बिहार शरीफ़ / डॉ.मधुप रमण

 शाम होने की कगार पर है। मधुर मधुर दीपक मेरे जल  जल जल कर मेरे पथ आलोकित कर। उनके जलने कि तैयारी हो चुकी है  ।शनैः शनैः स्वेच्छा से कुछेक लोग तालाब परिसर में जुटे,दीप जले और  बिहार शरीफ़ के धनेश्वर घाट स्थित तालाब के गलियारे आलोकित हो गए। माहोल भक्ति पूर्ण हो गया। 

बिहार शरीफ़ धनेश्वरघाट स्थित तालाब परिसर का दृश्य 

ज्ञात हो कोरोना काल में बहुत कुछ बदल चुका हैं । पूजा की रीत भी बदल गयी है। सरकारी नियमों को देखते हुए हमारे संस्कार भी बदल चुके हैं। जीवन का प्रश्न मात्र जो हैं। हम भी परिवर्तित हो चुके हैं। बदलना भी ज़रूरी है क्योंकि यही नियति की मांग है समय की जरूरत भी। अब सभी पूजा के रीत रिवाज़ भी  कोरोना के नियम के अंतर्गत व्यक्तिगत सुरक्षा स्वास्थय को ध्यान में पूरे किये जा रहें हैं। हमें कोरोना जैसी महामारी पर विजय जो प्राप्त करनी हैं।
कई सालों से  बिहार शरीफ़,स्थित धनेश्वर घाट तालाब   में  भी काशी के तर्ज़ पर कार्तिक पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा  के पवित्र दिन को भी पर देव दीपावली मनाने की एक अभूतपूर्व परंपरा रही है। देव दीपावली की दैविक रीत है ,भगवान उस दिन काशी के अस्सी घाटों पर अवतरित होते हैं। हम मानव कार्तिक अमावस की रात दीपोत्सव मनाते है तो देवों की दीपावली कार्तिक पूर्णिमा को होती हैं।  इस विशेष दिन काशी के घाटों की अतुलनीय शोभा विश्व विख्यात है सर्वत्र चर्चित है। गुरु पूर्णिमा  या कार्तिक पूर्णिमा के पवित्र दिन यहां की सजावट देखते ही बनती हैं। विश्व ज्ञान की धरती नालंदा के जिला मुख्यालय बिहार शरीफ़ में भी कमो वेश यही दृश्य था। वैसी ही शोभा थी।
इस बार भी यह आयोजन बिना किसी भीड़ भाड़ के बिहार शरीफ़,स्थित धनेश्वर घाट देव दीपावली आयोजन समिति ने प्रतीकात्मक देव दीपोत्सव का कार्यक्रम सदस्यीय  स्तर पर ही सपन्न करने का निर्णय लिया जो सफलता पूर्वक पूर्ण भी हुआ । धनेश्वर घाट देव दीपावली आयोजन समिति के सदस्य वरीय अधिवक्ता रवि रमण ,प्रोफ़ेसर आशुतोष शरण,पूर्व बार्ड कमिश्नर परमेश्वर महतो, गोल इंस्टिट्यूट के संचालक संजय कुमार तथा आर्य समाजी अभिमन्यु ने भक्ति भाव से अपने अपने दीप जलाकर गंगा का आह्वाहन करते हुए गंगा की आरती की। जल श्रोतों को अक्षुण्ण साफ़ सुथरा बनाये रखने का संकल्प भी लिया। 
आयोजन समिति के सदस्यों द्वारा गंगा बचाओं अभियान संकल्प के निमित जल ही जीवन हैं हम जल उदगम श्रोतों को प्रदूषण से बचाए रखने का संकल्प लेते हैं।पुरोहित अखिलानंद पांडेय के वैदिक मन्त्रों का उच्चारण के साथ साथ सीमा कुमारी,प्रसून पाठक आदि ने अपने अपने गायन में कई देवों यथा शिव का स्तुति गान कर वहां उपस्थित जनों का मन मोह लिया। 
कुछ पल उपरांत ही घाटों पर रखें दिए रोशन होकर तन मन के तिमिर को हटाने का सार्थक प्रयास करने लगे।   
उम्मीद यह भी थी कि वैश्विक स्तर से त्रिपुरासुर राक्षस  जैसी  कोरोना बीमारी का अंत भी हो तथा जनकल्याण का प्रकाश फैले। आस पास मुहल्लें के निवासी यथा बालेश्वर प्रसाद ,दैनिक भास्कर के ब्यूरो चीफ सुजीत कुमार,राजू मिश्रा ( संबाददाता कशिश न्यूज़ ),सोनू पांडेय ( मेट्रो न्यूज़ ),सुनील कुमार,धीरज ,नीरज डॉ शशि भूषण,भी इस आयोजन को भव्य एवं यादगार बनाने के लिए तन मन धन से समर्पित,मौजूद थे  मध्यम मध्यम जलते दीयों से घाटों की पतली संकरी सीढियाँ आलोकित होने लगी। जलते  बुझते  दिए की रोशनी में सीढ़ियों की शोभा देखने लायक थी। आदि तथा मुहल्लें के अन्य  उपस्थित जनों के समक्ष ही भजन कीर्तन पूर्ण संध्या ने इस अल्पकालिक संध्या आरती की शोभा ही दूगनी कर दी। लोग मंत्रमुग्ध थे भक्ति भाव से ओतप्रोत भी।
बिहार शरीफ़ / डॉ.मधुप रमण  

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