हीन.१९७४.
सितारे : संजीव कुमार. शर्मिला टैगोर.
गाना : दिल से दिल मिलने का कोई कारण होगा
गीत : आनंद बख़्शी. संगीत : आर डी वर्मन. गायक : किशोर कुमार. लता.


गाना सुनने व देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं 

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दिल ने फिर याद किया : दार्जलिंग विशेष : फिल्मी गाना : कोलाज : संग्रह : पृष्ठ : ७ .
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संकलन / संपादन.


रश्मि / कोलकोता.

हे नीले गगन के तले धरती का प्यार पले  : कोलाज : डॉ. सुनीता प्रिया. नैनीताल. 
दिल से दिल मिलने का कोई कारण होगा : बिना कारण कोई बात नहीं होगी : डॉ. सुनीता प्रिया. 

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दिल जो न कह सका : चलते चलते : पाँति / शार्ट रील  पृष्ठ : ८  . 
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संपादन.


 प्रिया अनुभूति. दार्जलिंग.
 
अच्छा जी मैं हारी चलो मान जाओ न 

कौन जानता है 

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दिल जो न कह सका : चलते चलते : पाँति / पृष्ठ : ९ . 
------------------
संपादन.
अनुभूति प्रिया / शिमला.
 
' धीरज ',' धर्म ' , ' मित्र ', ' अरु ', ' नारी ',
आपद काल परखि आहिं चारी" 

तुलसीदास. 



English Section. Magazine. 


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Thought of the Day : Positive Vibes : English : Page : 0.
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Mahalakshmi Desk. Kolkotta.


When you change don't announce it just bloom it.

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You Said It : English : Page : 1.
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Vanita / Media Coordinator.


Comments

  1. It is a nice beginning of : blog magazine page.Thanks to the editorial team.

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