Bahut Yaad Aaye : Wo Jab Yaad Yaye

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 Bahut Yaad Aaye : Wo Jab Yaad Aaye.
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आवरण पृष्ठ : ०.

बहुत याद आए : वो जब याद आए : आवरण पृष्ठ : ० निर्माण : विदिशा : नई दिल्ली.


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बहुत याद आए : वो जब याद आए.
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महाशक्ति विचार 
संपादन. 


डॉ. सुनीता ' शक्ति ' प्रिया. 
नैना देवी डेस्क : नैनीताल.

गीता : सार :
धर्म : अध्यात्म : कर्म. और जीवन दर्शन.
 


नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः 
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः
भावार्थ 
श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं : 
इस आत्मा को शस्त्र काटा नहीं जा सकता और अग्नि इसे जला नहीं सकती।  
जल से इसे सुखाया नहीं जा सकता है  ...
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त्रि शक्ति. डेस्क प्रस्तुति : 
नैनीताल : जीवन सार : पृष्ठ : ३ .
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नैनीताल .
 
संपादन. 

लक्ष्मी शक्ति सरस्वती. 
नैनीताल डेस्क.
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सम्यक दृष्टि : जीवन सुरभि  : त्रिशक्ति : शक्ति  : डेस्क : पृष्ठ :
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संपादन.


शक्ति.


नैना देवी डेस्क / नैनीताल. 



जिंदगी के इस ' महाभारत ' के रण में 
स्वयं ही ' कृष्ण ' बन कर ' सारथी ' और ' अर्जुन ' बनकर ' जीवन ' का ' महाभारत ' लड़ना पड़ता हैं 

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बहुत याद आए : वो जब याद आए.
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संपादन.
 

डॉ. सुनीता ' शक्ति ' प्रिया. 
नैना देवी डेस्क : नैनीताल.

 


हिंदी अनुभाग : विषय सूची.
महिला सशक्ति करण की एकमात्र ब्लॉग मैगज़ीन. 
परमार्थ के लिए देश हित में. 
महाशक्ति निर्मित अधिकृतविकसित, त्रि - शक्ति समर्थित और नवशक्ति प्रस्तुति.. 
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बहुत याद आए : वो जब याद आए. ख़ास : पृष्ठ : १  
श्रद्धांजली. पृष्ठ : १ : ख़ास.
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पंकज उधास. 
१७.०५.५१. २६-०२.२४. 


भावभीनी श्रद्धांजली.
पुण्य तिथि. 
  २६.०२ .२०२४   
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मेरी पसंद.उनकी यादें 

डॉ. सुनीता प्रिया. 
  फ़िल्म : नाम. १९८६. 
गाना : चिट्ठी आई हैं.
सितारे : संजय दत्त. अमृता सिंह. कुमार गौरव.  
गीत : आनंद बख़्शी.  संगीत : लक्ष्मी कांत प्यारे लाल. गायक : पंकज उधास.
 

गाना सुनने व देखने के लिए लिंक दवाएं 

समर्थित
 
समर्थित.डॉ. सुनील कुमार. ममता हॉसपीटल. बिहार शरीफ़.नालंदा .


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नव शक्ति. प्रस्तुति : सम्पादकीय 
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शिमला  डेस्क.



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नव शक्ति डेस्क. शिमला.
सम्पादकीय : पृष्ठ : २.
संपादन 
रेनू ' अनुभूति ' नीलम 
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संस्थापिका.

निर्मला सिन्हा.
१९४० - २०२३  
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प्रधान  संपादक.
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रेनू शब्द मुखर : जयपुर.
अनुभूति सिन्हा : शिमला. 
नीलम पांडेय : वाराणसी. 
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प्रधान
कार्यकारी  संपादक.
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डॉ.सुनीता ' शक्ति ' प्रिया.
नैना देवी / नैनीताल डेस्क.


महाशक्ति निर्मित - अधिकृत ,
त्रि शक्ति समर्थित, नव शक्ति . प्रस्तुति.
 दैनिक / पत्रिका  :  हिंदी अनुभाग.
बहुत याद आए  : वो जब याद आए  
समर्थित 


 
सम्यक आलेख : पृष्ठ : २ / १. 


सम्यक साथ से सम्यक दृष्टि सम्यक विचार से ही सम्यक कर्म होते है. 

यह सदैव याद रखेंआप हम सबों के मध्य सदैव अपने सम्यक कर्म,अपनी सम्यक सोच व सम्यक दृष्टि के लिए याद किए जायेंगे। गाँधी वादी विचार धारा के लोग अब कहाँ रहें। ' शरीर नश्वर है , अच्छी भली यादें कभी मरती नहीं हैं।
भरत जैसे भाई सदृश्य ,आप एक निर्लिप्त साधु की भांति बने एक हंसमुख इंसान, जिसे कभी भी संसारिक सुख समृद्धि अपनी ओर सर्वदा आकृष्ट नहीं कर सके ।
मैंने ऐसे कई एक प्रमाण,देखा है सुना है,तथा पाया भी है आप की साधु स्मृति ही  शेष होनी हैं अमिट होनी हैं। यह कर्म ही कर सकता है।
आप सदैव दूसरों की सेवा के लिए तत्पर रहें जब भी ज़रूरत रही उस वक़्त आप उनकी सहायता के लिए क्रियाशील दिखे। यही मानवधर्म है अपनी भारतीय सभ्यता ,संस्कृति के प्रति आपका गहरा लगाव तब दिखना चाहिए जब आपसे कभी अमेरिका प्रवास से लौटने के बाद पूछूं ,'आपको कहाँ रहना अच्छा लगता है ? ' हँसते हुए आपका सरल जवाब होना चाहिए था, '...सारे जहां से अच्छा हिंदोस्ताँ हमारा ..एक शुद्ध भारतीय ह्रदय को मेरा हर बार प्रणाम,मैंने इसतरह कई बार पूरब को पश्चिम में उगते हुए देखा है ।
शरीर नश्वर है,यादें कभी मरती नहीं हैं, आप एक नेक दिल , सच्चा मुक़म्मल इंसान बने रहने की कोशिश करें हैं।इस क्षणभंगुर जीवन के विस्तार में आपने एक अच्छे पुत्र, पिता, पति, अभिभावक, प्रेमी ,भक्त एवं दोस्त की सही,स्वाभाविक,आदर्श भूमिका निभाई है या नहीं इसका आत्म दर्शन जरुरी है । आप साई, इसा, पैगम्बर, नानक जिस किसी के अनुयायी और भक्त रहें , मानव धर्म का पालन किया की नहीं।
इसलिए कुछ पंक्तियाँ हैं...... आपके जीवन भावों को दर्शाने के लिए

गर किसी की शिकायत बची है हम से
तो शिकायत करो मुझसे.
पूरे ज़माने की शिकायत तो मैं सुन न सका ख़ुदा,
इल्तिज़ा थी,गर मिल जाते जिंदगी के दो दिन और भी
तो शायद,कोई और भी,
ग़मज़दा न होता इस जहां में हमीं से....

शरीर नश्वर है,यादें कभी मरती नहीं हैं। हम जीते हैं क्योंकि हमें जीना है। आम प्रचलन या कहें सामान्य अर्थों में जीना इसी का नाम है। लेकिन इस अनमोल जीवन में हम कुछ ऐसा विशेष करें कि जाने के बाद भी कुछ शेष रह जाएं। कुछ इस तरह प्रयासरत रहें कि कृति ,और कीर्ति बनी रहें। जीवन के उद्देश्य,ज्ञान प्राप्त करने,चिर स्थायी होने,का सही मार्ग वही है जिसे बुद्ध ने अष्टांगिक मार्ग में तथा सम्राट अशोक ने सही धर्म की व्याख्या कल्याणकारी कार्यों के करने में की है । कोशिश हो कि व्यवहार,आचरण में कर्मठता,शुद्धता तथा,कोमलता हो,
आपकी सर्वथा यही कोशिश होनी चाहिए की, इस उम्मीद में कि आप इतिहास बन जाएं। यह कामना है मेरी ।आपकी , सबकी अच्छाइयों को ग्रहण करू इस आशीर्वाद के लिए आकांक्षी हूँ मैं ।
डॉ.मधुप रमण / दिनांक : १०.९.२०२०
पृष्ठ सज्जा / संपादन
शक्ति प्रिया / नैनीताल 

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बहुत याद आए : वो जब याद आए : आम : अवाम. पृष्ठ : ३.  
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संपादन. 
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बहुत याद आए : श्रद्धांजली. पृष्ठ : ३ : आम : अवाम.  
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 जनवरी. 
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योगेंद्र प्रसाद सिंह. 
.१९३८ - २६.०१.२०२३. 


भावभीनी
 श्रद्धांजली.
पुण्य तिथि. 
२६.०१.२०२३.  
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 फरवरी. 
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शीला सिन्हा. 
भावभीनी श्रद्धांजली.
पुण्य तिथि 
  ०२. ०२. २०२४. 
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सत्येंद्र सहाय. 
०२. १०. १९५७ - १०.०२.२०२४.


भावभीनी श्रद्धांजली.
पुण्य तिथि 
  १०.०२.२०२४.  
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मार्च . 
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 अप्रैल. 
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  सुशील कुमार सिन्हा. 


भावभीनी श्रद्धांजली. 
पुण्य तिथि 
१९ .०४ .२१ 
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आप हम सबों के मध्य दुनियां वालों के समक्ष सदैव अपने स्पष्टवादी विचारधारा,उच्च संस्कारों,सम्यक कर्म,अपनी सम्यक सोच व सम्यक दृष्टि के लिए याद किए जायेंगे। आप अत्यंत अल्पभाषी,स्वाभिमानी किस्म के पृथक व्यक्ति थे ,आपने कभी किसी से कुछ माँगा नहीं सदैव दूसरों को दिया ही। आप जैसे गाँधी वादी विचार धारा के लोग अब कहाँ रहते हैं । 
समस्त शोकाकुल परिवार,
बिहारशरीफ़.
दिनांक : - १९ .०४ .२१ 
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मई  
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दुःख भंजन प्रसाद.
 १२.०२.३४ - ०५.०५.२०१९. 

भावभीनी श्रद्धांजली.
पुण्य तिथि : 
०५.०५.२०१९  
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राम किशोर सिन्हा. 

- ०१.०५.२१ 
भावभीनी श्रद्धांजली. ०१.०५.२१ 
स्वर्गीय राम किशोर  सिन्हा. 
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मैं कल्पना भी नहीं कर सकता हूं कि तुम अब इस दुनियां में नहीं रहे। मेरी बात २४ - २५ अप्रैल को तुमसे व्हाट्सएप  पर हुई थी थोड़ी सी । तुमने ओशो , बुद्ध की बात की भी थी और कदाचित आसन्न मृत्यु को स्वीकार भी कर लिया था। यह भी कहा था अगले महीने जुदा हो जाऊंगा। और १ मई २०२१ को रुखसत हो भी गए।  हमारी तमाम उम्मीद कोरी व झूठी साबित हो गयी कि कोई करिश्मा हो सकता है , तुम ठीक हो जाओगे ,खतरे से बाहिर निकल जाओंगे ,लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अपने से उम्र में काफ़ी छोटे भाई को खोना, अत्यंत दुःखद है ,मार्मिक है। मैंने सर्वाधिक समय तुम्हारे साथ बिताये थे ... इसलिए मुझे ही  वो क्षण ..निरंतर रह रह कर याद आ रहे हैं सोचता हूं ,काश तुम और भी सचेत हो गए होते, तुमने और भी सावधानी बरती होती ,मेरे भाई ....यदि वक़्त पर सही इलाज़ हो गया होता ..... तो शायद तुम हमलोग के साथ साथ होते।  
समस्त शोकाकुल परिवार,
बिहारशरीफ़.
दिनांक : - ०१.०५.२१ 
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 सितम्बर 
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नरेश प्रसाद कर्ण
२३.८.४० -५.९.२०२० 
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भावभीनी श्रद्धांजली. .९.२०२०
स्वर्गीय नरेश प्रसाद कर्ण. 
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प्रथम दिवस.
महा परिनिर्वाण का.
भावभीनी श्रद्धांजली श्रद्धेय को. 
आप हम सबों के मध्य सदैव अपने सम्यक कर्म,अपनी सम्यक सोच व सम्यक दृष्टि के लिए 
याद किए जायेंगे। गाँधी वादी विचार धारा के लोग अब कहाँ रहें। '
समस्त शोकाकुल परिवार,
बिहारशरीफ़.
दिनांक ५.९.२०२०
आश्विन कृष्ण पक्ष ३.
दूसरा दिवस.
स्वर्गीय नरेश प्रसाद कर्ण
२३.८.४० - ५.९.२०२० 

भावभीनी श्रद्धांजली का.
शरीर नश्वर है,यादें कभी मरती नहीं हैं.
'मेरा शत शत नमन है, आपको.आप एक अत्यंत अनुशासित ,जीवंत और संवेदनशील व्यक्ति रहें.
मैंने  कभी आपके जीवन शैली में भगवान राम को भी कमो वेश उतरते हुए देखा है .
यह सच है,आपको न भूल पाएंगे हम.'
दिनांक : ६.९.२०२०.
आश्विन कृष्ण पक्ष ४.
तीसरा  दिवस.
स्वर्गीय नरेश प्रसाद कर्ण
२३.८.४० - ५.९.२०२० 
भावभीनी श्रद्धांजली का.
शरीर नश्वर है,यादें कभी मरती नहीं हैं.
भरत जैसे  भाई सदृश्य ,आप एक  निर्लिप्त साधु की भांति थे एक हंसमुख इंसान, जिसे  कभी भी संसारिक सुख समृद्धि अपनी ओर सर्वदा आकृष्ट नहीं कर सकी.मैंने ऐसे कई एक प्रमाण,देखा है सुना है,तथा पाया भी है.आप मेरी स्मृति में शेष हैं अमिट हैं ।  
दिनांक : ७.९.२०२० 
आश्विन कृष्ण पक्ष ५. 
स्वर्गीय नरेश प्रसाद कर्ण
२३.८.१९४० -५.९.२०२० 

चौथा  दिवस.
भावभीनी श्रद्धांजली का.
शरीर नश्वर है,यादें कभी मरती नहीं हैं.
आप सदैव दूसरों की सेवा के लिए  तत्पर रहें जब भी ज़रूरत रही उस वक़्त आप उनकी सहायता के लिए क्रियाशील दिखे . अपनी भारतीय सभ्यता ,संस्कृति के प्रति आपका गहरा लगाव तब दिखा था जब मैंने आपसे कभी अमेरिका प्रवास से लौटने के बाद पूछा था ,'आपको कहाँ रहना अच्छा लगता है ? हँसते हुए  आपका सरल जवाब था, '...सारे जहां से अच्छा हिंदोस्ताँ  हमारा ..एक शुद्ध भारतीय ह्रदय को मेरा हर बार प्रणाम,मैंने इसतरह कई बार  पूरब को पश्चिम में उगते हुए देखा है । 
दिनांक : ..२०२० 
आश्विन कृष्ण पक्ष .

 नरेश प्रसाद कर्ण.
२३.८.१९४० - ५.९.२०२० 
पाचवां दिवस.
भावभीनी श्रद्धांजली का.
शरीर नश्वर है,यादें कभी मरती नहीं हैं.
आप एक मुक़म्मल इंसान  रहें हैं. इस क्षणभंगुर जीवन के विस्तार में  आपने एक अच्छे पुत्र,पिता,पति,अभिभावक एवं  दोस्त की सही,स्वाभाविक,आदर्श भूमिका निभाई । आप साई के अनुयायी और भक्त रहें ,इसलिए कुछ  पंक्तियाँ हैं...... आपके जीवन भावों को दर्शाने के लिए 
'...गर किसी की शिकायत बची है हम से
 तो शिकायत करो मुझसे.
पूरे ज़माने की शिकायत तो मैं सुन न सका ख़ुदा,
इल्तिज़ा थी,गर मिल जाते जिंदगी के दो दिन और भी
तो शायद,कोई और भी,
ग़मज़दा न होता इस जहां में हमीं  से....
दिनांक : ..२०२० 
आश्विन कृष्ण पक्ष ७ .
स्वर्गीय नरेश प्रसाद कर्ण
२३.८.४० -५.९.२०२०  
छठवां दिवस.
भावभीनी श्रद्धांजली का.
शरीर नश्वर है,यादें कभी मरती नहीं हैं.
.....हम जीते हैं क्योंकि हमें जीना है। आम प्रचलन या कहें सामान्य अर्थों  में जीना इसी का नाम है। लेकिन इस अनमोल जीवन में हम कुछ ऐसा विशेष करें कि जाने के बाद भी कुछ शेष रह जाएं। कुछ इस तरह प्रयासरत रहें कि कृति ,और कीर्ति बनी रहें। जीवन के उद्देश्य,ज्ञान  प्राप्त करने,चिर स्थायी होने,का सही मार्ग वही है जिसे बुद्ध ने अष्टांगिक मार्ग में तथा सम्राट अशोक ने सही धर्म की व्याख्या कल्याणकारी कार्यों के करने में की है । कोशिश हो कि व्यवहार,आचरण में कर्मठता,शुद्धता तथा,कोमलता हो,
.....आपने सर्वथा यही कोशिश की,और इस उम्मीद में कि आप इतिहास बन जाएं यह कामना है मेरी । आपकी अच्छाइयों को ग्रहण करू इस आशीर्वाद के लिए आकांक्षी हूँ मैं ।
डॉ.मधुप रमण
दिनांक : १०..२०२० 
आश्विन कृष्ण पक्ष ८ 
स्वर्गीय नरेश प्रसाद कर्ण
२३.८.१९४० -५.९.२०२० 
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 दिसंबर 
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अलख देव नारायण लाल. 
कार्य पालक अभियंता. 
२३. १०.२३. - २६.१२.२०१६.
 
भावभीनी श्रद्धांजली. 
पुण्य तिथि 
२६.१२.२०१६. 
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ब्लॉग मैगज़ीन पेज. / एम. एस. मीडिया. 
संस्थापिका.
निर्मला सिन्हा.
२८.१०.१९४० - 
१५.१२.२०२३.


भावभीनी श्रद्धांजली.
पुण्य तिथि : 
१५. १२. २०२३.   
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आपने कहा : शोक सन्देश / दिवस : पृष्ठ : ४. 
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संपादन.
मीडिया को ऑर्डिनेटर.
वनिता / शिमला.
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ईश्वर उन्हें शांति प्रदान करें. 
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राधिका देवी.
भावभीनी श्रद्धांजली.  
   पुण्य तिथि : २५.०२.२०२४.
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द्रौपदी  देवी.
भावभीनी श्रद्धांजली.  
   पुण्य तिथि : ०२ .०३ .२०२४.
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English Section.
Late Naresh Prasad Karn.
23.8.1940. - 05.09.2020.
First day.
A heart felt tribute.
You will be always amongst us and will be remembered for your right deeds, your right thinking and right vision. Hard to find people who believe and follow the path of Gandhiji.
Deep distressed, and in a profound grief 
All Family members.
Bihar Sharif.
Date 5.9.2020.
translation Meera.USA 
Second Day
A passionate tribute
The body is mortal, memories remain immortal.
My heart felt salutations to you. In your life time you were always the most disciplined, lively and caring person.This is true, you will be always remain within us. 
Date : 5.9.2020.
translation Meera.USA  
Third day.
The body is mortal, memories immortal.
You were a brother like Bharat, a cheerful human being,a saint who has never been attracted by worldly happiness and prosperity.I have ever seen, heard and found many such proofs.You will forever remain in my memories.
Date 7.9.2020.
translation Meera.USA  
4’th Day.
Tribute arousing emotion.
The body is mortal, memories immortal.
You were always ready and eager to serve the needy.
Your deep affection for our Indian civilization, culture was shown when I asked you once after returning from America, 'Where do you like to live? 'Your simple answer was' ...Saare jahan se achchha Hindustan humara... My salutations to a pure Indian heart.
Date : 8.9.2020.
translation Meera.USA  
Fifth day
A tribute of sentiment.
The body is mortal, memories never die.
You have been a successful individual. In the span of this momentary life, you played the perfect, natural and ideal role of a good son, father, husband, guardian and friend. You have been a follower and devotee of Sai, so there are some lines to depict and reflect your life.
'If you have any complaints from
me, then complain to me.
I could not hear the complaints of the whole world, O God!!
My earnest request...if you gave me just two more days of life, I would try to eliminate sufferings from each and every living being. 
translation : Richa.USA  
Sixth day
The body is mortal, memories never die. 
We live as we have to live.Commonly we stand for living such a life.But life  is not such,in this precious life, we should do something very exclusive that even after we leave this mortal world, the memories of how we have touched people around us should remain. Bhagwan Budha has explained the right path to the purpose of life,to attain enlightenment and to be lasting forever in Ashtangik Marg and the emperor Ashoka has interpreted the religion truly and implemented it in welfare work. 
You lived such a life,hope with wishes that you will be a History. And I would like to get your blessings to be inspired to follow the path of righteousness. 
Date : 10.9.2020
Dr.Madhup Raman
translation : Rama.USA 

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English 
Dr. Priyashree.

Tribute : The Star gets gloomy...

The Sun hides behind the clouds....
A Green Chinar leaf gets yellow...
Falling on the ground,
Before the autumn comes....

Again  we felt very  distressed that one of our meritorious students a Corona Warrior Dr. Priyashree, a passed out student from DAV, PGC, Biharsharif  of session 2005- 2006 has left us behind at the mid of her  life journey. 
It is   a matter of deep distress for me and all DAV ians  to know yesterday that  we had lost a beloved and the most sensitive student, from our DAV Gurukul, all of a sudden.
She has been at DAV Biharsharif for the session of 2005  to 2006. She  passed Xth in 2006 and joined M.B.B.S for R G Kar Medical Hospital Kolkata. For higher study later she joined Raurkela Hospital and died due to Covid 19 infection, after serving the nation and saving the lives of Corona infected people. I stay here saluting her self less work for the nation. She has been a great Corona Warrior. She lost her life for saving corona patient. Her  father Prajapati Prasad Singh was so humble and nice in our knowledge. And we  with our heavy hearts all Dav family members including Principals Aashish Kumar Jana (Buxar),Paresh Chandra Das (Biharsharif) and teachers  pay  an emotional tribute to her and stage a condolence meeting for her  family. It's a great loss for all. May God strengthen the parent and her family in this profound grief. RIP.
Dr. Madhup Raman
With all Staff members of DAV PGC.
Date 17.10.20
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Snehil.

Earlier Tribute : It was  a matter of deep distress for me to know yesterday that  we had lost a beloved student, from our DAV Gurukul,all of a sudden.No way,no time was this had been for us to see him departing alone for the unseen world from where no body returns. I remember and remember and always will be remembering him.

Heartfelt tribute to him.May God grace him a heavenly peace and courage to his family to brave this situation.
Dr.Madhup Raman
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