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Showing posts from November, 2020

बिहार शरीफ़ / डॉ.मधुप रमण

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  शाम होने की कगार पर है। मधुर मधुर दीपक मेरे जल  जल जल कर मेरे पथ आलोकित कर।  उनके जलने कि तैयारी हो चुकी है   । शनैः शनैः स्वेच्छा से कुछेक लोग तालाब परिसर में जुटे,दीप जले और  बिहार शरीफ़ के धनेश्वर घाट स्थित तालाब के गलियारे आलोकित हो गए। माहोल भक्ति पूर्ण हो गया।  बिहार शरीफ़ धनेश्वरघाट स्थित तालाब परिसर का दृश्य  ज्ञात हो  कोरोना काल में बहुत कुछ बदल चुका हैं । पूजा की रीत भी बदल गयी है।  सरकारी नियमों को देखते हुए  हमारे  संस्कार भी बदल चुके हैं। जीवन का प्रश्न मात्र जो हैं। हम भी परिवर्तित हो चुके हैं। बदलना भी ज़रूरी है क्योंकि यही नियति की मांग है समय की जरूरत भी। अब सभी पूजा के रीत रिवाज़ भी  कोरोना के नियम के अंतर्गत व्यक्तिगत सुरक्षा स्वास्थय को ध्यान में पूरे किये जा रहें हैं। हमें कोरोना जैसी महामारी पर विजय जो प्राप्त करनी हैं। कई सालों से   बिहार शरीफ़,स्थित  धनेश्वर  घाट तालाब    में    भी काशी के तर्ज़ पर  कार्तिक पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा  के  पवित्र  दिन  को भी  पर देव दीपावली मनाने की एक अभूतपूर्व परंपरा रही है।  देव दीपावली   की दैविक रीत है ,भगवान उस दिन काशी के अस्सी

Dev Deepawali

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कार्तिक पूर्णिमा.  देव दीपावली . Kartik Poornima. Sonpur Fair. Dev Deepawali.2020. Cultural Report Story. ------------------------------- आज का फ़ोटो साभार. देव दीपावली.  वाराणसी  वर्ष २०२० :   देव दीपावली वाराणसी २०२० :घाटों की अतुलनीय शोभा : आज का फ़ोटो साभार  अध्याय एक। रिपोर्ट.हिंदी  वाराणसी / देव दीपावली . रश्मि   सिन्हा जले असंख्य दिए  देव दीपावली में काशी की घाटों पर  : फोटो  डॉ राजेश पाठक                                            देव दीपावली में जलें करोड़ों  असंख्य दिये काशी की घाटों पर  वाराणसी / रश्मि  सिन्हा . आज माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी आने के साथ ही काशी विशेष चर्चा में आ गयी। देव दीपावली के अवसर पर काशी  के सांसद और  देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने दीप जलाकर इस देव उत्सव  की शुरूआत  की जिसे दूरदर्शन के माध्यम से असंख्य लोगों ने देखा.देखा कि शिव की नगरी काशी कैसे निखर सवर गयी थी।  दूसरी तरफ़ सारनाथ मे लाईट  एंड साउंड के माध्यम से महात्मा बुद्ध  के जीवन  को समझने तथा समझाने  का  प्रयास  किया गया . उल्लेखनीय है काशी में  गंगा नदी के किनारे जो