राजगीर पर्यटन
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हिंदी अनुभाग.पृष्ठ २.१.
राजगीर / पर्यटन लेख.
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नेचर सफारी में नवनिर्मित ग्लास स्काईवॉक और सस्पॅशन ब्रिज पर्यटकों के लिए बने आकर्षण.
राजगीर / पर्यटन. नेचर सफ़ारी में बिताए एक दिन.
रत्नगिरि के पास नये केबिन रोपवे का भी हुआ लोकार्पण.

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रत्नगिरि के पास नये केबिन रोपवे |
इधर हाल में बिहार में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बहुत काम किये गये हैं । बिहार आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी इजाफ़ा हो रहा है । परे देश से दो करोड़ से भी ज्यादा पर्यटक बिहार में आते हैं । इसके अलावा विदेश से भी १० लाख से ज्यादा पर्यटक बिहार आते हैं , जिनमें सबसे ज्यादा राजगीर , गया , बोधगया और वैशाली आते है ।
ईको टूरिज्म को लेकर बिहार काफ़ी जागरूक है इसे प्रदेश में भी बढ़ावा दिया जा रहा है । राजगीर का नेचर सफारी भी ईको टूरिज्म का ही हिस्सा है । ये सब वन एवं पर्यावरण विभाग के अधीन रहेगा । इसको लेकर वन एवं पर्यावरण विभाग के अंतर्गत एक विंग बनाया जा रहा है । पर्यावरण संरक्षण को लेकर बिहार में जल - जीवन - हरियाली का व्यापक अभियान चलाया जा रहा है । उसी को ध्यान में रखते हुए अनेक जगहों पर इस तरह के काम किये जा रहे हैं । राजगीर में वेणु वन नेचर सफ़ारी इसी सन्दर्भ में आगे की कड़ी है । ज्ञात हो पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वाल्मीकिनगर में भी कई काम किये गये हैं । पटना में भी ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ साथ गया , बोधगया , वैशाली में भी अनेक जगहों पर ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है ।
जू सफारी : के निर्माण कार्य में भी उल्लेखनीय तेज़ी आयी है। इस सफारी में नाना प्रकार के जानवरों के लाने का सिलसिला शुरू हो गया है । हिरण ,बन्दर आदि अन्य जानवर इस जू सफारी के मुख्य आकर्षण होंगे। उम्मीद है कि जू सफारी का शेष काम कुछ महीनों में शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा ,और जल्द ही इसका भी लोकार्पण कर दिया जायेगा तब आम लोग उत्तराखंड के जिम नेशनल पार्क की भांति ही जू सफारी का भ्रमण कर सकेंगे ,आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में सैलानियों की आवाजाही शुरू हो जाएंगी।
ईको टूरिज्म को लेकर बिहार काफ़ी जागरूक है इसे प्रदेश में भी बढ़ावा दिया जा रहा है । राजगीर का नेचर सफारी भी ईको टूरिज्म का ही हिस्सा है । ये सब वन एवं पर्यावरण विभाग के अधीन रहेगा । इसको लेकर वन एवं पर्यावरण विभाग के अंतर्गत एक विंग बनाया जा रहा है । पर्यावरण संरक्षण को लेकर बिहार में जल - जीवन - हरियाली का व्यापक अभियान चलाया जा रहा है । उसी को ध्यान में रखते हुए अनेक जगहों पर इस तरह के काम किये जा रहे हैं । राजगीर में वेणु वन नेचर सफ़ारी इसी सन्दर्भ में आगे की कड़ी है । ज्ञात हो पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वाल्मीकिनगर में भी कई काम किये गये हैं । पटना में भी ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ साथ गया , बोधगया , वैशाली में भी अनेक जगहों पर ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है ।
जू सफारी : के निर्माण कार्य में भी उल्लेखनीय तेज़ी आयी है। इस सफारी में नाना प्रकार के जानवरों के लाने का सिलसिला शुरू हो गया है । हिरण ,बन्दर आदि अन्य जानवर इस जू सफारी के मुख्य आकर्षण होंगे। उम्मीद है कि जू सफारी का शेष काम कुछ महीनों में शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा ,और जल्द ही इसका भी लोकार्पण कर दिया जायेगा तब आम लोग उत्तराखंड के जिम नेशनल पार्क की भांति ही जू सफारी का भ्रमण कर सकेंगे ,आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में सैलानियों की आवाजाही शुरू हो जाएंगी।
नेचर सफारी
: राजगीर एक प्राकृतिक खूबसूरत सैरगाह है ,नेपाल ,बंगाल ,सिक्किम ओडिशा ,उत्तर प्रदेश ,छत्तीसगढ़ ,मध्य प्रदेश ,झारखण्ड एवं भारत के अन्य राज्यों से आने वाले पर्यटकों के लिए यह एक अत्यंत पसंदीदा लोकप्रिय सैरग़ाह है ,क्योंकि यह हरी भरी पंच पहाड़ी के मध्य अवस्थित है । पहले यह मगध की राजधानी हुआ करती थी ।
धीरे धीरे राजगृह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुनः अपनी सांस्कृतिक ,ऐतिहासिक व प्राकृतिक सौंदर्य और गरिमा को समेटने और अधिकृत करने में लग गया है। जू सफारी के निर्माण के समय ही कदाचित यह विचार आया था कि यहां पर नेचर सफारी के विकास की भी असीम संभावनाएं हैं । नेचर सफारी को लेकर योजना बनाई गयी और ३ वर्षों के अंदर इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया । नेचर सफारी को देखने नई पीढ़ी की बच्चे - बच्चियां काफी तादाद में आयेंगी ऐसा विश्वास था । ऐसा दिखता भी है।
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ग्लास स्काई वॉक |
प्रवेश द्वार पहुँचने के लिए आपको राजगीर के प्रसिद्ध स्थल स्वर्ण भंडार आना होगा वहां से पर्यटन विभाग की गाड़ियां मिलेगी। स्वर्ण भंडार से नेचर सफारी के मुख्य प्रवेश द्वार तक की दूरी ६ से ७ किलोमीटर की है जिसे आपको पर्यटन विभाग की गाड़ियां से तय करनी होगी। इसके लिए ५० रुपये के मूल्य का टिकट कटाना होगा। चंद मिनटों में ही हम नेचर सफ़ारी के प्रवेश द्वार के पास पहुंच जाते है। प्राइवेट खुद की गाड़ियां ,जैसे कार ,जीप ,मोटरसायकिल, स्कूटर आदि आप भीतर नहीं ले जा सकते है।
जरासंध के अखाड़ें से होते हुए आप जब जंगलातों से बुद्ध के बतलायें मार्ग पर चलते हैं तो नैसर्गिक आनंद की प्राप्ति होती है। बताते चले कभी गौतम बुद्ध इसी रास्तें से बोधगया से तपोवन जेठियन से होते हुए राजगृह आते थे। अतः इस डगर से गुजरते हुए आप इतिहास तथा बुद्ध धर्म के निहित सन्देश ' बुद्धम शरणम गच्छामि ' के कल्याणकारी सन्देश को भी अवश्य याद रखें।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नेचर सफारी में दोनों तरफ से किये गये हैं ताकि लोग सुरक्षित घूम सकें । यह सफारी दिन भर खुला रहेगा । लोग टिकट लेकर इसको देखने आयेंगे । घूमने आने वाले लोगों को लौटते समय उनके घूमने की तस्वीर भेंट की जायेगी । उल्लेखनीय है नेचर सफारी का पूरा एरिया ८ किलोमीटर से ज्यादा का है । जैसे जैसे पर्यटक नेचर सफारी को लोग देखने आयेंगे , पर्यावरण को लेकर नई पीढ़ी के लोगों में इससे जागृति आयेगी । हरियाली को ध्यान में रखते हुए यहां खाली जगहों पर वृक्षारोपण किया गया है ताकि हरीतिमा बनी रहे । नेचर सफारी में आने वाले लोगों के लिये सभी तरह की सुविधा के काफी इंतजाम किये गये हैं ,लेकिन इस सफ़ारी में लोग नियमित तथा निर्धारित समय अवधि सुबह १० बजे से अपराहन ३ बजे तक ही सुबह से लेकर शाम तक ही भ्रमण कर सकेंगे।
ट्रैकिंग के लिए आने वाले दिनों में ट्रेकेरस के लिए एक आदर्श ज़गह होगी जब आते जाते १८ किलोमीटर का फासला तय करना उनके लिए दिलचस्प शगल में शुमार हो जायेगा।पर्यटक यहां पैदल और साइकिल से घूम सकते हैं ,यहां साइकिल का भी प्रबंध किया जायेगा ताकि आने वाले दिनों में पर्यटक साइकिल से भी चारों तरफ के क्षेत्र को घूम सकें । सुरक्षा कारणों से रात में भ्रमण की इजाजत नहीं मिलेगी ।
नेचर सफारी ग्लास स्काई वॉक और सस्पॅशन ब्रिज का भी निर्माण नेचर सफारी में किया गया है । नेचर सफारी आने वाले पर्यटक इन दोनों का आनंद उठा सकते हैं । ग्लास स्काई वॉक इस देश में पहला है । देश दुनिया में इसको लेकर चर्चा हुई है । लोगों को खुशी हुई है कि देश का पहला ग्लास स्काई वॉक बिहार के राजगीर में बना है । इस पर टहलने में रोमांच का अद्वितीय आनंद होता है। ग्लास स्काई वॉक के दूसरे सिरे पर पहुँच कर आप घाटियों के मध्य सरसराती ठंढी हवाओं प्रकृति के अद्भुत नज़रों का अतिरेक आंनद उठा सकते है। इस स्काई वॉक के लिए आपको १२५ रुपए का टिकट खरीदना होगा। आप को अपने जूते भी खोलने होंगे ऐसा इसलिए कि कांच से बनी फ़र्श पर घर्षण से बनने वाली निशान न बनने पाए।
नेचर पार्क : आप यहाँ से बैटरी चालित ऑटो रिक्शा में मात्र दस रुपये की टिकट कटा कर बैठ जाएं।ऑटो रिक्शा आपको नेचर पार्क के प्रवेश द्वार पर छोड़ देगा। आप यहां प्रवेश कर जाएं ,देखने लायक बम्बू हाउस ,ट्री हाउस है तो रोमांच पसंद करने वाले युवाओं के लिए कई साहसी खेल उपलब्ध हैं। जैसे,जीप लाइन के माध्यम से नेचर सफारी में लोग एक छोर से दूसरे छोर तक जायेंगे । जीप लाइन पर साइकिल का भी इंतजाम किया गया है । नई पीढ़ी के लोगों के खेलने का भी यहां इंतजाम किया गया है । घूमने आने वाले लोगों के खाने - पीने के लिये भी इंतजाम किये गये हैं । हर प्रकार की चीजों का इंतजाम किया गया है ।
शूटिंग तथा तीरंदाजी युवाओं के मनोरंजन के लिए है। तो यहाँ शूटिंग तीरंदाजी के भी लिए बेहतर इंतजाम किये गये हैं । लेकिन इसके लिए आपको पैसे खरचने होंगे। हमारे साथ बेंगलुरु से आए सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुनील कुमार ने जीप लाइन सायकिलिंग,तीरंदाजी तथा शूटिंग के लिए अपना शौक आजमाने की बात करी थी।
डॉ. मधुप रमण ,
स्वतंत्र लेखक ,व्यंग्य चित्रकार.
क्रमशः जारी ....
Very good ,Sir.Thank u very much
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteCommendable job. Helpful for every Rajgir visitor in the coming days.
ReplyDeleteNew adventure in rajgir.your blog is very helpful.
ReplyDeleteWide exposure of Nature and heaven coming on earth
ReplyDeleteबेहतरीन लेख👌👌
ReplyDeleteIt is a very good travelogue page, Thanks a lot.
ReplyDeleteIt's an informative travel page, thank you very much.
ReplyDeleteAwesome work, very informative
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