Lo Bhuli Dastan Wo Phir Yaad Aa Gayi : Phir Subah Hogi : 2025

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 Lo Bhuli Dastan Wo Phir Yaad Aa Gayi
Phir Subah Hogi.2025 *. 
Culture  Special.2025. 
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देव शक्ति.राधिका कृष्ण शक्ति. त्रिशक्ति.नव शक्ति. महा.शक्ति.प्रस्तुति.
सांस्कृतिक पत्रिका.
लो भूली दास्ताँ वो फ़िर याद आ गयी   
     : अंक : ५.
नव वर्ष : संस्कृति दिवस : विशेषांक.
संयुक्त मीडिया  
ए एन्ड एम / प्रथम /  एम.एस / टाइम्स मीडिया.प्रस्तुति 

लो भूली दास्ताँ वो फ़िर याद आ गयी : फ़िर सुबह होगी : आवरण पृष्ठ : शक्ति. ज्योति विदिशा. 

लो भूली दास्ताँ वो फ़िर याद आ गयी : फ़िर सुबह होगी  : आवरण पृष्ठ : ० 

फोर स्क्वायर होटल : रांची : समर्थित : आवरण पृष्ठ : विषय सूची : मार्स मिडिया ऐड : नई दिल्ली.


प्रारब्ध : पृष्ठ : ०
पत्रिका / अनुभाग.
शक्ति. सम्पादकीय डेस्क. दर्शन : ड्योढ़ी.
नैना देवी डेस्क.नैनीताल.
सम्पादित : शक्ति. डॉ. सुनीता सीमा ' शक्ति ' प्रिया.
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महा ' शक्ति ' दर्शन. दृश्यम : पृष्ठ : ०.
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' या देवी सर्वभूतेषु '


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महा ' शक्ति ' वंदना. पृष्ठ : ०
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' या देवी सर्वभूतेषु ' महा
शक्ति ' रूपेण संस्थिता '
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम.

एकीकृत आत्म शक्तियां.
महाशक्ति
त्रिशक्ति.लक्ष्मी : शक्ति : सरस्वती.
राधिका कृष्ण शक्ति : राधिका : रुक्मणि : मीरा.
नवशक्ति.

शक्ति.डेस्क.
राधिका महा शक्ति. नैनीताल डेस्क.
मीरा महाशक्ति. नैनीताल डेस्क.
रुक्मणि महाशक्ति.नैनीताल डेस्क.
महा लक्ष्मी.कोलकोता डेस्क.
महाशक्ति.नैनीताल डेस्क.
महासरस्वती.नर्मदा डेस्क.जब्बलपुर.
नव शक्ति.शिमला.डेस्क.
रानी पदमावत.जयपुर डेस्क.
इंद्रप्रस्थ डेस्क.नई दिल्ली डेस्क.


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मेरी आत्म शक्ति. प्रार्थना. प्रारब्ध : पृष्ठ : ०.
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फिल्म : अंकुश.१९८६. 
सितारे : नाना पाटेकर. निशा सिंह.
प्रार्थना : इतनी शक्ति हमें देना दाता मन का विश्वास कमज़ोर हो ना. 
हम चले नेक रस्ते पर हमसे भूल कर भी कोई भूल हो न. 
गीत : अभिलाष. संगीत : कुलदीप सिंह. गायक : पुष्पा पगधरे. सुषमा श्रेष्ठ.

 
प्रार्थना गाने, सुनने व अनुभूत करने के लिए उपलब्ध लिंक.

एम एस मीडिया.शक्ति. प्रस्तुति.

कृष्ण दर्शन. संभवामि युगे युगे.  प्रारब्ध : पृष्ठ : ०. 

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विषय सूची : प्रारब्ध : ०
सम्पादित.
डॉ. सुनीता सीमा ' शक्ति ' प्रिया.

आवरण : पृष्ठ : ०. हार्दिक आभार प्रदर्शन : पृष्ठ : ०.
प्रारब्ध पृष्ठ : ०.
महा शक्ति. सम्पादकीय डेस्क. दर्शन ड्योढ़ी : प्रारब्ध पृष्ठ : ०.

दर्शन ड्योढ़ी : महालक्ष्मी : दर्शन : प्रारब्ध पृष्ठ : ०.
देव शक्ति डेस्क.हिमाचल.प्रारब्ध पृष्ठ : ०.
देव शक्ति : प्रार्थना : प्रारब्ध पृष्ठ : ०.
 गणपति वंदना : प्रारब्ध पृष्ठ :०.
 महा शक्ति वंदना : प्रारब्ध : पृष्ठ : ०.
 आत्म दीपो भवः : प्रारब्ध  : पृष्ठ : ०. 
आत्म शक्ति प्रार्थना : प्रारब्ध : पृष्ठ : ०.
. कृष्ण दर्शन. संभवामि युगे युगे : प्रारब्ध पृष्ठ : ०.
राधिकाकृष्ण : महाशक्ति : इस्कॉन डेस्क : नैनीताल. पृष्ठ : ० / १.
रुक्मिणीकृष्ण : महाशक्ति : दर्शन  दृश्यम : विचार डेस्क : नैनीताल. पृष्ठ : ० / २ .
त्रिशक्ति : विचार धारा : नैनीताल डेस्क : पृष्ठ : १.
त्रि - शक्ति : दर्शन. पृष्ठ : १ / ०. 
त्रिशक्ति : विचार : दृश्यम : पृष्ठ : १ / ० /.
त्रिशक्ति :  लक्ष्मी डेस्क : सम्यक दृष्टि कोलकोता :  पृष्ठ : १ / १.
त्रिशक्ति : शक्ति डेस्क : सम्यक वाणी : नैनीताल : पृष्ठ : १ / २.
त्रिशक्ति : सरस्वती डेस्क :सम्यक कर्म : जब्बलपुर : पृष्ठ : १ / ३.   
सम्पादकीय : पृष्ठ : २.
 आज का पचांग / राशि फल : सम्पादकीय / पृष्ठ : २ / १ . 
आकाश दीप : पद्य संग्रह : सम्पादकीय : प्रस्तुति : पृष्ठ : ३.
तारे जमीन पर : गद्य संग्रह : शक्ति : सम्पादकीय : प्रस्तुति. पृष्ठ : ४.
आकाश दीप : गद्य संग्रह : धारावाहिक विशेषांक : पृष्ठ ५.  : ये मेरा गीत : जीवन संगीत : कल भी कोई दोहराएगा : पृष्ठ : ६.
पल दो पल मेरी कहानी है : फ़िल्मी कोलाज़ : पृष्ठ : ७.
आपने कहा : दिवस : त्यौहार : विशेष :पृष्ठ : ८ . : ये कौन चित्रकार है : कला दीर्घा : पृष्ठ : ९
:दृश्य माध्यम : लघु फिल्में: पृष्ठ : १०
समाचार : चित्र : विशेष : दृश्य माध्यम : न्यूज़ शॉर्ट रील : पृष्ठ : ११.
कल आज और कल : वर्ष : २०२४ : फोटो दीर्घा : विशेष : कल : पृष्ठ : १२. चलते चलते : अच्छे तो अच्छा चलते हैं : शॉर्ट रील : दृश्यम : पृष्ठ : १३ .

पत्रिका / अनुभाग.
ब्लॉग मैगज़ीन पेज के निर्माण सहयोग के लिए
' तुम्हारे लिए. '
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हार्दिक आभार प्रदर्शन : पृष्ठ : ०
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शिमला.डेस्क.
नैनीताल डेस्क.
इन्द्रप्रस्थ डेस्क

संपादन


शक्ति.शालिनी.स्मिता.वनिता


संयोजिका / मीडिया हाउस ,हम मीडिया परिवार
की तरफ़ से
आपके लिए धन्यवाद ज्ञापन

पत्रिका के निर्माण / संरक्षण के लिए
हार्दिक आभार


रजत रस्तोगी. निदेशक.
स्वर्णिका ज्वेलर्स. सोहसराय.बिहार शरीफ़.
समर्थित

शिव ' शक्ति ' विचार धारा.


नमामि ' गंगे '



एम. एस. मिडिया. प्रस्तुति.

शिवशक्ति.
विचार धारा. नमामि ' गंगे '
प्रकृति, प्रेम,अध्यात्म और सन्यास.
----------- देव शक्ति : दृश्यम : शब्द चित्र : विचार : प्रारब्ध : पृष्ठ : ० ------------- देव शक्ति डेस्क.हिमाचल.उत्तरांचल. प्रादुर्भाव वर्ष : १९८६. संस्थापना वर्ष : १९८९.महीना :अक्टूबर : दिवस :६ संपादन.


शक्ति.डॉ.सुनीता मीना प्रिया. मुक्तेश्वर.नैनीताल.

----------- देव शक्ति : प्रार्थना : प्रारब्ध : पृष्ठ : ०. ------------- गणपति वंदना : प्रारब्ध : पृष्ठ : ० मेरी श्रेष्ठ दिव्य आत्म ' शक्ति ' देव प्रस्तुति. गणपति वंदना : प्रथमतः ------------- श्री गणेशाय नमः वक्तुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ ----------- महा शक्ति वंदना : प्रारब्ध : पृष्ठ : ० ------------
महाशक्ति दृश्यम.
या ' देवी ' सर्व भूतेषु ' महा शक्ति ' रूपेण संस्थिता.

सीपिकाएँ.

डॉ. मधुप सुनीता ' शक्ति ' प्रिया.

शक्ति तेरे चपल ' चरण '.



अधीर था यह चंचल ' मन
'लोहित हो चला गगन मेरे जीवन धरा पर, पड़ें जो शक्ति तेरे चपल ' चरण '.
जो निहारते डगर डगर आतुर थे कब से मेरे ' नयन '. मेरे जीवन धरा पर,पड़ें जो शक्ति तेरे चपल ' चरण '.

स्वागत में सजे तोरण द्वार लगे खुशियों के ' बंदनवार ' पवित्र हो गयी रज धरा, पड़ें जो शक्ति तेरे चपल ' चरण '.

' शक्तियां ' दिव्य करती थी मेरा , पल पल दुष्टों से जो संरक्षण मिटा तमस रश्मियों से हुआ सवेरा नूतन पड़ें ,जो शक्ति तेरे चपल ' चरण '. स्वागत है ' आप ' सभी का , जो आए आप मेरे घर - आँगन महासरस्वती ' बुद्धि ',' विवेक ' दायनी, महालक्ष्मी ' सम्पदा ',' ऐश्वर्य ' गामिनी महाशक्ति ,सुमधुर, महिषासुर मर्दिनी ' शक्ति ' शालिनी चिर प्रतीक्षित था तेरा ' आगमन ', ह्रदय से नव वर्ष मंगलमय, हो नूतन वर्ष अतिरेक अभिनन्दन मेरे जीवन धरा पर, पड़ें जो शक्ति तेरे चपल ' चरण '.


सीपिकाएँ. डॉ. मधुप सुनीता ' शक्ति ' प्रिया ⭐ पृष्ठ सज्जा : संपादन : शक्ति. शालिनी नैनीताल डेस्क. ⭐ ------------ आत्म दीपो भवः : देव शक्ति : विचार : प्रारब्ध : पृष्ठ : ० ------------
संपादन. ------------
एम. एस. मीडिया. ' शक्ति '. प्रस्तुति


शक्ति. डॉ. सुनीता मीना प्रिया. मुक्तेश्वर.नैनीताल.
*

  

देव शक्ति समूह हिमाचल : उत्तरांचल. साभार. 'हरि ' अनंत हरि ' कथा ' अनंता प्रार्थना : तू अंतर्यामी सब का स्वामी हे राम जग में साचो तेरा नाम


तू ही तो राधा का श्याम साभार : गायक : जगजीत सिंह गाना सुनने व देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं
⭐ ----------

१८८६. मुन्नालाल महेश लाल आर्य एंड संस ज्वेलर्स. पटना रांची रोड. बिहार शरीफ. समर्थित

राधिका कृष्ण दर्शन. संभवामि युगे युगे. प्रारब्ध : पृष्ठ : ०. 
राधिका कृष्ण दर्शन.


----------------
राधिकाकृष्ण : महाशक्ति : इस्कॉन डेस्क : नैनीताल. पृष्ठ : ० / १.
---------------
तुम्हारे लिए. 
प्रादुर्भाव वर्ष : १९७६.
संस्थापना वर्ष : १९७८. महीना : जुलाई : दिवस : ४.
संपादन.
अनु ' राधा '

नैनीताल.
------------
राधिका कृष्ण : महाशक्ति : शब्द चित्र : विचार : पृष्ठ : ० / १.
---------

तुम्हारे लिए. संपादन / अनु ' राधा ' / नैनीताल.
राधिका कृष्ण :
अद्वैत प्रेम

बांध लिया किस ' डोर ' में
कोई और ' नज़र ' नहीं आए.


वो सब देख रहा है, ?


वो सब समझ रहा है, ?

सब सुन रहा है ....वो सब देख रहा है, ?
वाणी, प्रार्थना ,पीड़ा, संघर्ष, साथ , संयम और कर्म

राधिका कृष्ण दर्शन.
अद्वैत प्रेम : विश्वास.
*

वृन्दावनेश्वरी राधा कृष्णो वृन्दावनेश्वरः।
जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिर्मम॥
भावार्थ.
श्रीराधारानी वृन्दावन की स्वामिनी हैं और भगवान श्रीकृष्ण वृन्दावन के स्वामी हैं,
इसलिये मेरे जीवन का प्रत्येक -क्षण श्रीराधा - कृष्ण के आश्रय में व्यतीत हो।



समस्या और समाधान

हमारी सदैव कोशिश यह होनी चाहिए कि अपनों के
लिए समाधान का हिस्सा बनें समस्या का नहीं


सुख : दुःख : समय : साथ

हाथ उसका पकड़ें जिसे ' सुख ' में आप न छोड़ें
और ' दुःख ' में वो आपको न छोड़ें


कृष्ण : भक्ति : शक्ति 
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई 
हे माधव ! मेरे ' गुरु ' और ' गुरुर ' दोनों आप ही हैं 
राधा : रुक्मिणी : मीरा 

*

परिवर्तन
परिवर्तन ही जीवन का शाश्वत नियम है, राधिके !
इसका होना भी आवश्यक है
*

कोई ' नहीं ' यहाँ मेरा
नाही किसी से ' आस ' है
इस फ़रेबी ' दुनियाँ ' में सिर्फ़ ' कृष्ण ' पर ही ' विश्वास ' है

*
क्रोध : सहन शक्ति : प्रेम.


जो आपके निरंतर ' क्रोध ' को सहन कर भी  
आपका ' साथ ' न छोड़े, आपको उससे 
अधिक कोई ' प्रेम ' कर नहीं सकता 
*
' परमात्मा '

सबसे ' रिश्ता ' बना कर धोखा खा कर, ' मन ' भर जाए तो
एक बार अपने अंदर ' परमात्मा ' से रिश्ता बना कर देखना
तुम्हें किसी की ' जरुरत ' नहीं पड़ेगी

अद्वैत प्रेम
यदि ' प्रेम ' का मतलब सिर्फ पा लेना होता
तो हर ' ह्रदय ' में ' राधा - कृष्ण ' का नाम न होता



आस्था और कर्म


शाश्वत ' प्रेम ' में डूबा हुआ हृदय.
सब्र है प्रभु ! ' आस्था ' है तुम पर क्योंकि ' यकीन ' है
कि ' कोई ' तो है जो सब कुछ ' सही ' कर देगा

*


अद्वैत प्रेम.

बहुत ' खूबसूरत ' है मेरे ' ख्यालों ' की दुनियाँ
बस ' कृष्ण ' से शुरू और ' कृष्ण ' पर ही खत्म


' आस्था ' और ' प्रार्थना ' दोनों अदृश्य है
लेकिन ये ' असंभव ' को भी ' संभव ' कर देते हैं


वो सब देख रहा है, ?

सब सुन रहा है ....वो सब देख रहा है, ?
वाणी, प्रार्थना ,पीड़ा, संघर्ष, साथ , संयम और कर्म


अद्वैत प्रेम.
क्या अलग करेंगी ' दूरियां ' उन्हें ?
जो बसते ही...हैं एक दूसरे के ' ह्रदय ' में सदा के लिए


------------
राधिका कृष्ण : महाशक्ति : दृश्यम : विचार : पृष्ठ : ० / १.
---------
संपादन.
अनु ' राधा ' नैनीताल
' कृष्णं सदा सहायते '

कृष्ण की हर बात का आधार है राधा : साभार : दृश्यम 



कृष्ण है विस्तार  यदि तो सार है राधा 
*
श्री हरि : लक्ष्मी : कृष्ण : राधा : अवतरण 
कृष्ण की दिव्य शक्ति : राधा रानी 


*
कृष्ण : दृश्यम : मेरा सब कुछ है तू. 


जो ' मुझ ' पर अपना ' अधिकार ' मान लेता है 
मैं  ' स्वयं ' पर उसका ' अधिकार ' मान लेता हूँ 
*
राधा  रमण ( कृष्णरुक्मिणी : प्रेम संवाद 
 

*
 राधिका कृष्ण  : उनकी आठ जीवन संगिनी शक्तियाँ

 
*

राधा कृष्ण : अद्वैत आत्मीय प्रेम . 

*


कृष्ण : राधा : नरकासुर : १६ हजार पत्नियां. 

*


कृष्ण : रुक्मिणी : राधा : अद्वैत प्रेम : दृश्यम

--------
रुक्मिणीकृष्ण : महाशक्ति : दर्शन  दृश्यम : विचार डेस्क : नैनीताल. पृष्ठ : ० / २ .
-------------
रुक्मिणी डेस्क.
प्रादुर्भाव वर्ष : १९७०.
संस्थापना वर्ष : १९९६. महीना : जनवरी : दिवस : ६ .

संपादन.
 

शक्ति. डॉ. सुनीता सिन्हा.


कृष्ण दर्शन : दृश्यम. 


संघर्ष में पति का ' धैर्य ' और पत्नी का ' शौर्य '
*
कृष्ण : शकुनि : संवाद :  दृश्यम. 
*

कृष्ण : जिसे न ' विजय ' का मोह हो न ' पराजय ' का भय 


कृष्ण : जीवन : दर्शन : लिंक 
मथुरा : वृन्दावन : कुरुक्षेत्र : द्वारिका 
लघु फिल्म देखने के लिए दिए गए लिंक को दवाएं  
साभार : लघु फिल्म. अवधि : ६  मिनट 
अति दर्शनीय.
 
--------
 महाशक्ति : रुक्मिणीकृष्ण : दर्शन : विचार  इस्कॉन डेस्क : नैनीताल. पृष्ठ : ० / २ .
-------------
रुक्मिणी डेस्क.
संपादन.
शक्ति. डॉ. सुनीता सिन्हा.


कृष्ण : जीवन : दर्शन.



' निर्माण ' एवं ' विनाश ' 
स्वयं की ' बुद्धि...विवेक ' , ' वाणी ' ,' संयम ' और ' कर्म ' पर ही निर्भर है पार्थ !
मनुष्य अपने ' जीवन ' का स्वयं ' तय ' करता है 

*

रुक्मिणी : मीरा : राधा 

मेरे तो गिरधर ' गोपाल ' दुसरो न कोई 


कृष्ण शक्ति : हम साथ साथ हैं : दिव्य सामंजस्य :  मैत्री 
*

' गुरु - शिष्य ' की गौरव शाली ' परंपरा '
की ' गरिमामय ' शुरुआत 
द्रोणाचार्य : ' कृष्ण ' : अर्जुन  

*
गीता सार : अध्याय : २. श्लोक : १९.

य एनं वेत्ति हन्तारं यश्चैनं मन्यते हतम् उभौ तौ न विजानीतो नायं हन्ति न हन्यते.


भावार्थ.
' आत्मा ' अमरणशील हैं
इस ' आत्मा ' को जो ' मरने ' वाला समझते हैं
तथा इसे जो ' मरा ' समझ लेते हैं वे ' दोनों ' ही नहीं जानते हैं?
कि यह आत्मा न ' मरती ' है और न ' मारी ' जाती हैं.
----------------
मीराकृष्ण : महाशक्ति डेस्क : मुक्तेश्वर : नैनीताल. पृष्ठ : ० / ३ .
---------------
मीरा डेस्क.
प्रादुर्भाव वर्ष : १९८६.
संस्थापना वर्ष : २०२४. महीना : अक्टूबर : दिवस : ६ .
संपादन.



शक्ति. मीना सिंह
मुक्तेश्वर. नैनीताल.

----------------
मीराकृष्ण :
दृश्यम : महाशक्ति डेस्क : मुक्तेश्वर : नैनीताल. पृष्ठ : ० / ३ .
---------------
संपादन.
शक्ति. मीना सिंह
मुक्तेश्वर. नैनीताल.
एम. एस. मीडिया. प्रस्तुति दृश्यम

मीरा : क्यों छोड़ी मेरी प्रेम कहानी अधूरी
कान्हा : मुझे भी तो राधा नहीं मिली




श्रीकृष्ण वासुदेव मन्त्र.
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने
प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः

----------------
मीराकृष्ण :
महाशक्ति डेस्क : शब्द चित्र : मुक्तेश्वर : नैनीताल. पृष्ठ : ० / ३ .
---------------
संपादन.
शक्ति. मीना सिंह
मुक्तेश्वर. नैनीताल.
एम. एस. मीडिया. प्रस्तुति शब्द चित्र :


अद्वैत प्रेम.
कृष्ण : राधा : मीरा : दर्शन
महकता रहेगा मेरा ' प्रेम ' सदैव तुम्हारे भीतर
तुम्हारे ना चाहने पर भी हम तुम्हें ' याद ' आया ही करेंगे


*
त्रिशक्ति : विचार धारा. 
महालक्ष्मी : महाशक्ति : महासरस्वती.

*

मातृत्व छाया अस्पताल. बबुरबन्ना बिहार शरीफ. समर्थित
 : त्रिशक्ति : विचार धारा. 
------------
त्रि - शक्ति : प्रस्तुति : पृष्ठ : १ / ०. 
---------------
नैनीताल डेस्क.
नैनीताल डेस्क. 
प्रादुर्भाव वर्ष : १९७६.
संस्थापना वर्ष : १९७८.महीना : जुलाई .दिवस :४.
 

महालक्ष्मी : महाशक्ति : महासरस्वती.


टाइम्स मीडिया प्रस्तुति. 
--------------
त्रिशक्ति : सम्यक दृष्टि लक्ष्मी डेस्क : कोलकोता : पृष्ठ : १ / १  
--------------
 महालक्ष्मी डेस्क : कोलकोता : 
संस्थापना वर्ष : २००३. महीना : जून. दिवस :२.
प्रादुर्भाव वर्ष : १९७९.
संपादन :

शक्ति : सीमा
कोलकोता.

दिव्य दर्शन : महालक्ष्मी :  वंदना : पृष्ठ : १ / १ 
संपादन. 
महालक्ष्मी डेस्क : कोलकोता.

 
विष्णु प्रिया लक्ष्मी : दरबार : दर्शन : पंकज वासिनी देवसु पूजयति सतगुण वर्षनी



नमस्तुते ' महामाये ' श्री पीठे सुरपूजिते
शंख चक्र गदा हस्ते ' महालक्ष्मी ' नमोस्तुते.


 टाइम्स मिडिया लाइव प्रस्तुति. 


' हरि 'अनंत ' हरि ' कथा अनंता 
कहहिं सुनहिं बहुबिधि सब संता.


श्री लक्ष्मी नारायण : दर्शनम



' ईश्वर से ' कुछ मत मांगिये,
कुछ चीजें समीप जाने से, बिना मांगे मिल जाती हैं
जैसे ' अग्नि ' से गर्माहट, बर्फ से ' शीतलता ' और फूलों से ' सुगंध ' ईश्वर से सही ' नेह ' निकटता '
बस नेह बढ़ाइये सब कुछ बिना मांगे मिलने लगेगा

-----------
महालक्ष्मी डेस्क : कोलकोता : दृश्यम  विचार : पृष्ठ : १ / १ 
-----------
 महालक्ष्मी : जीवन : दर्शन.
 कोलकोता डेस्क. 
संपादन : शक्ति. सीमा. 
*
' श्री हरि  सदा सहायते '
*
महालक्ष्मी के दोनों स्वरुप : राधा : रुक्मिणी.

*
श्री हरि : लक्ष्मी : कृष्ण : राधा : अवतरण 


*


राधा : रुक्मणि : महालक्ष्मी का स्वरुप : एक ही. 

---------
महालक्ष्मी डेस्क : कोलकोता : शब्द चित्र विचार : पृष्ठ : १ / १. 
-----------
 महालक्ष्मी : जीवन : दर्शन.
 कोलकोता डेस्क. 
संपादन : 


शक्ति. सीमा. 
कोलकोता 

 टाइम्स मिडिया लाइव प्रस्तुति. 


सहिष्णुता और प्रतिकार. 

स्वजनों से ' प्रतिकार ' का क्या औचित्य...युवराज ?
' रणभूमि ' में बिखरे पड़ें ' खून ' के छीटें भी ' खून ' से नहीं 
पानी से ही ' निर्मल '  होंगे 


*
' समभाव ' प्रकाश


महान ' पुरुष ' उदित और ' अस्त ' होते समय 
एक लालिमा दिखलाने वाले ' सूरज ' 
की भांति ही ' समभाव ' प्रकाश रखते हैं
*

अद्वैत प्रेम
क्यों ' बांध ' दिया
आपने मुझे उसके साथ ' अद्वैत प्रेम ' में
आप तो स्वयं ' बिछड़ने ' का ' दुःख ' जानते थे , न ?
*

' विश्वास '

' विश्वास ' का अर्थ यह नहीं होता है कि 
जो मैं चाहूंगा वही ' भगवान ' करेंगे पर यह है कि ' प्रभु ' वही करेंगे 
जो मेरे लिए सही होगा  

राम - कृष्ण दर्शन.

नानक : भोले भाव मिले ' रघुराई '.


रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई  । 
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ।।



एम. एस. मीडिया. प्रस्तुति. 
------------
त्रिशक्ति : शक्ति : सम्यक दृष्टि : नैनीताल डेस्क : पृष्ठ : १ / २.
----------
नैना देवी डेस्क / नैनीताल. 
प्रादुर्भाव वर्ष : १९७६.
संस्थापना वर्ष : १९९८. महीना : जुलाई. दिवस : ४.


संपादन. 
नैना देवी. / नैनीताल डेस्क

    दिव्य शक्ति :  दर्शन : वंदना : पृष्ठ : १ / २ 
संपादन.
शक्ति. नैना देवी.  नैनीताल डेस्क


या देवी सर्वभूतेषु ' शक्ति ' रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम
 -------
  दिव्य शक्ति : दृश्यम : विचार : जीवन दर्शन : पृष्ठ : १ / २. 
--------
शक्ति. नैना देवी. नैनीताल डेस्क.
सम्पादित : शक्ति.
शक्ति जीवन दर्शन :


तोरा ' मन ' दर्पण कहलाए


तोरा ' मन ' दर्पण कहलाए ' मन ' ही ईश्वर '
मन ' ही देवता ' मन ' से बड़ा न कोय

 -------
  दिव्य शक्ति : विचार : जीवन दर्शन : पृष्ठ : १ / २. 
--------
शक्ति. नैना देवी. नैनीताल डेस्क.
सम्पादित : शक्ति.
मेरे अपने.
*
ईश्वर तो दिखाई नहीं देते,विश्वास कैसे करूँ 
सुन्दर जवाब मिला, श्रद्धा वाई फाई की तरह होती है 
दिखती तो नहीं है पर सही पास वर्ड डालो
तो कनेक्ट हो जाते हो.   


*
दुनियाँ में दान जैसी कोई सम्पति नहीं 
लालच जैसा कोई रोग नहीं 
अच्छे स्वभाव जैसा कोई आभूषण नहीं 
और संतोष जैसा और सुख नहीं 


*
शिव - हरि. 


' भावनाओं ' का कहाँ ' द्वार ' होता है
जहाँ ' शिव - हरि ' मिले वहीं ' हरिद्वार ' होता हैं


रामायण : भातृतत्व प्रेम : राम भरत मिलाप.

जब कभी भी मर्यादा ,त्याग ,भातृतत्व प्रेम की चर्चा
होगी तो रामायण की कथाएं याद आयेंगी और
स्वतः स्मृत होंगे राम,लक्ष्मण ,भरत और शत्रुघ्न
 


' राहत ' , ' चाहत ' और ' मुस्कराहट ' अपनों से ही 
मिलती है इसलिए ' अपनों ' से कभी नहीं ' रूठना ' चाहिए 

' ईश्वर '



' ईश्वर ' देता उसी को है जो बॉंटना जानता है,
फिर चाहे ' धन ' हो या ' ख़ुशी ' 

कर्ज जीवन का 
*

इस स्नान का ' कर्ज ' जिसने चूका दिया 
उसे ' कुंभ ' स्नान की ' जरुरत ' नहीं 

*
हिम्मत 


जीवन में कैसा भी ' मोड़ ' आये कभी ' हिम्मत ' मत हारना 
क्योंकि तुम्हारी हिम्मत ही तुम्हें हर ' कठिनाई ' से बाहर निकालेगी 

*
हो ' हिमालय ' से ऊँचा तेरा ' हौसला ' 


आसमाँ में उड़ने का ' शौक ' रखने वाले 
गिरने का ' ख़ौफ ' नहीं रखते 

*
आत्म शक्ति विश्वास.


आत्म ' शक्ति ' विश्वास.

हमेशा ' स्वयं ' पर विश्वास रखें क्योंकि एक पेड़ पर बैठा ' पक्षी ' 
कभी भी ' डाल ' टूटने से नहीं डरता बल्कि उसका 
भरोसा डाल पर नहीं बल्कि ख़ुद के ' पंखों ' पर होता है 

संतोषं परम सुखम 


लिखने वाले ने तो लिख दिया 
दौलत साथ नहीं जायेगी लेकिन ये नहीं लिखा कि जीते जी 
बहुत काम आएगी.
विचार करें : 
यदि ऐसा होता तो सोने की लंका का स्वामी 
रावण अत्यंत प्रसन्न होता 
संतोष ही सर्वोत्तम ' धन ' है, स्वयं के सदविचार से 
 ही ' सुख ', ' शांति ' और  ' विश्वास ' प्रेरित  है 

शाश्वत ' प्रेम ' 
शाश्वत ' प्रेम ' में डूबा हुआ ' ह्रदय ' 
उतना ही पवित्र है जितना पवित्र ' गंगा जल ' से भरा हुआ ' कलश ' 


*

' समझ '
जरुरी नहीं कि सब लोग हमें ' समझ ' पाएं 
क्योंकि ' तराजू ' सिर्फ ' वजन ' बता सकता है ' गुण ' नहीं 
 

*
धर्मयुद्ध 


 इस ' धर्मयुद्ध ' में सबकुछ ' सही ' होने से पहले 
बहुत कुछ ' गलत ' ही होगा ,सखी  ! 
प्रतीक्षा  समय और ' धैर्य ' का करना होगा  


ख्वाहिशें और ज़िद. 


ख्वाहिशें भले ही छोटी सी हो 
लेकिन उसे पूरा करने के लिए दिल जिद्दी होना चाहिए. 
----------
१० दिसंबर : विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनाएं 
हिंदी बिंदी. 
तू मेरे माथे की मान सम्मान, प्रेम,अहो भाग्य की बिंदी. 
पढ़ लिख कर तेरे मन भावों की बन जाऊँ प्रेम ग्रन्थ मैं हिंदी हिंदी  


मौसम और ' मनुष्य '.
 
' पत्तों ' के गिरने का भी एक मौसम ' पतझड़ ' होता हैं 
पर ' इंसानों ' के गिरने का कोई ' मौसम ' नहीं होता है 
उसे जहाँ अपना ' फ़ायदा ' दिखाई देता है 
वही ' गिर ' जाता है 


खंडन 
साधु जनों के भाव ' बसंत ' और ' पतझड़ '
में सम होते हैं  
---------
*
अच्छाई और सच्चाई 

अच्छाई और ' सच्चाई ' चाहे पूरी ' दुनियाँ ' में ढूंढ़ लो 
अगर ' स्वयं ' में नहीं हैं तो कहीं नहीं मिलेगी 



रिश्तें 
मेरे अपने ' रिश्तें ' चाहे कोई भी हो 
मेरे अपनों का रिश्ता ' मन ' से होना चाहिए ' मतलब ' से नहीं 


शक्ति जीवन दर्शन :
अहंकार. 
*
अहंकार ' सत्य ' को स्वीकार नहीं करता 
और सत्य जानने वाला कभी ' अहंकार ' नहीं करता 




प्रथम मीडिया प्रस्तुति. 
--------------
त्रिशक्ति : सरस्वती : नर्मदा डेस्क : सम्यक कर्म : पृष्ठ : १ / ३.
----------------
नर्मदा डेस्क : जब्बलपुर.
प्रादुर्भाव वर्ष : १९८२.
संस्थापना वर्ष : १९८९. महीना : सितम्बर. दिवस : ९.

संपादन.



शक्ति अनीता.
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भारती : श्वेतपद्मासना : दर्शन पृष्ठ : १ / ३.


या देवी सर्वभूतेषु ' बुद्धि ' रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम

प्रथम मीडिया प्रस्तुति
-----------
त्रिशक्ति : सम्यक आचरण : दृश्यम विचार : नर्मदा डेस्क : पृष्ठ : १ / ३.
----------
नर्मदा डेस्क : जब्बलपुर.
संपादन :



शक्ति : अनीता.

शक्ति जया : कृष्ण : दृश्यम विचार :
कृष्ण को द्वारिका का वैभव भी नहीं बांध पाया


 
शक्ति जया : 
तू करता वही  है जो तू चाहता है 
पर होता वही है जो मैं चाहता हूँ 


*
विद्या ददाति विनयम.


प्रथम मीडिया प्रस्तुति
-----------
त्रिशक्ति : सम्यक आचरण : विचार : नर्मदा डेस्क : पृष्ठ : १ / ३.
----------
नर्मदा डेस्क : जब्बलपुर.
*
संपादन :

*
शक्ति : अनीता.


त्रिशक्ति जीवन दर्शन 


' आत्म विजय '
अपने अंतर्मन में क्रोधजनित,
' ईर्ष्या ', ' असंयम ', ' अविवेक ' तथा
असंयमित ' वाणी ' पर ' आत्म विजय ' ही यथार्थतः विश्व विजय है
*
*
शक्ति मैत्री विश्वास. 
कृष्ण - सुदामा 
*
कोई ' माने ' या न माने मुझको ये ' विश्वास ' है
जब तक तुम ' साथ ' हो सब कुछ मेरे ' पास ' है



२४ जनवरी : राष्ट्रीय वालिका दिवस 
हर नन्ही ' शक्तियों ' का ' जागरण ' हो ' ' उत्थान  '  हो 
उनके सम्यक ' शिक्षण ' में ही समस्त जगत का ' कल्याण ' हो 

 ©️®️ डॉ. सुनीता सीमा शक्ति प्रिया अनुभूति 
*
स्वामी विवेकानंद जयंती 
१२. ०१. २०२५ 

 
उठो ,जागो और तब तक़ मत रुको 
जब तक़ लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए 


विद्या ददाति विनयम.

गुरु वंदना

गुरू ' ब्रह्मा ', गुरू ' विष्णु ', गुरु देवो ' महेश्वरा '
गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः


*
एम एस मीडिया प्रस्तुति

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महाशक्ति : सम्यक कर्म : पृष्ठ : १ / ४. 
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प्रादुर्भाव वर्ष : १९७०.
संस्थापना वर्ष : १९९९. महीना : जनवरी. दिवस : ६
नैनीताल डेस्क :
संपादन.

 .  ' शक्ति ' डॉ. सुनीता शक्ति ' प्रिया. 
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महाशक्ति : दर्शन. दृश्यम : पृष्ठ : १ / ४.
------------- 
 

या ' देवी ' सर्व भूतेषु ' महा शक्ति  ' रूपेण संस्थिता 
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
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महाशक्ति : दर्शन. शब्द चित्र  : पृष्ठ : १ / ४.
-------------
महा ' शक्ति ': जीवन दर्शन 


धरम : करम.
 
कोई हमारा बुरा करे ये उसका ' कर्म ' है 
लेकिन ' हम ' किसी का बुरा ना करें ये हमारा ' धर्म ' है  


*

महा शक्ति देव कृपा

तेरी ही कृपा से प्रभु ये सफ़र जारी है
भटक न जाऊं कहीं ये आपकी जिम्मेदारी है


आस्था और प्रार्थना 

 आस्था और प्रार्थना दोनों अदृश्य है 
लेकिन ये असंभव को भी संभव कर देते हैं. 


' शक्ति ' ही ' शिव ', कल्याण है . शिव ही आदि है 
शिव ही अनंत है,समय है, काल है,शिव ही ' महाकाल ' हैं 
 

ॐ नमो शिवाय : शिव स्तुति  


ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । 
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥ 

भावार्थ 

 कि हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, 
जो सुगंधित हैं और हमारा पोषण करते हैं। जैसे फल शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है 
वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं।
------------
फ़िर सुबह होगी.
 दिव्य भविष्य वाणी समर्थित. 


ए. एंड एम. मीडिया
शिमला डेस्क प्रस्तुति.


नवशक्ति शक्ति :सम्यक संकल्प . पृष्ठ : १ / ५   
शिमला डेस्क : प्रस्तुति :
संस्थापना वर्ष : १९९९. महीना : जनवरी. दिवस : ५ 
श्यामली : डेस्क : शिमला.
-------------
संपादन


शक्ति : रेनू  अनुभूति नीलम. 
 नव शक्ति रूपेण संस्थिता  

 नव शक्ति : जीवन शिक्षण.


जीवन शिक्षण.
नवशक्ति नव जीवन : चित्र विचार : पृष्ठ : १ / ५. 
शिमला डेस्क
सम्पादित : शक्ति रेनू अनुभूति नीलम
*
' हिंसा '

' हिंसा ' मात्र ' रक्त पात ', मार - काट ही नहीं 
प्रत्युत उन ' अमर्यादित ', ' असत्यापित ', कटु  शब्दों की ' टीका टिप्पणी ' भी है 
जिससे किसी  'अन्य ' को अनावश्यक ' मानसिक ' ' कष्ट ' पहुँचता है 

*
' समझ शक्ति '

जीवन में सुखी रहने के लिए दो शक्तियों का
होना बहुत जरुरी है पहली ' समझ शक्ति ' दूसरी ' सहन शक्ति '


मन ' विजय ' करें


' धैर्य ', ' संयम ', अटल ' विश्वास ',
सकारात्मक ' सोच ', ' संकल्प ',
सम्यक ' वाणी ' और सतत सम्यक ' कर्म ' से ही
असंख्य ' मानव मन ' जीत लेने के साथ साथ
' विश्व विजय ' की ' कामना ' संभव हैं


टाइम्स मीडिया प्रस्तुति.

टाइम्स मीडिया प्रस्तुति.
 
---------
दिन विशेष : पृष्ठ : १/६
-------------
नैनीताल. डेस्क.
संपादन.


शक्ति : भारती मीना बीना जोशी
नैनीताल.


*
शक्ति. सम्पादिका समूह की तरफ़ से.
१ फरवरी : भारतीय तटरक्षक स्थापना दिवस 

*
की हार्दिक शुभकामनाएं 
आपके शौर्य और प्रतिबद्धता के उपर देश को गर्व है 

नवीन समाचार प्रस्तुति 
साभार दैनिक भास्कर : फोटो : महाकुंभ : मौनी अमावस्या 
स्नान : ध्यान : प्रकृति : प्रेम : धरम : करम 


 हम सम्पादिका ' शक्ति.समूह ' की तरफ़ से.
माघ माह के स्नान : ध्यान : दान के महापर्व 
* मौनी अमावस्या 
* भारतीय समाचार पत्र दिवस 
* राष्ट्रीय पहेली दिवस 
के अवसर पर 
दिव्य : ' शिव - शक्ति ', ' अनंत ' ( श्री हरि )  शुभकामनायें 

*
 हम सम्पादिका शक्ति.समूह की तरफ़ से.
करेंगे अपने जन - गण - मन के लिए
२६जनवरी : ७६ वें गणतंत्र  दिवस की 
' अनंत ' हार्दिक शुभ कामनाएं.
 




२५ जनवरी : राष्ट्रीय मतदाता दिवस. 
शक्ति जागरण : एक वोट : समग्र बुराई पर चोट 


फोटो : शक्ति बीना नवीन जोशी. नैनीताल. 
नवीन समाचार / नैनीताल प्रस्तुति. 

१५ जनवरी : भारतीय ' सेना ' दिवस 
देश के प्रहरियों के लिए ' मंगल ' कामना 
सारे जहाँ से अच्छा ' हिंदुस्तान ' हमारा.
 

*

सूर्य के ' उत्तरायण ' होने वसंत के चपल चरण के 
स्वागत हेतू मनाए जाने वाले ' मकर संक्रांति ' तथा ' भोगली बिहू ' पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं भी 
संयोजिका शक्ति शालिनी स्मिता शबनम वनिता. 
 

तिलवत् स्निग्धं मनोऽस्तु वाण्यां गुडवन्माधुर्यम्
तिलगुडलड्‍डुकवत् सम्बन्धेऽस्तु सुवृत्तत्त्वम् ।

भावार्थ 

इस ' मकर संक्रांति ' ' तिल ' के सामान हम सभी के मन ' स्नेहमय ' हो 
गुड़ सामान हमारे शब्दों में ' मिठास ' हो और जैसे ' तिल ' और ' गुड़ ' 
की प्रबल ' घनिष्टता ' हैं वैसे हमारे ' सम्बन्ध ' हो 



शक्ति. सम्पादिका समूह की तरफ़ से 
१३.जनवरी : लोहरी पर्व  
की लख लख बधाईआं.  




३ जनवरी. २०२५.
सावित्री बाई फूले जयंती.



देश की प्रथम महिला अध्यापिका एवं
नारी ' मुक्ति ' आंदोलन की प्रणेता
सावित्री बाई फूले को उनके ' जन्म दिवस ' पर स्मरण.
©️®️ ' शक्ति ' डॉ.सुनीता सीमा अनीता प्रिया अनुभूति.
*

 १० जनवरी . विश्व हिंदी दिवस 
बैकुंठ एकादशी की मनभावन शुभकामनायें. 

 


' हरि 'अनंत ' हरि ' कथा अनंता 
कहहिं सुनहिं बहुबिधि सब संता.

नव वर्ष : राधिका कृष्णा आत्म शक्ति 
' सम्यक संकल्प '

रोक लो रूठ कर उनको जाने न दो.
राधिका कृष्ण : जीवन दर्शन 
' सम्यक दृष्टि ',' सम्यक कर्म ', या ' सम्यक वाणी '

क्या ' मान ', ' क्या ' स्वाभिमान '
क्या ' वाद ' - क्या ' विवाद '....अपनों से ' घात ' ' प्रतिघात ' क्या
सब मिथ्या हैं
सब... कुछ यहीं छोड़ कर जाना हैं... निश्चित करो..
तुम्हें क्या चाहिए ?
'नेकी ' या ' बदी '... ' सत्य ' या ' असत्य '
काम, क्रोध, प्रतिकार, ईर्ष्या... या फिर
' सम्यक दृष्टि ',' सम्यक कर्म ', या ' सम्यक वाणी '
जबतक़ ' प्रत्यक्ष ' रहें ..... ' लड़ते ' रहें ....झगड़ते रहें
न ' दिखें ' तो प्रत्येक ' क्षण ' याद किया....
बेहतर हैं ' ये जिंदगी '
जीते जी ' उनके लिए ' जी ले
रोक लो ' रूठ ' कर उनको ' जाने ' न दो




शिव लोक : हॉस्पिटल : बिहार शरीफ : नालन्दा : डॉ. ब्रज भूषण सिन्हा.समर्थित.
------------
सम्पादकीय : पृष्ठ : २.
-------------
संस्थापिका.
मातृ शक्ति.


निर्मला सिन्हा.
१९४० - २०२३.
------------
संपादकीय शक्ति समूह. पृष्ठ : २. ---------

संपादकीय शक्ति समूह.
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प्रधान संपादिका.



शक्ति : रेनू ' अनुभूति ' नीलम. 
नव शक्ति. श्यामली डेस्क. शिमला.
संस्थापना वर्ष : १९९९. महीना : जनवरी. दिवस : ५.
---------
कार्यकारी संपादक.


नैना देवी. नैनीताल डेस्क 
शक्ति. डॉ. सुनीता ' शक्ति ' प्रिया.
प्रादुर्भाव वर्ष : १९७०.
संस्थापना वर्ष : १९९६. महीना : जनवरी : दिवस : ६ .

सहायक. कार्यकारी संपादक.


शक्ति. सीमा वाणी अनीता.
कोलकोता डेस्क संस्थापना वर्ष : १९९९.महीना : जून. दिवस : २.
---------

विशेषांक संपादक.


शक्ति : मानसी शालिनी कंचन.
नैनीताल डेस्क .
---------
स्थानीय संपादक.


शक्ति : बीना मीना भारती.
नैनीताल.
---------

कला संपादिका.


शक्ति.मंजिता.
चंडीगढ़
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मीडिया संयोजन.
नैनीताल डेस्क
शिमला डेस्क
जयपुर डेस्क.
इंद्रप्रस्थ डेस्क
पाटलिपुत्रा डेस्क.


शक्ति. 
शालिनी स्मिता शबनम वनिता. 
---------
क़ानूनी संरक्षण.
' शक्ति '


शक्ति. सीमा कुमारी.
डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल.
शक्ति. विदिशा.
विधिवक्ता / नई दिल्ली.
लीना शक्ति. अधिवक्ता. उच्च न्यायलय. रांची
शक्ति
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पत्रिका संरक्षक.


चिरंजीव नाथ सिन्हा.
चिरंजीव नाथ सिन्हा, ए.डी.सी.पी. लखनऊ. 
मुकेश कुमार (भा.पु.से.) समादेष्टा झा.स.पु. ४ / रा.औ.सु.बल बोकारो
रश्मि श्रीवास्तवा.  ए.एस .पी.
राज कुमार कर्ण, डी. एस. पी. ( सेवानिवृत  ).पटना 
विजय शंकर, डी. एस. पी.  ( सेवानिवृत  )
डॉ. मो. शिब्ली नोमानी. डी. एस. पी. 
कर्नल  सतीश कुमार सिन्हा ( सेवानिवृत ) हैदराबाद.
कैप्टन अजय  स्वरुप, देहरादून , इंडियन नेवी  सेवानिवृत ).
 

विशेष संरक्षण.


विकास वैभव (भा.पु.से.)

--------
 दिग्दर्शिका शक्ति.


शक्ति.डॉ. मीरा श्रीवास्तवा.पुणे.
शक्ति. दया जोशी. सम्पादिका
केदार दर्शन.दैनिक भास्कर.नैनीताल.
शक्ति. रंजना.स्वतंत्र लेखिका.हिंदुस्तान.नई दिल्ली.
शक्ति.जया सोलंकी.जयपुर.
-----------
दिग्दर्शक / संपादक मंडल.


रवि अनुपम नवीन अनिल 
 
रवि शंकर शर्मा. संपादक. दैनिक भास्कर.नैनीताल.
अनुपम चौहान.संपादक.समर सलिल.लख़नऊ.
डॉ. नवीन जोशी.संपादक. नवीन समाचार .नैनीताल.
मनोज कुमार पांडेय.संपादक.ख़बर सच है.नैनीताल.
अनिल लढ़ा .संपादक. टूलिप टुडे.राजस्थान.
डॉ.आर. के. दुबे. लेखक ,संपादक.नई दिल्ली.
अशोक कर्ण : फोटो संपादक. पब्लिक एजेंडा. नई दिल्ली.

आध्यात्मिक संरक्षक : श्री  गोविन्द जी.उत्तर प्रदेश.
----------- 

  पत्रिका विशेष / आगंतुक .
सम्मानीय. दीपक रावत.कमिश्नर. उत्तराखंड.
शक्ति. वंदना सिंह.जिला अधिकारी. नैनीताल.
सम्मानीय.पंकज भट्ट. (भा.पु.से.).उत्तराखंड.


ए एंड एम मीडिया प्रस्तुति. 


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संपादकीय शक्ति समूह : विचार : पृष्ठ : २ / ० . 
------------ 
संपादन.


शक्ति.राधिका.
वृन्दावन.नई दिल्ली.

' कृष्ण ' सदा सहायते. 


शब्दसीमा.
भले ' हृदय '  होने से ' श्रेष्यकर ' है आप ' वाणी ' से संयमित हो 
अपने कहे गए ' शब्दों ' के प्रभाव उसकी ' सीमा ' को जरूर समझे 
क्योंकि लोगों का वास्तां प्रथमतः आपकी ' वाणी ' से ही होता है 
हृदयगत ' भावनाओं ' से नहीं
डॉ. सुनीता शक्ति सीमा प्रिया अनीता अनुभूति. 

*

क्षमाशक्ति  सीमा
*
आत्मशक्ति : प्रार्थना
*
हे ! ' परम पिता ' इन्हें ' क्षमा ' कर देना , क्योंकि ये  ' स्वयं ' नहीं जानते है कि क्या करते हैं...?
*
बाइबिल.
*
 ( गुनहगार नहीं होने के बावजूद मानव जाति के लिए ' यीशु ' ने ये यातना सही यहां तक उन्होंने सलीब से अपने अंतिम क्षण में सताने वालों के लिए प्रार्थना भी की )

शक्तिसीमा

इस ' धर्म - अधर्म ' के जीवन पर्यन्त ' आत्म संघर्ष ' में, ...तुम्हारे 
 कथित सुविचारित, सत्यापित ' शब्द ' तुम्हारी ' समझ - सहन ' सीमा ......शक्ति ही निर्धारित करेंगी  
तुम्हें ' जय ' मिलेगी या ' पराजय ' , पार्थ !

सदभाव. सदा सहायते.  

' हरि ' की ' सहिष्णुता ', राम की ' मर्यादा ', और ' कृष्ण ' की ' सदा सहायते

हे प्रभु ! श्री ' हरि ' की ' सहिष्णुता ', राम की ' मर्यादा ', और ' कृष्ण ' की ' सदा सहायते
जैसे  शिव भाव, और कभी भी , किसी परिस्थिति में अपनों का ' परित्याग ' 
न  करने की आत्म ' शक्ति ' प्रदान
करना ...जिनसे मैं   ' सन्मार्ग '  व ' सत्कर्म '  के लिए प्रेरित हो सकूँ   

©️®️ डॉ. सुनीता सीमा शक्ति अनुभूति प्रिया

 सदविचार  ' सन्मार्ग '  सत्कर्म  

जीवन में किसी को रूलाकर ' हवन ' भी करवाओगे तो इसका कोई ' लाभ '  नहीं 
और अगर प्रत्येक ' दिन '  किसी भी एक ' मनुष्य  ' की  वज़ह बन सकें   
तो इससे बड़ा कोई ' सत्कर्म ' नहीं आपको किसी भी ' देवालय ' के आगे ' दिया ' भी जलाने की जरूरत नहीं ! इसलिए सदविवेक से सन्मार्ग का अनुसरण करतें रहें 
चाहे आप एकाकी ही क्यों न हो 
मत भूलें प्रभु ' श्रीकृष्ण ' भी ' शापित  'हुए थे  


प्रेम के धागे.
 
प्रेम की डोर बहुत नाजुक होती है लेकिन मजबूत इतनी कि
वह ईश्वर को भी बांध सकती है

*
' स्थायी रिश्ते '

मेरा नाता खुद  से जोड़ के तूने. मेरी हर मुसीबत को टाल रखा है.....
मैं तो कब की मिट गई होती... हे ठाकुरजी ! बस आप ने मुझे संभाल रखा है...

एक अच्छी ' किताब ' कितनी भी ' पुरानी ' हो जाए उसके ' शब्द ' नहीं बदलते, उसकी ' सार्थकता ' कभी नहीं बदलती
अच्छे ' विश्वस्त ' ' रिश्ते ' की भी यही ' ख़ासियत ' होती है.
*
' संगत '
' नेक ' लोगों की ' संगत ' से हमेशा ' भलाई ' ही मिलती है, क्योंकि.
हवा जब ' फूलों ' से गुज़रती है तो वो भी ' खुशबूदार ' हो जाती है.

 

प्रथम मीडिया. नर्मदा डेस्क. शक्ति अनीता. प्रस्तुति. 
--------
 आज का पचांग / राशि फल / सम्यक वाणी  सम्पादकीय / पृष्ठ : २ / १ .  
------------
संपादन. 


शक्ति. दया जोशी.
सम्पादिका.
दैनिक भास्कर. केदार दर्शन. नैनीताल.


आज का ' पचांग '
 आज का पचांग / राशि फल : केदार दर्शन / नैनीताल / लिंक : पृष्ठ : २ :
२३ .जनवरी. ग्रेगोरीयन २०२५ / विक्रम संवत. २०८१ / शक संवत १९४६.
आज का पचांग / राशि फल / ऋषि चिंतन : देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दबाएं

महा सरस्वती डेस्क 
   सम्यक ' वाणी ' :  ' दृश्यम '
स्वयं की ' जन्म तिथि ' से जाने ' स्वयं ' को 


 *
आपका दिन मंगलमय हो

  आज का पचांग / राशि फल / ऋषि चिंतन : देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दबाएं


------------ आकाश दीप : पद्य संग्रह : सम्पादकीय : प्रस्तुति : पृष्ठ : ३. -------------- शिमला डेस्क. संपादन.
प्रधान सम्पादिका. शक्ति. रेनू शब्द मुखर.जयपुर.
----------
यादों की पोटली.
लघु कविता. 

नए साल में करें.
नए सपनों की शुरुआत.

फोटो : शक्ति मीना. मुक्तेश्वर. 
 

गुज़रा साल था यादों का संग, 
हर पल में छिपा या खुशियों का रंग.
छोटी-बड़ी उपलब्धियों का स्वाद,
सहेज रखा हमने हर पल का संवाद.

न सा ल की दस्तक है खास,
सपनों को दें अब नया प्रयास. 
हर सुबह हो सुनहरी हर रात हो रोशन, 
जीवन के गीतों में भरें नए राग.

चलो चलें अब उम्मीदों के साथ,
हर कठिनाई में भी हो अपनी बात.
हर कदम हो हक, हर मंजिल चमके,
सफलता के सितारे हर ओर दमके.

यादों की पोटली सहेज कर रख लें,
बीते पल की सील को मन में रख लें.
नए साल में करें नए सपनों की शुरुआत,
हर दिन बने उज्जवल, हर पल रहे खास.

रेनू शब्दमुखर.

लघु कविता

डोर संग उड़ती पतंग ये कहे.


नभ में उठती पतंग की बात, सुनो संदेश हमारे लिए है खास. ऊँचाइयों को छूने का स्वप्न, पर जड़ों से जुड़ने का जज्बा रहे साथ. सूरज ने बदली अपनी दिशा, सर्दी में आई अब गर्माहट की ऋचा. खेतों में फसलों का उत्सव, हर घर में छाई खुशियों की चर्चा. तिल और गुड़ का अनमोल साथ, मिठास बढ़ाए रिश्तों का हाथ. संक्रांति का पर्व सिखाए हमें, समर्पण,प्रेम और सहजीवन का पाठ. डोर संग उड़ती पतंग ये कहे, आकाश जितना भी ऊँचा हो रहे. संस्कारों की डोर से बंधे रहो, प्रगति की राहों पर आगे बढ़ते रहो. तो आओ मनाएं यह पावन दिन, स्नेह और सद्भाव से भरें हर क्षण. मकर संक्रांति का पर्व है महान, सूरज संग चमके जीवन का मान.
रेनू शब्दमुखर.
जयपुर.
पृष्ठ सज्जा संपादन. 
   शक्ति. अनुभूति  प्रिया.शिमला.


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क्षणिकाएं. 

' शब्द ' भी यात्रा करते हैं.
 ( नीलोद्गार )


चित्र :
शक्ति. मीना सिंह : नैनीताल. 

शब्द भी यात्रा करते हैं ! 
जुबां से निकल जन-जन तक, 
लेखनी से चलकर पुस्तक तक, 
बादलों की गड़गड़ाहट से धरा तक, 
झरनों से निकल वादियों में दूर तक, 
सागर की लहरों संग उठकर गगन तक, 
चिड़ियों की चहचहाट से वन-कानन तक, 
माँ का स्पर्श पाकर शिशु के अंतर्मन तक, 
स्नेही आँखों से निकल प्रेमी मन तक, 
अनुभूति के मर्स तक पहुँचने में उसे देर कहाँ लगती है ! 
किताबों की भाषा से परे, भावनाओं की इक दुनिया है । 
आत्मा तक पहुँच जाती है जो, 
माटी में समाई खुशबू-सी, 
अभिव्यक्ति की सीमा से परे, 
रेत में छुपी नमी-सी, उठती-गिरती अनगिनत, 
सागर की लहरों-सी. कामनाओं के शोर बीच, 
रहती है इक चुप्पी-सी. 
नैनन की भाषा के अनकहे शब्दों-सी.. 
शब्द भी सदियों से ऐसे ही यात्रा करते हैं।
कवयित्री.सम्पादिका
शक्ति.नीलम.
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शक्ति.शालिनी.
कवयित्री.संयोजिका.

फोटो : शालिनी.

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शक्ति शालिनी @ महाकुंभ.२०२५
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लघु कविता
गंगा, यमुना, सरस्वती.


प्रयागराज में भीड़ लगी,
भक्तों की आई टोली है।
गंगा, यमुना, सरस्वती की
संगम ही हमजोली है।।
हर हर गंगे बोल रहे सब,
महाकुंभ का मेला है।
नागा, संत, साधु, औघड़,
जनमानस का रेला है।।
अद्भुत दृश्य मनोहारी यह,
मस्तक सबके चंदन है।
प्रयागराज के महाकुंभ में,
सबका ही अभिनन्दन है।।
गुंजायमान नभ हो उठा,
जय श्रीराम जयकारा है।
नौका विहार, स्नान, भजन में,
डूबा जगत यह सारा है।
सायंआरती दृश्य अलौकिक,
दीपों का यह महासागर।
त्रिवेणी है पुण्यस्थली,
पुण्य कमाओ यहाँ आकर।।
मस्त मलंग साधु सन्यासी,
हाथ लिए सब चिलम है।
बेच रहे रुद्राक्ष, रत्न सब,
मोती, माणिक्य, नीलम है।।
चिमटा, लाठी हाथ लिए
सब घूम रहे यहाँ नागा है।
जगह-जगह यह धूनी रमाए,
भस्म शरीर पर लागा है।
शतक एक चौंवालीस वर्ष पे
महाकुंभ यह आया है।
अद्भुत, भव्य, दिव्य दृश्य,
देख जगत हर्षाया है।।
गंगा यमुुना सरस्वती का,
अतिपावन यह संगम है।।
पुण्य अर्जित करे यहाँ सब,
मानव रूप जो जंगम है।।
रात्रि दृश्य मनोहारी यहाँ,
जगमग तारों जैसी है।
भाई-बहनों आकर देखो,
मत पूछो यह कैसी है?
तेरह अखाड़े किये स्थापित,
आदि शंकराचार्य ने,
शैव, वैष्णव और उदासीन,
बांटे अन्य आचार्य ने।।
यज्ञ-हवन के कुंड बने हैं,
गंगा-यमुना के तट पर,
औघड़ की जमघट है लागी,
यहाँ बने हर मरघट पर।।
संतों का अनमोल प्रवाह,
आस्था का अद्भुत प्रवास।
शाही स्नान का बड़ा महत्व,
रचता धर्म नया इतिहास।।
दूर-दूर से भक्त हैं आये,
यह संगम अति पावन है।
ढोल, मजीरे, डमरू बजते,
दृश्य बड़ा मनभावन है।
भक्तों का लगा है तांता,
पुण्यस्थली 'संगम' है।
अंतःकरण शुद्ध करे सब,
करते योग विहंगम हैं।।
कुंभ मेला है एक सन्देश,
प्रेम, एकता, धर्म विशेष।
आओ मिलकर दृढ़ शपथ लें
मानवधर्म रहे ना शेष।।
सांवली सुन्दर भोली बाला.
@ महाकुंभ.२०२५



ईश्वर रंग अद्भुत भर डाला सांवली सुन्दर भोली बाला, मनमोहिनी यह पावन लागे, सुन्दर दृग मनभावन लागे. अतिसुन्दर मुस्कान तुम्हारी तुम कुटिया की राजकुमारी, कजरारे अति प्यारे लोचन, अपलक हो, करें विमोचन. अधर रसीले मय का प्याला, जैसे हो कोई हो मधुशाला. निश्छल यह अतिसुन्दर नैन, निरख जिसे सब पावे चैन, ईश्वर की यह कृति निराली, देख जिसे दुनिया मतवाली. दृष्टि तुम्हारी नयन कटारी, तुम पर मिटती दुनिया सारी, अद्भुत चक्षु दिखे कजरारे, कितने हिय हैं तुम पर हारे. सुन्दर, सुकोमल, सुकुमारी, तुम मंदिर की प्रेम पुजारी, ईश्वर रंग अद्भुत भर डाला, सांवली सुन्दर भोली बाला.
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बता दीजिए ये मोहब्बत है कैसी,

*
बता दीजिए ये मोहब्बत है कैसी, अपनों से करते तिज़ारत है कैसी ? किसी के लिए वो ख़ुदा बनके बैठे, किसी से जफ़ा, ये नफ़रत है कैसी ? वो क्या सोचते हैं कोई भी न जाने, मुश्किल बड़ी कोई समझे भी कैसे ? अनबुझ पहेली वो बनकर हैं बैठे, कोई इस भँवर में उलझे भी कैसे ? किरदार उनका बड़ा ही अज़ायब, दिखाते हैं सबको शराफ़त है कैसी ? किसी के लिए वो ख़ुदा बनके बैठे, किसी से जफ़ा, ये नफ़रत है कैसी ? वो तौहीन करके सुकूँ ढूंढते हैं, फिर भी न मिलता आराम दिल को. दुवा है हमारी ऐ मालिक रहम कर, ख़ुदा दे सुकून-ए-अंजाम दिल को. बड़े बेरहम हैं वो पत्थर के जैसे, ना जाने दिखाते नज़ाकत है कैसी ? किसी के लिए वो ख़ुदा बनके बैठे, किसी से जफ़ा, ये नफ़रत है कैसी ?
पृष्ठ सज्जा : संपादन :
शक्ति. डॉ.सुनीता ' शक्ति ' प्रिया.
नैनीताल डेस्क.
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सीपिकाएँ.
 
शक्ति तेरे चपल ' चरण '.

डॉ. मधुप सुनीता ' शक्ति ' प्रिया.

अधीर था यह चंचल ' मन '
लोहित हो चला गगन 
 मेरे जीवन धरा पर, पड़ें  
 जो शक्ति तेरे चपल ' चरण '.
    
जो निहारते डगर डगर 
आतुर थे  कब से मेरे ' नयन '.  
 मेरे जीवन धरा पर,पड़ें  
जो शक्ति तेरे चपल ' चरण ',

स्वागत में सजे  तोरण द्वार 
लगे  खुशियों के ' बंदनवार ' 
पवित्र हो गयी रज धरा, पड़ें 
 जो शक्ति तेरे चपल ' चरण '.

 ' शक्तियां ' दिव्य करती  थी मेरा  , 
पल पल  दुष्टों से  जो संरक्षण
मिटा तमस रश्मियों से हुआ सवेरा नूतन   
पड़ें ,जो शक्ति तेरे चपल ' चरण '.

स्वागत है ' आप ' सभी का, त्रिशक्तियाँ 
जो आए आप मेरे घर - आँगन
महासरस्वती ' बुद्धि ',' विवेक ' दायनी ,
महालक्ष्मी  ' सम्पदा ',' ऐश्वर्य ' गामिनी 
महाशक्ति,सुमधुर, महिषासुर मर्दिनी ' शक्ति ' शालिनी 
 
चिर प्रतीक्षित था तेरा ' आगमन ',
 नव वर्ष मंगलमय, हो ह्रदय से
नूतन वर्ष अतिरेक अभिनन्दन  
मेरे जीवन धरा पर, पड़ें  
 जो शक्ति तेरे चपल ' चरण '. 

पृष्ठ सज्जा : संपादन : शक्ति. शालिनी
नैनीताल डेस्क.
सीपिकाएँ. डॉ. मधुप सुनीता ' शक्ति ' प्रिया


तुम्हारे लिए 

. सीपिकाएँ .

जन - गण - मन : आत्म शक्ति  



जन - गण - मन के लिए
तुम्हारे लिए 
न ख़त्म होगी दिव्य  आत्म शक्ति अभियान कभी  
जीवन भर रहेगा अनंत प्रेम ' तुम्हारे ' लिए  
रहेंगे समर्पित  तन - मन - धन से और 
रखेंगे  ह्रदय में ' अनंत ' मान सम्मान ' भी 
हम रहें या ना रहें आप सदा ख़ुश रहें ,प्राण प्रिय 
 है शक्ति शपथ ,तुम्हारे लिए  
इसलिए तो स्वयं से भी अधिक रखते हैं, 
आप दिव्य शक्तियों के लिए अभिमान भी
, आप ' मती ' हैं ' शिव - शक्ति ' हैं ,दिव्य लक्ष्मी नारायण भी 
 स्थापित करें मर्यादित राम योगीराज कृष्ण का राज यहीं 
हो कल्पना से इस धरा पर ' विश्वामित्र ' का स्वर्ग लोक का निर्माण भी 

सीपिकाएँ.
डॉ. सुनीता सीमा ' शक्ति ' अनीता प्रिया.


सीपिकाएँ.
 
हँस कर 
तुमने जो भी माँगा


हँस कर 
तुमने जो भी माँगा 
या गुस्से में, 
जो भी तुमने  चाहा ,
 मैंने दे दिया. 
बहुत ही सोच समझ कर,  
अपने  चाहने  और न चाहने से हट कर,  
कि तुम फ़िर भी  ख़ुश रह सको 
सुना है लोग कहते हैं ,
नाराज़ हो..? 
एक पहेली हो तुम 
मेरे लिए 
अनबूझी अनसुलझी. 
सुनो, इस बार भी मेरे पास 
देने के लिए बहुत कुछ है
तुम्हारे लिए
जीवन भर का सम्यक साथ   
भली सोच 
भली दृष्टि 
भला कर्म 
ढ़ेर सारी सहिष्णुता, 
और शेष अंतहीन प्यार 
देख लेना इस दफ़ा 
सोच समझ कर 
   ही मांग लेना.... 


डॉ. मधुप.
१३ / ०१ / २०२५.  
पृष्ठ सज्जा संपादन 
   शक्ति. प्रिया.दार्जलिंग. 


कविता
अपने अपने राम.



अद्भुत है राम की सत्ता
इनके नाम से ज्यादा महिमा इनके नाम की है,
राम,
आप सिर्फ दशरथ नन्दन , कौशल्या सुत 
रघुनन्दन होते तो भी शायद कुछ नहीं होता,
लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न के ज्येष्ठ होते या
हनुमान के आराध्य होते तो भी कुछ
बड़ा नहीं होता,
विदेह के जमाई जानकी वल्लभ होते और अयोध्यापति राजा 
राम भर होते,
पर हे राम,
आपको तो एक आदमी से लेकर नर
श्रेष्ठ मर्यादा पुरुषोत्तम राम बनना था,
इसलिए आप वो नहीं बन पाए जो लोग 
चाहते थे,
अन्यथा आप एक इतिहास पुरूष भर बन कर रह जाते,
कथा कहानियों में सिमट कर रह जाते,
एक प्रतापी राजा की कथा बन कर रह
जाते,
पर राम,
आपको तो अकाल पुरूष बनना था,
इसलिए आप सौर रश्मियों की तरह
कई रंगों में बँटकर कितने राम हो गए,
 दशरथ के राम कि कौशल्या के राम,
 कैकेयी के राम कि मंथरा के राम,
वशिष्ठ के राम कि अयोध्या के राम,
 भरत लक्ष्मण शत्रुघ्न के राम,
  कि जनक , जनक नन्दिनी के राम,
 निषादराज के राम कि शबरी के राम,
 अहिल्या के राम कि अरण्यवासियों 
 के राम,
 अपने गुण संस्कार से बंधे राम कि
 स्वतंत्र राम,
 किष्णकिंधा सुग्रीव बाली हनुमान के राम कि 
 गिरीजनों दलितों पीड़ितों वंचितों शोषितों के राम कि पूरवासियों के
राम,
पत्नी  विरहाग्नी में जलता हुए राम
 कि एक आदमी की तरह रोते बिलखते
राम,
कण कण तृण तृण पुष्प पौधों जीव 
जन्तुओं से ,
सम्पूर्ण व्योम से अपनी अर्धांगनी का पता पूछते 
भिक्षा मांगते , याचना करते राम,
उत्तरापथ और दक्षिणापथ को समेकित 
करते राम,
सुरसा को सम्मान और लंकिनी को मुक्ति देते राम,
गिलहरी को सम्मान , जटायु को मुक्ति देते राम , लघु को विशाल
बनाते राम, कि
लोकहित जन-वाणी का सम्मान करते 
पत्नी का परित्याग करते राम,
वनवासी राम,
रावण के राम कि विभिषण के राम,
धर्म सत्य न्याय के प्रतिष्ठापक रण अभियान करते राम,
शिव के राम कि उमा के राम,
रामेश्वर के राम कि विजय हेतु 
अपराजिता / विजया ( शक्ति ) की उपासना करते राम
आम आदमी की तरह भयाक्रांत होते
सशंकित होते राम,
अपनी आस्था और विश्वास, आत्मबल
को सशक्त करने हेतु 
 शक्ति पूजा करते राम,
विजयोपरान्त लंकापति रावण को सम्मान देते राम,
राम राज की स्थापना करते राम कि 
लव कुश की कथा सुनते विलाप करते राम,
 तुलसी के राम कि कबीर के राम
वाल्मीकि के राम कि अगणित रामायण 
के रचनाकारों के राम,
अनन्त नाम है तेरे राम,
 जिसका जैसा पड़ा काम
 वैसा ही बन गए राम,
 रोम रोम में बसने वाले राम,
 हे जन नायक हे लोक नायक
 कितने तेरे नाम,हे मर्यादा पुरुषोत्तम,
 जो जैसे भजे आपको
 सबके अपने अपने राम।

अरुण कुमार सिन्हा 
झारखण्ड  
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तारे जमीन पर : गद्य संग्रह : शक्ति : सम्पादकीय : प्रस्तुति. पृष्ठ : ४.
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संपादन.


शक्ति. नीलम पांडेय.
वाराणसी.
प्रधान सम्पादिका. 

मुन्नालाल महेशलाल आर्य एंड संस ज्वेलर्स.रांची रोड . बिहारशरीफ.समर्थित.

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नव वर्ष २०२५ : सम्पादकीय आलेख : प्रस्तुति. पृष्ठ : ४ / ०.
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सम्पादकीय आलेख :
नव वर्ष का आगाज़ – एक नई उमंग, एक नई सोच.

शक्ति. रेनू शब्द मुखर
प्रधान सम्पादिका.जयपुर.

एक अनुपम अवसर एक नई उमंग, एक नई सोच के साथ : नववर्ष का स्वागत एक नई ऊर्जा, नई उम्मीदों और नई योजनाओं के साथ करना एक अनुपम अवसर है। 
२०२५ की यह पहली सुबह हम सभी के जीवन में एक नई रोशनी लेकर आए,ऐसी मेरी हार्दिक कामना है। यह वर्ष केवल कैलेंडर का परिवर्तन नहीं,बल्कि हमारे भीतर एक नई सोच,नई प्रेरणा और सकारात्मक दृष्टिकोण के विकास का प्रतीक बने।
आत्म - विश्लेषण और लक्ष्य निर्धारण : चलिए, आइयेगा हम आत्म - विश्लेषण और लक्ष्य निर्धारण के बारे में बात करें -
हर नया वर्ष हमें अपनी बीती यात्रा पर चिंतन करने और आने वाले समय के लिए नए संकल्प लेने का अवसर देता है। सोचें, बीते साल हमने क्या पाया, क्या खोया, और सबसे महत्वपूर्ण – हमने क्या सीखा ? २०२५ के लिए एक ऐसा लक्ष्य तय करें जो न केवल आपकी सफलता का पैमाना बने, बल्कि समाज और मानवता के लिए भी लाभकारी हो।
रिश्तों में स्नेह और आदर : हमारी जिन्दगी का सबसे खूबसूरत पहलू है जो हमारे अपने,अपने रिश्तों को समय दें, उन्हें सहेजें। इस वर्ष हर संबंध में पारदर्शिता, आदर और स्नेह को जगह दें। आपसी संवाद बढ़ाएं और हर रिश्ते को नई ऊंचाई तक ले जाएं।
साहित्य और कला का संवर्धन : एक साहित्यकार की सकारात्मक सोच का आईना होता है।
साहित्य हमारे समाज का दर्पण है। २०२५ में साहित्य को अपने जीवन में शामिल करें। पढ़ें, लिखें, और रचनात्मकता को बढ़ावा दें। यह वर्ष आपकी कलम और भावनाओं को एक नई दिशा देने का समय है।
इस लेखनी के माध्यम से मैं अपने सभी प्रियजनों से यही कहना चाहूंगी कि २०२५ केवल एक वर्ष नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत का प्रतीक है।
छोटे-छोटे प्रयासों से दूसरों की मुस्कान : २०२५ वह वर्ष बने जब हम अपने छोटे-छोटे प्रयासों से दूसरों की मुस्कान की वजह बनें। आइए, हम इसे अपने जीवन की एक नई पुस्तक का पहला पन्ना बनाएं। आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। यह वर्ष आपके जीवन में सृजन,संतोष और सफलता लेकर आए।

क्रमशः जारी...
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सम्पादकीय आलेख : एक नई उमंग, एक नई सोच.गतांक से आगे : १.
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अपने संकल्पों,सपनों और कर्मों से रंग सकते हैं नववर्ष को.

नववर्ष का स्वागत हमेशा एक नई ऊर्जा, नई उम्मीदों और नए सपनों के साथ : कोलाज : शक्ति.
अपने संकल्पों, सपनों और कर्मों से रंग सकते हैं नव वर्ष को.


शक्ति. रेनू शब्दमुखर.
प्रधान सम्पादिका.जयपुर.
जाता हुआ साल और आता हुआ नववर्ष : संकल्पों की नई उड़ान साल का अंत एक ऐसा पल है जब हम ठहरकर अपने जीवन के अनुभवों को टटोलते हैं, उपलब्धियों को संजोते हैं और अधूरे सपनों को संवारने का संकल्प लेते हैं। जाता हुआ साल हमारे लिए बीते दिनों की एक डायरी की तरह होता है, जिसमें हमारी मेहनत, प्रयास और सफलता की कहानी दर्ज होती है। वहीं, आने वाला नववर्ष एक कोरा पन्ना है, जिसे हम अपने संकल्पों, सपनों और कमाँ से रंग सकते हैं।
महिलाओं की स्थिति को सशक्त करने का वर्ष : इस साल ने हमें बहुत कुछ सिखाया। समाज में महिलाओं की स्थिति को सशक्त करने के लिए साहित्यिक संस्थान के रूप में किए गए प्रयासों ने मुझे यह सिखाया कि सामूहिक रूप से किया गया कार्य अधिक प्रभावशाली होता है। महिलाओं के लेखन और सूजनात्मकता को, प्रोत्साहित करते हुए मुझे गर्व हुआ कि मेरा यह छोटा सा प्रयास समाज में बड़ा बदलाव ला रहा है। सीखने और संजोने का समय बीता हुआ साल : जाता हुआ साल सीखने और संजोने का समय लगा बीता हुआ समय ने सिखाया कि मेहनत और ईमानदारी से किया गया हर कार्य अपने परिणाम अवश्य देता है। यह साल कई उपलब्धियों का साक्षी रहा, चाहे वह बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए मेरा शिक्षण कार्य हो, मेरी कविताओं के माध्यम से समाज को जागरूक करने का प्रयास हो या साहित्यिक संस्थान की महिलाओं को मंच प्रदान करने की जिम्मेदारी।
फिर भी, कुछ सपने अधूरे रह गए। ऐसा लगता है कि समय की गति हमें और परिश्रम करने का संदेश दे रही है। अधूरे संकल्पों को पूरा करने की प्रेरणा लेकर हम इस साल को विदा करें, यही हमारी सीख होनी चाहिए।
आने वाला नववर्ष नए सपनों का आरंभ : नववर्ष का स्वागत हमेशा एक नई ऊर्जा, नई उम्मीदों और नए लक्ष्यों के साथ किया जाना चाहिए। यह वह समय है जब हमें आत्मचिंतन करना चाहिए कि कौन से कार्य हमें आगे बढ़ा सकते हैं और किन आदतों को पीछे छोड़ना चाहिए। मेरा यह विश्वास है कि शिक्षा और साहित्य का संगम समाज को नई दिशा दे सकता है। आने वाले साल में मेरा संकल्प है कि मैं अपने विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ नैतिकता का पाठ पढ़ाऊं।
अपनी कविताओं और लेखों से समाज में सकारात्मक सोच का प्रसार करूं। अपनी संस्थान की महिलाओं को और अधिक प्रोत्साहित करूं कि वे समाज के मुद्दों पर खुलकर लिखें और बोलें। समाज सेवा के कार्यों में और भी सक्रिय रहूं।
संकल्यों की नई उड़ान : नए साल में हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं। मेहनत और दृढ़ता के साथ अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ें। याद रखें, हर छोटा कदम भी हमें मंजिल की ओर ले जाता है। नए साल में, आइए हम अपने जीवन को ज्ञान, सूजन और सेवा के साथ सजाएं। एक शिक्षक और साहित्यकार होने के नाते, मेरा संदेश है कि हम सभी अपने-अपने क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनने का प्रयास करें। नववर्ष का स्वागतः प्रेरणा का संदेश जाते हुए साल को धन्यवाद दें और आने वाले साल का खुले दिल से स्वागत करें। अपने सपनों को साकार करने के लिए हर दिन को एक अवसर मानें। मेरी यह कविता इस भावना को और सशक्त बनाती है गुजरा साल बन यादों की पोटली, सहेज कर रख लें हर छोटी-बड़ी खुशी आने वाले साल में करें नए प्रयास, हर दिन हो उज्ज्वल,हर पल बने खास। नववर्ष आपके जीवन में खुशियां, समृद्धि और सफलता लेकर आए। यह साल आपके हर सपने को साकार करे और आपके संकल्पों को नई ऊंचाई प्रदान करे।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
* पृष्ठ संपादन : शक्ति.डॉ.अनीता सुनीता प्रिया.
* पृष्ठ सज्जा : शक्ति.अनुभूति दीपा मंजीता.
नैनीताल डेस्क
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सम्पादकीय : यात्रा आलेख : पृष्ठ : ४ / १
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बिन्सर जहाँ हवाएं आपसे बातें करती हैं : देव निवास करते हैं.
यात्रा : आलेख.
प्रकृति : प्रेम : और सिर्फ़ तुम.

शक्ति. बीना नवीन जोशी.
दिग्दर्शिका / नवीन समाचार.नैनीताल.


हुस्न पहाड़ों का  यहाँ मौसम जाड़ों का रुत सुहानी हैं : फोटो : शक्ति : बीना नवीन जोशी. 
आपको बिनसर घुमने के बाद अक्सर ये लगेगा कि मैं कही कवि न बन जाऊं। बिनसर गढ़वाली बोली का एक शब्द है - जिसका अर्थ नव प्रभात है। यहां से अल्मोड़ा शहर का उत्कृष्ट दृश्य, कुमाऊं की पहाडियां और ग्रेटर हिमालय भी दिखाई देते हैं। घने देवदार के जंगलों से निकलते हुए शिखर की ओर रास्ता जाता है, जहां से हिमालय पर्वत श्रृंखला का अकाट्य दृश्‍य और चारों ओर की घाटी देखी जा सकती है।
देवत्व का वास * : देवभूमि उत्तराखंड के कण- कण में देवत्व का वास कहा जाता है। यह देवत्व ऐसे स्थानों पर मिलता है जहां नीरव शांति होती है, और यदि ऐसे शांति स्थल पर प्रकृति केवल अपने प्राकृतिक स्वरूप में यानी मानवीय हस्तक्षेप रहित रूप में मिले तो क्या कहने। जी हां, ऐसा ही स्थल है - बिन्सर। जहां प्रकृति की गोद में बैठकर प्रभु को आत्मसात करने का अनुभव लिया जा सकता है।
बीते वर्ष सिने अभिनेता रणवीर सिंह व उनकी अभिनेत्री पत्नी दीपिका पादुकोण के शादी के बाद यहाँ आने के कारण भी बिन्सर की प्रसिद्धि बढ़ी है।
जहाँ हवाएं आपसे बुदबुदाती हैं * : इसी कारण इसे उत्तराखंड के ऐसे सुंदरतम पर्वतीय पर्यटक स्थलों में शुमार किया जाता है। यही कारण है कि अल्मोड़ा-बागेश्वर मोटर मार्ग से करीब १३ किमी के कठिन व कुछ हद तक खतरनाक सड़क मार्ग की दूरी और बिजली, पानी व दूरसंचार की सीमित सुविधाओं के बावजूद हर वर्ष देश ही नहीं दुनिया भर से हजारों की संख्या में सैलानी यहां पहुंचते हैं, और पकृति की नेमतों के बीच कई-कई दिन तक ऐसे खो जाते हैं, कि वापस लौटने का दिल ही नहीं करता।
जहाँ से हिमालय की पर्वत श्रृंखलाएं दिखें * : गर्मियों से पूर्व बसंत के मार्च - अप्रैल और बरसात के बाद सितंबर- अक्टूबर यहां आने के लिए सर्वश्रेष्ठ समय हैं। इस मौसम में यहां से हिमालय पर्वत की केदारनाथ, कर्छकुंड, चौखम्भा, नीलकंठ, कामेत, गौरी पर्वत, हाथी पर्वत, नन्दाघुंटी, त्रिशूल, मैकतोली (त्रिशूल ईस्ट), पिण्डारी, सुन्दरढुंगा ग्लेशियर, नन्दादेवी, नन्दाकोट, राजरम्भा, लास्पाधूरा, रालाम्पा, नौल्पू व पंचाचूली तक की करीब ३०० किमी लंबी पर्वत श्रृंखलाओं का एक नजर घुमाकर ‘ बर्ड आई व्यू ’ सरीखा अटूट नजार लिया जा सकता है।
कमोबेस बादलों की ऊंचाई में होने के कारण बरसात सहित अन्य मौसम में बादल भी यहां कौतूहल के साथ सुंदर नजारा पेश करते हैं।
बिन्सर महादेव मंदिर * :
अष्टभुजी शक्ति पार्वती : यहां सैकड़ों दुर्लभ वन्य जीवों, वनस्पतियों व परिंदों की प्रजातियों के साथ ही हिमालय की करीब ३०० किमी लंबी पर्वत श्रृंखलाओं के एक साथ अकाट्य दर्शन होते हैं, तो १३ वीं शताब्दी में कत्यूरी राजाओं द्वारा निर्मित बिन्सर महादेव मंदिर में हिमालयवासी महादेव शिव अष्टभुजी शक्ति पार्वती के साथ दर्शन देते हैं। बिन्सर वन्य जीव विहार * : अल्मोड़ा जनपद मुख्यालय से करीब ३५ किमी की दूरी पर बागेश्वर मोटर मार्ग पर बिन्सर समुद्र सतह से अधिकतम २४५० मीटर की ऊंचाई ( जीरो पॉइंट ) पर स्थित प्रकृति और प्रभु से एक साथ साक्षात्कार करने का स्थान है। प्रकृति से इतनी निकटता के मद्देनजर ही १९८८ में इस ४७.०७ वर्ग किमी क्षेत्र को बिन्सर वन्य जीव विहार के रूप में संरक्षित किया गया, जिसके फलस्वरूप यहां प्रकृति बेहद सीमित मानवीय हस्तक्षेप के साथ अपने मूल स्वरूप में संरक्षित रह पाई है।
लिपटती ये पेड़ों : चीड़ और देवदारों के सायें * : उत्तराखंड का राज्य बुरांश यहां चीड़, काफल, बांज, उतीस, मोरु, खरसों, तिलोंज व अयार के साथ ही देवदार की हरीतिमा से भरे जंगलों को अपने लाल सुर्ख फूलों से ‘ जंगल की ज्वाला ’ में तब्दील कर देता है, करीब ४० प्राकृतिक जल श्रोतों वाले बिन्सर क्षेत्र में असंख्य वृक्ष प्रजातियों के साथ नैर जैसी सुंगधित वनस्पति भी मिलती है, जिससे हवन-यज्ञ में प्रयुक्त की जाने वाली धूप निर्मित की जाती है, और यह राज्य पशु कस्तूरा मृग का भोजन भी मानी जाती है।
बिन्सर जाते हुए गर्मियों में खुमानी, पुलम, आड़ू व काफल जैसे लजीज पहाड़ी फलों का स्वाद लिया जा सकता है। काफल के साथ हिसालू व किल्मोड़ा जैसे फल बिन्सर की ओर जाते हुए सड़क किनारे लगे पेड़ों-झाड़ियों से मुफ्त में ही प्राप्त किए जा सकते हैं। अपनी इन्हीं खूबियों के कारण शहरों की भीड़-भाड़ से दूर प्रकृति की गोद में स्वयं को सोंप देने के इच्छुक लोगों के लिए बिन्सर सबसे बेहतर स्थान है।
पशु पक्षी विहार * : तो राज्य पक्षी मोनाल भी कठफोड़वा, कलीज फीजेंट, चीड़ फीजेंट, कोकलास फीजेंट, जंगली मुर्गी, गौरैया, लमपुछड़िया, सिटौला, कोकलास, गिद्ध, फोर्कटेल, तोता व काला तीतर आदि अपने संगी २०० से अधिक पक्षी प्रजातियों के साथ यदा-कदा दिख ही जाता है।
कस्तूरा की कुंडली में बसने वाली बहुचर्चित कस्तूरी और शिलाजीत जैसी औषधियां भी यहां पाई जाती हैं। कस्तूरा के साथ ही यहां तेंदुआ, काला भालू, गुलदार, साही, हिरन प्रजाति के घुरल, कांकड़, सांभर, सरों, चीतल, जंगली बिल्ली, सियार, लोमड़ी, जंगली सुअर, बंदर व लंगूरों के साथ गिलहरी आदि की दर्जनों प्रजातियां भी यहां मिलती हैं। यूं पहाड़ों पर सैलानी गर्मियों के अवकाश में मैदानी गर्मी से बचकर पहाड़ों पर आते हैं, किंतु इस मौसम में प्रकृति में छायी धुंध कुछ हद तक दूर के सुंदर दृश्यों को देखने में बाधा डालकर आनंद को कम करने की कोशिश करती है, बावजूद बिन्सर में करीब में भी प्रकृति के इतने रूपों में दर्शन होते हैं कि इसकी कमी नहीं खलती। इस मौसम में भी यहां बुरांश के खिले फूलों को देखा जा सकता है।

नैनीताल डेस्क
पृष्ठ संपादन : डॉ. सुनीता शक्ति अनीता सीमा सिंह .
पृष्ठ सज्जा : डॉ सुनीता शक्ति प्रिया मीना सिंह


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सम्पादकीय : प्रेम : प्रकृति : अध्यात्म और सन्यास : जीवन दर्शन : आलेख : पृष्ठ : ४ / १
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वृन्दावन डेस्क.नई दिल्ली.
सम्पादिका.


शक्ति.राधिका मीना सुनीता.
सम्पादित
*
सम्पादकीय : प्रेम : प्रकृति : अध्यात्म और सन्यास : जीवन दर्शन : आलेख : पृष्ठ : ४ / १

क्षमावान ही बलवान है. मन से शक्ति शाली हो बल  से नहीं
शक्ति. रंजना.
स्वतंत्र लेखिका. हिंदुस्तान.

*
मन से शक्ति शाली हो बल  से नहीं। जीवन की समस्त समस्याओं का एक ही समय सिद्ध निराकरण है सम्यक साथ ,तथा सम्यक वाणी। सदैव शब्दों की सीमा में रहें।  अपनों के लिए सार्वजनिक होते हुए एकदम सचेत रहें। रहिमन निज मन की, बिथा, मन ही राखो गोय।
जिसकी वाणी में क्षमा है, वही वीर पुरुष भी है। क्षमा मांग लेना फिर भी आसान है लेकिन किसी को क्षमा कर देना कदापि आसान काम नहीं। मानसिक बल चाहिए।
क्षमा माँगना और क्षमा करना ये दोनों गुण ही जीवन को महान बनाते हैं। दूसरों को क्षमा करने की आदत डालो, जीवन की बहुत समस्याओं से बच जाओगे। लेकिन ऐसे खल जनों से दूर रहने की चेष्टा सदैव करो।
वो नकारात्मक हैं पीछे ले जायेंगें।
बलवान वो नहीं जो किसी को दण्ड देने की सामर्थ्य रखता हो अपितु बलवान वो है जो किसी को क्षमा करने की सामर्थ्य रखता है। यदि आप किसी को क्षमा करने का साहस रखते हैं तो सच मानिये कि आप एक शक्तिशाली सम्पदा के धनी हैं और इसी कारण आप सबके प्रिय भी बन जाते हैं। वर्तमान समय में परिवारों में अशांति और क्लेश का एक प्रमुख कारण यह भी है कि व्यक्ति के जीवन और जिह्वा से क्षमा नाम का गुण गायब हो गया है। जिसके जिह्वा और जीवन में क्षमा है, उसके जीवन में सुख है, शांति है और आनंद है।


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 आकाश दीप : गद्य संग्रह : धारावाहिक विशेषांक : पृष्ठ ५ /०.
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संपादन 


शक्ति : मानसी शालिनी कंचन
नैनीताल.

डॉ. मधुप रमण. ये पर्वतों के दायरें,नैनीताल.
उत्तराखंड यात्रा वृतांत ३. धारावाहिक. अंक १०  से साभार ली गयी.
मुक्तेश्वर. यात्रा संस्मरण 

यही वो जग़ह है यही वो फ़िजा है : यही पर कभी आप हमसे मिले थे
आ जा रे परदेशी ....मैं तो कब से खड़ी इस पार कि ......फोटो : शक्ति : मीना सिंह
दो कदम तुम भी चलो दो कदम हम भी चलें : पिछले साल २०२४ में गर्मियों के दिन थे। मैदानी इलाके में गर्मियों की छुटियाँ हो चुकी थी। हर साल की भांति मेरी यायावरी जारी थी, सुनिश्चित ही थी । जीवन के इस अंतहीन सफ़र के हमख्याल ,एकाकी हमराही थे पॉवर ग्रीड के सेवानिवृत अधिकारी सुनील कुमार। एक भले सहिष्णु इंसान है, समझौतावादी । अभी तक़ के सबसे अच्छे सहयात्रियों में से एक। क्या आपको नहीं लगता जीवन ही समझौते की पटरी पर दौड़ती है ,दो कदम तुम भी चलो दो कदम हम भी चलें। सम्यक साथ का सफर वर्तमान में कट ही जायेगा।
चल अकेला चल अकेला : सफ़र की शुरुआत तो हम चार को करनी थी, किसी कारणवश मेरे हमनवी शक्ति सम्पादिका तथा सुनीता - वनिता ने साथ छोड़ दिया था। यह तो एक इत्तफाक ही था उन दिनों हमारी प्रधान शक्ति सम्पादिका रेनू शब्द मुखर, जयपुर से अपनी साहित्यिक गतिविधियों को लेकर हल्द्वानी,नैनीताल की यात्रा पर ही थी। हम तो एक से भले दो ही रह गए थे।
फ़िल्म सम्बन्ध के गीत कार प्रदीप का लिखा हुआ यह गाना चल अकेला चल अकेला मेरे पूर्ण दिखने वाले मेरे एकाकी जीवन का संगीत हो चुका है।
तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, तो तू चल अकेला,चल अकेला, चल अकेला, चल तू अकेला, गुरू रविंद्र की पंक्तियों को हमें चाहे अनचाहे में गुनगुनाना ही पड़ता हैं !
भूल गया सब कुछ : अपने गॉंव जैसे नैनीताल जाने की उत्कट आकांक्षा सदैव ही रहती है। घर वापसी किसे अच्छी नहीं लगती। कुछ लिखने , ढूंढ़ने का काम शेष ही था।
पुनः, भवाली, कैंची धाम,अल्मोड़ा, रानीखेत, मजखाली,खुरपा ताल, रामगढ़ एवं मुक्तेश्वर की घुमक्कड़ी करनी थी। १९५८ में प्रदर्शित हुई, विमल रॉय निर्मित दिलीप कुमार, बैजंती माला, प्राण अभिनीत पुरानी फिल्म मधुमती, विवाह सहित अन्य फिल्मों के लोकेशंस तलाशने थे। ख़ोज करनी थी और लिखना था। बताते चले मधुमती के निर्माण के सिलसिले में फिल्म के निर्माता निर्देशक विमल रॉय अक्सर मुक्तेश्वर आया करते थे।
मुझे याद है मुक्तेश्वर की यह मेरी तीसरी यात्रा थी,और सच कहें तो यह यात्रा कल्पना और सपनों से भरी साबित हुई। बतौर एक ब्लॉगर, लेखक मैं यह यात्रा संस्मरण कैसे भूला सकता हूँ ?
आ जा रे परदेशी ....मैं तो कब से खड़ी इस पार कि ...अखियाँ थक गयी पंथ निहार... यथार्थ में कोई दूर पहाड़ी के मध्य हम सब की राहें ही तक रहा था। जीवन यात्रा में सम्यक ' जन ' का सम्यक ' साथ ' मिल जाए यह ईश्वर की ही असीम अनुकम्पा ही समझ लें ।
मुक्तेश्वर : उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह एक पहाड़ी क्षेत्र है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और हरियाली के लिए जाना जाता है। मुक्तेश्वर समुद्र तल से लगभग २२८५ मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और हिमालय पर्वतमाला के अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है। मुक्तेश्वर एक शांत और सुकून भरा स्थान है, जो शहर के शोर-शराबे से दूर प्रकृति के करीब समय बिताने के लिए आदर्श है। खेल गतिविधियाँ में ट्रेकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, कैंपिंग फोटोग्राफी के लिए मुक्तेश्वर एक पर्यटन के लिए मनोरम जग़ह हैं
कैसे पहुंचे : सड़क मार्ग : मुक्तेश्वर बरेली , मुरादाबाद , नैनीताल, भीमताल और अल्मोड़ा से सड़क द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। ले दे के सड़कें ही अंत तक साथ देती हैं।
निकटतम रेलवे स्टेशन : हल्द्वानी - काठगोदाम है, जो मुक्तेश्वर से लगभग ६२ किमी दूर है। यहाँ तक़ आने के बाद आपको पहाड़ी रास्तें का ही सफ़र जारी रखना पड़ेगा। यह रेलवे स्टेशन देश भर के विभिन्न शहरों जैसे लखनऊ, कोलकाता और दिल्ली से जुड़ा हुआ है। मुक्तेश्वर पहुँचने के लिए आप काठगोदाम रेलवे स्टेशन से आसानी से टैक्सी या बस ले सकते हैं।
निकटतम हवाई अड्डा : हवाई मार्ग से आने वालों के लिए पंतनगर निकटतम हवाई अड्डा है, जो लगभग ९४ किमी दूर है।

संदर्भित यात्रा गीत.
नैनीताल के परिदृश्य में फिल्माई गई
फिल्म : मधुमती.१९५८.


फिल्म : मधुमती.
१९५८.
गाना : आ जा रे परदेशी.
सितारे : दिलीप कुमार बैजंती माला प्राण
गीत : शैलेन्द्र. संगीत : सलिल चौधरी. गायिका ; लता
गाना सुनने व देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं.

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प्रारंभ : सुहाना सफ़र और ये मौसम ...
गतांक से आगे : १.
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अभिनेता दिलीप कुमार, 
नैनीताल और यह गाना : सुहाना सफ़र और ये मौसम.

चलते चलते मिल गया था कोई : बरेली हम समय पर पहुंच चुके थे। अब लखनऊ काठगोदाम मेल पकड़नी थी। गाड़ी आने में अभी तनिक देर थी। अत्यंत भद्र रहे सहयात्री सुनील जी के सलाह पर हम स्टेशन के ही वेटिंग हॉल में आराम फरमाने चले गए।  स्टेशन पर ही मिलते ,बोलने के क्रम में बरेली ,काश गंज के एकदम से अज़नबी शॉर्ट रील मेकर फैजान मिल गए।  उन्होंने ही मुझे पहली दफ़ा इंस्टा ग्राम पर शॉर्ट रील बनाना सिखाया , इसके लिए मैं उनका तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ। और मैं मानता हूँ जिंदगी के हर फन में कुछ न कुछ सीखने के लिए हमें किसी न किसी का शागिर्द बनना ही चाहिए। 
लखनऊ काठगोदाम मेल सही समय पर आई। और हम हल्द्वानी काठगोदाम सुबह सबेरे नौ बजे तक पहुंच चुके थे। थोड़ी देर फोटो शूट करने के बाद हमने स्टेशन से बाहर ट्रैवलर जीप  ले ली थी। तब कोई नैनीताल जाने का यही किराया १०० रूपये देने पड़े थे। यह हमारी नैनीताल - भुवाली - रामगढ़ की चौथी या पांचवी यात्रा थी। सच कहें तो नैनीताल हमारे लिए कोई गांव जैसा ही है। 
प्रकृति ; पहाड़ : प्रेम : जोली कोट से ही चढ़ाई शुरू हो जाती है । पहाडियां भी। मुझे याद है हल्द्वानी मुख्य शहर से थोड़ा आगे एक रास्ता कटता हुआ भीमताल भुवाली होते हुए नैनीताल जाता है । थोड़ा लम्बा पड़ता है। जोली कोट वाला रास्ता सक्षिप्त पड़ता है,इसलिए अधिकतर लोग जोली कोट वाले रास्तें का प्रयोग ज्यादा करते है । हालांकि भीमताल के रास्ते गुजरते , ठहरते हुए आप समय और ख़र्च दोनों बचा सकते हैं। 
प्रकृति ; पहाड़ : प्रेम और अध्यात्म मेरे जीवन का मूल मंत्र हो चुका हैं। प्रेम से अध्यात्म की तलाश मैं बैरागी की भांति हिमालय की श्रृंखलाओं में ही करता हूँ। सुख शांति, सम्यक साथ की तलाश में , बंधन रहित जीने की अभिलाषा ने मुझे आवारा बना दिया है। पहाड़ ,बादल धुंध जैसे मेरी जिंदगी का फ़साना बन गए हैं। जैसे शिव कैलाश मानसरोवर की तरफ अग्रसर होते हैं  किसी अनजानी सुख ,शांति और आत्मिक शक्ति की तलाश में...... !
नैनीताल ,कुमायूं की पहाड़ियां  और यह गाना : सुहाना सफ़र और ये मौसम ....एकाकी रहना , एकाकी फिल्में देखना ,समय व्यतीत करना मुझे बचपन से अच्छा लगता है। शायद यह मेरा शगल है मेरी आदत भी । ना जाने मैंने कितनी फिल्में अकेले ही देखी है। प्रकृति ,खूबसूरती , एकाकीपन से मेरा जन्मों का नाता रहा है। न जाने क्यों पहाड़ , झील ,वादियां, धुंध, चीड़ ,देवदार   की कल्पनाशीलता मेरे जीवनचित्र  के कैनवास के विषय तथा उनमें भरे जाने वाले शोख़ व चटकीले रंग रहें है। यह फ़िल्म पुनर्जन्म पर आधारित थी इसलिए मुझे यह फ़िल्म देखनी थी । काफ़ी अच्छी लगी थी। क्योंकि मैं भी सौ बार जन्म लेने में विश्वास करता हूं। ड्राइवर से मैंने मधुमती का गाना सुहाना सफ़र और ये मौसम .... बजाने को कहा ....
सुहाना सफ़र और ये मौसम .... मेरा यह बहुत ही पसंदीदा  गाना रहा हैं  क्योंकि यह घूमने के दरमियाँ गाया गया है। दिलक़श खूबसूरत अंदाज में फिल्माया गया यह एक गाना है । इस गाने में  दिलीप कुमार  एक मुसाफ़िर की तरह पहाड़ी वादियों में देवदारों चीड़ के मध्य गाना गाते हुए नज़र आते है। उनकी आवाज़ पहाड़ियों से टकरा कर प्रतिध्वनित होती रहती है। वह बल खाती नदियों , चीड़ और देवदारों से भरे पहाड़ों के मध्य गाने के अंतरा को पूरा करते है। 
पता नहीं मुझे बार बार ऐसा क्यों लगता था कि ये पहाड़ी वादियां नैनीताल के आस पास की होनी चाहिए थी । और यह मेरे दिल की कही थी मेरे दिल में 
कभी कभी यह ख्याल रह रह न जाने क्यों आ रहा था। क्योंकि दृश्य ही ऐसा कुछ मनभावन था, देखा हुआ, समझा हुआ । बचपन से ही न जाने क्यों नैनीताल और कुमायूं की पहाड़ियां से मेरी आसक्ति इतनी क्यों है ? मैं नैनीताल तीन चार दफ़ा आ चुका हूँ। मैंने बड़ी बारीकी से नैनीताल की पहाड़ियां देखी है। भ्रमण किया है। मुक्तेश्वर का भ्रमण किया है। देखी गयी सभी जगहें याद आने लगी थी। 
दिल करे रुक जा : है ये कहीं पर यहीं : क्या देखें ? 
रामगढ़  : नैनीताल मुक्तेश्वर मार्ग में ही भवाली से १४ किलोमीटर दूर १७८९ मीटर की ऊंचाई पर अवस्थित है रामगढ़ जो फलों के बागीचे के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इसने अपनी खूबसूरती से कभी प्रकृति प्रेमी कवि गुरु  रविंद्रनाथ तथा महादेवी वर्मा को प्रभावित किया था। 
भगवान शिव मुक्तेश्वर मंदिर : मुझे याद है यहाँ के मुख्य आकर्षण में : हमने कई बार देख रखा था। वह था मुक्तेश्वर मंदिर : यह ३५० साल पुराना भगवान शिव को समर्पित मंदिर है। मंदिर तक पहुँचने के लिए खड़ी चढ़ाई करनी पड़ती है, लेकिन यहां से हिमालय की चोटियों का मनोरम दृश्य देखने को मिलता है।
यहां पहाड़ी के शीर्ष पर भगवान शिव के नाम पर बने मंदिर से ही मुक्तेश्वर शहर का नाम मिला। कहते है यहां भोले से मन की मांगी गई मुरादें  पूरी होती है।  शिव के  मंदिर  से नयनाभिराम प्राकृतिक दृश्यों का अवलोकन किया जा सकता है। 
चौली की जाली : यह एक चट्टानी संरचना है, जो एडवेंचर प्रेमियों और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए आदर्श स्थान है। यहां से घाटियों और पहाड़ों का दृश्य बेहद आकर्षक होता है। यहाँ प्रेम से जुड़ी कुछ गाथाएं भी हैं। पुनः देखना था
जंगल सफारी और ट्रेकिंग : क्षेत्र के घने जंगलों में ट्रेकिंग और वन्यजीव देखने का मौका मिलता है।
तेंदुए, भालू, और विभिन्न प्रकार के पक्षी यहां पाए जाते हैं।
एप्पल गार्डन और स्थानीय उत्पाद : मुक्तेश्वर अपने सेब के बागानों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ स्थानीय जैविक उत्पाद जैसे शहद और जड़ी-बूटियाँ भी मिलती हैं।

सुहाना सफ़र और ये मौसम हसीन
संदर्भित यात्रा गीत.
गतांक से आगे : १.
नैनीताल के परिदृश्य में फिल्माई गई


फिल्म : मधुमती.१९५८.
गाना : सुहाना सफ़र और ये मौसम हसीन....
सितारे : दिलीप कुमार. बैजंती माला. प्राण.
गीत : शैलेन्द्र. संगीत : सलिल चौधरी. गायिका ; लता
गाना सुनने व देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं.

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डॉ. मधुप रमण. ये पर्वतों के दायरें,नैनीताल.
उत्तराखंड यात्रा वृतांत ३. धारावाहिक. अंक १०  से साभार ली गयी.
यात्रा संस्मरण : गतांक से आगे : २.
भवाली : घोडा खाल : फिल्म मधुमती के सेट्स  : एक दिखती झील , वादियाँ मेरा दामन
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आ जा रे मैं तो कब से खड़ी इस पार अँखियाँ पंथ निहार : कोलाज : डॉ. सुनीता शक्ति प्रिया अनुभूति. 
 
आर्य समाज मंदिर से उस दिन हम तीन सुबह आठ बजे निकल गये थे। भीड़ नहीं थी। आर्य समाज मंदिर में ठहरे  हमारे साथ लखनऊ के छायाकार कमल भी साथ थे। नैनीताल एक ख़ोज में हम फिर से भुवाली, मुक्तेश्वर जाने वाले थे। कुछेक मिनटों में ही हम मल्लीताल से तल्ली ताल पहुंच गए थे। टैक्सी ली और ५० रूपये किराया दे कर एकाध घंटे में ही भुवाली पहुंच गए थे ।
भवाली : भवाली समुद्र तल से १७०६ मीटर की ऊंचाई पर तथा नैनीताल से ११ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । चूँकि नैनीताल में फ्लैट्स बनने बंद हो गए हैं तब से भवाली का महत्त्व बढ़ गया है। हमें रिहायशी मकान भी देखना था। हम दोनों अपने लिए एक सस्ते रहने के लायक आशियाने की तलाश कर रहें थे।
पर्वतीय भवन निर्माणी संस्थानों में प्रसिद्ध माउंटेन एक्सल्टेर, शिखर हाइट्स के भी हमने कई फ्लैट्स देखें। भवाली में धीरे धीरे कंक्रीट के जंगल बड़ी तेज़ी से बढ़ रहा हैं।
स्थानीय अभय सिंह ने प्राइवेट फ्लैट्स दिखलाने के क्रम में ही पूरी भवाली दिखा दी थी। हमें कुछ विचारधीन फ्लैट्स पसंद भी आए थे। दाम भी ठीक ही थे। हम उनके लिए हम आभार प्रगट करते हैं।
यह स्थान नैनीताल को नजदीकी पर्यटक स्थलों यथा कैंची धाम ,अल्मोड़ा, रानीखेत ,भीम ताल , घोड़ा खाल, से जोड़ने हेतु एक जंक्शन का कार्य करता है। अतः सड़क मार्ग के लिए यह एक महत्व पूर्ण पहाड़ी कस्वां हैं। मुझे भुवाली सुविधा जनक लगा। यहाँ होटल्स आदि सब कुछ है।
भवाली टी.वी. सैनेटोरियम :भवाली अपनी प्राकृतिक सुंदरता एवं पहाडी फल मण्डी के रूप में जाना जाता है । भवाली की पहचान यहॉ पर स्थित ब्रिटिश कालीन टी.वी. सैनेटोरियम से भी होती है। यह अस्पताल सन् १९१२ में खोला गया था । यहाँ कमला नेहरू इलाज के लिए लाई गयी थी।
हमारे सहयात्री सुनील बहुत ज्यादा उत्साहित थे। उनकी नैनीताल की पहली यात्रा थी। हम जब भी भुवाली अल्मोड़ा पहुंचते हैं तो हम १९५७ - ५८ के आस पास मधुमती के सेट्स याद आने लगता हैं।
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मैं, मेरे हमसफ़र, घोड़ाखाल का मंदिर, ख़ूबसूरत नज़ारे : मधुमती की तलाश. छाया चित्र : शक्ति

घोड़ाखाल ,रामगढ़ ,मुक्तेश्वर की गलियों  की हमने खाक़ छानने  की भी सोची क्योंकि इन जगहों की चर्चा फिल्म में हुई थी और हमें जग़ह देखनी थी। स्थानीय लोगों से खूब बातें की। उनसे जितनी हो सकी जानकारियाँ इकट्ठी की। सेट्स देखना था। सभ्यता समझनी थी ,और मंदिर आदि की भी तलाश करनी थी। सच कहें तो हमने इस बार पूरी भवाली ही छान डाली। 
घोड़ाखाल : मधुमती का सेट्स : भवाली से पांच किलोमीटर दूर एक छोटा सा सुन्दर पहाड़ी गांव है जो उत्तराखंड में न्यायी देवता गोलू देवता के लिए जाना जाता है । महिलाएं ठीक वैसी वेशभूषा पहाड़ी घाघरा-पिछौड़ा व गले में हंसुली, पहनी हुई  दिखी जैसे फिल्म मधुमती में  मधुमती दिखी थी। 
पता नहीं क्यों नीचे घाटियों में देखने पर सभी जग़ह फिल्म दिलीप कुमार,बैजंती माला अभिनीत मधुमती के ही लोकेशंस और सेट्स नज़र आ रहे थे लेकिन वह पूजा स्थल नहीं दिखा जहां वैजयंती माला या मधुमती अपनी मन्नत मांगने आई थी ।  जहां उनके चढ़ाए गए फूल जमीन पर गिर गए थे। 
घोड़ाखाल का प्रसिद्ध सैनिक स्कूल : देखने के क्रम में  घोड़ाखाल का प्रसिद्ध सैनिक स्कूल भी मिल गया था, जिसकी मैंने कई फोटो भी शूट्स किए थे। 
अभय जी बतला रहें थे यहाँ पर भी कुछ शूटिंग्स हुई थी। मैंने स्वयं भी देखा था कि घोड़ा  खाल से मधुमती की चर्चित किसी झील शायद भीम ताल ही यहाँ से स्पष्ट दिख रही थी। 
फिल्म मधुमती में किसी तूफानी रात में आनंद ( दिलीप कुमार ) वीराने हवेली में रुके थे। अपने पूर्व जन्म की याद करते हुए उन्हें किसी झील की स्मृति होती है। 
स्थानीय लोगों ने बतलाया था कि यह हवेली आज  घोड़ा खाल अवस्थित सैनिक स्कूल ही है जहाँ से कोई एक झील निश्चित ही भीम ताल ही दिखती है। 
घोड़ाखाल :  गोलू देवता के मंदिर थोड़े समय के लिए अभय जी से मैंने कहा ज़रा दर्शन कर आता हूँ। तेज़ी से मैंने सीढियाँ चढ़नी शुरू कर दी थी। मंदिर की ख़ोज हुई तो यहां हमें गोलू देवता के मंदिर ही मिले जहाँ घंटियों ही घंटियां बंधी थी। शायद मनोकामना पूर्ण होने के लिए लोगों ने बांधी थी। इसलिए इसे घंटियों के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।...... 
यह मंदिर, भवाली से पांच किलोमीटर की दूरी पर है। यह मंदिर, सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के ऊपर एक पहाड़ी पर बना है, इस मंदिर में हज़ारों घंटियां हैं। इस मंदिर में सफ़ेद घोड़े पर पगड़ी पहने गोलू देवता की मूर्ति है। इस मंदिर में लोग अपनी मनोकामनाएं कागज़ पर लिखकर टांगते हैं। मन्नत पूरी होने पर लोग घंटियां चढ़ाते हैं। इस मंदिर में नवरात्रों के दौरान काफ़ी भीड़ रहती है...


डॉ. मधुप रमण.
लेखक, फ़िल्म समीक्षक. 
नैनीताल डेस्क. 
स्तंभ सज्जा : संपादन : डॉ सुनीता शक्ति प्रिया. 
स्तंभ सज्जा : शक्ति सीमा अनुभूति मीना सिंह. 
क्रमशः जारी.

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स्वर्णिका ज्वेलर्स. करुणाबाग.सोहसराय.बिहार शरीफ़.समर्थित.
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ये मेरा गीत : जीवन  संगीत : कल भी कोई दोहराएगा : पृष्ठ : ६.
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नैनीताल डेस्क. 
संपादन 


 डॉ. सुनीता शक्ति.मीना प्रिया.   
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सर्वकालिक : मेरी पसंद.
शक्ति. डॉ. सुनीता सीमा प्रिया माधवी अनीता अनुभूति. 
ये मेरा गीत : जीवन  संगीत : कल भी कोई दोहराएगा. 
साभार.

फ़िल्म : इम्तेहान.१९७४. 
 सितारे : विनोद खन्ना. तनूजा. बिंदु. 
 गाना : रुक जाना नहीं तू कहीं हार के.
 गीत : संगीत : लक्ष्मी कांत प्यारेलाल. गायक : किशोर कुमार. 


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फिल्म : कर्म.१९७७. सितारे : राजेश खन्ना.विद्या सिन्हा.शबाना आज़मी गाना : समय तू धीरे धीरे चल सारी दुनियाँ छोड़ के पीछे आगे जा निकल. गीत : इंद्रजीत तुलसी. संगीत : आर डी वर्मन. गायक : किशोर कुमार. आशा भोसले. गाना सुनने व देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं.
फिल्म : सफ़र.१९७०.
सितारे : राजेश खन्ना. शर्मिला टैगोर. फ़िरोज खान.
गाना : नदियाँ चले चले रे धारा चंदा चले चले रे तारा
तुझको चलना होगा ...तुझको चलना होगा.



गीत : इंदीवर. संगीत : कल्याण जी आनंद जी. गायक : मन्ना डे
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फिल्म : आप की कसम.१९७४.
सितारे : राजेश खन्ना. मुमताज़. संजीव कुमार.
गाना : जिंदगी के सफ़र में गुजर जाते हैं जो मक़ाम
आँख धोखा है क्या भरोसा है ...दोस्तों शक दोस्ती का दुश्मन है
गीत : आनंद बख्शी. संगीत : आर डी वर्मन. गायक : किशोर कुमार.



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फिल्म : बाज़ार.१९८२.
सितारे : नसरुद्दीन शाह. स्मिता. फारुख.
गाना : करोगे याद तो हर बात याद आएगी
गुजरते हर वक़्त की हर मौज़ ठहर जाएगी
गीत : बशर नवाज़. संगीत : ख़य्याम. गायक : भूपिंदर सिंह.


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फिल्म : मेरा नाम जोकर. १९७०.
सितारे : सिम्मी ग्रेवाल . राज कपूर. पदमिनी 
गाना : जीना यहाँ मरना यहाँ इसके सिवा जाना कहाँ  
जी चाहे जब हमको आवाज़ दो हम थे वहीं हम थे जहाँ  
गीत : हसरत जयपुरी. संगीत : शंकर जयकिशन. गायक : मुकेश.


ये मेरा गीत जीवन संगीत
कल भी कोई दोहराएगा

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फिल्म : सफ़र.१९७०.
सितारे : राजेश खन्ना शर्मिला टैगोर फ़िरोज खान
गाना : जिंदगी का सफ़र है ये कैसा सफ़र
कोई समझा नहीं कोई जाना नहीं.
रोते रोते ज़माने में आए मग़र
हँसते हँसते ज़माने से जाएंगे हम.


गीत : इंदीवर संगीत : कल्याण जी आनंद जी गायक : किशोर कुमार
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फिल्म : मेरा नाम जोकर. १९७०.
सितारे : सिम्मी ग्रेवाल . राज कपूर. पदमिनी 
गाना : कल खेल में हम हो न हो गर्दिश में तारे रहेंगे सदा 
ढूंढ़ोंगे तुम ढूँढेंगे वो  पर हम तुम्हारे रहेंगे सदा 
गीत : हसरत जयपुरी. संगीत : शंकर जयकिशन. गायक : मुकेश.


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फिल्म : हँसते ज़ख्म 
 सितारे : नवीन निष्चल. प्रिया राजवंश.
गाना : तुम जो मिल गए हो
किस्मत से मिल गए हो मिल के जुदा न हो
मेरी क्या खता है ,होता है ये भी
गीत : कैफ़ी आज़मी. संगीत : मदन मोहन. गायक : रफ़ी. लता.


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फिल्म : कोई मिल गया.२००३.  
सितारे : ऋतिक रोशन. प्रीति जिंटा 
गाना : कौन मिल गया कोई मिल गया.
गीत : देव कोहली. संगीत : राजेश रोशन गायक : चित्रा. उदित नारायण  

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फ़िल्म : एक हसीना दो दीवानें.१९७२.  
सितारें : जीतेन्द्र. बबीता. विनोद खन्ना. 
गाना : दो कदम तुम भी चलो 
दो कदम हम भी चलें.

गीत : कैफ़ी. संगीत : कल्याण जी आनंद जी .गायक : मुकेश. लता.
गाना सुनने व देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं.  


ए एंड एम मीडिया प्रस्तुति.
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शक्ति. डॉ. ममता कौशाम्बी : ममता हॉस्पिटल : बिहार शरीफ. समर्थित. 
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लो भूली दास्ताँ वो फ़िर याद आ गयी : फ़िल्मी कोलाज : पृष्ठ : ७ 
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शिमला डेस्क. 
संपादन.


शक्ति : वनिता अनुभूति स्मिता.
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रुक जाना नहीं तू कहीं हार के तू तो चला था सपने ही लें के : डॉ. सुनीता सीमा 'शक्ति' प्रिया. 
समय तू धीरे धीरे चल सारी दुनियाँ छोड़ के मैं तो आगे जाऊं निकल :डॉ. सुनीता सीमा 'शक्ति' प्रिया. 
नदियाँ चले रे चले रे धारा तुझको चलना होगा : डॉ. सुनीता सीमा ' शक्ति ' प्रिया.
आँख धोखा हैं क्या भरोसा है सुनो शक दोस्ती का दुश्मन है : डॉ. सुनीता सीमा ' शक्ति ' प्रिया.
ये जाते हुए लम्हों ज़रा ठहरो ज़रा ठहरो... मैं भी चलता हूँ : डॉ. सुनीता सीमा ' शक्ति ' प्रिया.
करोगे याद तो ...गुजरते वक़्त की हर मौज़ ठहर जाएगी : डॉ. सुनीता सीमा ' शक्ति ' प्रिया.
जी चाहे जब हमको आवाज़ दो हम है वही हम थे जहाँ : डॉ. सुनीता सीमा ' शक्ति ' प्रिया
जिंदगी को बहुत प्यार हमने दिया : जिंदगी का सफ़र है ये कैसा सफ़र : डॉ. सुनीता ' शक्ति ' प्रिया
जाने कहाँ गए वो दिन कहते थे तेरी याद में नजरों को हम बिछायेंगे : डॉ. सुनीता शक्ति प्रिया. 
मैं पल दो पल का शायर हूँ पल दो पल मेरी कहानी है : डॉ. सुनीता ' शक्ति ' प्रिया मीना सिंह .
 क़िस्मत से मिल गये  हो मिल के जुदा न हो : जिंदगी के सफ़र मेंडॉ. सुनीता ' शक्ति ' प्रिया.
तेरे संग प्यार मैं नहीं छोड़ना : चाहे मुझे पड़ें जग छोड़ना : डॉ. सुनीता ' शक्ति ' प्रिया.

दो कदम हम भी चलें दो क़दम तुम भी चलो : फ़िल्मी कोलाज : डॉ. सुनीता ' 
शक्ति ' प्रिया.

ए एंड एम मीडिया.
प्रस्तुति.


 जाह्नवी ऑय केयर रिसर्च सेंटर : बिहार शरीफ़. नालन्दा. डॉ.अजय समर्थित.

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लो भूली दास्तान वो फ़िर याद आ गयी  : संक्षिप्त : समाचार : सफ़र : लघु फिल्में : पृष्ठ :  १० 
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पदमावत डेस्क
  जयपुर.
 संपादन. 



शक्ति. शबनम गरिमा प्रतिभा.
जयपुर.

⭐ --------------- अभिनेता : नवीन निश्चल. १९४६ - २०११. महाशक्ति : लघु वृत्त चित्र फिल्म : ---------
शक्ति : लघु वृत्त चित्र फिल्म : अभिनेता : नवीन निश्चल.
अनुभाग : ३. जीवन भर ढूंढ़ा जिसको :

आवाज़ : निर्माण : संपादन : डॉ. मधुप.
* शक्ति : लघु वृत्त चित्र फिल्म : अभिनेता : नवीन निश्चल. अनुभाग : २ : तुम जो मिल गए हो :
आवाज़ : निर्माण : संपादन : डॉ. मधुप. * ----------- शक्ति : लघु वृत्त चित्र फिल्म : अभिनेता : नवीन निश्चल. अनुभाग : १ : बादल झूम के चल :

आवाज़ : निर्माण : संपादन : डॉ. मधुप. * ------------

महाशक्ति मीडिया : लघु फिल्म :
फ़िल्मी नामा : अभिनेता : विनोद मेहरा : भाग : ४ .
आवाज़ : निर्माण : संपादन : डॉ. मधुप.



महाशक्ति मीडिया : लघु फिल्म :
फ़िल्मी नामा : अभिनेता : विनोद मेहरा : भाग : ३.
आवाज़ : निर्माण : संपादन : डॉ. मधुप.


*

महाशक्ति मीडिया : लघु फिल्म :
फ़िल्मी नामा : अभिनेता : विनोद मेहरा : भाग : २
आवाज़ : निर्माण : संपादन : डॉ. मधुप.
*

*
महाशक्ति मीडिया : लघु फिल्म :
फ़िल्मी नामा : अभिनेता : विनोद मेहरा : भाग : १
आवाज़ : निर्माण : संपादन : डॉ. मधुप.


*
महाशक्ति मीडिया : लघु फिल्म.
फ़िल्मी नामा : अभिनेता : अनिल धवन : ०
आवाज़ : निर्माण : संपादन : डॉ. मधुप.


साभार : इंस्टाग्राम / फेसबुक / यूट्यूब.


: संक्षिप्त : समाचार :  लघु फिल्में : पृष्ठ :  १० 

आस्था पवित्रता का प्रतीक : महाकुंभ : २०२५.

देव प्रयाग : डॉ मधुप : यात्रा लघु फिल्म :


२०२५ नए साल का जश्न : लघु फिल्म
ई. शक्ति स्निग्धा प्रखर : वियतनाम.


शॉर्ट रील : बर्फ़बारी : मुक्तेश्वर : शक्ति मीना सिंह


मसूरी कार्निबल : क्रिसमस : २०२४.

सफ़र : लघु फिल्में : कोई मिल गया.

*
सुबह सवेरे : नैनीताल : शक्ति बीना नवीन जोशी 


*
ए एन्ड एम मीडिया प्रस्तुति.
-------------
ये कौन चित्रकार है : कला दीर्घा : पृष्ठ : ९.
------------- शिमला डेस्क. संपादन

शक्ति. जया अनुभूति रश्मि.

ये मैं हूँ तेरी साया सदा संग रहूंगी : प्रेम : प्रकृति : अध्यात्म : कला : शक्ति. मंजीता. चंडीगढ़. 
चिठ्ठी न कोई सन्देश पिया गए परदेश : तेरी याद सताती है : कला : शक्ति. मंजीता. चंडीगढ़. 

चलो री चलो री किसी प्यासे परदेशी के आने के पहले पनघट से घर को चलो री : कलाकृति. 


शक्ति. डॉ. ममता कौशाम्बी : ममता हॉस्पिटल : बिहार शरीफ. समर्थित. 

ए एंड एम मीडिया. शिमला डेस्क. प्रस्तुति

-------------
फिर सुबह होगी : वर्ष : २०२५ : फोटो दीर्घा : विशेष : कल : पृष्ठ : १२.
-----------
पदमावत. डेस्क.जयपुर.
संपादन.
 


शक्ति. ज्योति तूलिका विदिशा.


ओम नमो शिवाय : सोमनाथ ज्योतिर्लिंग : गुजरात : फोटो : शक्ति : रश्मि.
 


हे नीले गगन के तले धरती का प्यार पले : सम्पादित शक्ति प्रिया सुनीता : दार्जलिंग.


सागर किनारे दिल ये पुकारे : यात्रा संस्मरण : मारीशस के : फोटो : शक्ति रंजना : नई दिल्ली.
 
 *

एम. एस. मीडिया.' शक्ति ' प्रस्तुति.
------------
आपकी फरमाइश : मुझे भी कुछ कहना है : चलते चलते : शुभ कामनाएं : पृष्ठ : १३
------------
देव भूमि डेस्क. हिमाचल.
नैनीताल शिमला.
सम्पादित.
 


शक्ति. डॉ. सुनीता अनुभूति प्रिया.
--------------
आपकी फरमाइश : लो भूली दास्ताँ फिर याद आ गयी : शॉर्ट रील.पृष्ठ : १३.
-----------
नैनीताल डेस्क
सम्पादित
डॉ. सुनीता ' शक्ति ' प्रिया.

*

हँसी के परदे में रोने से फायदा क्या है ?

*
शक्ति प्रिया : नेपाल : : शॉर्ट रील.प्रस्तुति
यूँ मेरे दिल में छुप रहें हो तुम


*
शॉर्ट रील : इंस्टा ग्राम : साभार : ख़ुशी : उत्तराखंड.


घड़ी घड़ी मोरा दिल धड़कें
*
हम अपनी वफ़ा पर न इल्जाम लेंगे
जिसे दिल दिया है उसे


कितना प्यारा वादा हैं इन मतवाली आँखों का


तेरे कारण तेरे कारण : तेरे साजन


हुजूरे वाला : जो हो इजाजत जहाँ से कह दें

साजन मज़ा संग है जीने में
गा रहें हैं तेरे संग साजना , सा रे गमा पा


फिल्म : तराने : इम्तिहान : रोज शाम आती थी


शक्ति रेनू शब्द मुखर : इंस्टाग्राम : निर्मित :
शॉर्ट रील : तुझसे मैं थोड़ा प्यार कर लूँ


तराने: फिल्म नागिन : तेरे संग प्यार मैं नहीं तोड़ना


शॉर्ट रील : आँख धोखा है क्या भरोसा है ?
रोक लो रूठ कर उनको जाने न दो

शॉर्ट रील : इंस्टा ग्राम : साभार : ख़ुशी : उत्तराखंड.
ऐसा न हो काश कभी प्यार में वादें टूटे तो


एन . एम . मीडिया. प्रस्तुति.


------------
मुझे भी कुछ कहना है : चलते चलते : पृष्ठ : १३ :
----------

सम्पादित
' शक्ति ' डॉ सुनीता सीमा.' शक्ति ' अनीता अनुभूति प्रिया .
शिमला डेस्क.
*
' अहंकार ' और ' अकड़ '
 
' अहंकार ' और ' अकड़ ' दोनों जीवन के सबसे बड़े दुश्मन है.. 
 क्योंकि ये न तो आपको किसी का होने देते है और न ही इनके रहते कोई आपका होना चाहता है
इसलिए  अपनों के लिए सदैव  ' अहंकार ' और ' अकड़ ' का परित्याग करें  
सदैव  सम्यक ' साथ ' के लिए सम्यक ' सोच ' , 
' वाणी ' में संयम, तथा ' कर्म ' में असीम ' सहिष्णुता ' रखें  

डॉ. मधुप.


इस ' कलयुग ' के दौर में यहाँ पर दूसरों की ' तकलीफों ' को लोग ' कर्मों ' की सजा मानते हैं और अपनी ' तकलीफों ' को परीक्षा
*
अपने ' स्वजनों ' से बात करते शब्दों की ' सीमा  ' पर सदैव ध्यान दें इन ' शब्दों ' से ही 
 रामायण में  ' राम ' को वनवास मिला और कुरुक्षेत्र में  ' महाभारत '  हुआ 

डॉ. सुनीता मधुप शक्ति प्रिया 

*
अगर एक ' शख्स ' एक ही ' सबक ' आपको दो बार सिखाए तो ' गलती ' उसकी नहीं आपकी है......
*
अक्सर हो जाती है नम हमारी आँखें 
तुम्हारे जाते हुए पल को याद करके 



सही ' समय ' पर ' हाँ ' और सही समय पर ' ना ' बोलना ही ' भविष्य ' तय करता है ' आगे ' का..
आप स्वयं भी विचार करें क्या माध्यम था  ? 
*
भाषाओं का ' अनुवाद ' हो सकता है लेकिन
' भावनाओं ' का नही, उन्हें तो बस
समझना पड़ता है.
*
दूसरों की ' बातें ' सुनकर
अपने ' रिश्ते ' खराब मत कीजिए ,
क्योंकि ' रिश्ते ' अपने होते हैं  ' दूसरों ' के नहीं
*
बहुत थे मेरे भी इस ' दुनियाँ ' में अपने 


शब्द चित्र : अनमोल थे वो सभी.
 

धैर्य : विश्वास : ही जीवन हैं : डॉ. मधुप 



' विश्वास ' जीतना बड़ी बात नहीं है 
विश्वास बनाए रखना बड़ी ' बात ' है 
सार्थकता ' जन्म ' की.
अगर आपकी ' प्रशंसा ' या ' निंदा ' जगत में
नहीं हो रही है तो ' समझ ' लीजिए आपके जन्म का ' अर्थ ' प्रमाणित नहीं हुआ है.....
जीवन में कुछ ' लोग ' इसलिए भी मिलते हैं , ताकि ' हम ' जान सकें की हमें ' कैसा ' बनना है ?
------------
: चलते चलते : पृष्ठ : १३ :
----------
सम्पादित
शक्ति डॉ. सुनीता शक्ति अनुभूति मीना प्रिया.
देव भूमि डेस्क
हिमाचल. उत्तरांचल.


तराने : हर जन्म में हमारा मिलन ..पूरे होंगे 


*

राधिका : कृष्ण : रुक्मिणी
 प्रेम अध्यात्म : सच हो गए वो अपने :
प्रकृति :   हमने जो देखे सपने

मेरे अपने. 



अपने वो नहीं जो तस्वीर में साथ हो 
अपने वो होते है जो हर तक़लीफ़ में 
अपना ग़म भुला कर अपनों के लिए 
हंसने मुस्कुराने की बजह बने ं 

देव शक्ति : विचार.
---------
जन्म दिवस : शुभ कामनाएं : दिन विशेष : पृष्ठ : १३.
------------
संपादन. 
प्रथम मीडिया : दिग्दर्शिका : शक्ति.अनीता.
एम. एस. मीडिया : दिग्दर्शिका : शक्ति. डॉ. सुनीता ' शक्ति ' प्रिया.   
 टाइम्स मीडिया : दिग्दर्शिका : शक्ति. सीमा.
ए & एम. मीडिया : दिग्दर्शिका : शक्ति. रेनू ' अनुभूति ' नीलम.
संयोजिका : शक्ति
शालिनी स्मिता शबनम वनिता. 
तथा  
शक्ति. सम्पादिका समूह समस्त
 ' हम ' ब्लॉग मैगज़ीन ' परिवार ' की तरफ़ से 

 ' जन्म दिन ' विशेष.

१३. ०१. २०२५.
राशि : सिंह

' हम ' मिडिया परिवार
के संयोजक,
डॉ. मधुप.
साहित्यकार. व्यंग्य चित्रकार. ब्लॉगर
को उनके जन्म दिन १३.०१.२०२५ के लिए
हम सभी देव शक्ति परिवार की तरफ़ से
' अनंत ', स्मृत, भावुक शुभकामनाएं..


०६.०१.२५.


शक्ति. सम्पादिका. 
डॉ. सुनीता सिन्हा. 
को उनके ' जन्म दिन ' विशेष. ०६.०१.२५. के लिए 
ह्रदय तल से ढ़ेर सारी बधाईयां. 


प्रस्तुति : शक्ति.सीमा शक्ति अनीता. 


आप ' हम  ' सभी की ' एकता ' की ' शक्ति ' का केंद्र बनें  
आप जिए हजारों ' साल '  हम सभी  की ये आरजू..  


जन्म दिन विशेष गाना : पृष्ठ : १३.
फिल्म : फ़र्ज. १९६७.
गाना : बार बार  दिन ये आए
हैप्पी बर्थ डे टू सुनीता हैप्पी बर्थ डे टू यू
सितारे : बबीता. जीतेन्द्र.  
गीत : आनंद बख्शी. संगीत : लक्ष्मी कांत प्यारे लाल. गायक : रफ़ी.


गाना सुनने व देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं.


०५ .०१.२५.


 शक्ति.संयोजिका. 
शक्ति.वनिता 
शिमला डेस्क 
को उनके ' जन्म दिन ' विशेष. ०५ .०१.२५. के लिए 
ह्रदय तल से ढ़ेर सारी बधाईयां. 

' नीलोद्गार ' का विमोचन

 प्रधान सम्पादिका 
एम. एस. ब्लॉग मैगज़ीन. 
शक्ति.नीलम पांडेय को  
उनके चर्चित , मन भावन  काव्य संकलन ' नीलोद्गार ' का 
महामहिम कुलपति महोदय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, के हाथों हुए विमोचन
के लिए हम सभी मीडिया परिवार तथा शक्ति सम्पादिका समूह  असीम गर्व रखते हैं  
*
Joint Media Houses'
Dev : Shakti : Shiv Colander.
2025.

---------
Editorial : English : Page : 0 
-----------
Chief Editor.
Ujjain Desk .MP.


Shakti : Prof. Dr. Roop Kala Prasad.
Department of English.
Shakti : Prof. Dr. Bhwana
Department of S.Sc.
Shakti : Tanu Shree.
--------
Executive Editor. English
Nainital Desk.


Dr.Sunita ' Shakti ' Priya.
--------
Assistant. Executive Editor
--------------
Kolkotta. Desk.


Shakti. Madhvee Seema Bhagwanti..
-----------
Blog Magzine
Chief Patron.
Shree Vikash Vaibhav
Shakti SP Rashmi Srivastava.
Shree Chiranjeev Nath Sinha
IPS

Exclusive Visitor of the page
Shree Deepak Rawat Commissioner Uttarakhand
Shakti Vandana Singh. IAS. Uttarakhand
Shree Pankaj Bhatt. IPS. Uttrakhand.
Shree Vikash Vaibhav.IPS. Bihar.


Shiv Hari Shakti Vichar Dhara :

Namami Gange.
----------
Tri Shakti : Theme English : Page : 2
-------------

Editor.
 Dr.Sunita Madhvee Seema 


Times Media presenting 
---------
Lines of the Day : Trishakti : Mahalaxmi : Theme : Page : 2 / 1.
-----------
Mahalaxmi Desk / Kolkotta. 
Editing.


Shakti Seema.
Kolkotta.
Lines of the Day.

Self belief,  and ' Hard Work ' will earn you  success.
a Short Poem.
 
No Fear No tear. 
This Year, Oh ! Dear.


Where we revive ourselves 
With no fear
Now oh ! Dear 
Oh ! Dear
This year  no tear 
 Certainly the nights will be dark
After the nightmare
The dream will be coming true  as fare 
Days will be bright 
wishing you  
Coming rays and hopes 
from my sides   
Will be  be always giving you ample light 

Poem : Dr.Madhup Sunita. .
Editor : Shakti Priya. Darjeeling.
*

a Short Poem 
Success  & Goal is ours. 




*
Don't ask Someone 
Permission to fly 
The wings are yours ...
And the sky belongs to no one
Days are left... 
Understanding your power 
Sun has to set 
Seconds and hours
Above the blue mountain 
Beyond the trail and fountain..
Tower and tower
Success & Goal is ours. 

Dr.Madhup. .
Editor : Shakti Priya. Darjeeling. 
 


---------
 Photo of the Day : Trishakti :  Maha Shakti : Theme : Page : 2 / 2.
-----------
Editing.
Shakti Desk.Nainital.
*

promoting patriotism, love among the kids for one's country : collage : Shakti.Vidisha.

Lohri, a harvest festival being celebrated in the campus : photo : Shakti Renu
Vietnam rich for natural beauty, and historical landmarks : Shakti : Er.Snigdha Parakhar
Bhangarh : a Haunted Fort in Alvar ,Rajasthan. photo : Dr. Bhwana. Ujjain 
---------
 Art of the  Day : Trishakti :  Maha Saraswati   : Theme : Page : 2 / 3.
-----------
Narmada Desk. Jabbalpur.
Editing.
Shakti Anita.

a long awaited dream still live in the aging eyes since.Art. Shakti Manjeeta.Chandigarh. 
----------
Day Special : Wishes : You Said It : English : Page : 3
-------------

Mahashakti :  Desk : Nainital : Powered 
Editing. 
We 4 for U : 4 Shaktis Sisters
Dr. Sunita. ' Shakti ' Seema  Anita.
Jeevan Shakti Theme. 
---------
Day Special : Page : 3 / 1
----------
for the Republic India.
We all shakti editors Sisters
unitedly having warm and passionate wishes for 76 th 
Republic Day 2025.

*
Neta Ji 
Subhas Chandra Bose
Jayanti
23rd January.


 Myself
Believing in one man army concept  
Jai Hind.

*
Guru Gobind Singh Jayanti 
6 th of January 2025.



6 th of January 2025

May Guru Gobind Singh Jayanti 6 th of January 2025
remind us of the timeless values of eternal ' Love ',' Liberty ', ' Equality ', and ' Humanity '
On this special day, let's honor the Guru's legacy by embracing ' Courage ',' Tolerance ',Service '  and ' Compassion ' in our lives. 
Guru Gobind Singh Ji's sacrifices inspire us to work towards a more just and inclusive society.

Shakti : Dr. Sunita.Seema ' Shakti ' Anita.
Nainital : Desk.

-----------
Sandese  Aate  Hai : Birthday Wishes : English : Page : 3 / 2.
------------

Mahalakshmi Desk.
Kolkata. 
Editor.

 
Shakti Seema ' Shakti ' Anita.

Sandese  Aate  Hai : English : Page : 3 / 2.
Times Media : Presentation. 
Jan - Gan - Man 


*
through this ' Republic Day
We will love & respect the feelings of 
 ' Jan - Gan - Man our  beloved one's ( Mere Apne  )
*
Dev - Shakti Editor's Group 
Dr. Madhup Sunita Seema  Shakti Priya Anita   
----------
 English Positive Vibes : Page : 3 / 3.
--------------
Kolkotta Desk.
Editor : Shakti Seema.
Times Media : Presentation. 
Care & Love.


*
a wise physician said," The best medicine for human being  is love and care 
Someone asked ,"  If it doesn't work...? "
He smiled and said , " Increase the dose "  
*
Walking with confidence is far better than running with confusion
*
If change of glasses improves our eyesight, a change of thoughts will improve our life.

Positivity of the Life : Be Good.


A little support can go a very long way in 
someone's life ...just be good..


Indeed he is all and everything 
but his absolute power lies inside Shakti   :  
( the  thought arises from the Parmarth Niketen : Rishikesh : Dr. Sunita ' Shakti ' Priya. )


 

Thank you for taking in every aspect 
and part of me ..accepting my flaws..
*
----------
 Photos : Sweet Memories : Page : 3 / 4.
--------------
*
-----------
Editorial / Story / News : Page : 4.
---------
Nainital Desk.


Editor.
 Shakti. Madhvee Seema Bhagwanti.
.
*
Bihar Darshan : Powered by Bihar State Road Transport Corporation 


*
-------
 : A  Marine Drive in Patna  . Travel :  Page : 4 / 1.
------------
Dr. Madhup.
*

Editor.
Dr. Sunita ' Shakti ' Priya.  
Sahede Kargil Smriti Park : Patna 


Shakti : Short Film  : Reporting : Dr. Madhup.

*
News Report : 3 / 1 : The Marine Drives dream coming true in Patna too. 
Dr. Madhup Sunita.


*
Loknayak Ganga Path : Patna Marine Drive. 
Shakti : Short Travel Film  : Reporting : Dr. Madhup.
Bihar Darshan : Powered by Bihar State Road Transport Corporation 

Patna :  Now the dream comes true while I was intentionally moving towards Patna to visit the  Patna Marine Drive, also known as Loknayak Ganga Path. I was much ardent to discover the Marine Drive.in Patna. Once I visited Mumbai in 2017 and had an unforgettable memories  remembering the Song Tum Jo Mil Gaye Ho ...in the actor Navin Nischol, actress Priya Rajvansh featured   film Hanste Zakham...
By Kargil Smriti Park I just hire  an autorickshaw to visualise the recent development that takes place one or two years back .From Patna Gandhi Maidan to NIT Patna is changing very fast. 
Near Science College through the just the elevated road I reach there where I used to spend unforgettable time with you. I remember you would not have forgotten so far 
Darbhanga  Ghat , Kali Badi , PMCH encloses our valuable memories. The Ganges was quite away from the previous ghat. In those days stairs were drown in the current.
It is a 20.5 km (12.7 mi) long, four-lane expressway in Patna, Bihar that runs along the Ganges River. It stretches from Raja Bazar to Didar Ganj, Patna Sahib. The project was conceptualized to reduce traffic congestion on Ashok Rajpath and to provide an alternative route. It's also expected to be a major tourist attraction with views of the Ganges.
 
Column Decorative Editor : Shakti. Anita Anshima Singh.
*

Bihar Darshan : Powered by Bihar State Road Transport Corporation 
-------
Kakolat : a  Heavenly Fall in Nawada Bihar. Travel :  Page : 4 / 2.
------------

Dr. Sunita ' Shakti ' Priya. 
*
Bihar Darshan : Travel Story. 


The picturesque spot of the divine fall : Kakolat : collage : Dr.Sunita
Shakti Priya.

Kakolat : Travel Report. We shakti reporter team were ready to prepare a travel story over the 4 months earlier inaugurated eco tourist spot Kakolat. To promote eco-tourism, the Bihar government has initiated development projects at Kakolat Falls.The project includes the construction of basic facilities such as changing rooms, toilets, gazebos, and viewpoints. The waterfall was inaugurated by the 
Chief Minister of Bihar, Shri Nitish Kumar, on August 3, 2024.
Now it has been a prime tourist spot for the outsiders that need the comfort in the summer after taking a bathe.
Kakolat Falls * : Kakolat Falls, located in the Nawada district of Bihar, is a breathtaking waterfall that cascades down from a height of approximately 160 feet, creating a natural reservoir at its base. This picturesque spot is situated amidst the hills of Ektara in the Govindpur block, district Nawada near the southern border of Bihar.
Infarct the waterfall cascades steps down from a height of approximately 160 feet, runs into the Lohabar River, which runs through the Hazaribagh mountain range. The waterfall has its greatest flow after the monsoon season while dropping down it creates the musical tone to us. 
Simply climbing up the hills upto the stairs we were at the around of the cascade : Kakolat Fall. The water droplets were creating the mist that enveloping us. Life possesses the philosophy every one has  to  be lost in the fog. 
After taking  a holy bathe we try to get the blessings of Devine Shakti so that our life could be blessed thereafter. 
Mythological Significance * : Kakolat Falls holds significant importance in Indian mythology. According to legend, a king was cursed by a Hindu sage to become a python and live at the falls. 
Devi Temple at Kakolat : photo Shakti 
The Pandavas visited the waterfall during their exile and liberated the king from his curse. As a token of gratitude, the king proclaimed that anyone who bathed in the waterfall would be spared from being reborn as a snake .
Tourist Attractions and Activities * : Kakolat Falls is a popular tourist destination, offering various activities and attractions, including:
Elephant Safari : Explore the surrounding forests on an elephant safari .
Trekking : Trek through the picturesque hills and forests surrounding the waterfall.
Picnic Spots : Enjoy a picnic with family and friends amidst the beautiful scenery.
Development and Infrastructure
How to Reach * : It is very easy to reach Kakolat Falls is located 33 km from Nawada and 4 km from Thali Bazar. 
Roadways : Well metalled road is connecting the National High Way : Patna Ranchi
The nearest airport is Gaya or Patna, and regular flights are available from these cities.

Column Decorative Editor : Shakti. Anita Anshima Singh. 
-----------
You Said it : English : Page : 5.
---------
Editor. 
Shakti Seema ' Shakti ' Anita.
published Blog comments.


Devine Prayers 
Dr.Sunita Madhup Shakti Priya.
We* all together
pray all mighty God to keep our all Atm Shakties healthy & wealthy in all respects ,
asking for healing, strength, and comfort from the Dev - Shakti's

In my mind it flashes like lightning and drenches me with thunder shower of literary milieu. It has bracketed a rapport of the modern with the ancient thought and culture. 
Dr.Madhup Raman and the editorial board are doing a commendable job.
R.R.Pandeya.Resource Person.
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My special thanks and regards to editorial teams. 
A. K. Mishra, Educationist & Singer
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कृष्ण : भक्ति : शक्ति 
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई 
हे माधव ! मेरे गुरु और गुरुर दोनों आप ही हैं 
*
मेरे अपने 
' राहत ' , ' चाहत ' और ' मुस्कराहट ' अपनों से ही 
मिलती है इसलिए ' अपनों ' से कभी नहीं ' रूठना ' चाहिए 

*
जो आपके निरंतर क्रोध को सहन कर भी  
आपका साथ न छोड़े, आपको उससे 
अधिक कोई प्रेम कर नहीं सकता 
*
हाथ उसका पकड़ें  जिसे सुख में आप न छोड़ें 
और दुःख में वो आपको न छोड़ें...
श्री लक्ष्मी नारायण दर्शन 



Comments

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