सम्पादकीय. आलेख : पृष्ठ : ३ .
दार्जिलिंग : बादलों का शहर.
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दार्जलिंग की घाटियों बादलों के मध्य डूबता सूरज : फोटो : प्रिया : दार्जलिंग. |
मैं दार्जिलिंग दो बार गया हूँ। २००६ तथा २०१६ में। दार्जलिंग मुझे नेपाली तथा लामाओं का शहर लगा। यहाँ जब कभी भी बादल ही मंडराते दिखें। कभी भी वारिश हो जाए बता नहीं सकता। यह नमी युक्त शहर है।चाय तो दार्जिलिंग की विश्व प्रसिद्ध , इतनी सोंधी कि दस बीस ग्लास भी पी लें तो जी न भरे। पूर्वी हिमालय का एक अत्यंत मनभावन पर्वतीय स्थल : दार्जिलिंग भारत के राज्य पश्चिम बंगाल का एक नगर है। यह नगर दार्जिलिंग जिले का मुख्यालय भी है। यह नगर शिवालिक पर्वतमाला में लघु हिमालय में अवस्थित है। यहां की औसत ऊँचाई २, १३४ मीटर है। सुभाष घीसिंग के गोरखा लैंड की मांग के बाद यह शहर अत्यधिक चर्चित हुआ। दार्जिलिङ शब्द की उत्त्पत्ति दो तिब्बती शब्दों, दोर्जे और लिंग से हुई है। इस का अर्थ ' बज्र का स्थान है।
'भारत में ब्रिटिश राज के दौरान दार्जिलिङ की समशीतोष्ण जलवायु के कारण से इस जगह को पर्वतीय स्थल बनाया गया था। ब्रिटिश निवासी यहां गर्मी के मौसम में गर्मी से छुटकारा पाने के लिए आते थे।
दार्जिलिङ में ब्रिटिश शैली के निजी विद्यालय भी है, जो भारत और नेपाल से बहुत से विद्यार्थियों को आकर्षित करते हैं। सन १९८० की गोरखालैंड राज्य की मांग इस शहर और इस के नजदीक का कालिम्पोंग के शहर से शुरु हुई थी।
विश्व प्रसिद्ध चाय : मुझे याद है हम सभी चाय बगान देखने गए थे। वहां चाय बेचने वाले ने इतना अच्छी ज़ायकेदार चाय पिलाई थी कि अभी तक हम भूले नहीं थे। यहां पहाड़ों की ढ़लानों पर चाय की खेती १८५६ से शुरु हुई थी। इसका श्रेय ब्रिटिश को जाता है। यहां की चाय उत्पादकों ने काली चाय और फ़र्मेण्टिङ प्रविधि का एक सम्मिश्रण तैयार किया है जो कि विश्व में सर्वोत्कृष्ट है। दार्जिलिंग अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर यहां की दार्जिलिङ चाय के लिए प्रसिद्ध है।
क्या देखें दार्जिलिङ में ? गतांक से आगे.
संकलन / संपादन :
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सुबह शाम और रात के वक़्त : दिखती दार्जलिंग की पहाड़ियां : फोटो : देव.
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१.टाइगर हिल - देखने के हर पर्यटक को सुबह तीन चार बजे उठना होता है। २५६७ मीटर की ऊंचाई पर स्थित टाइगर हिल हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों पर सूर्योदय के मनोरम दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। आप यहाँ से माउंट कंचनजंगा तथा अन्य चोटियों के साथ देख सकते हैं। जब सुबह की किरणें माउंट कंचनजंगा पर तिरोहित होते हुए पड़ती है तो आँखों के आगे मनभावन दृश्य उपस्थित हो जाता हैं।
२.दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे टॉय ट्रेन - दार्जिलिंग की दार्जिलिङ हिमालयन रेलवे एक युनेस्को विश्व धरोहर स्थल तथा प्रसिद्ध स्थल है। दार्जिलिङ हिमालयन रेलवे जो कि दार्जिलिङ नगर को समथर स्थल से जोड़ता है, को १९९९ में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। रास्ते में घूम रेलवे स्टेशन विश्व का एक उच्चतम स्टेशन है। इसी रास्ते में बतसिया लूप रेलवे लाइन की बेमिसाल इंजिनीयरिंग है जहाँ से आप कंचन जंघा की हिम से आच्छादित चोटियां भी देख सकते है । यह वाष्प से संचालित यन्त्र भारत में बहुत ही कम देखने को मिलता है।
यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे एक नैरो-गेज टॉय ट्रेन है जो पहाड़ों के माध्यम से एक यादगार और सुंदर सवारी प्रदान करती है। ट्रेन की यात्रा आपको सुरम्य परिदृश्य और आकर्षक चाय बागानों के माध्यम से ले जाती है।
३.बतासिया लूप - यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे एक नैरो-गेज टॉय ट्रेन के रास्ते में बतासिया लूप एक सर्पिल रेलवे ट्रैक है जो दार्जिलिंग से घूम के रास्ते पर स्थित है। यह आसपास के पहाड़ों और लूप से गुजरने वाली टॉय ट्रेन के लुभावने दृश्य प्रस्तुत करता है। पार्श्व में ही गोरखा सैनिकों को समर्पित यहाँ एक युद्ध स्मारक के साथ एक सुंदर प्राकृतिक उद्यान है।
४.पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क - अपने संरक्षण प्रयासों के लिए जाना जाता है, पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क दार्जिलिंग में एक लोकप्रिय आकर्षण है। यह कई दुर्लभ और लुप्तप्राय हिमालयी प्रजातियों का घर है, जिनमें लाल पांडा, हिम तेंदुआ और साइबेरियाई बाघ शामिल हैं।
५.पीस पगोडा - अत्यंत ही शांत वातावरण में दार्जिलिंग में निर्मित जापानी पीस पगोडा एक शांत और सुंदर बौद्ध मंदिर है जो दार्जिलिंग शहर और आसपास के पहाड़ों के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। यह ध्यान और प्रतिबिंब के लिए एक शांतिपूर्ण स्थान है जहाँ आप कुछ देर बैठ कर मननचिंतन कर सकते हैं।
६.दार्जिलिंग मॉल रोड - मॉल रोड दार्जिलिंग के मध्य में एक हलचल भरा बाज़ार है। यह हस्तशिल्प, ऊनी, चाय और स्मृति चिन्ह बेचने वाली दुकानों से अटा पड़ा है। आप कई प्रकार के व्यंजन पेश करने वाले कई रेस्तरां और कैफे भी पा सकते हैं। मॉल रोड चौरास्ता में ख़त्म होता है
७.रॉक गार्डन और गंगा माया पार्क - दार्जिलिंग से लगभग १० किलोमीटर की दूरी पर स्थित, रॉक गार्डन और गंगा माया पार्क खूबसूरत पिकनिक स्थल हैं। इनमें सीढ़ीदार उद्यान, झरने, और प्राकृतिक चट्टानी संरचनाएं हैं। प्रकृति के बीच आराम करने के लिए यह एक बेहतरीन जगह है।
८.हिमालय पर्वतारोहण संस्थान और दार्जिलिंग चिड़ियाघर - हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान एक प्रसिद्ध पर्वतारोहण प्रशिक्षण केंद्र है। इसमें एक संग्रहालय भी है जो पर्वतारोहण के इतिहास और उपलब्धियों को प्रदर्शित करता है। संस्थान के निकट दार्जिलिंग चिड़ियाघर है, जो उच्च ऊंचाई वाले जानवरों के संग्रह के लिए जाना जाता है।
९.महाकाल मंदिर - वेधशाला पहाड़ी पर स्थित, महाकाल मंदिर हिंदुओं और बौद्धों दोनों के लिए एक पवित्र स्थल है। यह दार्जिलिंग शहर और पहाड़ों के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। यह एक लोकप्रिय तीर्थ स्थान और सांस्कृतिक महत्व का स्थान है।
१०.हैप्पी वैली टी एस्टेट - दार्जिलिंग अपनी चाय के लिए प्रसिद्ध है, और हैप्पी वैली टी एस्टेट की यात्रा से आप चाय के बागानों का पता लगा सकते हैं, चाय बनाने की प्रक्रिया के बारे में जान सकते हैं और ताज़ी पीसे हुए दार्जिलिंग चाय का आनंद ले सकते हैं। ये दार्जिलिंग के कई आकर्षणों में से कुछ हैं। शहर प्राकृतिक सुंदरता, चाय बागानों और सांस्कृतिक विरासत से घिरा हुआ है,जो आगंतुकों को एक अनूठा और यादगार अनुभव प्रदान करता है।
डॉ. मधुप.
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हमरे गांव कोई आएगा : दार्जलिंग की तस्वीरें : फोटो दीर्घा : पृष्ठ : ४.
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संपादन.
प्रिया / दार्जलिंग.
It is a nice beginning of : blog magazine page.Thanks to the editorial team.
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