Sare Jahan Se Achchha Hindustan Hamara : Rastriya Parv
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Sare Jahan Se Achcha Hindustan Hamara
Rastriya Parv : 1
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महा.शक्ति.त्रिशक्ति.नव शक्ति प्रस्तुति.
सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा : अंक : १
राष्ट्रीय पर्व विशेषांक.
सांस्कृतिक पत्रिका.
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हिंदी अनुभाग. प्रारब्ध.आवरण पृष्ठ : ०
सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा : कोलाज : शक्ति.समर्थित : आवरण पृष्ठ : ० |
त्रिशक्ति : सम्यक दृष्टि : महाशक्ति : नैनीताल डेस्क : पृष्ठ : १ / २.
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प्रादुर्भाव वर्ष : १९७६.
नैना देवी डेस्क / नैनीताल.
संस्थापना वर्ष : १९९८. महीना : जुलाई. दिवस : ४.
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त्रिशक्ति : सम्यक दृष्टि : महाशक्ति : नैनीताल डेस्क : पृष्ठ : १ / २.
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प्रादुर्भाव वर्ष : १९७६.
नैना देवी डेस्क / नैनीताल.
संस्थापना वर्ष : १९९८. महीना : जुलाई. दिवस : ४.
शक्ति : दर्शन.
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शक्ति : नैना देवी : नैनीताल डेस्क : विचार : पृष्ठ : १ / २.
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मेरी ' आत्मशक्ति ' शब्द चित्र : विचार धारा
ईश्वर उनसे प्रसन्न होते है जिनका उनके उपर अटूट विश्वास होता है
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परिवर्तन
किसी ने ' सच ' ही कहा है, ' समय ' तो ' समय ' पर ही ' बदलता ' है
पर स्वार्थी ' इंसान ' तो किसी भी समय ' बदल ' जाता है
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यदि ' मन ' खराब हो तो भी शब्द ' खराब ' ना बोले
याद रखें बाद में ' मन ' अच्छा हो सकता है मगर ' शब्द ' नहीं
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एक 'अवधि' के बाद स्कूल - कॉलेज भले ही छूट जाते हैं,
पर ' परीक्षाएँ ' जीवन में कभी भी 'समाप्त ' नहीं होती.
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त्रिशक्ति : सम्यक आचरण : महासरस्वती : नर्मदा डेस्क : पृष्ठ : १ / ३ .
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शारदा : श्वेतपद्मासना : दर्शन
प्रादुर्भाव वर्ष : १९८२.
नर्मदा डेस्क : जब्बलपुर.
संस्थापना वर्ष : १९८९. महीना : सितम्बर. दिवस : ९.
संपादन :' शक्ति ' अनीता. जब्बलपुर.
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त्रिशक्ति : सम्यक आचरण : महासरस्वती : विचार : पृष्ठ : १ / ३ .
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संपादन.
' शक्ति 'अनीता .
जब्बलपुर.
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ए ' जिंदगी ' गले लगा लें
यदि आप अपने आप को कल के ' दुखों ' से ' खाली ' कर लेते हैं, तो
आपके पास आज के ' आनंद ' के लिए बहुत अधिक ' जगह ' होगी
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ईश्वर ने हमें ' धरती ' पर एक खाली ' चेक ' की भांति भेजा है जिसमें स्वयं के
गुणों और ' योग्यता ' के आधार पर हमें स्वयं अपनी ' क़ीमत ' भरनी होती है
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' अभाव ' का ' प्रभाव ' अक्सर ' जीवन ' का ' स्वभाव ' ही बदल देता हैं
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' बचपन ' में जहाँ चाहा ' हंस ' लेते थे जहाँ चाहा ' रो ' लेते थे
पर अब ' मुस्कान ' को ' तमीज़ ' चाहिए और ' आँसुओं ' को ' तन्हाई '
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नव शक्ति.सम्यक संकल्प . शिमला डेस्क : : पृष्ठ : १ / ४ .
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संस्थापना वर्ष : १९९९. महीना : जनवरी . दिवस : ५
श्यामली : डेस्क : शिमला
शक्ति
संपादन
रेनू अनुभूति नीलम
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नव शक्ति : दिव्य दर्शन : पृष्ठ : १ / ४ / ० .
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.शतरंज की चालों का ख़ौफ उन्हें होता है जो ' सियासत ' करते हैं
कर्म के ' खिलाड़ी ' को न ' हार ' की चिंता और न ही ' जीत ' का ' अभिमान ' होता है..
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मानो या न मानो जिसने ' अपनों ' से ढ़ंग से बोलना सीख लिया
सच कहें तुम्हारी क़सम उसने ढ़ंग से ' सपनों ' में ही जीना सीख लिया
©️®️ डॉ. सुनीता मधुप ' शक्ति ' प्रिया.
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दिल दिया है ' जान ' भी देंगें
यदि ' हम ' स्वयं तथा आपस में ' आत्म केंद्रित ' हो कर
एक दूसरे के लिए ' तन मन धन ' से समर्पित, ' संयमित ',कर्तव्य परायण
हो ' मौन ' रहते हुए ' आँखों ' की भाषा ' पढ़ते ' रहें ,
' श्रेष्ठता ' की बढ़ते रहें तो देखना ' हम ' एकदिन ' महाशक्ति ' बन ही जाएंगे
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' हाथ ' और ' सहारा ' सही ' समय ' पर दे
यदि ' समय ' बीत गया तो दोनों में से कोई भी किसी के लिए ' सार्थक ' नहीं रहेगा
©️®️ डॉ. सुनीता मधुप ' त्रि - शक्ति ' प्रिया.
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नसलें ' इंसान ' की
ख्वाब तो ' परिंदों ' के होते हैं ' आसमान ' को छू लेने की
कुछ ' इंसान ' की नसलें तो बस ' गिरने ' और ' गिराने ' में लगी है…
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संपादक ' शक्ति ' समूह.
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प्रधान संपादक
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प्रधान संपादक
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रेनू ' अनुभूति ' नीलम.
नव शक्ति. श्यामली डेस्क. शिमला.
संस्थापना वर्ष : १९९९. महीना : जनवरी. दिवस : ५.
नव शक्ति. श्यामली डेस्क. शिमला.
संस्थापना वर्ष : १९९९. महीना : जनवरी. दिवस : ५.
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कार्यकारी संपादक
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डॉ. सुनीता रंजीता प्रिया
महाशक्ति डेस्क. नैनीताल
संस्थापना वर्ष : १९९९. महीना : जनवरी. दिवस : ६ .
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कार्यकारी सहायक संपादक
सीमा वाणी अनीता
कोलकोता डेस्क
संस्थापना वर्ष : १९९९. महीना : जून. दिवस : २ .
अंशिमा सिंह
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संयोजिका
मीडिया हाउस.
वनिता. शिमला
वरिष्ठ सम्पादिका
डॉ. मीरा श्रीवास्तवा
पूना
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अतिथि संपादक
मानसी शालिनी कंचन
नैनीताल.
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स्थानीय संपादक
बीना मीना भारती
नैनीताल.
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क़ानूनी संरक्षण.
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सीमा कुमारी.
डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल
विदिशा.
विधिवक्ता / नई दिल्ली.
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सम्पादिका.विशेषांक
शिक्षाविद.
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तारे जमीन पर : गद्य संग्रह : सम्पादकीय : प्रस्तुति. पृष्ठ : ३.
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शिमला डेस्क.
संपादन.
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सम्पादकीय आलेख : पृष्ठ : ३ / ०
स्वतंत्रता का ७८ वां साल: सोचने और सुधारने का समय.
स्वतंत्रता का ७८ वां साल हमारे देश के लिए एक विशेष अवसर है, जो हमें पिछले वर्षों की यात्रा की समीक्षा करने और भविष्य की दिशा निर्धारित करने का मौका देता है। जब हम स्वतंत्रता के इस लंबे सफर पर नजर डालते हैं, तो यह समझना आवश्यक हो जाता है कि हमने कितनी दूर यात्रा की है और कितनी दूरी अभी तय करनी है। स्वतंत्रता का अर्थ केवल राजनीतिक स्वतंत्रता नहीं है, बल्कि यह समाज के हर क्षेत्र में समानता, न्याय और समृद्धि की दिशा में निरंतर प्रयास करने का नाम है।
हमारी स्वतंत्रता की यात्रा १५ अगस्त १९४७ को शुरू हुई, जब देश ने ब्रिटिश शासन से मुक्ति पाई। उस समय की चुनौतियां और संघर्ष आज भी यादगार हैं, लेकिन इस लंबे समय में हमने बहुत कुछ सीखा और विकसित किया है। आज, जब हम स्वतंत्रता के ७८ साल पूरे कर रहे हैं, हमें उन मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है जो आज भी हमारे समाज में प्रासंगिक हैं।
पहले और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे की बात करें तो, यह है समानता। भले ही हम कानूनों और संविधान के दृष्टिकोण से समानता की बात करते हैं, लेकिन समाज के विभिन्न वर्गों के बीच असमानता अभी भी एक गंभीर चुनौती है। आर्थिक विषमताएं, जातिवाद, और लिंग भेद जैसी समस्याएं आज भी हमें प्रभावित करती हैं। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि प्रत्येक नागरिक को समान अवसर मिले और समाज के हर हिस्से को उसकी सही जगह मिले।
दूसरे, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है। पिछले वर्षों में काफी प्रयास किए गए हैं, लेकिन अब भी हमारे देश के कई हिस्सों में बुनियादी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है। यह जरूरी है कि हम इन क्षेत्रों में और निवेश करें और यह सुनिश्चित करें कि हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
तीसरे, पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है। पिछले दशकों में औद्योगिकीकरण और शहरीकरण के कारण पर्यावरणीय संकट गहराया है। जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, और प्राकृतिक संसाधनों की कमी जैसी समस्याएं हमारे सामने हैं। इन समस्याओं का समाधान केवल नीतियों के स्तर पर नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग की सहभागिता से संभव है। हमें सतत विकास की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलानी होगी।
अंत में, हमें अपने सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने की दिशा में भी प्रयास करने होंगे। साम्प्रदायिकता, कट्टरता और असहिष्णुता जैसी समस्याएं हमारे समाज को विभाजित करती हैं। हमें एकजुट होकर इन चुनौतियों का सामना करना होगा और समाज में सामंजस्य और सहयोग की भावना को बढ़ावा देना होगा।
स्वतंत्रता के इस ७८ वें साल में, हमें इन चिंताओं पर गहनता से विचार करना होगा और सुधार के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। यह समय है कि हम अपने अतीत की सीखों को समझें और एक समृद्ध, समान और न्यायपूर्ण समाज की दिशा में आगे बढ़ें।
स्वतंत्रता के इस अमूल्य उपहार की क़ीमत को समझते हुए, हमें आजादी के महान सेनानियों की स्मृति को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए देश में ठोस और समग्र बदलाव की दिशा में काम करना होगा। हमारे समाज और शिक्षा व्यवस्था को ऐसे स्तर पर लाना आवश्यक है, जहाँ हर नागरिक को समान अवसर मिलें और सभी के लिए न्याय और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
न्याय व्यवस्था में सुधार की दिशा में, हमें त्वरित और प्रभावी न्याय प्रदान करने के लिए प्रणाली को सुधारना होगा। भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ सख्त कदम उठाना आवश्यक है।
इन बदलावों के साथ, हम अपने देश को विश्व मंच पर एक मजबूत और प्रभावशाली शक्ति के रूप में स्थापित कर सकते हैं, और स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने वाले महान क्रांतिकारियों की अपेक्षाओं पर खरा उतर सकते हैं.
स्वतंत्रता का वास्तविक अर्थ तभी पूरा होगा जब हम अपने समाज की हर समस्या का समाधान खोजने में सक्षम होंगे और एक बेहतर भविष्य के निर्माण की दिशा में काम करेंगे।
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सम्पादकीय आलेख : पृष्ठ : ३ / १
वास्ते निसार है, मेरा तन, मेरा मन ऐ वतन ! ऐ वतन ! ऐ वतन !
नीलम पांडे. वाराणसी.
आदिकाल से ही स्त्री शक्ति की प्रतिष्ठा का वर्णन रहा जब असुरों को नष्ट करने के लिए दैवी शक्ति का आश्रय लिया गया। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी आक्रमणकारियों के विरुद्ध, स्त्री सदैव अपनी शक्ति प्रदर्शित करती हुई अग्रणी रही है।
अंग्रेज़ी शासन के दौरान भारतीय स्वाधीनता संग्राम कई दौरों से होकर गुजरा जिसमें कई वीरांगनाओं ने अपना उल्लेखनीय योगदान प्रदर्शित किया। १८५७ के विद्रोह में जहां वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का अद्भुत शौर्यपूर्ण योगदान रहा, वहीं बेगम हज़रत महल का साहसिक एवं उल्लेखनीय उदाहरण था।
सबसे पहले हम आज हम स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर उन शक्ति वीरांगनाओं को याद करते हैं जिन्होंने आधुनिक भारत में भी अपनी मातृ भूमि के लिए सर्वस्व वलिदान कर दिया।
जश्न ए आजादी में डूबा.. मेरा मुल्क, मेरा देश, मेरा ये वतन,
शान्ति का, उन्नति का, प्यार का चमन,
इसके वास्ते निसार है, मेरा तन, मेरा मन ऐ वतन ! ऐ वतन ! ऐ वतन !
विश्व का सबसे बड़ा गणतंत्र भारत ! सोने की चिड़िया भारत ! विश्व गुरू भारत ! आज अपनी आजादी की पचहत्तरवीं सालगिरह " हर घर तिरंगा " अभियान के साथ मना रहा है। पूरा देश आजादी के इस जश्न को यादगार बनाने में लगा हुआ है। तीन रंगों से सराबोर यह स्वाधीनता दिवस समारोह हर भारतीय को एक सूत्र में पिरोता दिख रहा है।
हम भारतीय हैं ही ऐसे कि जो ठान लें वो कर दिखाते हैं । केसरिया रंग जहां हममें ताक़त और हिम्मत भर देता है, सफ़ेद रंग सादगी और सच्चाई से जीवन बिताने की सीख देता है वहीं हरा रंग जीवन में खुशहाली और धरती पर हरियाली का संदेश देने वाला है।
इन तीन रंगों से सराबोर भारतीय की नज़र समय के चक्र पर भी रहती है जो उसे विजेता बनाने वाली संजीवनी बूटी है। हर भारतवासी भारत मां के उन अमर सपूतों की कृतज्ञ और ऋणी है जिनकी वजह से आज हम " जश्न ए आज़ादी "का हिस्सा हैं। भारत मां के अमर शहीदों ने जिस गर्भ से जन्म लिया उन माताओं बहनों के भी हम ऋणी हैं, जो कभी चुका नहीं सकते ।
प्रगति के पथ पर अग्रसर भारत के पुष्प भी वीरों की पग की धूल में मिल जाने की चाहत रखने वाले हैं। अपनी जान की फिक्र तो हर जीव को होती है, इतिहास तो वे रचते हैं जो दूसरों की हिफाजत में फना होने का जज़्बा रखते हैं। अमर शहीदों को नमन - वंदन करते हुए दिल से सलाम।
तेरी मिट्टी में मिल जावां,
गुल बन के मैं खिल जावां
की ख्वाहिश के साथ जय हिन्द, जय भारत, वंदेमातरम.
आलेख संपादन : कंचन पंत : नैनीताल
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आकाश दीप : पद संग्रह : सीपिकाएँ : पृष्ठ : ४.
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शिमला डेस्क
संपादन.
नीलम पांडेय
वाराणसी
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निर्भया : ये कैसी आजादी
' जय मां भारती '
उठ जाग हो गई भोर अलि!
अंखियां खोल और देख ज़रा।
लहरा रहा हर ओर तिरंगा,
चहुं ओर'जय हिन्द'का शोर मचा।
लाल क़िले की प्राचीर से निकल,
देश वासियों के दिलों तक।
शहरों की सड़कों से गुजरता,
जा पहुंचा गांव की गलियों तक।
गूंज उठा है देश भर में अब तो,
भारत मां का जयकारा है।
हरियाली की चादर ओढ़ धरा ने,
सादगी का फूल खिलाया है।
समय के चक्र के साथ चल,
हर भारती ने केसरी रंग सजाया है।
'वंदे मातरम्' गाती ठंडी हवाएं,
'जननी की जय' बोलती बूंदें आएं।
सात सुरों से सजाकर आज़,
सबने जन-गण-मन गाया है।
विश्वगुरू था,विश्वगुरू है देशअपना,
दुनियां को हमनेअपना लोहा मनवाया है।
शहीदों की स्मृति जगाती जलती ज्योति ,
देख,जवानो ने कैसे अपना शीश नवाया है।
ना भूले हम,ना भूलेंगे अमर शहीदो को कभी भी,
जन-जन की धड़कन ने यही फिर से दुहराया है।
निकल हवा में, खोल पंखों को अपने फिर,
भर उड़ान आज़ादी की, फिर अब तू देख ज़रा।
सबके सुरों में सुर मिला के अपना तू भी,
जय जननी, जय मां भारती की गूंज उठा।
लहराता रहे प्यारा तिरंगा, गगन में यूं ही,
'वंदे मातरम्','जय भारती'के जयघोष से सदा।
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लघु कविता
लघु कविता
निर्भया
बंगाल में नृशंस हुआ, निर्भया का मारक।
रोंगटे खड़ी कर दे, यह घटना हृदयविदारक।।
अकस्मात ग्रास बनी, गई काल के गाल में।
जन्मी थी डॉक्टर बिटिया, सोदेपुर बंगाल में।।
दर्जी की बिटिया रानी, पढ़ने में होशियार।
डॉक्टर बनने का स्वप्न, मन मे लिए तैयार।।
बिटिया को पढ़ाने खातिर, पिता करे संघर्ष।
गोल्ड मेडल का स्वप्न था, था ये अंतिम वर्ष।।
पढ़ाई में छोड़ी नही, बिटिया ने कोई कसर।
सोदेपुर से आरजी कर, उसने किया सफर।।
थी परिवार की लाडली, निभाया सबने फ़र्ज़।
अब बेटी की बारी थी, चुकाए सबका कर्ज़।।
दिनचर्या में व्यस्त रही, करने चली आराम।
कहाँ पता था आज ही, होगा काम तमाम।।
अर्द्धनिद्रा में सोई वो, सेमिनार के हॉल में।
दुष्कर्म और नृशंस की, घटना घटी बंगाल में।।
योद्धा कहता था जिसे, पूरा ही परिवार।
लड़ते-लड़ते हार गई, करती रही चिग्घाड़।।
नरपिशाच जीत गए, नारी गयी अब हार।
अबला कब तक सहेगी, ऐसे अत्याचार।।
'दुर्गा पूजन' बंगाल का, है विशेष त्योहार।
परिवार कर रहा था, उस दिन का इंतजार।।
पूरी कर पढ़ाई वो, जब आती बिटियारानी।
करती तुम्हारी पूजा वो, हे माँ जगतजननी।।
सच आये सब सामने, दोषी हों गिरफ्तार।
आत्मा को शांति मिले, इंसाफ न जाए हार।।
काली रूप हे चामुंडा, लीजै अब अवतार।
ऐसे नरपिशाचों का, कीजै मातु संहार
शालिनी राय
इलाहाबाद
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लघु कविता
अमर शहीदों, फिर से लौट के आओ.
देशभक्ति के गीत सुनाऊं, आकर अलख जगाओ।
देश के प्यारे,अमर शहीदों, फिर से लौट के आओ।
धरती मईया रोती खड़ी है।
सबको बस अपनी ही पड़ी है।
कोई रहा नही परोपकारी,
जात-पात की द्वेष बढ़ी है।
भेदभाव ये खत्म हो चले, ऐसी क्रांति चलाओ।
देश के प्यारे, अमर शहीदों, फिर से लौट के आओ।
धरती मईया रोती खड़ी है।
सबको बस अपनी ही पड़ी है।
भ्रस्टाचारी, दुष्कर्मी ,
और पापियों की भीड़ बढ़ी है।
क्रांति का तुम बिगुल बजाकर, पापियों को मिटाओ।
देश के प्यारे, अमर शहीदों, फिर से लौट के आओ।
धरती मईया रोती खड़ी है।
सबको बस अपनी ही पड़ी है।
भूखे मरे ये गरीब बिचारे,
महंगाई की मार बड़ी है।
सत्ता को आईना दिखाकर, महंगाई को भगाओ।
देश के प्यारे, अमर शहीदों, फिर से लौट के आओ।
धरती मईया रोती खड़ी है।
सबको बस अपनी ही पड़ी है।
आस्था का मजाक बना है,
धर्मं के नाम पे ठगी बढ़ी है।
पाखंडी हर व्यभिचारी को आकर सबक सिखाओ।
देश के प्यारे, अमर शहीदों, फिर से लौट के आओ।
धरती मईया रोती खड़ी है।
सबको बस अपनी ही पड़ी है।
लूट गयी है ये स्वर्ण चिरईया,
आपदा और विपदा बढ़ी है।
फिर से बने ये स्वर्ण चिरईया, युक्ति कोई सुझाओ।
देश के प्यारे, अमर शहीदों, फिर से लौट के आओ।
शालिनी राय
इलाहाबाद
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कही अनकही : तुम्हारे लिए : दिल जो न कह सका : शॉर्ट रील : पृष्ठ : ६
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दिल जो न कह सका : शॉर्ट रील : पृष्ठ : ६ / ०
संपादक
शक्ति. मीना रंजीता सिंह
मुक्तेश्वर नैनीताल.
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शॉर्ट रील : साभार : ख़ुशी : उत्तराखंड
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तुम्हारे लिए : शॉर्ट रील : पृष्ठ : ६ / १
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संपादन
बीना जोशी. नवीन समाचार. नैनीताल.
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डोर्थी सीट : शक्ति लघु फिल्म : नैनीताल से जुड़ी हमारी यादें
तू इस तरह से मेरी ' जिंदगी ' में शामिल है
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आज की कला कृति : ये कौन चित्रकार है : कला दीर्घा : ९.
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ये मेरा इण्डिया
संपादन.
शिमला.डेस्क
शक्ति : अनुभूति.
हम पंछी उन्मुक्त गगन के पिंजर बद्ध न हो पायेंगे : कृति : अज्ञात. |
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समाचार : चित्र : विशेष : दृश्य माध्यम : न्यूज शॉर्ट रील : पृष्ठ : १०.
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सम्पादिका.
अंशिमा सिंह.
शिक्षा विद.
शक्ति लघु फिल्म : निर्माण : डॉ. मधुप
दृश्यम : सन्देश : अंशिमा सिंह : ७८ वे स्वतंत्रता दिवस का. ----------
बिहार / नालन्दा / स्वतंत्रता / समाचार / १० /० / १.
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देश भर में नौनिहालों ने उत्साह पूर्वक मनाई भारत की आजादी की ७८ वीं वर्षगांठ.
नालंदा डी ए वी में भी दिखाया बच्चों ने उत्साह
समाचार संकलन आलेख .
डॉ. सुनीता रंजीता प्रिया.
यानि लाल किले से स्वतंत्रता दिवस को भारत की आजादी की ७८ वीं वर्षगांठ मनाई जा रही थी । हर घर तिरंगे का अभियान भी जारी था । लोग उत्साहित होकर अपने अपने घरों में तिरंगे फहरा रहें थे। हमारा देश विविधताओं का देश है। हम सर्वत्र एक ही सन्देश देना चाह रहें थे कि हम एक है। तिरंगा हमारी शान है जो हमें पूरब पश्चिम ,उत्तर दक्षिण के सिरे से जोड़ता है।
इतिहास साक्षी रहा है कि निरंतर घुटन के असह्य अनुभव से ही विद्रोह उत्पन्न हुआ है, फिर चाहे वो अनीतियों के विरुद्ध हो, अन्यायों के विरोध में हो, या फिर सत्ता के ही प्रतिकूल क्यों न हो। और जहां घुटन के असह्य अनुभव का ज़िक्र हो, तो वहाँ स्त्रियों का संदर्भ तो जैसे स्वाभाविक है। सृजन की शक्ति दर्शाने वाली स्त्री सदियों से दमन से ग्रस्त रही है, और उससे श्रेष्ठकर कौन होगा पराधीनता के अन्याय का दुःख समझने वाला। और शायद इसलिए भारतीय इतिहास के गौरवपूर्ण अध्यायों के निर्माण में स्त्रियों का सहयोग अद्भुत रहा है, फिर चाहे वो स्वाधीनता संग्राम परिच्छेद ही क्यों न हो।
नौनिहालों में भी जबरदस्त उत्साह था। देश विदेश में भी भारतीय द्वारा ७८ वे जश्न-ए-आज़ादी का जलसा
मनाने के समाचार प्राप्त हो रहें थे।
नालन्दा / संवाद सूत्र : आज विश्व की ज्ञान स्थली नालन्दा के विभिन्न स्कूलों में भी ७८ वां स्वतंत्रता का पावन दिवस मनाया जा रहा था। समाचार प्राप्त होने तक बिहार सूबे में स्वतंत्रता दिवस का पावन पर्व पूरे उल्लास के साथ मनाया गया।
नालन्दा जिला मुख्यालय स्थित बिहार शरीफ़ डी.ए.वी पब्लिक स्कूल पीजीसी तथा एस.पी.आर्य डी. ए. वी. पब्लिक स्कूल के प्रांगण में जश्न-ए-आज़ादी का जलसा बड़ी ही खूबसूरती के साथ मनाया जा रहा था।
इधर कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानाचार्य श्रीमती अंशिमा सिंह के कर - कमलों द्वारा ध्वजारोहण से हुआ।
आद्या प्रताप एवं आकृति सिन्हा ने मंच को बड़े ही मनमोहक ढंग से संभाला और अपने संवादों से सभी का दिल जीत लिया।
अंकिता,आकांक्षा,सारा फातिमा ने अंग्रेजी में, अभिलाषा ,प्रशांत ने संस्कृत में एवं आकांक्षा तथा नव्या ने हिंदी भाषा में अपने भाषण प्रस्तुत किए।
यू.के.जी. के नन्हें बच्चों को ‘ बम -बम भोले ' की धुन पर थिरकते देख दर्शक दीर्घा लगातार तालियां बजाती रही। निदा फातिमा, सान्वी, अनेशा सरकार, जाह्नवी, नाइसा, यश्वी ने भी देशभक्ति संगीत पर अपने निराले अंदाज़ में नृत्य प्रस्तुत किए।
इस विशेष अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या ने अपने संदेश के माध्यम से छात्रों एवं अभिभावकों से कहा कि उचित शिक्षा के साथ -साथ किसी भी कार्य का संपादन करने से पूर्व राष्ट्र हित का ध्यान रखें। अपनी आज़ादी को अक्षुण्ण बनाए रखना एवं विकास के मार्ग को प्रशस्त करना हम सबका परम कर्तव्य है।
कार्यक्रम का समापन विद्यालय की अनुभवी शिक्षिका के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।
स्थानीय विद्यालय डी.ए.वी पब्लिक स्कूल पीजीसी, बिहारशरीफ : ७८ वी. स्वतंत्रता वर्षगांठ
समाचार अंश : मुकेश ठाकुर
देश भर में नौनिहालों ने उत्साह पूर्वक मनाई भारत की आजादी : फोटो : शक्ति |
संवाद सूत्रों के मुताबिक स्थानीय विद्यालय डी.ए.वी पब्लिक स्कूल पीजीसी, बिहारशरीफ में ७८ वां स्वतंत्रता दिवस समारोह के शुभ अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि मो.माज़ आलम, उप महाप्रबंधक पावरग्रिड, बिहारशरीफ एवं विद्यालय के प्राचार्य श्री विजय कुमार पाठक द्वारा झंडोत्तोलन कर किया गया ।
विद्यालय के प्राचार्य ने अपने स्वागत भाषण में माननीय अतिथियों, अभिभावकों, शिक्षकों एवं छात्रों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाइयाॅं दी । सभी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब हम १५ अगस्त का यह महोत्सव मना रहे हैं, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि स्वतंत्रता के साथ-साथ जिम्मेदारियां का भी निर्वहन करना है।
हमारा कर्तव्य है कि हम देश के विकास में अपना योगदान दें । 'कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन' का संदेश छात्र - छात्राओं को देते हुए उन्होंने विद्यालय की उपलब्धियों एवं विशेषताओं से सभी को अवगत कराया । उन्होंने कहा कि विद्यालय में अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राएं अत्यंत प्रतिभाशाली एवं सुयोग्य है । ये सभी बच्चे शैक्षणिक प्रतिभा के साथ-साथ खेलकूद के क्षेत्र में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।
एलकेजी एवं यूकेजी के छोटे - छोटे बच्चों द्वारा प्रस्तुत नृत्य ‘आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं’, 'मेरा मुल्क मेरा देश' ने सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया । वहीं पहली और दूसरी कक्षाओं के बच्चों द्वारा ‘तितली उड़ी’,'फिर भी दिल है हिंदुस्तानी' जैसे भारतीयता का संदेश देनेवाले नृत्य की प्रस्तुति की गई । रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच बच्चों ने हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा में देश के प्रति अपने भावोद्गार व्यक्त किया ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि मो. माज़ आलम, उप महाप्रबंधक पावरग्रिड, बिहारशरीफ ने अपने संभाषण में कहा कि ' हम लाए हैं तूफान से किश्ती निकाल के इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के '। उन्होंने सभी देशवासियों को विभिन्न मजहब, धर्म, जाति एवं भाषा के आधार पर आपसी में वैमनस्यता नहीं रखने का संदेश दिया। हमें देश हित में हमेशा एक रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि देश को संसार का सिरमौर बनाना है तो हमें नैतिक मूल्यों को समझना होगा ।
डीएवी कलेक्टर खेलकूद प्रतियोगिता ( क्रिकेट एवं कराटे ) में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को मुख्य अतिथि महोदय एवं प्राचार्य महोदय के द्वारा पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम का समापन विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक श्री पंकज कुमार सिन्हा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ ।
गया मानपुर डी.ए.वी पब्लिक स्कूल में भी प्राचार्य गोविन्द जी तिवारी ने ७८ वी स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर झंडोतोलन का पावन दायित्व्य निभाया। विद्यालय के रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम को सफ़ल बनाने में शिक्षकों, शिक्षिकाओं, बच्चों तथा उपस्थित अभिभावकों की भूमिका सराहनीय रही है .
आधार : मुकेश ठाकुर
स्तंभ सम्पादन
शक्ति सीमा अनीता कोलकोता डेस्क
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जयपुर / स्वतंत्रता / समाचार / १० / ० / २ .
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ज्ञान विहार स्कूल में ७८ वां स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया गया : जयपुर :
रेनू शब्द मुखर.
जयपुर / संवाद सूत्र : जयपुर ज्ञान विहार स्कूल ने ७८ वें स्वतंत्रता दिवस को भव्य और उल्लासपूर्ण तरीके से मनाया। इस अवसर पर छात्र , अभिवावकों तथा अतिथि गणों की भारी भीड़ रही।
सर्वप्रथम ज्ञान विहार यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष श्री सुनील शर्मा जी ने झंडा फहराकर कार्यक्रम की शुरुआत की तत्पश्चात चारों सदन के विद्यार्थियों ने उत्कृष्ट मार्च पास्ट का प्रदर्शन कर अपने देशभक्ति की भावना को प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर अध्यक्ष श्री सुनील शर्मा जी ने प्रेरणादायक वक्तव्य में स्वतंत्रता के महत्व और आज़ादी की रक्षा के प्रति कर्तव्य का उल्लेख किया।
कार्यक्रम में डायरेक्टर कनिष्क शर्मा जी तथा प्रिंसिपल डॉ. ऋत्विज गौड़ ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी।
समारोह के दौरान समसामयिक मुद्दों पर आधारित एक प्रभावशाली नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया, जिसने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया। इसके अलावा, विद्यार्थियों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस भव्य आयोजन ने स्वतंत्रता दिवस की भावना को सार्थक रूप से प्रस्तुत किया और आजादी के संघर्ष और महत्व को प्रस्तुत किया। अंत में सभी को मिठाई वितरित की गई।
रेनू शब्दमुखर
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नैनीताल / स्वतंत्रता / समाचार / १० / ० / ३ .
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शेमफोर्ड सीनियर सेकेण्डरी स्कूल में ७८वां स्वतंत्रता दिवस
हर्षोल्लास के साथ मनाया गया.
संकलन / स्मृति पांडेय.
हल्द्वानी. नैनीताल.
हल्द्वानी / नैनीताल. शेमफोर्ड सीनियर सेकेण्डरी स्कूल में ७८वां स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मुख्य अतिथि विद्यालय की संस्थापक माधवी बिष्ट, चेयरमैन दयासागर बिष्ट एवं प्रधानाचार्या संतोष पाण्डेय ने संयुक्त रूप से ध्वजारोहण किया।
विद्यालय के एनसीसी कैडेट्स द्वारा चेयरमैन दयासागर बिष्ट को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दौरान कैडेट्स द्वारा मार्च पास्ट का प्रर्दशन भी किया गया। ध्वज के सम्मान में सभी ने राष्ट्रगान गाया।
समस्त स्टाफ एवं छात्र-छात्राओं ने तिरंगे के सम्मान में गीत प्रस्तुत किये। इस अवसर पर भारत माता की जय एवं वंदे मातरम् के नारों से विद्यालय प्रांगण गूंज उठा। बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। देशभक्ति से भरे गीतों, समूहगान, स्किट, नृत्य नाटिका आदि प्रस्तुतियों ने सभी को देशभक्ति के रंग में रंग दिया।
समस्त स्टाफ एवं छात्र-छात्राओं ने तिरंगे के सम्मान में गीत प्रस्तुत किये। इस अवसर पर भारत माता की जय एवं वंदे मातरम् के नारों से विद्यालय प्रांगण गूंज उठा। बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। देशभक्ति से भरे गीतों, समूहगान, स्किट, नृत्य नाटिका आदि प्रस्तुतियों ने सभी को देशभक्ति के रंग में रंग दिया।
प्रधानाचार्या सन्तोष पाण्डेय ने इस अवसर पर अमर शहीदों को याद करते हुए उनके मूल्यों और आदर्शों को जीवन में अपनाने की अपील की। उन्होंने आजादी के महत्व को समझने और बच्चों से एक जिम्मेदार व अनुशासित नागरिक बनने की अपील की।
डायरेक्टर अकादमिक अंजू भट्ट ने सभी को सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी।
चेयरमैन दयासागर बिष्ट ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने सभी से समाज में बढ़ रही बुराइयों नशा, ड्रग्स इत्यादि से दूर रहने की अपील की जिससे वे एक सशक्त राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने बच्चों से कहा कि आप देश का भविष्य है और इसे संरक्षित और सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी आपकी है।
इससे पूर्व बुधवार को विद्यालय के छात्रों एवं एनसीसी कडेट्स द्वारा जयपुर बीसा क्षेत्र में हर घर तिरंगा हर घर झण्डा रैली निकली गई। कार्यक्रम का संचालन जिया एवं कोमल भट्ट ने किया। इस दौरान चेयरपर्सन ऋचा बिष्ट, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजेश बिष्ट, डायरेक्टर अकादमिक अंजू भट्ट, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी बी एस मनराल, विनोद खोलिया, समाजसेवी एवं जिला पंचायत सदस्य कमलेश चंदोला सहित समस्त विद्यालय स्टाफ उपस्थित रहा।
आधार : खबर सच है / हल्द्वानी / नैनीताल
संपादक / मनोज पांडेय.
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समाचार : चित्र : पृष्ठ : १० / १ /
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संपादन
मानसी कंचन / नैनीताल.
हिंसा नहीं न्याय चाहिए : डॉ० मौमिता के लिए न्याय हेतू शक्तियों का रोष प्रदर्शन : फोटो : शालिनी |
दृश्य माध्यम : न्यूज शॉर्ट रील : पृष्ठ : १० / २ .
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संपादन.
' शक्ति ' जया सोलंकी.
जोधपुर.
दृश्य माध्यम : न्यूज शॉर्ट रील :
को इण्डिया बुक अवार्ड : २०२४
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आपने कहा : जन्म दिन : शुभकामनाएं : दिवस : पृष्ठ : ११.
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संपादन.
वनिता. शिमला.
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जन्म दिन : शुभकामनाएं.
दिवस : २२ अगस्त.२०२४
स्वास्थ्य विषय के ' सह लेख़क ', ' परामर्शदाता ', ब्लॉग मैगज़ीन के ' संरक्षक '
को उनके जन्म दिन २२ अगस्त के उपलक्ष्य पर
को हम मीडिया परिवार की तरफ़ से ढ़ेर सारी शुभकामनाएं.
सह गायिका विनिथा. कनाडा.
फिल्म : मेरे सनम
गाना : हमने तो दिल को आपके क़दमों पर रख दिया
गाना सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक दवाएं
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आपने कहा : पृष्ठ : ११ / १
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' मुझे यह पत्रिका बहुत अच्छी लगी
और इस पत्रिका के संपादकीय भाग में अहम भूमिका व दायित्व निभाने हेतु मैं सहर्ष तैयार हूँ तथा मैं अपनी समस्त रचनाओं के प्रकाशन के लिए उत्सुक व आकांक्षी रहूँगी.
शक्ति संपादकीय समूह में जोड़ने हेतु मैं डॉ० मधुप रमन को हृदयतल से आभार व्यक्त करती हूँ '
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दिवस : पृष्ठ : ११ / २
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नेता जी की पुण्य तिथि : १८ अगस्त
भूत पूर्व प्रधान मंत्री अटल जी की स्मृति : पुण्य तिथि
दृश्यम : आज़ादी की वर्ष गांठ पर
फोटो दीर्घा : ये मेरा इण्डिया : दुल्हन माथे की बिंदिया : विशेष : पृष्ठ : १२.
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संपादन.
शक्ति : रंजीता सीमा.
हर घर तिरंगा : घर घर तिरंगे का संदेश : फोटो : सुदीप्ता सिद्धांता : पश्चिम बंगाल |
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ये मेरा गीत : जीवन संगीत कल भी कोई दोहराएगा : तराने : गाने : चलते चलते : पृष्ठ : १३
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आपकी ' हमारी ' सब की पसंद.
फिल्म : रोटी.१९७५
सितारे : राजेश खन्ना. मुमताज.
गाना : जिसने पाप न किया हो जो पापी न हो
गीत : आनंद बख्शी संगीत : लक्ष्मी कांत प्यारेलाल. गायक : किशोर कुमार
गाना सुनने व देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं
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फ़िल्म : पूरब पश्चिम.१९७०
गाना : दुल्हन चली पहन चली तीन रंग की
सितारे : मनोज कुमार. सायरा बानू.
गीत : इंदीवर. संगीत : कल्याण जी आनंद जी. गायक : महेंद्र कपूर.
गाना सुनने व देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं
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फ़िल्म : पूरब पश्चिम.१९७०
गाना : है प्रीत जहाँ की रीत सदा
सितारे : मनोज कुमार. सायरा बानू.
गीत : इंदीवर. संगीत : कल्याण जी आनंद जी. गायक : महेंद्र कपूर
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चलते चलते : आज की मुलाकात बस इतनी : पृष्ठ : १३
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सम्पादन
डॉ. सुनीता रंजीता शक्ति प्रिया.
नैनीताल डेस्क.
नैनीताल डेस्क.
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शॉर्ट रील : साभार
पारुल : लखनऊ : प्यार करते है हम
मैं कहीं कवि न बन जाऊँ तेरे प्यार में कविता
शॉर्ट रील : स्थान : नेपाल : प्रस्तुति : प्रिया : दार्जलिंग
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साभार : ख़ुशी : देहरादून : शॉर्ट रील :
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Editorial : Page : 1
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Chief Editor.
Prof. Dr. Roop .Kala. Dubey.
Department of English
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Photo News : Gallery : English Page : 2
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Editor.
Archana Phull
Free Lance : TOI : Shimla
Unleashing Your Inner Artist with Our Exquisite Henna Designs : photo . Dr.Renu Ashok. Ranchi. |
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You Said it : Gallery : English Page : 3
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Editor.
' Shakti ' Bhagwanti Dehradun.
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Dr. Prashant Singh. Gujarat
Thanks a lot ' Shakti ' Media Team...
for giving me lots of respect and ...love on my birthday ...
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Ashok Karan,
Ex. Photo editor.The Public Agenda.
Excellent picture of Henna celebration by the women during Sawan. Thanks to Shakti editor's group for publishing and giving space to the picture.
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Kamal. Mukteshwar.
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ReplyDeleteशालिनी राय इलाहाबाद
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ReplyDeleteDr Prashant Singh Gujarat